ANNAPURNA MAA ARTI IN ALL LANGUAGES

ARTI IN ASSAMESE

॥শ্ৰীঅন্নপূৰ্ণামাতাজীকিআৰতি ||

বাৰেবাৰেশুভেচ্ছামাইয়াবৰবৰশুভেচ্ছা

যিসকলেধ্যাননকৰে, আপোনাককোৱাহয়, বিশ্ৰামকৰক।             

 

অন্নপূৰ্ণাদেৱীনাটিহাৰো, লেটহোথসকলোকাম

প্ৰলয়আৰুজন্মৰশেষৰনাম।

 

তেওঁসুৰদাবিলসৃষ্টিকৰিছিল, য’তকৃষ্ণইৰামক’লে

চুমাহচৰণচতুৰণন, চাৰুচক্ৰধৰশ্যাম

 

চন্দ্ৰচুদচন্দ্ৰনানচাকোৰ, শোকলখীলালম

দেৱীদেৱকদুখজনকঅৱস্থাত, দয়াদয়াৰনামদিয়াহয়

 

কৰুণআশ্ৰয়বৎবৎসল, শৰনাষ্টতৌধাম

শ্ৰীহৰীশ্ৰদ্ধাশ্ৰীআইন, বিদ্যাক্ৰেইনকমলাকাম

 

কন্তিভদ্ৰন্তীকান্তি, শান্তিমোৱাৰদেতুনিশকাম

ARTI IN BENGALI

||শ্রীঅন্নপূর্ণামাতাজিয়ারআরতি ||

ঘনঘনশুভেচ্ছা

যেআপনাকেআপত্তিকরেনা, তাকেবিশ্রামদিন

 

অন্নপূর্ণাদেবীনামতিহারো, হোতাসবাইকাজকরুক

হলোকাস্টযুগএবংজন্ম, নামসময়

 

সুররাক্ষসরচনাকরেছেন, যেখানেকৃষ্ণরামবলেছেন

চুমহিচরণচাতুচাতরান, চারুচক্রধরশ্যাম

 

চন্দ্রচুদচন্দ্রনানচকর, শোভালখীলালাম

করুণাঅবস্থায়দেবীদেবনামরেখেছিলেননামদিয়া

 

ত্রানতাহিশরণাগতবত্সাল, শরণুপতভধম

শ্রীহ্রশ্রদ্ধাশ্রীআইন, বিদ্যাক্লিনকমলাকম

 

কান্তিভ্রান্তিমায়িকান্তি, শান্তাময়েভরদেতুনিশকম

ARTI IN BODO

Bodo and Hindi languages are both written using the same script called ‘Devanagari’ . We recommend you to read the original Hindi version of Arti written in Awadhi dialect. 

 

॥श्रीअन्नपूर्णामाताजीकीआरती॥

बारम्बार प्रणाम मैया बारम्बार प्रणाम

जो नहीं ध्यावे तुम्हे अम्बिके, कहा उसे विश्राम 

 

अन्नपूर्णा देवी नाम तिहारो, लेतहोतसबकाम

प्रलययुगांतर और जन्मान्तर , कालांतर तकनाम

 

सुरअसुरों कीरचना करती, कहाँ कृष्ण कहंराम

चुमहिचरण चतुर चतुरानन, चारू चक्र धरश्याम

 

चंद्र चूड़चन्द्राननचाकर, शोभालखहीललाम

देवी देवदयनीयदशामें, दयाद यात बनाम

 

त्राहि त्राहि शरणागतवत्सल, शरण रूपतव धाम

श्री ह्री श्रद्धाश्रीऐं, विद्याक्लींकमलाकाम

 

कांटीभ्रान्तिमयीकांति, शांतिमयीवरदेतूनिष्काम

ARTI IN DOGRI

Dogri and Hindi languages are both written using the same script called ‘Devanagari’ . We recommend you to read the original Hindi version of Arti written in Awadhi dialect. 

 

॥श्रीअन्नपूर्णामाताजीकीआरती॥

बारम्बार प्रणाम मैया बारम्बार प्रणाम

जो नहीं ध्यावे तुम्हे अम्बिके, कहा उसे विश्राम 

 

अन्नपूर्णा देवी नाम तिहारो, लेतहोतसबकाम

प्रलययुगांतर और जन्मान्तर , कालांतर तकनाम

 

सुरअसुरों कीरचना करती, कहाँ कृष्ण कहंराम

चुमहिचरण चतुर चतुरानन, चारू चक्र धरश्याम

 

चंद्र चूड़चन्द्राननचाकर, शोभालखहीललाम

देवी देवदयनीयदशामें, दयाद यात बनाम

 

त्राहि त्राहि शरणागतवत्सल, शरण रूपतव धाम

श्री ह्री श्रद्धाश्रीऐं, विद्याक्लींकमलाकाम

 

कांटीभ्रान्तिमयीकांति, शांतिमयीवरदेतूनिष्काम

ARTI IN ENGLISH

|| Shri Annapurna  Mata Ji Ki Aarti ||

Barmbarpranammeya, barmbarpranam |

Jo dayavetumhiambike, kaha use vishram ||

 

Annpoornadevinaamtumharo, let hote sab kaam |

Parlay ugantaraurjanmantar, kalantar tab naam ||

 

Sur surokorachnakarti, kahakrishnkaha ram |

Chumhucharanchamhuchaturann, charuchakdharshyam ||

 

 

Chrand-chuadchandrananchakar, shobhalakhhisalam |

Devi dev dayniydashamai, dayadayatavjama ||

 

Trahi-trahisharangatvatsal, sharanrooptavdhama |

Shri hi shradhaji ae vidhya, shri kali kamlakaam ||

 

Krantibhratimayikranti shanti sayovardetunishkam ||

ARTI IN GUJRATI

|| શ્રીઅન્નપૂર્ણામાતાજીનીઆરતી ||

વારંવારશુભેચ્છાઓ

જેતમનેવાંધોનથી, તેનેઆરામકહે

 

અન્નપૂર્ણાદેવીનામતિહારો, હોતાબધાકામકરવાદો

હોલોકોસ્ટયુગઅનેજન્મ, સમયસુધીનામ

 

સુરરાક્ષસોલખ્યા, જ્યાંકૃષ્ણકહેછેરામ

ચુમિચરણચતુચત્રનન, ચારુચક્રધારશ્યામ

 

ચંદ્રચુદચંદ્રનનચકર, શોભાલાઠીલાલામ

દયાદયામાંદેવીદેવનુંનામદયાદયાએરાખ્યું

 

ત્રાણતેહિશરણાગતવત્સલ, શરણુપતવધામ

શ્રીહ્રીશ્રદ્ધાશ્રીઆઈન, વિદ્યાક્લેઈનકમલાકામ

 

કાન્તિભ્રાંતિમાયકન્તિ, શાન્તામયેવરદેતુનિશ્કમ્

ARTI IN HINDI

॥श्रीअन्नपूर्णामाताजीकीआरती॥

बारम्बार प्रणाम मैया बारम्बार प्रणाम

जो नहीं ध्यावे तुम्हे अम्बिके, कहा उसे विश्राम 

 

अन्नपूर्णा देवी नाम तिहारो, लेतहोतसबकाम

प्रलययुगांतर और जन्मान्तर , कालांतर तकनाम

 

सुरअसुरों कीरचना करती, कहाँ कृष्ण कहंराम

चुमहिचरण चतुर चतुरानन, चारू चक्र धरश्याम

 

चंद्र चूड़चन्द्राननचाकर, शोभालखहीललाम

देवी देवदयनीयदशामें, दयाद यात बनाम

 

त्राहि त्राहि शरणागतवत्सल, शरण रूपतव धाम

श्री ह्री श्रद्धाश्रीऐं, विद्याक्लींकमलाकाम

 

कांटीभ्रान्तिमयीकांति, शांतिमयीवरदेतूनिष्काम

ARTI IN KANNADA

|| ಶ್ರೀಅನ್ನಪೂರ್ಣಮಾತಾಜಿಅವರಆರತಿ ||

ಆಗಾಗ್ಗೆಶುಭಾಶಯಗಳು

ಯಾರುನಿಮಗೆಮನಸ್ಸಿಲ್ಲ, ಅವನಿಗೆವಿಶ್ರಾಂತಿಹೇಳಿದರು

 

ಅನ್ನಪೂರ್ಣದೇವಿನಾಮ್ತಿಹರೋ, ಹೋಟಾಎಲ್ಲರೂಕೆಲಸಮಾಡಲಿ

ಹತ್ಯಾಕಾಂಡದಯುಗಮತ್ತುಜನನ, ಸಮಯದವರೆಗೆಹೆಸರು

 

ಸುರ್ರಾಕ್ಷಸರನ್ನುಬರೆದನು, ಅಲ್ಲಿಕೃಷ್ಣನುರಾಮ್ಎಂದುಹೇಳುತ್ತಾನೆ

ಚುಮ್ಹಿಚರಣ್ಚತುಚತ್ರಾನನ್, ಚಾರುಚಕ್ರಧರ್ಶ್ಯಾಮ್

 

ಚಂದ್ರಚೂಡ್ಚಂದ್ರನನ್ಚಕರ್, ಶೋಭಾಲಖಿಲಾಲಾಮ್

ದೇವ್ದೇವಿಕರುಣಾಜನಕಸ್ಥಿತಿಯಲ್ಲಿದ್ದಾಗ, ದಯಾದಯಾಎಂದುಹೆಸರಿಸಲಾಯಿತು

 

ಟ್ರಾನ್ತಾಹಿಶರಣಾಗತವತ್ಸಲ್, ಶರಣಪ್ತವ್ಧಾಮ್

ಶ್ರೀಹ್ರೀಶ್ರದ್ಧಶ್ರೀಐನ್, ವಿದ್ಯಾಕ್ಲೀನ್ಕಮಲಾಕಾಮ್

 

 

ಕಾಂತಿಭ್ರಾಂತಿಮಾಯಿಕಾಂತಿ, ಶಾಂತಮೈವರ್ಡಿತುನಿಷ್ಕಂ

ARTI IN KASHMIRI

Kashmiri and Hindi languages are both written using the same script called ‘Devanagari’ . We recommend you to read the original Hindi version of Arti written in Awadhi dialect. 

 

॥श्रीअन्नपूर्णामाताजीकीआरती॥

बारम्बार प्रणाम मैया बारम्बार प्रणाम

जो नहीं ध्यावे तुम्हे अम्बिके, कहा उसे विश्राम 

 

अन्नपूर्णा देवी नाम तिहारो, लेतहोतसबकाम

प्रलययुगांतर और जन्मान्तर , कालांतर तकनाम

 

सुरअसुरों कीरचना करती, कहाँ कृष्ण कहंराम

चुमहिचरण चतुर चतुरानन, चारू चक्र धरश्याम

 

चंद्र चूड़चन्द्राननचाकर, शोभालखहीललाम

देवी देवदयनीयदशामें, दयाद यात बनाम

 

त्राहि त्राहि शरणागतवत्सल, शरण रूपतव धाम

श्री ह्री श्रद्धाश्रीऐं, विद्याक्लींकमलाकाम

 

कांटीभ्रान्तिमयीकांति, शांतिमयीवरदेतूनिष्काम

ARTI IN KONKANI

Konkani and Hindi languages are both written using the same script called ‘Devanagari’ . We recommend you to read the original Hindi version of Arti written in Awadhi dialect. 

 

॥श्रीअन्नपूर्णामाताजीकीआरती॥

बारम्बार प्रणाम मैया बारम्बार प्रणाम

जो नहीं ध्यावे तुम्हे अम्बिके, कहा उसे विश्राम 

 

अन्नपूर्णा देवी नाम तिहारो, लेतहोतसबकाम

प्रलययुगांतर और जन्मान्तर , कालांतर तकनाम

 

सुरअसुरों कीरचना करती, कहाँ कृष्ण कहंराम

चुमहिचरण चतुर चतुरानन, चारू चक्र धरश्याम

 

चंद्र चूड़चन्द्राननचाकर, शोभालखहीललाम

देवी देवदयनीयदशामें, दयाद यात बनाम

 

त्राहि त्राहि शरणागतवत्सल, शरण रूपतव धाम

श्री ह्री श्रद्धाश्रीऐं, विद्याक्लींकमलाकाम

 

कांटीभ्रान्तिमयीकांति, शांतिमयीवरदेतूनिष्काम

ARTI IN MAITHILI

Maithili and Hindi languages are both written using the same script called ‘Devanagari’ . We recommend you to read the original Hindi version of Arti written in Awadhi dialect. 

 

॥श्रीअन्नपूर्णामाताजीकीआरती॥

बारम्बार प्रणाम मैया बारम्बार प्रणाम

जो नहीं ध्यावे तुम्हे अम्बिके, कहा उसे विश्राम 

 

अन्नपूर्णा देवी नाम तिहारो, लेतहोतसबकाम

प्रलययुगांतर और जन्मान्तर , कालांतर तकनाम

 

सुरअसुरों कीरचना करती, कहाँ कृष्ण कहंराम

चुमहिचरण चतुर चतुरानन, चारू चक्र धरश्याम

 

चंद्र चूड़चन्द्राननचाकर, शोभालखहीललाम

देवी देवदयनीयदशामें, दयाद यात बनाम

 

त्राहि त्राहि शरणागतवत्सल, शरण रूपतव धाम

श्री ह्री श्रद्धाश्रीऐं, विद्याक्लींकमलाकाम

 

कांटीभ्रान्तिमयीकांति, शांतिमयीवरदेतूनिष्काम

ARTI IN MALAYALAM

|| ശ്രീഅന്നപൂർണമാതാജിയുടെആരതി ||

പതിവ്ആശംസകൾ

നിങ്ങളെശ്രദ്ധിക്കാത്തവൻഅവനോടുവിശ്രമിച്ചുഎന്നുപറഞ്ഞു

 

അന്നപൂർണദേവിനാംതിഹാരോ, ഹോട്ടയെല്ലാംപ്രവർത്തിക്കട്ടെ

ഹോളോകോസ്റ്റ്യുഗവുംജനനവും, സമയംവരെപേര്

 

സുർപിശാചുക്കൾഎഴുതി, അവിടെകൃഷ്ണൻരാംപറയുന്നു

ചുഹിചരൺചതുചത്രനൻ, ചാരുചക്രധർശ്യാം

 

ചന്ദ്രചൂഡ്ചന്ദ്രനൻചക്കർ, ശോഭാലഖിലാലാം

ദയനീയാവസ്ഥയിൽദേവ്ദേവി, ദയാദയാപിന്നീട്പേര്നൽകി

 

ട്രാൻതാഹിശരനഗട്ടവത്സൽ, ശരനൂപ്തവ്ധാം

ശ്രീശ്രീശ്രദ്ദശ്രീഐൻ, വിദ്യക്ലീൻകമലകാം

 

കാന്തിഭാരന്തിമയികാന്തി, ശാന്തമൈവർദേതുനിഷ്കം

ARTI IN MEITEI

Meitei and Hindi languages are both written using the same script called ‘Devanagari’ . We recommend you to read the original Hindi version of Arti written in Awadhi dialect. 

 

॥श्रीअन्नपूर्णामाताजीकीआरती॥

बारम्बार प्रणाम मैया बारम्बार प्रणाम

जो नहीं ध्यावे तुम्हे अम्बिके, कहा उसे विश्राम 

 

अन्नपूर्णा देवी नाम तिहारो, लेतहोतसबकाम

प्रलययुगांतर और जन्मान्तर , कालांतर तकनाम

 

सुरअसुरों कीरचना करती, कहाँ कृष्ण कहंराम

चुमहिचरण चतुर चतुरानन, चारू चक्र धरश्याम

 

चंद्र चूड़चन्द्राननचाकर, शोभालखहीललाम

देवी देवदयनीयदशामें, दयाद यात बनाम

 

त्राहि त्राहि शरणागतवत्सल, शरण रूपतव धाम

श्री ह्री श्रद्धाश्रीऐं, विद्याक्लींकमलाकाम

 

कांटीभ्रान्तिमयीकांति, शांतिमयीवरदेतूनिष्काम

ARTI IN MARATHI

|| श्रीअन्नपूर्णामाताजीयांचीआरती ||

वारंवारअभिवादन

जरकोणीतुमचीहरकतनसेलतरत्यालाविश्रांतीद्या

 

अन्नपूर्णादेवीनामतिहारो, होटासर्वकामकरुदे

होलोकॉस्टयुगआणिजन्म, नाव

 

सूरराक्षसलिहिले, जेथेकृष्णरामम्हणतात

चुमेचरणचतुचतरान, चारूचक्रधरश्याम

 

चंद्रचूडचंद्रननचाकर, शोभालखीलालम

दयनीयअवस्थेतदेवीदेव, दयादयानंतरठेवले

 

त्राणताहीशरणागतवत्सल, शरणुपतवधाम

श्रीह्रीश्रद्धाश्रीऐन, विद्याक्लेनकमलाकाम

 

कांतिभृन्तीमायीकांती, शांतामयेवरदेतूनिश्चम

ARTI IN NEPALI

Nepali and Hindi languages are both written using the same script called ‘Devanagari’ . We recommend you to read the original Hindi version of Arti written in Awadhi dialect. 

 

॥श्रीअन्नपूर्णामाताजीकीआरती॥

बारम्बार प्रणाम मैया बारम्बार प्रणाम

जो नहीं ध्यावे तुम्हे अम्बिके, कहा उसे विश्राम 

 

अन्नपूर्णा देवी नाम तिहारो, लेतहोतसबकाम

प्रलययुगांतर और जन्मान्तर , कालांतर तकनाम

 

सुरअसुरों कीरचना करती, कहाँ कृष्ण कहंराम

चुमहिचरण चतुर चतुरानन, चारू चक्र धरश्याम

 

चंद्र चूड़चन्द्राननचाकर, शोभालखहीललाम

देवी देवदयनीयदशामें, दयाद यात बनाम

 

त्राहि त्राहि शरणागतवत्सल, शरण रूपतव धाम

श्री ह्री श्रद्धाश्रीऐं, विद्याक्लींकमलाकाम

 

कांटीभ्रान्तिमयीकांति, शांतिमयीवरदेतूनिष्काम

ARTI IN ODIA

|| ଶ୍ରୀଅନ୍ନପୂର୍ଣ୍ଣାମାତାଜୀରଆରତୀ ||

ବାରମ୍ବାରଅଭିବାଦନ

ଯିଏତୁମକୁମନେକରେନାହିଁ, ତାଙ୍କୁବିଶ୍ରାମଦିଅ |

 

ଅନ୍ନପୂର୍ଣ୍ଣାଦେବୀନାମତିହାରୋ, ହୋଟାସମସ୍ତଙ୍କୁକାମକରିବାକୁଦିଅ |

ହୋଲକୋଷ୍ଟଯୁଗଏବଂଜନ୍ମ, ସମୟପର୍ଯ୍ୟନ୍ତନାମ |

 

ସୁରଭୂତଲେଖିଥିଲେ, ଯେଉଁଠାରେକୃଷ୍ଣରାମକୁହନ୍ତି |

ଚୁମିଚରଣଚାଟୁଚାଟ୍ରାନନ୍, ଚାରୁଚକ୍ରଧରଶ୍ୟାମ |

 

ଚନ୍ଦ୍ରଚୁଦ୍ଚନ୍ଦ୍ରନ୍ଚକ୍ର, ଶୋଭାଲାଖୀଲାଲମ୍ |

ଦେବୀଦେବଦୁଖଦଅବସ୍ଥାରେ, ଦିନାଦିନନାମରେନାମିତହେଲେ |

 

ଟ୍ରାନତାହିଶରଣାଗାଟଭାଟସାଲ, ଶରଣୁପତାଭଧାମ |

ଶ୍ରୀହ୍ରୀଶ୍ରଦ୍ଧାଶ୍ରୀଆଇନ୍, ବିଦ୍ୟାକ୍ଲିନ୍କମଲାକାମ |

 

କଣ୍ଟିଭ୍ରାନ୍ତିମୟୀକାଣ୍ଟି, ଶାନ୍ତାମାୟେବରଦେତୁନିଶକମ୍ |

ARTI IN PUNJABI

|| ਸ਼੍ਰੀਅੰਨਾਪੂਰਣਾਮਾਤਾਜੀਦੀਆਰਤੀ ||

ਵਾਰਵਾਰਨਮਸਕਾਰ

ਜੋਕੋਈਤੁਹਾਨੂੰਮਨਨਹੀਂਕਰਦਾ, ਉਸਨੂੰਆਰਾਮਦਿਓ

 

ਅੰਨਪੂਰਨਾਦੇਵੀਨਾਮਤਿਹਾਰੋ, ਹੋਟਾਸਭਕੰਮਕਰੀਏ

ਸਰਬੋਤਮਯੁੱਗਅਤੇਜਨਮ, ਨਾਮਸਮੇਂਤੱਕ

 

ਸੁਰਨੇਭੂਤਾਂਨੂੰਲਿਖਿਆ, ਜਿਥੇਕ੍ਰਿਸ਼ਨਰਾਮਕਹਿੰਦਾਹੈ

ਚੁਮਹਿਚਰਨਚਤੁਚਤ੍ਰਾਨਨ, ਚਾਰੁਚਕਰਧਰਸ਼ਿਆਮ

 

 

ਚੰਦਰਚੁਦਚੰਦਰਨਨਚਕਰ, ਸ਼ੋਭਾਲਖੀਲਾਲਮ

ਦੇਵੀਦੇਵਨੂੰਤਰਸਯੋਗਸਥਿਤੀਵਿੱਚਦਯਾਦਯਾਨੇਫਿਰਨਾਮਦਿੱਤਾ

 

ਤ੍ਰਾਂਤਾਹਿਸ਼ਰਣਾਗਤਵਤਸਲ, ਸ਼ਰਣੁਪਤਵਧਾਮ

ਸ਼੍ਰੀਹਰਿਸ਼ਰਧਾਸ਼੍ਰੀਆਈਨ, ਵਿਦਿਆਕਲੀਨਕਮਲਾਕਾਮ

 

ਕਾਂਤੀਭ੍ਰਾਂਤ੍ਮਯੈਕਾਂਤੀ, ਸ਼ਨ੍ਤਾਮਯੇਵਰਦੇ t ਤੁਨਿਸ਼ਕਾਮ

ARTI IN SANSKRIT

Sanskrit and Hindi languages are both written using the same script called ‘Devanagari’ . We recommend you to read the original Hindi version of Arti written in Awadhi dialect. 

 

॥श्रीअन्नपूर्णामाताजीकीआरती॥

बारम्बार प्रणाम मैया बारम्बार प्रणाम

जो नहीं ध्यावे तुम्हे अम्बिके, कहा उसे विश्राम 

 

अन्नपूर्णा देवी नाम तिहारो, लेतहोतसबकाम

प्रलययुगांतर और जन्मान्तर , कालांतर तकनाम

 

सुरअसुरों कीरचना करती, कहाँ कृष्ण कहंराम

चुमहिचरण चतुर चतुरानन, चारू चक्र धरश्याम

 

चंद्र चूड़चन्द्राननचाकर, शोभालखहीललाम

देवी देवदयनीयदशामें, दयाद यात बनाम

 

त्राहि त्राहि शरणागतवत्सल, शरण रूपतव धाम

श्री ह्री श्रद्धाश्रीऐं, विद्याक्लींकमलाकाम

 

कांटीभ्रान्तिमयीकांति, शांतिमयीवरदेतूनिष्काम

ARTI IN SANTALI

Santali and Hindi languages are both written using the same script called ‘Devanagari’ . We recommend you to read the original Hindi version of Arti written in Awadhi dialect. 

 

॥श्रीअन्नपूर्णामाताजीकीआरती॥

बारम्बार प्रणाम मैया बारम्बार प्रणाम

जो नहीं ध्यावे तुम्हे अम्बिके, कहा उसे विश्राम 

 

अन्नपूर्णा देवी नाम तिहारो, लेतहोतसबकाम

प्रलययुगांतर और जन्मान्तर , कालांतर तकनाम

 

सुरअसुरों कीरचना करती, कहाँ कृष्ण कहंराम

चुमहिचरण चतुर चतुरानन, चारू चक्र धरश्याम

 

चंद्र चूड़चन्द्राननचाकर, शोभालखहीललाम

देवी देवदयनीयदशामें, दयाद यात बनाम

 

त्राहि त्राहि शरणागतवत्सल, शरण रूपतव धाम

श्री ह्री श्रद्धाश्रीऐं, विद्याक्लींकमलाकाम

 

कांटीभ्रान्तिमयीकांति, शांतिमयीवरदेतूनिष्काम

ARTI IN SINDHI

Sindhi and Hindi languages are both written using the same script called ‘Devanagari’ . We recommend you to read the original Hindi version of Arti written in Awadhi dialect. 

 

॥श्रीअन्नपूर्णामाताजीकीआरती॥

बारम्बार प्रणाम मैया बारम्बार प्रणाम

जो नहीं ध्यावे तुम्हे अम्बिके, कहा उसे विश्राम 

 

अन्नपूर्णा देवी नाम तिहारो, लेतहोतसबकाम

प्रलययुगांतर और जन्मान्तर , कालांतर तकनाम

 

सुरअसुरों कीरचना करती, कहाँ कृष्ण कहंराम

चुमहिचरण चतुर चतुरानन, चारू चक्र धरश्याम

 

चंद्र चूड़चन्द्राननचाकर, शोभालखहीललाम

देवी देवदयनीयदशामें, दयाद यात बनाम

 

त्राहि त्राहि शरणागतवत्सल, शरण रूपतव धाम

श्री ह्री श्रद्धाश्रीऐं, विद्याक्लींकमलाकाम

 

कांटीभ्रान्तिमयीकांति, शांतिमयीवरदेतूनिष्काम

ARTI IN TAMIL

|| ஸ்ரீஅன்னபூர்ணாமாதாஜியின்ஆர||

அடிக்கடிவாழ்த்துக்கள்

உன்னைப்பொருட்படுத்தாதவன்அவனுக்குஓய்வுஎன்றான்

 

அன்னபூர்ணாதேவிநாம்திஹாரோ, ஹோட்டாஅனைவரும்வேலைசெய்யட்டும்

ஹோலோகாஸ்ட்சகாப்தம்மற்றும்பிறப்பு, நேரம்வரைபெயர்

 

சுர்பேய்களைஎழுதினார், அங்குகிருஷ்ணர்ராம்என்றுகூறுகிறார்

சும்ஹிசரண்சதுசத்ரனன், சாருசக்ரதர்ஷியாம்

 

சந்திரசூட்சந்திரனன்சக்கர், ஷோபாலக்கிலலாம்

பரிதாபநிலையில்தேவ்தேவி, தயாதயாபின்னர்பெயரிட்டார்

 

டிரான்தாஹிஷரனகதவத்ஸல், ஷாரனூப்தவ்தாம்

ஸ்ரீஹ்ரீஷ்ரத்தாஸ்ரீஐன், வித்யாக்ளீன்கமலாகாம்

 

காந்திபிரந்திமாயிகாந்தி, சாந்தமயீவர்தேதுநிஷ்கம்

ARTI IN TELUGU

|| శ్రీఅన్నపూర్ణమాతాజియొక్కఆర్తి ||

తరచుగాశుభాకాంక్షలు

ఎవరైతేమిమ్మల్నిపట్టించుకోరు, అతనికివిశ్రాంతిచెప్పండి

 

అన్నపూర్ణదేవినామ్తిహారో, హోటాఅంతాపనిచేద్దాం

హోలోకాస్ట్శకంమరియుపుట్టుక, సమయంవరకుపేరు

 

సుర్రాక్షసులనురాశాడు, అక్కడకృష్ణుడురామ్అనిచెప్పాడు

చుమిచరణ్చతుచత్రానన్, చారుచక్రధర్శ్యామ్

 

చంద్రచూడ్చంద్రనన్చకర్, శోభాలఖిలలాం

దయనీయస్థితిలోదేవ్దేవి, దయాదయాఅప్పుడుపేరుపెట్టారు

 

ట్రాన్తాహిశరణగతవత్సల్, శరణూప్తవ్ధామ్

శ్రీహ్రీశ్రద్ధాశ్రీఐన్, విద్యాక్లీన్కమలాకామ్

 

కాంతిభ్రాంతిమయికాంతి, శాంతమయ్యవర్దేతునిష్కం

ARTI IN URDU

|| شریانناپورنماتاجیکیآرتی

باربارسلام

جوبھیآپکوبرانہیںمانتاہےاسےآرامسےکہا

 

انناپورندیوینامتہارو،ہوٹاسبکامکرنےدیں

ہولوکاسٹکادوراورپیدائش،ناموقتتک

 

سورنےراکشسلکھے،جہاںکرشنارامکہتےہیں

چمھیچرنچتوچتران،چاروچکداردشیام

 

چندرچھودچندرننچاکر،شوبھالکھیلالام

دیویدیونےقابلرحمحالتمیں،دایادایاکانامپھررکھا

 

ترانتہیشرنگتاوتسال،شانوپتاودھم

شریہریشردھاشریعین،ودیاکلینکملاکام

 

کانتیبھرنٹیمائکانتی،شانتامایویردیتونشکم

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