VISHWAKARMA JI CHALISA IN ALL LANGUAGES

CHALISA IN ASSAMESE

|| দোহা ||

বিনয় কৰো যোগ কৰি, মনৰ কৰ্ম শব্দ।

অধিক মানৰথ সম্পূৰ্ণ হৈছে, বিশ্বকৰ্মা ইউৰাৰী|

 

॥ চৌপাই ||

বিশ্বকৰ্মা তাভা নাম অনুপা। বিশুদ্ধ মনোৰম ধ্যান অৰূপা।

সুন্দৰ সুয়াশ ভুৱন দশচাৰী। নিট প্ৰতি গাত গুণনৰ নৰনাৰী ||

 

শৰদ বাকী মহেশ ভৱানী। কাভি কোভিদ প্ৰপাটিছ গ্ৰাহক গীয়ানী|

আয় নিগম ৰ পুৰণ মাহিলী। যোগ্যতাৰ মানদণ্ড একেই।

 

জগ মহন্ত জে পৰমৰ্থ ৱাদি। ধৰ্ম অবিচলিত শুভ সুনকাদি ||

খ্যাতিৰ মানদণ্ড আপোনাৰ। ধন্য বিশ্বকৰ্মা মোক।

 

তুমি পৃথিৱীৰ আৰম্ভণিতে অধ্বংসী। মোক্ষ ধাম তাজি আইও সুপাচি ||

প্ৰথম লিকটো শুভ আছিল। ভুৱন চাৰি ডাশ কীৰ্তি কলা কি।

 

ব্ৰহ্মচাৰী আদিত্য ভায়ো যেতিয়া। বেদ চেৰঘাট ঋষি ভায়ো তেতিয়া ||।

দৰ্শন আৰু ভিক পুৰণি। কীৰ্তি কলা বংশাৱলী সুচানা ||

 

 

আপোনাক বিশ্বকৰ্মা আদি বুলি কোৱা হয়। চৌদ্দটা অনুশাসন মাটিত বিয়পি আছে।

লোহা কাঠ আৰু তামোল সুৱৰ্ণ। শিলা শ্বিলপ যি টো কুইনটেট বৰণ।

 

শিক্ষাৰ দুখ দিয়ক। সুখ সমৃদ্ধি জগমহা পাৰ্কাশীয়ো|

সংকাদিক ঋষি শিষ্য আপোনাৰ। ব্ৰহ্মদিক জয় মুন্নীশ।

 

জগত গুৰু আপুনি এইটোক ভয় কৰে। আপুনি আটাইতকৈ অজ্ঞ গোট।

ঐশ্বৰিক অতিপ্ৰাকৃত গুণ। বাধা ধ্বংসত তৰণক ভয় কৰি।

 

আগ্ৰহৰ নাম আপোনাৰ সৃষ্টি। ব্ৰহ্মা বিশ্বকৰ্মা ভয় শাখা|

বিষ্ণু অতিপ্ৰাকৃত জগৰক্ষক। শিৱকল্যাণ, অতি অতুলনীয়।

 

নমো নমো বিশ্বকৰ্মা দেৱ। সেৱত সুলভ মনৰথ দেৱ া ||

দেৱ দানূজ নকুচ গাধাৰৱা। ডাবলছ পৰ্যায়ত প্ৰণৱত।

 

অস্থাৱৰ ভক্তিমূলক হৃদয় কেৱল জাগ্ৰিত হৈছে। চাৰি পাদাৰ্থ কৰতাল জাক্কে ||

সেৱাত তহি ভুৱন দশি। পবিত্ৰ মঞ্চটো আটাইতকৈ গৌৰৱময় অংশ।

 

বিশ্বকৰ্মা দেৱান কৰ দেৱ। চেভ সুলভ অতিপ্ৰাকৃত মেভা ||

বিশ্বকীৰ কীৰ্তি কলা ভাণ্ডাৰা। দাতা ত্ৰিভুৱন যশ ভিস্তাৰা ||

 

 

ভুৱন পুত্ৰ বিশ্বকৰ্মা তান্ধাৰী। বেদবোৰে অথৰ্বণ উপাদানৰ ওপৰত ধ্যান কৰে।

অথৰ্ভবেদা অৰু শিলপ। আৰ্চাৰ সকলোৱে আপোনাৰ কাম কৰে|

 

যেতিয়া বিপাটি ডাঙৰ দিভানৰ ওপৰত আছে। প্ৰভুৰ কলা গ্ৰহণ কৰি কষ্ট।

বিষ্ণু চক্ৰ অৰু গ্ৰাম কমান্দল। ৰুদ্ৰ শুলে সকলো পৃথিৱী….

 

ইন্দ্ৰ ধনুষ অৰু ধনুষ পিনাকা। পুশক ইয়ান অতিপ্ৰাকৃত চকা ||

বিমানখনে খাটোল উৰিছে। শক্তি কলা প্ৰণালী সকলো খোলা হৈছে।

 

সূৰ্য্য চন্দ্ৰ নৱগ্ৰহ দিগপালা। লোকলোক্যলসব্যাস পাটলা।

অগ্নি বায়ু স্টি জল অক্ষ। উদ্ভাৱন গ্ৰছ পাৰ্কাচিয়া ||

 

মনু-আই-কারিগর শিল্পী মাহিলী। দেৱগাম মুনি সম্প্ৰদায় সুচানা ||

লোককাঠ, শ্হিল তামোল সুকৰ্মা। স্ৱৰকাৰ মে পাংকধৰ্ম ||

 

শিৱ ধীমচি হৰিশ্চন্দ্ৰ ভূয়াৰা। ক্ৰিত যুগ শিকা পালেউ চাৰা ||

পৰহুৰাম, টেপ, নীল, সুচেতা। ৰাৱন, ৰাম চিশ্য়, সকলো ত্ৰেতা।

 

দ্ৰোনাচাৰ্য হুলাচা। বিশ্বকৰ্মা কুল ।

মেয়াৰাইজড ক্ৰাফ্ট যুধাষ্টৰু। বিশ্বকৰ্মা চৰণ চিত্তধ্যায়ৌ ||

 

 

নানা পদ্ধতি টিলস্মি কৰি একাউণ্ট। বিক্ৰম শৈত্য আখা|

বৰ্ণানুক্ৰমিক অকস্ত্ৰীয় সম্পত্তি সকলো। নমো নমো ভয় তৰণ হাৰা|

 

॥ দোহা ||

ঐশ্বৰিক পোহৰ দেৱতা প্ৰভু, ঐশ্বৰিক জ্ঞান পোহৰ।

দিব্যা দাচি তিহঁত, কালমাহ বিশ্বকৰ্মা প্ৰভাস।

 

বিনয় কৰক, তুমি শুদ্ধ, শুদ্ধ, বয়স।

মানুহবোৰ অতি,

 

॥ পয়গ সমূহ ||

জে নাৰ হৈছে প্ৰেম বিৰাগা শ্ৰদ্ধাৰ েৰে পঢ়া।

বিশ্বাস কৰি চালিচা চপই ধ্যান কৰি আছে।

 

আপুনি তেওঁক নাক বন্ধ কৰাৰ পৰা আঁতৰাওক, ভগৱান বিশ্বকৰ্মা।

পৰিত্ৰাণে নিশ্চিতভাৱে সুখ প্ৰদান কৰিব, আৰু দুৰ্যোগ ভাঙি যায়।

CHALISA IN BENGALI

|| দোহা ||

নম্রতা যোগ করে, মন এবং শব্দ কাজ করে।

বিশ্বকর্মা ভুইস, তার ইচ্ছা পূর্ণ করে

 

|| বাউন্ড ||

বিশ্বকর্মা তভা নাম অনুপা। পবিত্র খুশি মনন

সুন্দরী সুয়্যাশ ভুবন দাশচারী। অ্যান্টি-গাভাত মানের প্রতি নরনারী quality

 

শারদ শেশ মহেশ ভবানী। কবি কোভিদ গুণাবলীর গ্রাহক জ্ঞানহীন।

আগম নিগম পুরাণ মহান। গুণিত গুণাগুণ বড় হয়েছে

 

জাগ মহা জ পারমার্থ ওয়াদি। ধর্ম শুভ

তোর চির গুণ, যশ গাভত তেরে। ধন্য-ধন্য বিশ্বকর্মা মেরে।

 

আপনি প্রথম দিকে অবিনশ্বর। মোক্ষ ধাম তাজি আয়ো সুপাসী

জাগ মহান জী মা লিক শুভ জাকী কির্তি শিল্পের ভুবন চারি দাস

 

ব্রহ্মচারী আদিত্য ভায়ো কখন। বেদ, মহান ষি, তারপর ভয়

দর্শন আরু বিজ্ঞান পুরাতন। কীর্তি শিল্প ইতিহাস সুসানা।

 

আপনাকে আদি বিশ্বকর্মা বলা হয়। মাটিতে চৌদ্দটি মোড ছড়িয়ে দিন

লোহ কাঠের কাঠ আরু তমরা সুবর্ণা। রক ক্রাফট যা পঞ্চক বর্ণ

 

শিক্ষার দুর্দশা দিন, সুখ সমৃদ্ধি বিশ্ব

সুনকাদিক ageষির আপনার শিষ্য। মহাজাগতিক জয় মুনিশ পুকরে।

 

আপনি, বিশ্ব গুরু, এর জন্য অর্থ প্রদান করেছেন। আপনি অজ্ঞ দল।

Divineশিক অতিপ্রাকৃত গুণ জানা যায়। ঝামেলা ভয় বন্ধ করুন।

 

আপনার নাম শ্রুতি করণ। ব্রহ্মা বিশ্বকর্মা ভয় স্রোতে ।।

বিষ্ণু অতিপ্রাকৃত জগদ্রাক্ষক সাম। শিবকালঙ্করণী খুব অনন্য

 

নমো নমো বিশ্বকর্মা দেবা। সেবত সুলভ মনোরথ দেব।

দেব দানুজ কিন্নর গন্ধর্ব। প্রণবত দম্পতি মঞ্চে

 

অমর ভক্তিহীন হৃদয় স্থির হয়। চারটি ভিন্ন পোর্টালে যান।

সেবত তোহি ভুবন দাস চারি। পবিত্র চরণ ভোভভাব করি।

 

বিশ্বকর্মা দেওয়ান কর দেব। সেভাত সুলভ অতিপ্রাকৃত বাদাম

কসমিক কীর্তি কালা ভান্ডার। দাতা ত্রিভুবন যশ বিস্তারা।

 

ভুবন পুত্র বিশ্বকর্মা তনুধারী। বেদ অথর্বান তত্ত্ব আবৃত্তি করুন।

অথর্ববেদ অরু শিল্পাস্ত্রের। আপনার সমস্ত কাজ তীরন্দাজ করুন

 

জাব জাবী মহা দেবানকে দুর্দশার। শিল্প গ্রাস করে হানিয়াও প্রভু ভোগেন।

বিষ্ণুচক্র অরু ব্রহ্মা কমণ্ডল। রুদ্র শুল সব রচ্যো ভুণ্ডমন্ডল

 

 

ইন্দ্র ধনুশ আরু ধনুশ পিনাকা। পুষ্পক ইয়ান অতিপ্রাকৃত চাকা।

উড়ন্ত বিমান নিয়ে উড়ন্ত। সমস্ত বৈদ্যুতিক সিস্টেম খুলুন

 

সূর্যচন্দ্র নবগ্রহ দিগপালা। লোক লোকান্ত ব্যোম পাতলা।

অগ্নি বায়ু ক্ষিতি জল আকাশ। উদ্ভাবন স্থূল আধিপত্য।

 

মনু মায়া ত্বশত শিল্পী মহা। দেবগম মুনি পান্থ সুজানা।

লোক কাঠ, শীল তমরা সুকর্মা। স্বর্ণকর মে পঞ্চক ধর্ম

 

শিব দধিচি হরিশচন্দ্র ভূড়া। কৃত যুগে শিক্ষা পালেউ সারা।

পরশুরাম, নল, নীল, সুচেতা। রাবণ, রামের শিষ্য সব ত্রেতা।

 

ধ্বাপর দ্রোণাচার্য হুলাস। বিশ্বকর্মা পরিবার

মিশ্র নৈপুণ্যে যুধিষ্ঠিরের সন্ধান হয়। বিশ্বকর্মা চরণ চিত ধ্য্যু।

 

ননা বিধি মেলানো হিসাব নিকাশ। বিক্রম পুতলি দশ্যা আলেখা।

বর্ণায়েত তুলনামূলক পুণ্য সার। নমো নমো ভায়া তারান হারা।

 

|| দোহা ||

শ্বরিক আলো দিব্যংশ প্রভু, শী জ্ঞানের আলো।

শী দৃষ্টি তিহু, কলমাহান বিশ্বকর্মা প্রভাস

 

দয়া করে যাই হোক না কেন, পবিত্র সূর্য্যাশ তুমহরকে উত্সাহ দিন।

অনুভূতি বিরাজ করুক, হৃ কৃপা উদর

 

|| আয়াত ||

জে পুরুষ ভালবাসা ভালবাসা, শ্রদ্ধা সহ রেডিহি নিশ্চিত।

চালিশা চোপাইতে বিশ্বাস করুন, মনন করুন

 

তাঁকে, ভগবান বিশ্বকর্মাকে বাধা থেকে সরিয়ে দিন।

মোক্ষ অবশ্যই সুখ দেবে, ঝামেলা ভেঙে যাবে।

CHALISA IN BODO

Bodo and Hindi languages are both written using the same script called ‘Devanagari’ . We recommend you to read the original Hindi version of Chalisa written in Awadhi dialect. 

॥ दोहा ॥

विनय करौं कर जोड़कर, मन वचन कर्म संभारि।

मोर मनोरथ पूर्ण कर, विश्वकर्मा दुष्टारि॥

 

॥ चौपाई ॥

विश्वकर्मा तव नाम अनूपा। पावन सुखद मनन अनरूपा॥

सुंदर सुयश भुवन दशचारी। नित प्रति गावत गुण नरनारी॥

 

शारद शेष महेश भवानी। कवि कोविद गुण ग्राहक ज्ञानी॥

आगम निगम पुराण महाना। गुणातीत गुणवंत सयाना॥

 

जग महँ जे परमारथ वादी। धर्म धुरंधर शुभ सनकादि॥

नित नित गुण यश गावत तेरे। धन्य-धन्य विश्वकर्मा मेरे॥

 

आदि सृष्टि महँ तू अविनाशी। मोक्ष धाम तजि आयो सुपासी॥

जग महँ प्रथम लीक शुभ जाकी। भुवन चारि दश कीर्ति कला की॥

 

ब्रह्मचारी आदित्य भयो जब। वेद पारंगत ऋषि भयो तब॥

दर्शन शास्त्र अरु विज्ञ पुराना। कीर्ति कला इतिहास सुजाना॥

 

तुम आदि विश्वकर्मा कहलायो। चौदह विधा भू पर फैलायो॥

लोह काष्ठ अरु ताम्र सुवर्णा। शिला शिल्प जो पंचक वर्णा॥

 

दे शिक्षा दुख दारिद्र नाश्यो। सुख समृद्धि जगमहँ परकाश्यो॥

सनकादिक ऋषि शिष्य तुम्हारे। ब्रह्मादिक जै मुनीश पुकारे॥

 

जगत गुरु इस हेतु भये तुम। तम-अज्ञान-समूह हने तुम॥

दिव्य अलौकिक गुण जाके वर। विघ्न विनाशन भय टारन कर॥

 

 

सृष्टि करन हित नाम तुम्हारा। ब्रह्मा विश्वकर्मा भय धारा॥

विष्णु अलौकिक जगरक्षक सम। शिवकल्याणदायक अति अनुपम॥

 

नमो नमो विश्वकर्मा देवा। सेवत सुलभ मनोरथ देवा॥

देव दनुज किन्नर गन्धर्वा। प्रणवत युगल चरण पर सर्वा॥

 

अविचल भक्ति हृदय बस जाके। चार पदारथ करतल जाके॥

सेवत तोहि भुवन दश चारी। पावन चरण भवोभव कारी॥

 

विश्वकर्मा देवन कर देवा। सेवत सुलभ अलौकिक मेवा॥

लौकिक कीर्ति कला भंडारा। दाता त्रिभुवन यश विस्तारा॥

 

भुवन पुत्र विश्वकर्मा तनुधरि। वेद अथर्वण तत्व मनन करि॥

अथर्ववेद अरु शिल्प शास्त्र का। धनुर्वेद सब कृत्य आपका॥

 

जब जब विपति बड़ी देवन पर। कष्ट हन्यो प्रभु कला सेवन कर॥

विष्णु चक्र अरु ब्रह्म कमण्डल। रूद्र शूल सब रच्यो भूमण्डल॥

 

इन्द्र धनुष अरु धनुष पिनाका। पुष्पक यान अलौकिक चाका॥

वायुयान मय उड़न खटोले। विधुत कला तंत्र सब खोले॥

 

सूर्य चंद्र नवग्रह दिग्पाला। लोक लोकान्तर व्योम पताला॥

अग्नि वायु क्षिति जल अकाशा। आविष्कार सकल परकाशा॥

 

मनु मय त्वष्टा शिल्पी महाना। देवागम मुनि पंथ सुजाना॥

लोक काष्ठ, शिल ताम्र सुकर्मा। स्वर्णकार मय पंचक धर्मा॥

 

शिव दधीचि हरिश्चंद्र भुआरा। कृत युग शिक्षा पालेऊ सारा॥

परशुराम, नल, नील, सुचेता। रावण, राम शिष्य सब त्रेता॥

 

ध्वापर द्रोणाचार्य हुलासा। विश्वकर्मा कुल कीन्ह प्रकाशा॥

मयकृत शिल्प युधिष्ठिर पायेऊ। विश्वकर्मा चरणन चित ध्यायेऊ॥

 

नाना विधि तिलस्मी करि लेखा। विक्रम पुतली दॄश्य अलेखा॥

वर्णातीत अकथ गुण सारा। नमो नमो भय टारन हारा॥

 

॥ दोहा ॥

दिव्य ज्योति दिव्यांश प्रभु, दिव्य ज्ञान प्रकाश।

दिव्य दॄष्टि तिहुँ, कालमहँ विश्वकर्मा प्रभास॥

 

विनय करो करि जोरि, युग पावन सुयश तुम्हार।

धारि हिय भावत रहे, होय कृपा उद्गार॥

 

॥ छंद ॥

जे नर सप्रेम विराग श्रद्धा, सहित पढ़िहहि सुनि है।

विश्वास करि चालीसा चोपाई, मनन करि गुनि है॥

 

भव फंद विघ्नों से उसे, प्रभु विश्वकर्मा दूर कर।

मोक्ष सुख देंगे अवश्य ही, कष्ट विपदा चूर कर॥

CHALISA IN DOGRI

Dogri and Hindi languages are both written using the same script called ‘Devanagari’ . We recommend you to read the original Hindi version of Chalisa written in Awadhi dialect. 

॥ दोहा ॥

विनय करौं कर जोड़कर, मन वचन कर्म संभारि।

मोर मनोरथ पूर्ण कर, विश्वकर्मा दुष्टारि॥

 

॥ चौपाई ॥

विश्वकर्मा तव नाम अनूपा। पावन सुखद मनन अनरूपा॥

सुंदर सुयश भुवन दशचारी। नित प्रति गावत गुण नरनारी॥

 

शारद शेष महेश भवानी। कवि कोविद गुण ग्राहक ज्ञानी॥

आगम निगम पुराण महाना। गुणातीत गुणवंत सयाना॥

 

जग महँ जे परमारथ वादी। धर्म धुरंधर शुभ सनकादि॥

नित नित गुण यश गावत तेरे। धन्य-धन्य विश्वकर्मा मेरे॥

 

आदि सृष्टि महँ तू अविनाशी। मोक्ष धाम तजि आयो सुपासी॥

जग महँ प्रथम लीक शुभ जाकी। भुवन चारि दश कीर्ति कला की॥

 

ब्रह्मचारी आदित्य भयो जब। वेद पारंगत ऋषि भयो तब॥

दर्शन शास्त्र अरु विज्ञ पुराना। कीर्ति कला इतिहास सुजाना॥

 

तुम आदि विश्वकर्मा कहलायो। चौदह विधा भू पर फैलायो॥

लोह काष्ठ अरु ताम्र सुवर्णा। शिला शिल्प जो पंचक वर्णा॥

 

दे शिक्षा दुख दारिद्र नाश्यो। सुख समृद्धि जगमहँ परकाश्यो॥

सनकादिक ऋषि शिष्य तुम्हारे। ब्रह्मादिक जै मुनीश पुकारे॥

 

जगत गुरु इस हेतु भये तुम। तम-अज्ञान-समूह हने तुम॥

दिव्य अलौकिक गुण जाके वर। विघ्न विनाशन भय टारन कर॥

 

 

सृष्टि करन हित नाम तुम्हारा। ब्रह्मा विश्वकर्मा भय धारा॥

विष्णु अलौकिक जगरक्षक सम। शिवकल्याणदायक अति अनुपम॥

 

नमो नमो विश्वकर्मा देवा। सेवत सुलभ मनोरथ देवा॥

देव दनुज किन्नर गन्धर्वा। प्रणवत युगल चरण पर सर्वा॥

 

अविचल भक्ति हृदय बस जाके। चार पदारथ करतल जाके॥

सेवत तोहि भुवन दश चारी। पावन चरण भवोभव कारी॥

 

विश्वकर्मा देवन कर देवा। सेवत सुलभ अलौकिक मेवा॥

लौकिक कीर्ति कला भंडारा। दाता त्रिभुवन यश विस्तारा॥

 

भुवन पुत्र विश्वकर्मा तनुधरि। वेद अथर्वण तत्व मनन करि॥

अथर्ववेद अरु शिल्प शास्त्र का। धनुर्वेद सब कृत्य आपका॥

 

जब जब विपति बड़ी देवन पर। कष्ट हन्यो प्रभु कला सेवन कर॥

विष्णु चक्र अरु ब्रह्म कमण्डल। रूद्र शूल सब रच्यो भूमण्डल॥

 

इन्द्र धनुष अरु धनुष पिनाका। पुष्पक यान अलौकिक चाका॥

वायुयान मय उड़न खटोले। विधुत कला तंत्र सब खोले॥

 

सूर्य चंद्र नवग्रह दिग्पाला। लोक लोकान्तर व्योम पताला॥

अग्नि वायु क्षिति जल अकाशा। आविष्कार सकल परकाशा॥

 

मनु मय त्वष्टा शिल्पी महाना। देवागम मुनि पंथ सुजाना॥

लोक काष्ठ, शिल ताम्र सुकर्मा। स्वर्णकार मय पंचक धर्मा॥

 

शिव दधीचि हरिश्चंद्र भुआरा। कृत युग शिक्षा पालेऊ सारा॥

परशुराम, नल, नील, सुचेता। रावण, राम शिष्य सब त्रेता॥

 

ध्वापर द्रोणाचार्य हुलासा। विश्वकर्मा कुल कीन्ह प्रकाशा॥

मयकृत शिल्प युधिष्ठिर पायेऊ। विश्वकर्मा चरणन चित ध्यायेऊ॥

 

नाना विधि तिलस्मी करि लेखा। विक्रम पुतली दॄश्य अलेखा॥

वर्णातीत अकथ गुण सारा। नमो नमो भय टारन हारा॥

 

॥ दोहा ॥

दिव्य ज्योति दिव्यांश प्रभु, दिव्य ज्ञान प्रकाश।

दिव्य दॄष्टि तिहुँ, कालमहँ विश्वकर्मा प्रभास॥

 

विनय करो करि जोरि, युग पावन सुयश तुम्हार।

धारि हिय भावत रहे, होय कृपा उद्गार॥

 

॥ छंद ॥

जे नर सप्रेम विराग श्रद्धा, सहित पढ़िहहि सुनि है।

विश्वास करि चालीसा चोपाई, मनन करि गुनि है॥

 

भव फंद विघ्नों से उसे, प्रभु विश्वकर्मा दूर कर।

मोक्ष सुख देंगे अवश्य ही, कष्ट विपदा चूर कर॥

CHALISA IN ENGLISH

॥ Doha ॥

Vinaya Karaun Kara Jodakara, Mana Vachana Karma Sambhari।

Mora Manoratha Purna Kara, Vishwakarma Dushtari॥

 

॥ Chaupai ॥

Vishwakarma Tava Nama Anupa। Pavana Sukhada Manana Anarupa॥

Sundara Suyasha Bhuvana Dashachari। Nita Prati Gavata Guna Naranari॥

 

Sharada Shesha Mahesha Bhavani। Kavi Kovida Guna Grahaka Gyani॥

Agama Nigama Purana Mahana। Gunatita Gunavanta Sayana॥

 

Jaga Mahana Je Paramaratha Vadi। Dharma Dhurandhara Shubha Sanakadi॥

Nita Nita Guna Yasha Gavata Tere। Dhanya-Dhanya Vishvakarma Mere॥

 

Adi Srishti Mahana Tu Avinashi। Moksha Dhama Taji Ayo Supasi॥

Jaga Mahana Prathama Lika Shubha Jaki। Bhuvana Chari Dasha Kirti Kala Ki॥

 

Brahmachari Aditya Bhaiyo Jaba। Veda Parangata Rishi Bhaiyo Taba॥

Darsana Shastra Aru Vijna Purana। Kirti Kala Itihas Sujana॥

 

Tuma Adi Vishwakarma Kahalayo। Chaudaha Vidya Bhu Para Phailayo॥

Loha Kashtha Aru Tamra Suvarna। Shila Shilpa Jo Panchaka Varna॥

 

De Siksha Dukha Daridra Nashyo। Sukha Samriddhi Jagamahan Parakashyo॥

Sanakadika Rishi Shishya Tumhare। Brahmadika Jai Munisha Pukare॥

 

Jagata Guru Is Hetu Bhaye Tuma। Tama-Agyana-Samuha Hane Tuma॥

Divya Alaukika Guna Jake Vara। Vighna Vinashana Bhaya Tarana Kara॥

 

 

Srishti Karana Hita Nama Tumhara। Brahma Vishwakarma Bhay Dhara॥

Vishnu Alaukika Jagarakshaka Sama। Shivakalyanadayaka Ati Anupam॥

 

Namo Namo Vishwakarma Deva। Sevata Sulabha Manoratha Deva॥

Deva Danuja Kinnara Gandharva। Pranavata Yugala Charana Para Sarva॥

 

Avichala Bhakti Hridaya Basa Jake। Chara Padaratha Karatala Jake॥

Sevata Tohi Bhuvana Dasha Chari। Pavana Charana Bhavobhava Kari॥

 

Vishwakarma Devana Kara Deva। Sevata Sulabha Alaukika Meva॥

Laukika Kirti Kala Bhandara। Data Tribhuvana Yasha Vistara॥

 

Bhuvana Putra Vishwakarma Tanudhari। Veda Atharvana Tatva Manana Kari॥

Atharvaveda Aru Shilpa Shastra Ka। Dhanurveda Saba Kritya Apaka॥

 

Jaba Jaba Vipati Badi Devana Para। Kashta Hanyo Prabhu Kala Sevana Kara॥

Vishnu Chakra Aru Brahma Kamandala। Rudra Shula Saba Rachyo Bhumandala॥

 

Indra Dhanusha Aru Dhanusha Pinaka। Pushpaka Yana Alaukika Chaka॥

Vayuyana Maya Udana Khatole। Vidyuta Kala Tantra Saba Khole॥

 

Surya Chandra Navagraha Digpala। Loka Lokantara Vyoma Patala॥

Agni Vayu Kshiti Jala Akasha। Avishkara Sakala Parakasha॥

 

Manu Maya Tvashta Shilpi Mahana। Devagama Muni Pantha Sujana॥

Loka Kastha, Shila Tamra Sukarma। Swarnakara Maya Panchaka Dharma॥

 

Shiva Dadhichi Harishchandra Bhuara। Krita Yuga Shiksha Paleu Sara॥

Parashurama, Nala, Nila, Sucheta। Ravana, Rama Shishya Saba Treta॥

 

Dwapara Dronacharya Hulasa। Vishwakarma Kula Kinha Prakasha॥

Mayakrita Shilpa Yudhishthira Payeu। Vishwakarma Charana Chita Dhyayeu॥

 

Nana Vidhi Tilasmi Kari Lekha। Vikrama Putli Drishya Alekha॥

Varnatita Akatha Guna Sara। Namo Namo Bhaya Tarana Hara॥

 

॥ Doha ॥

Divya Jyoti Divyansha Prabhu, Divya Gyana Prakasha।

Divya Drishti Tihun, Kalmahan Vishwakarma Prabhasa॥

 

Vinaya Karo Kari Jori, Yuga Pavana Suyasha Tumhara।

Dhari Hiya Bhavata Rahe, Hoya Kripa Udgara॥

 

॥ Chhanda ॥

Je Nara Saprema Viraga Shraddha, Sahita Padhihahi Suni Hai।

Vishwasa Kari Chalisa Chopai, Manan Kari Guni Hai॥

 

Bhava Phanda Vighnon Se Use, Prabhu Vishwakarma Dura Kara।

Moksha Sukha Denge Avashya Hi, Kashta Vipada Chura Kara॥

CHALISA IN GUJRATI

|| દોહા||

નમ્રતા, મન અને શબ્દો ઉમેરવાથી કાર્ય થાય છે.

વિશ્વકર્મા વિસુ, તેની ઇચ્છા પૂર્ણ કરી

 

|| બાઉન્ડ ||

વિશ્વકર્મા તવા નામ અનુપ. પવિત્ર સુખી ચિંતન…

સુંદર સુય્યાશ ભુવન દશચારી. એન્ટી-ગેવટ ક્વોલિટી દીઠ નરનારી

 

 

 

શરદ શેષ મહેશ ભવાની. કવિ કોવિદ ગુણો ગ્રાહક જ્ાની॥

આગમ નિગમ પુરાણ મહાના. ગુણાત્મક ગુણવત્તા પુખ્ત

 

જગ મહા જે પરમાર્થ વાડી. ધર્મ શુભ છે

તારા શાશ્વત ગુણ, યશ ગાવત તેરે. ધન્ય-ધન્ય વિશ્વકર્મા મેરે॥

 

તમે શરૂઆતમાં અવિનાશી છો. મોક્ષ ધામ તાજી આયો સુપસી

જગ મહાન જી મા લીક શુભ જાકી કીર્તિ કળાના ભુવન ચરિ દાસ

 

બ્રહ્મચારી આદિત્ય ભયો જ્યારે. વેદ, મહાન ageષિ, પછી ડર

તત્વજ્ .ાન અરુ વિજ્yanાન જૂનું. કીર્તિ કલા ઇતિહાસ સુસાના॥

 

તમને આદિ વિશ્વકર્મા કહેવામાં આવે છે. જમીન પર ચૌદ સ્થિતિઓ ફેલાવો

લોહ લાકડું લાકડું અરુ તમરા સુવર્ણ. રોક હસ્તકલા જે પંચક વર્ણ છે.

 

શિક્ષણને દુeryખ આપો, સુખ સમૃદ્ધિ વિશ્વ

સુનકાદિક Yourષિનો તમારો શિષ્ય. વૈશ્વિક જય મુનિષ પુકારે॥

 

તમે, વિશ્વગુરુ, આ માટે ચૂકવણી કરી. તમે અજાણ્યા જૂથ છો.

દૈવી અલૌકિક ગુણ જાણીતો છે. ખલેલ ડર રોકો.

 

તમારું નામ સૃષ્ટિ કરણ છે. બ્રહ્મા વિશ્વકર્મા ભય ધારા ધારા

વિષ્ણુ અલૌકિક જગદ્રાક્ષ સમા. શિવકલાંકરણી ખૂબ જ અનોખી છે

 

નમો નમો વિશ્વકર્મા દેવો। સેવત સુલભ મનોરથ દેવા॥

દેવ દનુજ કિન્નર ગંધર્વ. પ્રણવત દંપતી મંચ પર

 

અમર ભક્તિ હૃદય સમાધાન થાય. ચાર જુદા જુદા પોર્ટલ પર જાઓ.

સેવા તોહી ભુવન દાસ ચરિ। પવિત્ર ચરણ ભવોભવ કરી॥

 

વિશ્વકર્મા દેવન કર દેવા. સેવત સુલભ અલૌકિક નટ્સ

કોસ્મિક કીર્તિ કલા ભંડારા. દાતા ત્રિભુવન યશ વિસ્તારા॥

 

ભુવન પુત્ર વિશ્વકર્મા તનુધારી. વેદ અથર્વન તત્ત્વનો પાઠ કરો.

અથર્વવેદ અરુ શિલ્પસ્ત્રનું. તીરંદાજી તમારા બધા કામ

 

જબ જબી મોટી દાન પર દુર્દશા. હાન્યો પ્રભુ કળા ગ્રહણ કરીને પીડાય છે.

વિષ્ણુચક્ર અરુ બ્રહ્મા કમંડલ. રુદ્ર શૂલ સબ રચ્યો ભુમંડળ

 

ઇન્દ્ર ધનુષ અરુ ધનુષ પિનાકા. પુષ્પક યાન અલૌકિક ચાકા॥

ઉડતી વિમાન સાથે ઉડતી. બધી ઇલેક્ટ્રિકલ સિસ્ટમ્સ ખોલો

 

સૂર્યચંદ્ર નવગ્રહ દિગપલા. લોક લોકંત વ્યોમ પટલા॥

અગ્નિ વાયુ ક્ષિતિ જળ આકાશ. શોધ કુલ સ્થિરતા॥

 

મનુ માયા ત્વાષ્ઠ શિલ્પી મહાના। દેવગામ મુનિ પંથ સુજાના॥

લોક લાકડું, શીલ તમરા સુકર્મ. સ્વર્ણકાર મે પંચક ધર્મ

 

શિવ દધીચિ હરિશ્ચંદ્ર ભુવારા. કૃત યુગ શિક્ષા પાલેઉ સારા॥

પરશુરામ, નલ, નીલ, સુચેતા. રાવણ, રામના શિષ્ય, સબ ત્રેતા.

 

ધ્વપર દ્રોણાચાર્ય હુલાસા. વિશ્વકર્મા પરિવાર

મિશ્ર યાન યુધિષ્ઠિરને શોધે છે. વિશ્વકર્મા ચરણ ચિત ધ્યાનયુ॥

 

નાના વિધી સાથે મેળ ખાતું હિસાબ. વિક્રમ પુટલી દશ્ય અલેખા॥

વર્ણનાઈત અતુલ ગુણ સારા. નમો નમો ભાયા તરણ હરા॥

 

||  દોહા ||

દૈવી પ્રકાશ દિવ્યંશ પ્રભુ, દિવ્ય જ્ledgeાન પ્રકાશ.

દૈવી દ્રષ્ટિ તિહુ, કાલમહન વિશ્વકર્મા પ્રભાસ

 

કૃપા કરીને ગમે તે વિનંતી કરો, પવિત્ર સુય્યાશ તુમ્હાર.

ભાવના પ્રબળ રહે, હોય કૃપા ઉદર

 

|| કલમો ||

જે પુરુષ પ્રેમ પ્રેમ, આદર સહિત રેડીહી ખાતરી છે.

ચાલીસા ચોપાઈમાં વિશ્વાસ કરો, ચિંતન કરો

 

ભગવાન વિશ્વકર્માને તેને અવરોધોથી દૂર કરો.

મોક્ષ ચોક્કસ સુખ આપશે, અને મુશ્કેલી તૂટી જશે.

CHALISA IN HINDI

॥ दोहा ॥

विनय करौं कर जोड़कर, मन वचन कर्म संभारि।

मोर मनोरथ पूर्ण कर, विश्वकर्मा दुष्टारि॥

 

॥ चौपाई ॥

विश्वकर्मा तव नाम अनूपा। पावन सुखद मनन अनरूपा॥

सुंदर सुयश भुवन दशचारी। नित प्रति गावत गुण नरनारी॥

 

शारद शेष महेश भवानी। कवि कोविद गुण ग्राहक ज्ञानी॥

आगम निगम पुराण महाना। गुणातीत गुणवंत सयाना॥

 

जग महँ जे परमारथ वादी। धर्म धुरंधर शुभ सनकादि॥

नित नित गुण यश गावत तेरे। धन्य-धन्य विश्वकर्मा मेरे॥

 

आदि सृष्टि महँ तू अविनाशी। मोक्ष धाम तजि आयो सुपासी॥

जग महँ प्रथम लीक शुभ जाकी। भुवन चारि दश कीर्ति कला की॥

 

ब्रह्मचारी आदित्य भयो जब। वेद पारंगत ऋषि भयो तब॥

दर्शन शास्त्र अरु विज्ञ पुराना। कीर्ति कला इतिहास सुजाना॥

 

तुम आदि विश्वकर्मा कहलायो। चौदह विधा भू पर फैलायो॥

लोह काष्ठ अरु ताम्र सुवर्णा। शिला शिल्प जो पंचक वर्णा॥

 

दे शिक्षा दुख दारिद्र नाश्यो। सुख समृद्धि जगमहँ परकाश्यो॥

सनकादिक ऋषि शिष्य तुम्हारे। ब्रह्मादिक जै मुनीश पुकारे॥

 

जगत गुरु इस हेतु भये तुम। तम-अज्ञान-समूह हने तुम॥

दिव्य अलौकिक गुण जाके वर। विघ्न विनाशन भय टारन कर॥

 

 

सृष्टि करन हित नाम तुम्हारा। ब्रह्मा विश्वकर्मा भय धारा॥

विष्णु अलौकिक जगरक्षक सम। शिवकल्याणदायक अति अनुपम॥

 

नमो नमो विश्वकर्मा देवा। सेवत सुलभ मनोरथ देवा॥

देव दनुज किन्नर गन्धर्वा। प्रणवत युगल चरण पर सर्वा॥

 

अविचल भक्ति हृदय बस जाके। चार पदारथ करतल जाके॥

सेवत तोहि भुवन दश चारी। पावन चरण भवोभव कारी॥

 

विश्वकर्मा देवन कर देवा। सेवत सुलभ अलौकिक मेवा॥

लौकिक कीर्ति कला भंडारा। दाता त्रिभुवन यश विस्तारा॥

 

भुवन पुत्र विश्वकर्मा तनुधरि। वेद अथर्वण तत्व मनन करि॥

अथर्ववेद अरु शिल्प शास्त्र का। धनुर्वेद सब कृत्य आपका॥

 

जब जब विपति बड़ी देवन पर। कष्ट हन्यो प्रभु कला सेवन कर॥

विष्णु चक्र अरु ब्रह्म कमण्डल। रूद्र शूल सब रच्यो भूमण्डल॥

 

इन्द्र धनुष अरु धनुष पिनाका। पुष्पक यान अलौकिक चाका॥

वायुयान मय उड़न खटोले। विधुत कला तंत्र सब खोले॥

 

सूर्य चंद्र नवग्रह दिग्पाला। लोक लोकान्तर व्योम पताला॥

अग्नि वायु क्षिति जल अकाशा। आविष्कार सकल परकाशा॥

 

मनु मय त्वष्टा शिल्पी महाना। देवागम मुनि पंथ सुजाना॥

लोक काष्ठ, शिल ताम्र सुकर्मा। स्वर्णकार मय पंचक धर्मा॥

 

शिव दधीचि हरिश्चंद्र भुआरा। कृत युग शिक्षा पालेऊ सारा॥

परशुराम, नल, नील, सुचेता। रावण, राम शिष्य सब त्रेता॥

 

ध्वापर द्रोणाचार्य हुलासा। विश्वकर्मा कुल कीन्ह प्रकाशा॥

मयकृत शिल्प युधिष्ठिर पायेऊ। विश्वकर्मा चरणन चित ध्यायेऊ॥

 

नाना विधि तिलस्मी करि लेखा। विक्रम पुतली दॄश्य अलेखा॥

वर्णातीत अकथ गुण सारा। नमो नमो भय टारन हारा॥

 

॥ दोहा ॥

दिव्य ज्योति दिव्यांश प्रभु, दिव्य ज्ञान प्रकाश।

दिव्य दॄष्टि तिहुँ, कालमहँ विश्वकर्मा प्रभास॥

 

विनय करो करि जोरि, युग पावन सुयश तुम्हार।

धारि हिय भावत रहे, होय कृपा उद्गार॥

 

॥ छंद ॥

जे नर सप्रेम विराग श्रद्धा, सहित पढ़िहहि सुनि है।

विश्वास करि चालीसा चोपाई, मनन करि गुनि है॥

 

भव फंद विघ्नों से उसे, प्रभु विश्वकर्मा दूर कर।

मोक्ष सुख देंगे अवश्य ही, कष्ट विपदा चूर कर॥

CHALISA IN KANNADA

|| ದೋಹಾ ||

ನಮ್ರತೆಯನ್ನು ಸೇರಿಸುವ ಮೂಲಕ, ಮನಸ್ಸು ಮತ್ತು ಪದಗಳು ಕಾರ್ಯನಿರ್ವಹಿಸುತ್ತವೆ.

ವಿಶ್ವಕರ್ಮ ವಿಷಸ್, ತನ್ನ ಆಸೆಯನ್ನು ಪೂರ್ಣಗೊಳಿಸುತ್ತಾನೆ

 

|| ಬೌಂಡ್ ||

ವಿಶ್ವಕರ್ಮ ತವಾ ಹೆಸರು ಅನುಪಾ. ಪವಿತ್ರ ಸಂತೋಷದ ಚಿಂತನೆ

ಸುಂದರವಾದ ಸುಯಾಶ್ ಭುವನ್ ದಾಸ್ಚಾರಿ. ನರ್ನಾರಿ ಪ್ರತಿ ಗವಾಟ್ ವಿರೋಧಿ ಗುಣಮಟ್ಟ

 

 

ಶರದ್ ಶೇಶ್ ಮಹೇಶ್ ಭವಾನಿ. ಕವಿ ಕೋವಿಡ್ ಗ್ರಾಹಕರ ಜ್ಞಾನವನ್ನು ಗುಣಪಡಿಸುತ್ತಾನೆ

ಅಗಮ್ ನಿಗಮ್ ಪುರಾಣ ಮಹಾನ. ಗುಣಿಸಬಹುದಾದ ಗುಣಮಟ್ಟ ಬೆಳೆದಿದೆ

 

ಜಗ ಮಹಾ ಜೆ ಪರ್ಮರ್ಥ್ ವಾಡಿ. ಧರ್ಮವು ಶುಭ

ನಿನ್ನ ಶಾಶ್ವತ ಸದ್ಗುಣಗಳು, ಯಶ್ ಗವತ್ ತೇರೆ. ಪೂಜ್ಯ-ಪೂಜ್ಯ ವಿಶ್ವಕರ್ಮ ಮೇರೆ

 

ನೀವು ಆರಂಭದಲ್ಲಿ ಅವಿನಾಶಿಯಾಗಿದ್ದೀರಿ. ಮೋಕ್ಷ ಧಾಮ್ ತಾಜಿ ಆಯೋ ಸುಪಾಸಿ

ಜಗ್ ಮಹನ್ ಜಿ ಮಾ ಲಿಕ್ ಶುಭ ಜಾಕಿ ಕೀರ್ತಿ ಕಲೆಯ ಭುವನ್ ಚಾರಿ ದಾಸ್

 

ಯಾವಾಗ ಬ್ರಹ್ಮಚಾರಿ ಆದಿತ್ಯ ಭಾಯೋ. ಮಹಾ age ಷಿಯಾದ ವೇದಗಳು ನಂತರ ಭಯಪಡುತ್ತವೆ

ತತ್ವಶಾಸ್ತ್ರ ಅರು ವಿಜಯಾನ್ ಓಲ್ಡ್. ಕೀರ್ತಿ ಕಲಾ ಇತಿಹಾಸ ಸುಸಾನಾ

 

ನಿಮ್ಮನ್ನು ಆದಿ ವಿಶ್ವಕರ್ಮ ಎಂದು ಕರೆಯಲಾಗುತ್ತದೆ. ಹದಿನಾಲ್ಕು ವಿಧಾನಗಳನ್ನು ನೆಲದ ಮೇಲೆ ಹರಡಿ

ಲೋಹ್ ವುಡ್ ವುಡ್ ಅರು ತಮ್ರಾ ಸುವರ್ಣ. ರಾಕ್ ಕ್ರಾಫ್ಟ್ ಇದು ಪಂಚಕ್ ವರ್ಣ.

 

ಶಿಕ್ಷಣದ ದುಃಖವನ್ನು ನೀಡಿ, ಸಂತೋಷ ಸಮೃದ್ಧಿ ಜಗತ್ತು

ಸುಂಕಡಿಕ್ age ಷಿಯ ನಿಮ್ಮ ಶಿಷ್ಯ. ಕಾಸ್ಮಿಕ್ ಜೈ ಮುನಿಶ್ ಪುಕರೆ

 

ನೀವು, ವಿಶ್ವ ಗುರು, ಇದಕ್ಕೆ ಹಣ ಪಾವತಿಸಿದ್ದೀರಿ. ನೀವು ಅಜ್ಞಾನದ ಗುಂಪು.

ದೈವಿಕ ಅಲೌಕಿಕ ಗುಣವು ತಿಳಿದಿದೆ. ಅಡಚಣೆಯ ಭಯವನ್ನು ನಿಲ್ಲಿಸಿ.

 

ನಿಮ್ಮ ಹೆಸರು ದೃಷ್ಟಿ ಕರಣ್. ಬ್ರಹ್ಮ ವಿಶ್ವಕರ್ಮ ಭಯ ಪ್ರವಾಹ

ವಿಷ್ಣು ಅಲೌಕಿಕ ಜಗದ್ರಾಕ್ಷ ಸಮಾ. ಶಿವಕಲಂಕಾರಣಿ ಬಹಳ ವಿಶಿಷ್ಟ

 

ನಮೋ ನಮೋ ವಿಶ್ವಕರ್ಮ ದೇವ. ಸೇವತ್ ಸುಲಭ್ ಮನೋರತ್ ದೇವ

ದೇವ್ ದನುಜ್ ಕಿನ್ನಾರ್ ಗಂಧರ್ವ. ಪ್ರಣವತ್ ದಂಪತಿ ವೇದಿಕೆಯಲ್ಲಿ

 

ಅಮರ ಭಕ್ತಿ ಹೃದಯವು ನೆಲೆಗೊಳ್ಳುತ್ತದೆ. ನಾಲ್ಕು ವಿಭಿನ್ನ ಪೋರ್ಟಲ್‌ಗಳಿಗೆ ಹೋಗಿ.

ಸೇವತ್ ತೋಹಿ ಭುವನ್ ದಾಸ್ ಚಾರಿ. ಪವಿತ್ರತೆ ಚರಣ್ ಭಾವೋವ್ ಕರಿ

 

ವಿಶ್ವಕರ್ಮ ದೇವನ್ ಕರ್ ದೇವ. ಸೆವತ್ ಸುಲಭ್ ಅಲೌಕಿಕ ಬೀಜಗಳು

ಕಾಸ್ಮಿಕ್ ಕೀರ್ತಿ ಕಲಾ ಭಂಡಾರ. ದಾನಿ ತ್ರಿಭುವನ್ ಯಶ್ ವಿಸ್ಟಾರಾ

 

ಭುವನ್ ಮಗ ವಿಶ್ವಕರ್ಮ ತನುಧಾರಿ. ವೇದ ಅಥರ್ವನ್ ತತ್ವವನ್ನು ಪಠಿಸಿ.

ಅಥರ್ವವೇದ ಅರು ಶಿಲ್ಪಸ್ತ್ರ. ಬಿಲ್ಲುಗಾರಿಕೆ ನಿಮ್ಮ ಎಲ್ಲಾ ಕೆಲಸ

 

ಮಹಾ ದೇವನ್ ಮೇಲೆ ಜಬ್ ಜಬಿ ಅವಸ್ಥೆ. ಕಲೆಯನ್ನು ಸೇವಿಸುವ ಮೂಲಕ ಹನ್ಯೋ ಪ್ರಭು ಬಳಲುತ್ತಿದ್ದಾರೆ.

ವಿಷ್ಣು ಚಕ್ರ ಅರು ಬ್ರಹ್ಮ ಕಾಮಂಡಲ್. ರುದ್ರ ಶುಲ್ ಸಬ್ ರಾಚಿಯೋ ಭೂಮಾಂಡಲ್

 

ಇಂದ್ರ ಧನುಷ್ ಅರು ಧನುಷ್ ಪಿನಕಾ. ಪುಷ್ಪಕ್ ಯಾನ್ ಅಲೌಕಿಕ ಚಕಾ

ಹಾರುವ ವಿಮಾನದೊಂದಿಗೆ ಹಾರುವುದು. ಎಲ್ಲಾ ವಿದ್ಯುತ್ ವ್ಯವಸ್ಥೆಗಳನ್ನು ತೆರೆಯಿರಿ

 

ಸೂರ್ಯ ಚಂದ್ರ ನವಗ್ರಹ ದಿಗ್ಪಾಲ. ಲೋಕ ಲೋಕಂತ್ ವ್ಯೋಮ್ ಪಟ್ಲಾ

ಅಗ್ನಿ ವಾಯು ಕ್ಷಿತಿ ವಾಟರ್ ಆಕಾಶ. ಆವಿಷ್ಕಾರ ಒಟ್ಟು ಸುತ್ತುವರಿಯುವಿಕೆ

 

ಮನು ಮಾಯಾ ತ್ವಾಶ್ತಾ ಶಿಲ್ಪಿ ಮಹಾನಾ. ದೇವಗಂ ಮುನಿ ಪಂತ್ ಸುಜನಾ

ಲೋಕ್ ವುಡ್, ಶಿಲ್ ತಮ್ರಾ ಸುಕರ್ಮಾ. ಸ್ವರ್ಣಕರ್ ಮೇ ಪಂಚಕ್ ಧರ್ಮ

 

ಶಿವ ದಾದಿಚಿ ಹರಿಶ್ಚಂದ್ರ ಭುವಾರ. ಕೃತ್ ಯುಗಶಿಕ್ಷ ಪಾಲೆಯು ಸಾರಾ

ಪರಶುರಾಮ, ನಲ್, ನೀಲ್, ಸುಚೇತಾ. ರಾವಣ, ರಾಮನ ಶಿಷ್ಯ, ಸಬ್ ತ್ರೇತ.

 

ಧ್ವಾಪರ್ ದ್ರೋಣಾಚಾರ್ಯ ಹುಲಾಸ. ವಿಶ್ವಕರ್ಮ ಕುಟುಂಬ

ಮಿಶ್ರ ಕರಕುಶಲ ಯುಧಿಷ್ಠಿರನನ್ನು ಕಂಡುಕೊಳ್ಳುತ್ತದೆ. ವಿಶ್ವಕರ್ಮ ಚರಣ್ ಚಿಟ್ ಧ್ಯಾಯು॥

 

ನಾನಾ ವಿಧಿ ಹೊಂದಿಕೆಯಾಗದ ಲೆಕ್ಕಪತ್ರ ನಿರ್ವಹಣೆ. ವಿಕ್ರಮ್ ಪುಟ್ಲಿ ದಶ್ಯಾ ಅಲೆಖಾ

ವರ್ನೈಟ್ ಸಾಟಿಯಿಲ್ಲದ ಸದ್ಗುಣ ಸಾರಾ. ನಮೋ ನಮೋ ಭಾಯ ತರಣ್ ಹರ॥

 

|| ದೋಹಾ ||

ದೈವಿಕ ಬೆಳಕು ದಿವ್ಯಾನ್ಶ್ ಪ್ರಭು, ದೈವಿಕ ಜ್ಞಾನ ಬೆಳಕು.

ದೈವಿಕ ದೃಷ್ಟಿ ತಿಹು, ಕಲ್ಮಹನ್ ವಿಶ್ವಕರ್ಮ ಪ್ರಭಾಸ್

 

ದಯವಿಟ್ಟು ಏನೇ ಇರಲಿ, ಯುಗದ ಪವಿತ್ರ ಸುಯಾಶ್ ತುಮ್ಹಾರ್.

ಭಾವನೆ ಮೇಲುಗೈ ಸಾಧಿಸಲಿ, ಹೋಯ್ ಕೃಪಾ ಉದರ್

 

||  ನೇ ಶ್ಲೋಕಗಳು ||

ಜೆ ಪುರುಷ ಪ್ರೀತಿಯ ಪ್ರೀತಿ, ರೆಡಿಹಿ ಸೇರಿದಂತೆ ಪೂಜ್ಯತೆ ಖಚಿತ.

ಚಾಲಿಸಾ ಚೋಪೈ ಅವರನ್ನು ನಂಬಿರಿ, ಆಲೋಚಿಸಿ

 

ಭಗವಾನ್ ವಿಶ್ವಕರ್ಮ ಅವರನ್ನು ಅಡೆತಡೆಗಳಿಂದ ತೆಗೆದುಹಾಕಿ.

ಮೋಕ್ಷ ಖಂಡಿತವಾಗಿಯೂ ಸಂತೋಷವನ್ನು ನೀಡುತ್ತದೆ, ಮತ್ತು ತೊಂದರೆ ಮುರಿಯುತ್ತದೆ.

CHALISA IN KASHMIRI

Kashmiri and Hindi languages are both written using the same script called ‘Devanagari’ . We recommend you to read the original Hindi version of Chalisa written in Awadhi dialect. 

॥ दोहा ॥

विनय करौं कर जोड़कर, मन वचन कर्म संभारि।

मोर मनोरथ पूर्ण कर, विश्वकर्मा दुष्टारि॥

 

॥ चौपाई ॥

विश्वकर्मा तव नाम अनूपा। पावन सुखद मनन अनरूपा॥

सुंदर सुयश भुवन दशचारी। नित प्रति गावत गुण नरनारी॥

 

शारद शेष महेश भवानी। कवि कोविद गुण ग्राहक ज्ञानी॥

आगम निगम पुराण महाना। गुणातीत गुणवंत सयाना॥

 

जग महँ जे परमारथ वादी। धर्म धुरंधर शुभ सनकादि॥

नित नित गुण यश गावत तेरे। धन्य-धन्य विश्वकर्मा मेरे॥

 

आदि सृष्टि महँ तू अविनाशी। मोक्ष धाम तजि आयो सुपासी॥

जग महँ प्रथम लीक शुभ जाकी। भुवन चारि दश कीर्ति कला की॥

 

ब्रह्मचारी आदित्य भयो जब। वेद पारंगत ऋषि भयो तब॥

दर्शन शास्त्र अरु विज्ञ पुराना। कीर्ति कला इतिहास सुजाना॥

 

तुम आदि विश्वकर्मा कहलायो। चौदह विधा भू पर फैलायो॥

लोह काष्ठ अरु ताम्र सुवर्णा। शिला शिल्प जो पंचक वर्णा॥

 

दे शिक्षा दुख दारिद्र नाश्यो। सुख समृद्धि जगमहँ परकाश्यो॥

सनकादिक ऋषि शिष्य तुम्हारे। ब्रह्मादिक जै मुनीश पुकारे॥

 

जगत गुरु इस हेतु भये तुम। तम-अज्ञान-समूह हने तुम॥

दिव्य अलौकिक गुण जाके वर। विघ्न विनाशन भय टारन कर॥

 

 

सृष्टि करन हित नाम तुम्हारा। ब्रह्मा विश्वकर्मा भय धारा॥

विष्णु अलौकिक जगरक्षक सम। शिवकल्याणदायक अति अनुपम॥

 

नमो नमो विश्वकर्मा देवा। सेवत सुलभ मनोरथ देवा॥

देव दनुज किन्नर गन्धर्वा। प्रणवत युगल चरण पर सर्वा॥

 

अविचल भक्ति हृदय बस जाके। चार पदारथ करतल जाके॥

सेवत तोहि भुवन दश चारी। पावन चरण भवोभव कारी॥

 

विश्वकर्मा देवन कर देवा। सेवत सुलभ अलौकिक मेवा॥

लौकिक कीर्ति कला भंडारा। दाता त्रिभुवन यश विस्तारा॥

 

भुवन पुत्र विश्वकर्मा तनुधरि। वेद अथर्वण तत्व मनन करि॥

अथर्ववेद अरु शिल्प शास्त्र का। धनुर्वेद सब कृत्य आपका॥

 

जब जब विपति बड़ी देवन पर। कष्ट हन्यो प्रभु कला सेवन कर॥

विष्णु चक्र अरु ब्रह्म कमण्डल। रूद्र शूल सब रच्यो भूमण्डल॥

 

इन्द्र धनुष अरु धनुष पिनाका। पुष्पक यान अलौकिक चाका॥

वायुयान मय उड़न खटोले। विधुत कला तंत्र सब खोले॥

 

सूर्य चंद्र नवग्रह दिग्पाला। लोक लोकान्तर व्योम पताला॥

अग्नि वायु क्षिति जल अकाशा। आविष्कार सकल परकाशा॥

 

मनु मय त्वष्टा शिल्पी महाना। देवागम मुनि पंथ सुजाना॥

लोक काष्ठ, शिल ताम्र सुकर्मा। स्वर्णकार मय पंचक धर्मा॥

 

शिव दधीचि हरिश्चंद्र भुआरा। कृत युग शिक्षा पालेऊ सारा॥

परशुराम, नल, नील, सुचेता। रावण, राम शिष्य सब त्रेता॥

 

ध्वापर द्रोणाचार्य हुलासा। विश्वकर्मा कुल कीन्ह प्रकाशा॥

मयकृत शिल्प युधिष्ठिर पायेऊ। विश्वकर्मा चरणन चित ध्यायेऊ॥

 

नाना विधि तिलस्मी करि लेखा। विक्रम पुतली दॄश्य अलेखा॥

वर्णातीत अकथ गुण सारा। नमो नमो भय टारन हारा॥

 

॥ दोहा ॥

दिव्य ज्योति दिव्यांश प्रभु, दिव्य ज्ञान प्रकाश।

दिव्य दॄष्टि तिहुँ, कालमहँ विश्वकर्मा प्रभास॥

 

विनय करो करि जोरि, युग पावन सुयश तुम्हार।

धारि हिय भावत रहे, होय कृपा उद्गार॥

 

॥ छंद ॥

जे नर सप्रेम विराग श्रद्धा, सहित पढ़िहहि सुनि है।

विश्वास करि चालीसा चोपाई, मनन करि गुनि है॥

 

भव फंद विघ्नों से उसे, प्रभु विश्वकर्मा दूर कर।

मोक्ष सुख देंगे अवश्य ही, कष्ट विपदा चूर कर॥

CHALISA IN KONKANI

Konkani and Hindi languages are both written using the same script called ‘Devanagari’ . We recommend you to read the original Hindi version of Chalisa written in Awadhi dialect. 

॥ दोहा ॥

विनय करौं कर जोड़कर, मन वचन कर्म संभारि।

मोर मनोरथ पूर्ण कर, विश्वकर्मा दुष्टारि॥

 

॥ चौपाई ॥

विश्वकर्मा तव नाम अनूपा। पावन सुखद मनन अनरूपा॥

सुंदर सुयश भुवन दशचारी। नित प्रति गावत गुण नरनारी॥

 

शारद शेष महेश भवानी। कवि कोविद गुण ग्राहक ज्ञानी॥

आगम निगम पुराण महाना। गुणातीत गुणवंत सयाना॥

 

जग महँ जे परमारथ वादी। धर्म धुरंधर शुभ सनकादि॥

नित नित गुण यश गावत तेरे। धन्य-धन्य विश्वकर्मा मेरे॥

 

आदि सृष्टि महँ तू अविनाशी। मोक्ष धाम तजि आयो सुपासी॥

जग महँ प्रथम लीक शुभ जाकी। भुवन चारि दश कीर्ति कला की॥

 

ब्रह्मचारी आदित्य भयो जब। वेद पारंगत ऋषि भयो तब॥

दर्शन शास्त्र अरु विज्ञ पुराना। कीर्ति कला इतिहास सुजाना॥

 

तुम आदि विश्वकर्मा कहलायो। चौदह विधा भू पर फैलायो॥

लोह काष्ठ अरु ताम्र सुवर्णा। शिला शिल्प जो पंचक वर्णा॥

 

दे शिक्षा दुख दारिद्र नाश्यो। सुख समृद्धि जगमहँ परकाश्यो॥

सनकादिक ऋषि शिष्य तुम्हारे। ब्रह्मादिक जै मुनीश पुकारे॥

 

जगत गुरु इस हेतु भये तुम। तम-अज्ञान-समूह हने तुम॥

दिव्य अलौकिक गुण जाके वर। विघ्न विनाशन भय टारन कर॥

 

 

सृष्टि करन हित नाम तुम्हारा। ब्रह्मा विश्वकर्मा भय धारा॥

विष्णु अलौकिक जगरक्षक सम। शिवकल्याणदायक अति अनुपम॥

 

नमो नमो विश्वकर्मा देवा। सेवत सुलभ मनोरथ देवा॥

देव दनुज किन्नर गन्धर्वा। प्रणवत युगल चरण पर सर्वा॥

 

अविचल भक्ति हृदय बस जाके। चार पदारथ करतल जाके॥

सेवत तोहि भुवन दश चारी। पावन चरण भवोभव कारी॥

 

विश्वकर्मा देवन कर देवा। सेवत सुलभ अलौकिक मेवा॥

लौकिक कीर्ति कला भंडारा। दाता त्रिभुवन यश विस्तारा॥

 

भुवन पुत्र विश्वकर्मा तनुधरि। वेद अथर्वण तत्व मनन करि॥

अथर्ववेद अरु शिल्प शास्त्र का। धनुर्वेद सब कृत्य आपका॥

 

जब जब विपति बड़ी देवन पर। कष्ट हन्यो प्रभु कला सेवन कर॥

विष्णु चक्र अरु ब्रह्म कमण्डल। रूद्र शूल सब रच्यो भूमण्डल॥

 

इन्द्र धनुष अरु धनुष पिनाका। पुष्पक यान अलौकिक चाका॥

वायुयान मय उड़न खटोले। विधुत कला तंत्र सब खोले॥

 

सूर्य चंद्र नवग्रह दिग्पाला। लोक लोकान्तर व्योम पताला॥

अग्नि वायु क्षिति जल अकाशा। आविष्कार सकल परकाशा॥

 

मनु मय त्वष्टा शिल्पी महाना। देवागम मुनि पंथ सुजाना॥

लोक काष्ठ, शिल ताम्र सुकर्मा। स्वर्णकार मय पंचक धर्मा॥

 

शिव दधीचि हरिश्चंद्र भुआरा। कृत युग शिक्षा पालेऊ सारा॥

परशुराम, नल, नील, सुचेता। रावण, राम शिष्य सब त्रेता॥

 

ध्वापर द्रोणाचार्य हुलासा। विश्वकर्मा कुल कीन्ह प्रकाशा॥

मयकृत शिल्प युधिष्ठिर पायेऊ। विश्वकर्मा चरणन चित ध्यायेऊ॥

 

नाना विधि तिलस्मी करि लेखा। विक्रम पुतली दॄश्य अलेखा॥

वर्णातीत अकथ गुण सारा। नमो नमो भय टारन हारा॥

 

॥ दोहा ॥

दिव्य ज्योति दिव्यांश प्रभु, दिव्य ज्ञान प्रकाश।

दिव्य दॄष्टि तिहुँ, कालमहँ विश्वकर्मा प्रभास॥

 

विनय करो करि जोरि, युग पावन सुयश तुम्हार।

धारि हिय भावत रहे, होय कृपा उद्गार॥

 

॥ छंद ॥

जे नर सप्रेम विराग श्रद्धा, सहित पढ़िहहि सुनि है।

विश्वास करि चालीसा चोपाई, मनन करि गुनि है॥

 

भव फंद विघ्नों से उसे, प्रभु विश्वकर्मा दूर कर।

मोक्ष सुख देंगे अवश्य ही, कष्ट विपदा चूर कर॥

CHALISA IN MAITHILI

Maithili and Hindi languages are both written using the same script called ‘Devanagari’ . We recommend you to read the original Hindi version of Chalisa written in Awadhi dialect. 

॥ दोहा ॥

विनय करौं कर जोड़कर, मन वचन कर्म संभारि।

मोर मनोरथ पूर्ण कर, विश्वकर्मा दुष्टारि॥

 

॥ चौपाई ॥

विश्वकर्मा तव नाम अनूपा। पावन सुखद मनन अनरूपा॥

सुंदर सुयश भुवन दशचारी। नित प्रति गावत गुण नरनारी॥

 

शारद शेष महेश भवानी। कवि कोविद गुण ग्राहक ज्ञानी॥

आगम निगम पुराण महाना। गुणातीत गुणवंत सयाना॥

 

जग महँ जे परमारथ वादी। धर्म धुरंधर शुभ सनकादि॥

नित नित गुण यश गावत तेरे। धन्य-धन्य विश्वकर्मा मेरे॥

 

आदि सृष्टि महँ तू अविनाशी। मोक्ष धाम तजि आयो सुपासी॥

जग महँ प्रथम लीक शुभ जाकी। भुवन चारि दश कीर्ति कला की॥

 

ब्रह्मचारी आदित्य भयो जब। वेद पारंगत ऋषि भयो तब॥

दर्शन शास्त्र अरु विज्ञ पुराना। कीर्ति कला इतिहास सुजाना॥

 

तुम आदि विश्वकर्मा कहलायो। चौदह विधा भू पर फैलायो॥

लोह काष्ठ अरु ताम्र सुवर्णा। शिला शिल्प जो पंचक वर्णा॥

 

दे शिक्षा दुख दारिद्र नाश्यो। सुख समृद्धि जगमहँ परकाश्यो॥

सनकादिक ऋषि शिष्य तुम्हारे। ब्रह्मादिक जै मुनीश पुकारे॥

 

जगत गुरु इस हेतु भये तुम। तम-अज्ञान-समूह हने तुम॥

दिव्य अलौकिक गुण जाके वर। विघ्न विनाशन भय टारन कर॥

 

 

सृष्टि करन हित नाम तुम्हारा। ब्रह्मा विश्वकर्मा भय धारा॥

विष्णु अलौकिक जगरक्षक सम। शिवकल्याणदायक अति अनुपम॥

 

नमो नमो विश्वकर्मा देवा। सेवत सुलभ मनोरथ देवा॥

देव दनुज किन्नर गन्धर्वा। प्रणवत युगल चरण पर सर्वा॥

 

अविचल भक्ति हृदय बस जाके। चार पदारथ करतल जाके॥

सेवत तोहि भुवन दश चारी। पावन चरण भवोभव कारी॥

 

विश्वकर्मा देवन कर देवा। सेवत सुलभ अलौकिक मेवा॥

लौकिक कीर्ति कला भंडारा। दाता त्रिभुवन यश विस्तारा॥

 

भुवन पुत्र विश्वकर्मा तनुधरि। वेद अथर्वण तत्व मनन करि॥

अथर्ववेद अरु शिल्प शास्त्र का। धनुर्वेद सब कृत्य आपका॥

 

जब जब विपति बड़ी देवन पर। कष्ट हन्यो प्रभु कला सेवन कर॥

विष्णु चक्र अरु ब्रह्म कमण्डल। रूद्र शूल सब रच्यो भूमण्डल॥

 

इन्द्र धनुष अरु धनुष पिनाका। पुष्पक यान अलौकिक चाका॥

वायुयान मय उड़न खटोले। विधुत कला तंत्र सब खोले॥

 

सूर्य चंद्र नवग्रह दिग्पाला। लोक लोकान्तर व्योम पताला॥

अग्नि वायु क्षिति जल अकाशा। आविष्कार सकल परकाशा॥

 

मनु मय त्वष्टा शिल्पी महाना। देवागम मुनि पंथ सुजाना॥

लोक काष्ठ, शिल ताम्र सुकर्मा। स्वर्णकार मय पंचक धर्मा॥

 

शिव दधीचि हरिश्चंद्र भुआरा। कृत युग शिक्षा पालेऊ सारा॥

परशुराम, नल, नील, सुचेता। रावण, राम शिष्य सब त्रेता॥

 

ध्वापर द्रोणाचार्य हुलासा। विश्वकर्मा कुल कीन्ह प्रकाशा॥

मयकृत शिल्प युधिष्ठिर पायेऊ। विश्वकर्मा चरणन चित ध्यायेऊ॥

 

नाना विधि तिलस्मी करि लेखा। विक्रम पुतली दॄश्य अलेखा॥

वर्णातीत अकथ गुण सारा। नमो नमो भय टारन हारा॥

 

॥ दोहा ॥

दिव्य ज्योति दिव्यांश प्रभु, दिव्य ज्ञान प्रकाश।

दिव्य दॄष्टि तिहुँ, कालमहँ विश्वकर्मा प्रभास॥

 

विनय करो करि जोरि, युग पावन सुयश तुम्हार।

धारि हिय भावत रहे, होय कृपा उद्गार॥

 

॥ छंद ॥

जे नर सप्रेम विराग श्रद्धा, सहित पढ़िहहि सुनि है।

विश्वास करि चालीसा चोपाई, मनन करि गुनि है॥

 

भव फंद विघ्नों से उसे, प्रभु विश्वकर्मा दूर कर।

मोक्ष सुख देंगे अवश्य ही, कष्ट विपदा चूर कर॥

CHALISA IN MALAYALAM

|| ദോഹ ||

വിനയം ചേർക്കുന്നതിലൂടെ, മനസും വാക്കുകളും പ്രവർത്തിക്കുന്നു.

ആഗ്രഹം പൂർത്തീകരിച്ച വിശ്വകർമ വിഷിയസ്

 

|| അതിർത്തി ||

വിശ്വകർമ തവ നാമം അനുപ. വിശുദ്ധ സന്തോഷകരമായ ധ്യാനം

മനോഹരമായ സുയാഷ് ഭുവൻ ദശാരി. ഗാർ‌ട്ട് വിരുദ്ധ ഗുണത്തിന് നർ‌നാരി

 

ശരദ് ശേഷ് മഹേഷ് ഭവാനി. കവി കോവിഡ് ഉപഭോക്തൃ അറിവുള്ള ഗുണങ്ങൾ

ആഗം നിഗം ​​പുരാണ മഹാന. ഗുണിത ഗുണമേന്മയുള്ളവർ

 

ജഗ് മഹാ ജെ പർമാർത്ത് വാദി. മതം ശുഭമാണ്

നിത്യമായ സദ്ഗുണങ്ങളായ യഷ് ഗവാത് തേരെ. വാഴ്ത്തപ്പെട്ട-വാഴ്ത്തപ്പെട്ട വിശ്വകർമ മേരെ

 

നിങ്ങൾ തുടക്കത്തിൽ അവഗണിക്കാനാവാത്തവരാണ്. മോക്ഷം ധാം താജി അയോ സുപസി

ജഗ് മഹാൻ ജി മാ മാ ലിക് ശുഭ ജാക്കി കീർത്തി കലയിലെ ഭുവൻ ചാരി ദാസ്

 

എപ്പോൾ ബ്രഹ്മചാരി ആദിത്യ ഭായോ. മഹാനായ മുനിയായ വേദങ്ങൾ പിന്നെ ഭയപ്പെടുന്നു

തത്ത്വചിന്ത അരു വിജിയൻ പഴയത്. കീർത്തി കലാ ചരിത്രം സൂസാന

 

നിങ്ങളെ ആദി വിശ്വകർമ്മ എന്ന് വിളിക്കുന്നു. പതിനാല് മോഡുകൾ നിലത്ത് പരത്തുക

ലോ വുഡ് വുഡ് അരു തമ്ര സവർണ്ണ. റോക്ക് ക്രാഫ്റ്റ്, ഇത് പഞ്ചക് വർണ്ണമാണ്.

 

വിദ്യാഭ്യാസ ദുരിതങ്ങൾ നൽകുക, സന്തോഷ സമൃദ്ധി ലോകം

നിങ്ങളുടെ സുങ്കാഡി മുനിയുടെ ശിഷ്യൻ. കോസ്മിക് ജയ് മുനിഷ് പുക്കറെ

 

ലോക ഗുരു, നിങ്ങൾ ഇതിന് പണം നൽകി. നിങ്ങളാണ് അജ്ഞരായ ഗ്രൂപ്പ്.

ദൈവിക അമാനുഷിക ഗുണം അറിയപ്പെടുന്നു. അസ്വസ്ഥത ഭയം നിർത്തുക.

 

നിങ്ങളുടെ പേര് സ്രഷ്ടി കരൺ. ബ്രഹ്മ വിശ്വകർമ ഹൃദയ പ്രവാഹം

വിഷ്ണു അമാനുഷിക ജഗദ്രാക്ഷ സമ. ശിവകലങ്കരണി വളരെ സവിശേഷമാണ്

 

നമോ നമോ വിശ്വകർമ ദേവ. സേവാത് സുലഭ് മനോരത് ദേവ

ദേവ് ദാനുജ് കിന്നാർ ഗാന്ധർവ. പ്രണാവത്ത് ദമ്പതികളുടെ വേദിയിൽ

 

അനശ്വര ഭക്തി ഹൃദയം പരിഹരിക്കപ്പെടണം. നാല് വ്യത്യസ്ത പോർട്ടലുകളിലേക്ക് പോകുക.

സേവാത് തോഹി ഭുവൻ ദാസ് ചാരി. വിശുദ്ധി ചരൺ ഭവാഭവ് കരി

 

വിശ്വകർമ ദേവൻ കാർ ദേവ. സേവാത് സുലഭ് അമാനുഷിക പരിപ്പ്

കോസ്മിക് കീർത്തി കല ഭണ്ഡാര. ദാതാവ് ത്രിഭുവൻ യാഷ് വിസ്താര

 

ഭുവൻ മകൻ വിശ്വകർമ തനുധാരി. വേദ അഥർവാൻ തത്ത്വ പാരായണം ചെയ്യുക.

അഥർവ്വവേദ അരു ശിൽപാസ്ട്ര. നിങ്ങളുടെ എല്ലാ ജോലികളും അമ്പെയ്ത്ത്

 

മഹാ ദേവനിൽ ജബ് ജാബി ദുരവസ്ഥ. കല കഴിച്ച് ഹന്യോ പ്രഭുവിനെ കഷ്ടപ്പെടുക.

വിഷ്ണു ചക്ര അരു ബ്രഹ്മ കമാൻഡൽ. രുദ്ര ഷുൽ സാബ് റാചിയോ ഭൂമാണ്ടൽ

 

ഇന്ദ്ര ധനുഷ് അരു ധനുഷ് പിനക. പുഷ്പക് യാൻ അമാനുഷിക ചക്ക

പറക്കുന്ന വിമാനങ്ങളുമായി പറക്കുന്നു. എല്ലാ ഇലക്ട്രിക്കൽ സിസ്റ്റങ്ങളും തുറക്കുക

 

സൂര്യ ചന്ദ്ര നവഗ്രഹ ഡിഗ്പാല. ലോക് ലോകന്ത് വ്യോം പട്‌ല

അഗ്നി വായു ക്ഷിതി വാട്ടർ ആകാശ. കണ്ടുപിടുത്തം മൊത്തം പെർകോലേഷൻ

 

മനു മായ ത്വഷ്ട ശിൽപി മഹാന. ദേവഗം മുനി പന്ത് സുജാന

ലോക് വുഡ്, ഷിൽ തമ്ര സുഖർമ. സ്വർണക്കർ മേ പഞ്ചക് ധർമ്മം

 

 

ശിവ ദാദിചി ഹരിചന്ദ്ര ഭുവാര. കൃത് യുഗശിക്ഷ പാലു സാറ

പരശുരാമ, നാൽ, നീൽ, സുചേത. രാവണൻ, രാമന്റെ ശിഷ്യൻ സബ് ത്രേത.

 

ധ്വാപർ ദ്രോണാചാര്യ ഹുലാസ. വിശ്വകർമ കുടുംബം

മിക്സഡ് ക്രാഫ്റ്റ് യുധിഷ്ഠിരനെ കണ്ടെത്തുന്നു. വിശ്വകർമ ചരൺ ചിത് ധ്യായു

 

നാന വിധി പൊരുത്തപ്പെടാത്ത അക്ക ing ണ്ടിംഗ്. വിക്രം പുട്‌ലി ദശാ അലേഖ

വർണൈറ്റ് സമാനതകളില്ലാത്ത പുണ്യം സാറ. നമോ നമോ ഭായ താരൻ ഹര

 

|| ദോഹ ||

ദിവ്യ വെളിച്ചം ദിവ്യാൻഷ് പ്രഭു, ദിവ്യ വിജ്ഞാന വെളിച്ചം.

ദിവ്യദർശനം തിഹു, കൽമഹാൻ വിശ്വകർമ പ്രഭാസ്

 

ദയവായി എന്തും വാദിക്കുക, യുഗ വിശുദ്ധ സുയാഷ് തുംഹാർ.

വികാരം നിലനിൽക്കട്ടെ, ഹോയ് കൃപ ഉദാർ

 

|| വാക്യങ്ങൾ ||

ജെ പുരുഷ പ്രണയം, റെഡിഹി ഉൾപ്പെടെയുള്ള ഭക്തി എന്നിവ ഉറപ്പാണ്.

ചാലിസ ചോപായിയിൽ വിശ്വസിക്കുക, ചിന്തിക്കുക

 

വിശ്വകർമ പ്രഭു അവനെ തടസ്സങ്ങളിൽ നിന്ന് നീക്കുക.

മോക്ഷം തീർച്ചയായും സന്തോഷം നൽകും, കുഴപ്പങ്ങൾ തകർക്കും.

CHALISA IN MEITEI

Meitei and Hindi languages are both written using the same script called ‘Devanagari’ . We recommend you to read the original Hindi version of Chalisa written in Awadhi dialect. 

॥ दोहा ॥

विनय करौं कर जोड़कर, मन वचन कर्म संभारि।

मोर मनोरथ पूर्ण कर, विश्वकर्मा दुष्टारि॥

 

॥ चौपाई ॥

विश्वकर्मा तव नाम अनूपा। पावन सुखद मनन अनरूपा॥

सुंदर सुयश भुवन दशचारी। नित प्रति गावत गुण नरनारी॥

 

शारद शेष महेश भवानी। कवि कोविद गुण ग्राहक ज्ञानी॥

आगम निगम पुराण महाना। गुणातीत गुणवंत सयाना॥

 

जग महँ जे परमारथ वादी। धर्म धुरंधर शुभ सनकादि॥

नित नित गुण यश गावत तेरे। धन्य-धन्य विश्वकर्मा मेरे॥

 

आदि सृष्टि महँ तू अविनाशी। मोक्ष धाम तजि आयो सुपासी॥

जग महँ प्रथम लीक शुभ जाकी। भुवन चारि दश कीर्ति कला की॥

 

ब्रह्मचारी आदित्य भयो जब। वेद पारंगत ऋषि भयो तब॥

दर्शन शास्त्र अरु विज्ञ पुराना। कीर्ति कला इतिहास सुजाना॥

 

तुम आदि विश्वकर्मा कहलायो। चौदह विधा भू पर फैलायो॥

लोह काष्ठ अरु ताम्र सुवर्णा। शिला शिल्प जो पंचक वर्णा॥

 

दे शिक्षा दुख दारिद्र नाश्यो। सुख समृद्धि जगमहँ परकाश्यो॥

सनकादिक ऋषि शिष्य तुम्हारे। ब्रह्मादिक जै मुनीश पुकारे॥

 

जगत गुरु इस हेतु भये तुम। तम-अज्ञान-समूह हने तुम॥

दिव्य अलौकिक गुण जाके वर। विघ्न विनाशन भय टारन कर॥

 

 

सृष्टि करन हित नाम तुम्हारा। ब्रह्मा विश्वकर्मा भय धारा॥

विष्णु अलौकिक जगरक्षक सम। शिवकल्याणदायक अति अनुपम॥

 

नमो नमो विश्वकर्मा देवा। सेवत सुलभ मनोरथ देवा॥

देव दनुज किन्नर गन्धर्वा। प्रणवत युगल चरण पर सर्वा॥

 

अविचल भक्ति हृदय बस जाके। चार पदारथ करतल जाके॥

सेवत तोहि भुवन दश चारी। पावन चरण भवोभव कारी॥

 

विश्वकर्मा देवन कर देवा। सेवत सुलभ अलौकिक मेवा॥

लौकिक कीर्ति कला भंडारा। दाता त्रिभुवन यश विस्तारा॥

 

भुवन पुत्र विश्वकर्मा तनुधरि। वेद अथर्वण तत्व मनन करि॥

अथर्ववेद अरु शिल्प शास्त्र का। धनुर्वेद सब कृत्य आपका॥

 

जब जब विपति बड़ी देवन पर। कष्ट हन्यो प्रभु कला सेवन कर॥

विष्णु चक्र अरु ब्रह्म कमण्डल। रूद्र शूल सब रच्यो भूमण्डल॥

 

इन्द्र धनुष अरु धनुष पिनाका। पुष्पक यान अलौकिक चाका॥

वायुयान मय उड़न खटोले। विधुत कला तंत्र सब खोले॥

 

सूर्य चंद्र नवग्रह दिग्पाला। लोक लोकान्तर व्योम पताला॥

अग्नि वायु क्षिति जल अकाशा। आविष्कार सकल परकाशा॥

 

मनु मय त्वष्टा शिल्पी महाना। देवागम मुनि पंथ सुजाना॥

लोक काष्ठ, शिल ताम्र सुकर्मा। स्वर्णकार मय पंचक धर्मा॥

 

शिव दधीचि हरिश्चंद्र भुआरा। कृत युग शिक्षा पालेऊ सारा॥

परशुराम, नल, नील, सुचेता। रावण, राम शिष्य सब त्रेता॥

 

ध्वापर द्रोणाचार्य हुलासा। विश्वकर्मा कुल कीन्ह प्रकाशा॥

मयकृत शिल्प युधिष्ठिर पायेऊ। विश्वकर्मा चरणन चित ध्यायेऊ॥

 

नाना विधि तिलस्मी करि लेखा। विक्रम पुतली दॄश्य अलेखा॥

वर्णातीत अकथ गुण सारा। नमो नमो भय टारन हारा॥

 

॥ दोहा ॥

दिव्य ज्योति दिव्यांश प्रभु, दिव्य ज्ञान प्रकाश।

दिव्य दॄष्टि तिहुँ, कालमहँ विश्वकर्मा प्रभास॥

 

विनय करो करि जोरि, युग पावन सुयश तुम्हार।

धारि हिय भावत रहे, होय कृपा उद्गार॥

 

॥ छंद ॥

जे नर सप्रेम विराग श्रद्धा, सहित पढ़िहहि सुनि है।

विश्वास करि चालीसा चोपाई, मनन करि गुनि है॥

 

भव फंद विघ्नों से उसे, प्रभु विश्वकर्मा दूर कर।

मोक्ष सुख देंगे अवश्य ही, कष्ट विपदा चूर कर॥

CHALISA IN MARATHI

||  दोहा ||

नम्रता, मन आणि शब्द जोडून कार्य करते.

विश्वकर्मा विसुस, त्यांची इच्छा पूर्ण

 

|| चौकार ||

विश्वकर्मा तव नाव अनुपा। पवित्र शुभेच्छा चिंतन…

सुंदर सुय्याश भुवन दशचारी. नारनरी = प्रति-गॅव्हॅट गुणवत्तेनुसार

 

शरद शेष महेश भवानी. कवी कोविड गुण ग्राहक जाण॥

अगम निगम पुराण महाना। गुणाकार गुणवत्ता वाढलेली

 

जग महा जे परमार्थ वाडी। धर्म शुभ आहे

तुझे शाश्वत गुण, यश गावत तेरे. धन्य-धन्य विश्वकर्मा मेरे॥

 

आपण सुरुवातीस अविनाशी आहात. मोक्ष धाम तजी आययो सुपासी

जग महान जी मी लिक शुभ जाकी कीर्ती कलेचे भुवन चारी दास

 

ब्रह्मचारी आदित्य भय्यो कधी। वेद, महान ,षी, मग भीती

तत्वज्ञान अरु विज्ञान जुना. कीर्ती कला इतिहास सुसाना॥

 

 

तुम्हाला आदि विश्वकर्मा म्हणतात. जमिनीवर चौदा रीती पसरवा

लोह लाकूड अरु अरु तमरा सुवर्णा। पंचक वर्ण म्हणजे रॉक क्राफ्ट.

 

शिक्षणाचा त्रास द्या, सुख समृध्दी संसार

तुझा सनकादिक षींचा शिष्य. लौकिक जय मुनीश पुकरे॥

 

आपण, जागतिक गुरू, यासाठी पैसे दिले. आपण अज्ञानी गट आहात.

दैवी अलौकिक गुण ज्ञात आहेत. त्रासांची भीती थांबवा.

 

तुझे नाव सृष्टी करण आहे. ब्रह्मा विश्वकर्मा भय धारा ।।

विष्णू अलौकिक जगद्राक्षक समा। शिवकलांकरणी अद्वितीय आहे

 

नमो नमो विश्वकर्मा देवा। सेवा सुलभ मनोरथ देवा॥

देव दनुज किन्नर गंधर्व। प्रणवत जोडीच्या मंचावर

 

अमर भक्ती हृदय स्थिरावें। चार वेगवेगळ्या पोर्टलवर जा.

सेवा तोही भुवन दास चारी। पावन चरण भावोभ करी॥

 

विश्वकर्मा देवन कर देवा। सेवा सुलभ अलौकिक नट

लौकिक कीर्ती कला भंडारा. दाता त्रिभुवन यश विस्तारा॥

 

 

भुवन पुत्र विश्वकर्मा तनुधारी. वेद अथर्वत्व तत्व पाठ करा.

अथर्ववेद अरु शिल्पशास्त्रातील. आपली सर्व कामे तिरंदाजी करा

 

महान जबान जब्बी दुर्दशा. कलेचा उपभोग करून हण्यो प्रभु भोगा.

विष्णुचक्र अरु ब्रह्मा कमंडल। रुद्र शुल सब रच्यो भूमंडल

 

इंद्र धनुष अरु धनुष पिनाका। पुष्पक यान अलौकिक चाका॥

उड्डाण करणारे हवाई परिवहन. सर्व विद्युत प्रणाली उघडा

 

सूर्यचंद्र नवग्रह दिगपाळा. लोक लोकांत व्योम पाटला॥

अग्नि वायु क्षिती जल आकाश। शोध सकल पाझर॥

 

मनु माया तवष्ठ शिल्पी महाना। देवगम मुनि पंथ सुजाना॥

लोक लाकूड, शील तम्रा सुकर्मा. स्वर्णकार मे पंचक धर्म

 

शिव दधिचि हरिश्चंद्र भुवारा। कृत युग शिक्षा पलेऊ सारा॥

परशुराम, नाल, नील, सुचेता. रावण, रामाचा शिष्य सब त्रेता.

 

ध्वापर द्रोणाचार्य हुलसा। विश्वकर्मा कुटुंब

मिश्र शिल्प युधिष्ठिर सापडला. विश्वकर्मा चरण चित् ध्यानयु॥

 

 

नाना विधी जुळलेला लेखा. विक्रम पुतली दश्या अलेखा॥

वर्णित अतुलनीय पुण्य सारा। नमो नमो भय तरण हर॥

 

|| दोहा ||

दिव्य प्रकाश दिव्यंश प्रभु, दिव्य ज्ञान प्रकाश.

दिव्य दृष्टी तिहू, कलमहां विश्वकर्मा प्रभास

 

कृपया, पवित्र सुय्यश तुम्हार यास जे काही सांगावे.

होई कृपा उदार ही भावना प्रबल होवो

 

|| अध्याय ||

जे नर प्रेम प्रेम, श्रद्धा, रेडीही निश्चित आहे.

चालीसा चोपईवर विश्वास ठेवा, चिंतन करा

 

भगवान विश्वकर्मा यांना अडथळ्यांपासून दूर करा.

मोक्ष नक्कीच आनंद देईल, आणि त्रास खंडित होईल.

CHALISA IN NEPALI

Nepali and Hindi languages are both written using the same script called ‘Devanagari’ . We recommend you to read the original Hindi version of Chalisa written in Awadhi dialect. 

 

॥ दोहा ॥

विनय करौं कर जोड़कर, मन वचन कर्म संभारि।

मोर मनोरथ पूर्ण कर, विश्वकर्मा दुष्टारि॥

 

॥ चौपाई ॥

विश्वकर्मा तव नाम अनूपा। पावन सुखद मनन अनरूपा॥

सुंदर सुयश भुवन दशचारी। नित प्रति गावत गुण नरनारी॥

 

शारद शेष महेश भवानी। कवि कोविद गुण ग्राहक ज्ञानी॥

आगम निगम पुराण महाना। गुणातीत गुणवंत सयाना॥

 

जग महँ जे परमारथ वादी। धर्म धुरंधर शुभ सनकादि॥

नित नित गुण यश गावत तेरे। धन्य-धन्य विश्वकर्मा मेरे॥

 

आदि सृष्टि महँ तू अविनाशी। मोक्ष धाम तजि आयो सुपासी॥

जग महँ प्रथम लीक शुभ जाकी। भुवन चारि दश कीर्ति कला की॥

 

ब्रह्मचारी आदित्य भयो जब। वेद पारंगत ऋषि भयो तब॥

दर्शन शास्त्र अरु विज्ञ पुराना। कीर्ति कला इतिहास सुजाना॥

 

तुम आदि विश्वकर्मा कहलायो। चौदह विधा भू पर फैलायो॥

लोह काष्ठ अरु ताम्र सुवर्णा। शिला शिल्प जो पंचक वर्णा॥

 

दे शिक्षा दुख दारिद्र नाश्यो। सुख समृद्धि जगमहँ परकाश्यो॥

सनकादिक ऋषि शिष्य तुम्हारे। ब्रह्मादिक जै मुनीश पुकारे॥

 

जगत गुरु इस हेतु भये तुम। तम-अज्ञान-समूह हने तुम॥

दिव्य अलौकिक गुण जाके वर। विघ्न विनाशन भय टारन कर॥

 

 

सृष्टि करन हित नाम तुम्हारा। ब्रह्मा विश्वकर्मा भय धारा॥

विष्णु अलौकिक जगरक्षक सम। शिवकल्याणदायक अति अनुपम॥

 

नमो नमो विश्वकर्मा देवा। सेवत सुलभ मनोरथ देवा॥

देव दनुज किन्नर गन्धर्वा। प्रणवत युगल चरण पर सर्वा॥

 

अविचल भक्ति हृदय बस जाके। चार पदारथ करतल जाके॥

सेवत तोहि भुवन दश चारी। पावन चरण भवोभव कारी॥

 

विश्वकर्मा देवन कर देवा। सेवत सुलभ अलौकिक मेवा॥

लौकिक कीर्ति कला भंडारा। दाता त्रिभुवन यश विस्तारा॥

 

भुवन पुत्र विश्वकर्मा तनुधरि। वेद अथर्वण तत्व मनन करि॥

अथर्ववेद अरु शिल्प शास्त्र का। धनुर्वेद सब कृत्य आपका॥

 

जब जब विपति बड़ी देवन पर। कष्ट हन्यो प्रभु कला सेवन कर॥

विष्णु चक्र अरु ब्रह्म कमण्डल। रूद्र शूल सब रच्यो भूमण्डल॥

 

इन्द्र धनुष अरु धनुष पिनाका। पुष्पक यान अलौकिक चाका॥

वायुयान मय उड़न खटोले। विधुत कला तंत्र सब खोले॥

 

सूर्य चंद्र नवग्रह दिग्पाला। लोक लोकान्तर व्योम पताला॥

अग्नि वायु क्षिति जल अकाशा। आविष्कार सकल परकाशा॥

 

मनु मय त्वष्टा शिल्पी महाना। देवागम मुनि पंथ सुजाना॥

लोक काष्ठ, शिल ताम्र सुकर्मा। स्वर्णकार मय पंचक धर्मा॥

 

शिव दधीचि हरिश्चंद्र भुआरा। कृत युग शिक्षा पालेऊ सारा॥

परशुराम, नल, नील, सुचेता। रावण, राम शिष्य सब त्रेता॥

 

ध्वापर द्रोणाचार्य हुलासा। विश्वकर्मा कुल कीन्ह प्रकाशा॥

मयकृत शिल्प युधिष्ठिर पायेऊ। विश्वकर्मा चरणन चित ध्यायेऊ॥

 

नाना विधि तिलस्मी करि लेखा। विक्रम पुतली दॄश्य अलेखा॥

वर्णातीत अकथ गुण सारा। नमो नमो भय टारन हारा॥

 

॥ दोहा ॥

दिव्य ज्योति दिव्यांश प्रभु, दिव्य ज्ञान प्रकाश।

दिव्य दॄष्टि तिहुँ, कालमहँ विश्वकर्मा प्रभास॥

 

विनय करो करि जोरि, युग पावन सुयश तुम्हार।

धारि हिय भावत रहे, होय कृपा उद्गार॥

 

॥ छंद ॥

जे नर सप्रेम विराग श्रद्धा, सहित पढ़िहहि सुनि है।

विश्वास करि चालीसा चोपाई, मनन करि गुनि है॥

 

भव फंद विघ्नों से उसे, प्रभु विश्वकर्मा दूर कर।

मोक्ष सुख देंगे अवश्य ही, कष्ट विपदा चूर कर॥

CHALISA IN ODIA

|| ଦୋହା ||

ନମ୍ରତା, ମନ ଏବଂ ଶବ୍ଦ ଯୋଗ କରି କାର୍ଯ୍ୟ କରେ |

ବିଶ୍ୱକର୍ମା ଦୁଷ୍ଟ, ତାଙ୍କର ଇଚ୍ଛା ପୂରଣ କଲେ |

 

|| ସୀମା ||

ବିଶ୍ୱକର୍ମା ତାଭା ନାମ ଅନୁପା | ପବିତ୍ର ଖୁସି ଧ୍ୟାନ

ସୁନ୍ଦର ସୁଯାଶ ଭବନ ଦାଶାରୀ | ଆଣ୍ଟି-ଗାଭାଟ ଗୁଣ ପାଇଁ ନାରନାରି |

 

ଶରଦ ଶେଶ ମହେଶ ଭବାନୀ। କଭି କୋଭିଡ୍ ଗୁଣ ଗ୍ରାହକ ଜ୍ଞାନବାନ

ଆଗାମ ନିଗମ ପୁରାଣ ମହାନା | ବହୁଗୁଣିତ ଗୁଣବତ୍ତା ବ ଼ିଲା |

 

ଜଗ ମହା ଜେ ପାରମର୍ଥ ୱାଡି | ଧର୍ମ ଶୁଭ ଅଟେ

ତୁମର ଅନନ୍ତ ଗୁଣ, ଯଶ ଗାଭତ ତେରେ | ଆଶୀର୍ବାଦ-ବିଶ୍ୱକର୍ମା ମେରେ।

 

ଆପଣ ଆରମ୍ଭରେ ଅବିସ୍ମରଣୀୟ | ମୋକ୍ଷ ଧାମ ତାଜୀ ଆୟୋ ସୁପାସୀ |

ଜଗ ମହାନ୍ ଜୀ ମା ଲିକ୍ ଶୁଭ ଜାକି | କିର୍ତ୍ତୀ କଳାର ଭବନ ଚାରି ଦାସ |

 

ବ୍ରହ୍ମଚାରି ଆଦିତ୍ୟ ଭାୟୋ ଯେତେବେଳେ। ବେଦ, ମହାନ ସାଧକ, ତା’ପରେ ଭୟ କର |

ଦାର୍ଶନିକ ଆରୁ ଭିଗିଆନ୍ ପୁରୁଣା | କିର୍ତ୍ତୀ କଳା ଇତିହାସ ସୁସାନା।

 

 

ତୁମକୁ ଆଦି ବିଶ୍ୱକର୍ମା କୁହାଯାଏ | ଭୂମିରେ ଚଉଦ ମୋଡ୍ ବିସ୍ତାର କରନ୍ତୁ |

ଲୋ କାଠ କାଠ ଅରୁ ତମ୍ରା ସୁଭର୍ନା | ପଥର ଶିଳ୍ପ ଯାହାକି ପଞ୍ଚକ ଭର୍ନା |

 

ଶିକ୍ଷା ଦୁ ery ଖ ଦିଅ, ସୁଖ ସମୃଦ୍ଧ ଜଗତ |

ତୁମର ସନ୍କାଡିକ୍ age ଷର ​​ଶିଷ୍ୟ | କସ୍ମିକ୍ ଜୟ ମୁନିଶ ପୁକାରେ।

 

ତୁମେ, ବିଶ୍ୱ ଗୁରୁ, ଏଥିପାଇଁ ଅର୍ଥ ଦେଇଛ | ତୁମେ ଅଜ୍ଞ ଗୋଷ୍ଠୀ |

 ଶ୍ୱରୀୟ ଅଲ  କିକ ଗୁଣ ଜଣାଶୁଣା | ବିଶୃଙ୍ଖଳା ଭୟ ବନ୍ଦ କରନ୍ତୁ |

 

ତୁମର ନାମ ହେଉଛି ଶ୍ରୀଶତି କରଣ | ବ୍ରହ୍ମା ବିଶ୍ୱକର୍ମା ଭୟ ସ୍ରୋତ

ବିଷ୍ଣୁ ଅଲ  କିକ ଜଗଡ୍ରକ୍ଷକ ସାମା | ଶିବକାଲାନକାରାନି ବହୁତ ଅନନ୍ୟ |

 

ନାମୋ ନାମୋ ବିଶ୍ୱକର୍ମା ଦେବ | ସେବା ସୁଲାବ ମନୋରଥ ଦେବ।

ଦେବ ଦାନୁଜ କିନ୍ନର ଗାନ୍ଧର୍ଭା | ପ୍ରଣବତ୍ ଦମ୍ପତି ମଞ୍ଚରେ |

 

ଅମର ଭକ୍ତି ହୃଦୟ ସମାଧାନ ହେବ | ଚାରୋଟି ଭିନ୍ନ ପୋର୍ଟାଲକୁ ଯାଆନ୍ତୁ |

ସେବା ତୋହି ଭୁବନ ଦାସ ଚାରି। ପବିତ୍ରତା ଚରଣ ଭବଭବ କର।

 

ବିଶ୍ୱକର୍ମା ଦେବନ୍ କର ଦେବ। ସେବା ସୁଲାବ ଅଲ  କିକ ବାଦାମ |

କସ୍ମିକ୍ କିର୍ତ୍ତୀ କାଲା ଭଣ୍ଡାରା | ଦାତା ଟ୍ରିବୁଭାନ୍ ଯଶ ଭିଷ୍ଟାରା।

 

 

ଭୁବନ ପୁଅ ବିଶ୍ୱକର୍ମା ତନୁଧାରୀ। ବେଦ ଅଥର୍ବନ ତତ୍ତ୍। ପ .ନ୍ତୁ |

ଅଥର୍ବବେଦ ଆରୁ ଶିଳ୍ପାସ୍ତରର | ତୁମର ସମସ୍ତ କାର୍ଯ୍ୟ ତୀରନ୍ଦାଜ

ଜବ୍ ଜବୀ ମହାନ ଶୟତାନ ଉପରେ ଦୁ  ଖ | କଳା ଖାଇ ହାନୋଇ ପ୍ରଭାସଙ୍କୁ କଷ୍ଟ ଦିଅ |

ବିଷ୍ଣୁ ଚକ୍ର ଆରୁ ବ୍ରହ୍ମା କମଣ୍ଡାଲ। ରୁଦ୍ର ଶୁଲ୍ ସାବ ରାଚି ଭୁମାଣ୍ଡାଲ |

 

ଇନ୍ଦ୍ର ଧନୁଷ ଅରୁ ଧନୁଷ ପିନାକା | ପୁଷ୍ପକ ୟାନ୍ ଅଲ  କିକ ଚାକା।

ଉଡ଼ାଜାହାଜ ସହିତ ଉଡିବା | ସମସ୍ତ ବ  ଦ୍ୟୁତିକ ସିଷ୍ଟମ୍ ଖୋଲ |

 

ସୂର୍ଯ୍ୟ ଚନ୍ଦ୍ର ନବଗ୍ରହ ଡିଗପାଲା | ଲୋକ ଲୋକ ଭ୍ୟୋମ ପାଟଲା।

ଅଗ୍ନି ଭାୟୁ କ୍ଷତି ଜଳ ଆକାଶା | ଉଦ୍ଭାବନ ମୋଟ ।

 

ମନୁ ମାୟା | ଦେବଗାମ ମୁନି ପନ୍ଥ ସୁଜାନା।

ଲୋକ କାଠ, ଶିଲ୍ ତାମ୍ରା ସୁକର୍ମା | ସ୍ୱର୍ଣ୍ଣକର ମେ ପ  ୍ଚକ ଧର୍ମ |

 

ଶିବ ଦାଦଚି ହରିଚନ୍ଦନ ଭୁରା | ସମଗ୍ର ଯୁଗର ଶିକ୍ଷା |

ପରାଶୁରାମା, ନାଲ୍, ନୀଲ୍, ସୁଚେଟା | ରାବଣ, ରାମଙ୍କ ଶିଷ୍ୟ ସାବ ଟ୍ରେଟା |

 

ଧଭପର୍ ଦ୍ରୋଣାଚାର୍ଯ୍ୟ ହୁଲାସା | ବିଶ୍ୱକର୍ମା ପରିବାର

ମିଶ୍ରିତ ଶିଳ୍ପ ଯୁଧିଷ୍ଠିରଙ୍କୁ ପାଇଥାଏ | ବିଶ୍ୱକର୍ମା ଚରଣ ଚିତ ଧୁୟୁ।

 

ନାନା ବିଦ୍ୟା ଅସନ୍ତୁଷ୍ଟ ଆକାଉଣ୍ଟିଂ | ବିକ୍ରମ ପୁଟଲି ଦାଶିଆ ଆଲେଖା।

ଅସନ୍ତୁଷ୍ଟ ଗୁଣ ସାରା | ନମୋ ନାମୋ ଭାୟା ତାରନ ହାରା।

 

||  ଦୋହା ||

 ଶ୍ୱରୀୟ ଆଲୋକ ଦିବ୍ୟ ପ୍ରଭାସ, ଶ୍ୱରୀୟ ଜ୍ଞାନ ଆଲୋକ |

 ଶ୍ୱରୀୟ ଦର୍ଶନ ତିହୁ, କଲମହାନ୍ ବିଶ୍ୱକର୍ମା ପ୍ରଭାସ |

 

ଦୟାକରି ଯାହା ବି ହେଉ, ଯୁଗର ପବିତ୍ର ସୁୟାଷ ତୁମହର |

ଭାବନା ବିସ୍ତାର ହେଉ, ହୋ କ୍ରିପା ଉଦର |

 

|| ପଦଗୁଡ଼ିକ ||

J ପୁରୁଷ ପ୍ରେମ ପ୍ରେମ, ସମ୍ମାନ, ରିଡିହି ସହିତ ନିଶ୍ଚିତ |

ଚଲିସା ଚୋପାଇରେ ବିଶ୍  ାସ କର, ଚିନ୍ତା କର |

 

ପ୍ରଭୁ ବିଶ୍ୱକର୍ମାଙ୍କୁ ତାଙ୍କୁ ବାଧାବିଘ୍ନରୁ ହଟାନ୍ତୁ |

ମୋକ୍ଷ ନିଶ୍ଚିତ ଭାବରେ ସୁଖ ଦେବେ, ଏବଂ ଅସୁବିଧା ଭାଙ୍ଗିଯିବ |

CHALISA IN PUNJABI

||  ਦੋਹਾ ||

ਨਿਮਰਤਾ, ਮਨ ਅਤੇ ਸ਼ਬਦ ਜੋੜ ਕੇ.

ਵਿਸ਼੍ਵਕਰ੍ਮਾ ਵਿਸੂਚਿਤ., ਆਪਣੀ ਇੱਛਾ ਪੂਰੀ ਕਰਦੇ ਹੋਏ

 

 

 

|| ਚੌਪਾਈ ||

 

ਵਿਸ਼ਵਕਰਮਾ ਤਵਾ ਨਾਮ ਅਨੂਪਾ. ਪਵਿੱਤਰ ਧੰਨ ਸਿਮਰਨ

ਸੁੰਦਰ ਸੁਯਸ਼ ਭੁਵਨ ਦਸ਼ਕਰੀ। ਨਰਨਾਰੀ  ਪ੍ਰਤੀ ਐਂਟੀ-ਗਾਵਟ ਗੁਣ

 

ਸ਼ਰਦ ਸ਼ੇਸ਼ ਮਹੇਸ਼ ਭਵਾਨੀ। ਕਵੀ ਕੋਵਿਦ ਗੁਣ ਗਾਹਕ ਗਿਆਨੁ॥

ਅਗਮ ਨਿਗਮ ਪੂਰਨ ਮਹਾਨਾ। ਗੁਣਾ ਗੁਣ ਵਧਿਆ

 

ਜਗ ਮਹਾ ਜੇ ਪਰਮਾਰਥ ਵਾੜੀ। ਧਰਮ ਸ਼ੁਭ ਹੈ

ਤੇਰੇ ਸਦੀਵੀ ਗੁਣ, ਯਸ਼ ਗਾਵਤ ਤੇਰੇ। ਮੁਬਾਰਕ-ਮੁਬਾਰਕ ਵਿਸ਼ਵਕਰਮਾ ਮੇਰੇ॥

 

ਤੁਸੀਂ ਅਰੰਭ ਵਿਚ ਅਵਿਨਾਸ਼ੀ ਹੋ. ਮੋਕਸ਼ ਧਾਮ ਤਾਜੀ ਆਯੋ ਸੁਪਸੀ

ਜਗ ਮਹਾਂ ਜੀ ਮਾਂ ਲੀਕ ਸ਼ੁਭ ਜਾਕੀ ਕੀਰਤੀ ਕਲਾ ਦਾ ਭੁਵਨ ਚਰੀ ਦਾਸ

 

ਬ੍ਰਹਮਾਚਾਰੀ ਆਦਿਤਯ ਭਯੋ ਜਦ। ਵੇਦ, ਮਹਾਨ ਰਿਸ਼ੀ, ਫਿਰ ਡਰ

ਫਿਲਾਸਫੀ ਅਰੂ ਵਿਗਿਆਨ ਪੁਰਾਣਾ. ਕੀਰਤੀ ਕਲਾ ਇਤਿਹਾਸ ਸੁਸਾਨਾ॥

 

ਤੁਹਾਨੂੰ ਆਦਿ ਵਿਸ਼ਵਕਰਮਾ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ. ਜ਼ਮੀਨ ਤੇ ਚੌਦਾਂ theੰਗਾਂ ਫੈਲਾਓ

ਲੋਹ ਲੱਕੜ ਦੀ ਲੱਕੜ ਅਰੂ ਤਮਰਾ ਸੁਵਰਨਾ। ਚਟਾਨ ਦਾ ਸ਼ਿਲਪਕਾਰੀ ਜੋ ਪੰਚਕ ਵਰਣ ਹੈ.

 

 

ਸਿੱਖਿਆ ਨੂੰ ਦੁੱਖ ਦਿਓ, ਖੁਸ਼ਹਾਲੀ ਖੁਸ਼ਹਾਲੀ ਦੀ ਦੁਨੀਆ

ਸੁਨਕਾਦਿਕ ਰਿਸ਼ੀ ਦਾ ਤੁਹਾਡਾ ਚੇਲਾ। ਬ੍ਰਹਿਮੰਡ ਜੈ ਮੁਨੀਸ਼ ਪੁਕਾਰੇ॥

 

ਤੁਸੀਂ, ਵਿਸ਼ਵ ਗੁਰੂ, ਨੇ ਇਸ ਲਈ ਭੁਗਤਾਨ ਕੀਤਾ. ਤੁਸੀਂ ਅਗਿਆਨੀ ਸਮੂਹ ਹੋ.

ਬ੍ਰਹਮ ਅਲੌਕਿਕ ਗੁਣ ਜਾਣਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ. ਪਰੇਸ਼ਾਨੀ ਦੇ ਡਰ ਨੂੰ ਰੋਕੋ.

 

ਤੁਹਾਡਾ ਨਾਮ ਸ੍ਰਿਸਟਤੀ ਕਰਨ ਹੈ. ਬ੍ਰਹਮਾ ਵਿਸ਼ਵਕਰਮਾ ਡਰ ਧਾਰਾ ਧਾਰਾ

ਵਿਸ਼ਨੁ ਅਲੌਕਿਕ ਜਗਤਦਰਕਸ਼ ਸਮ. ਸ਼ਿਵਕਾਲੰਕਰਨੀ ਬਹੁਤ ਵਿਲੱਖਣ ਹੈ

 

ਨਮੋ ਨਮੋ ਵਿਸ਼੍ਵਕਰ੍ਮ ਦੇਵਾ। ਸੇਵਤ ਸੁਲਭ ਮਨੋਰਥ ਦੇਵਾ॥

ਦੇਵ ਦਾਨੁਜ ਕਿੰਨਰ ਗੰਧਾਰਵਾ। ਪ੍ਰਣਵਤ ਜੋੜੀ ਸਟੇਜ ਤੇ

 

ਅਮਰ ਭਗਤ ਹਿਰਦੇ ਵੱਸੇ। ਚਾਰ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਪੋਰਟਲ ‘ਤੇ ਜਾਓ.

ਸੇਵਤ ਤੋਹੀ ਭੁਵਨ ਦਾਸ ਚਰਿ। ਪਵਿੱਤ੍ਰ ਚਰਨ ਭਵੋਭਵ ਕਰਿ॥

 

ਵਿਸ਼ਵਕਰਮਾ ਦੇਵਾਨ ਕਰ ਦੇਵਾ। ਸੇਵਤ ਸੁਲਾਭ ਅਲੌਕਿਕ ਗਿਰੀਦਾਰ

ਬ੍ਰਹਿਮੰਡ ਕੀਰਤੀ ਕਲਾ ਭੰਡਾਰਾ। ਦਾਨੀ ਤ੍ਰਿਭੁਵਨ ਯਸ਼ ਵਿਸਤਾਰਾ॥

 

ਭੁਵਨ ਪੁੱਤਰ ਵਿਸ਼ਵਕਰਮਾ ਤਨੁਧਾਰੀ। ਵੇਦ ਅਥਰਵਾਨ ਤੱਤ ਦਾ ਜਾਪ ਕਰੋ।

ਅਥਰਵਾਵੇਦ ਅਰੂ ਸ਼ਿਲਪਾਸਤਰ ਦਾ. ਤੀਰਅੰਦਾਜ਼ੀ ਆਪਣੇ ਸਾਰੇ ਕੰਮ

 

ਜਬ ਜਬੀ ਮਹਾਨ ਦੀਵਾਨ ਤੇ ਦੁਰਦਸ਼ਾ ਕਰਦਾ ਹੈ। ਕਲਾ ਦਾ ਸੇਵਨ ਕਰਕੇ ਹਨੀਓ ਪ੍ਰਭੂ ਨੂੰ ਦੁਖੀ ਕਰੋ.

ਵਿਸ਼ਨੂੰ ਚੱਕਰ ਅਰੂ ਬ੍ਰਹਮਾ ਕਮੰਡਲ। ਰੁਦ੍ਰ ਸ਼ੂਲ ਸਬ ਰਚਿਓ ਭੂਮੰਡਲ

 

ਇੰਦ੍ਰ ਧਨੁਸ਼ ਅਰੁ ਧਨੁਸ਼ ਪਿਨਾਕਾ। ਪੁਸ਼ਪਕ ਯਾਨ ਅਲੌਕਿਕ ਚਾਕਾ॥

ਉਡਾਣ ਭਰਨ ਵਾਲੇ ਜਹਾਜ਼ਾਂ ਨਾਲ ਉਡਾਣ ਸਾਰੇ ਬਿਜਲੀ ਸਿਸਟਮ ਖੋਲ੍ਹੋ

 

ਸੂਰਯ ਚੰਦਰ ਨਵਗ੍ਰਹ ਦਿਗਪਲਾ। ਲੋਕ ਲੋਕੰਤ ਵਯੋਮ ਪਾਤਲਾ॥

ਅਗਨੀ ਵਾਯੁ ਕਸ਼ਿਟੀ ਜਲ ਆਕਾਸ਼ਾ। ਕਾਜ ਸਕਲ ਪੱਕਾ॥

 

ਮਨੁ ਮਾਇਆ ਤਵਸਥ ਸ਼ਿਲਪੀ ਮਹਾਨਾ। ਦੇਵਗਮ ਮੁਨਿ ਪੰਥ ਸੁਜਾਨਾ॥

ਲੋਕ ਲੱਕੜ, ਸ਼ਿਲ ਤਮਰਾ ਸੁਕਰਮਾ. ਸਵਰਨਕਰ ਮਈ ਪੰਚ ਧਰਮ

 

ਸ਼ਿਵਾ ਦਧੀਚੀ ਹਰੀਸ਼ਚੰਦਰ ਭੂਰਾ। ਕ੍ਰਿਤ ਯੁਗ ਸਿੱਖਿਆ ਪਾਲੇੁ ਸਾਰਾ॥

ਪਰਸ਼ੁਰਾਮਾ, ਨਲ, ਨੀਲ, ਸੁਚੇਤਾ. ਰਾਵਣ, ਰਾਮ ਦਾ ਚੇਲਾ, ਸਬ ਤ੍ਰੇਤਾ।

 

ਧ੍ਵਪਾਰ ਦ੍ਰੋਣਾਚਾਰ੍ਯ ਹੁਲਸਾ। ਵਿਸ਼ਵਕਰਮਾ ਪਰਿਵਾਰ

ਮਿਕਸਡ ਕਰਾਫਟ ਯੁਧਿਸ਼ਠਿਰ ਨੂੰ ਲੱਭਦਾ ਹੈ. ਵਿਸ਼ਵਕਰਮਾ ਚਰਨ ਚਿਤ ਧਿਆਯੁ॥

 

ਨਾਨਾ ਵਿਦਿ ਗ਼ਲਤ ਲੇਖਾ। ਵਿਕਰਮ ਪੁਤਲੀ ਦਸ਼ਯ ਅਲੇਖਾ॥

ਵਰਨੈਤ ਬੇਮਿਸਾਲ ਗੁਣ ਸਾਰਾ. ਨਮੋ ਨਮੋ ਭਇਆ ਤਰਨ ਹਰਾ॥

 

||  ਦੋਹਾ ||

ਬ੍ਰਹਮ ਚਾਨਣ ਦਿਵਯਾਂਸ਼ ਪ੍ਰਭੂ, ਬ੍ਰਹਮ ਗਿਆਨ ਪ੍ਰਕਾਸ਼.

ਬ੍ਰਹਮ ਦਰਸ਼ਨ ਤਿਹੁ, ਕਲਮਹਂ ਵਿਸ਼ਵਕਰਮਾ ਪ੍ਰਭਾਸ

 

ਕ੍ਰਿਪਾ ਕਰਕੇ ਜੋ ਵੀ ਬੇਨਤੀ ਕਰੋ, ਪਵਿੱਤਰ ਸੁਯਸ਼ ਤੁਮ੍ਹਾਰ।

ਭਾਵਨਾ ਪ੍ਰਬਲ ਹੋਵੇ, ਹੋਇ ਕ੍ਰਿਪਾ ਉਦਰ

 

|| ਆਇਤਾਂ ||

ਜੇ ਮਰਦ ਪ੍ਰੇਮ ਪਿਆਰ, ਸਤਿਕਾਰ, ਸਮੇਤ ਰੀਡੀਹਿ ਪੱਕਾ ਹੈ.

ਚਾਲੀਸਾ ਚੋਪਾਈ ਵਿੱਚ ਵਿਸ਼ਵਾਸ਼ ਕਰੋ, ਚਿੰਤਨ ਕਰੋ

 

ਉਸਨੂੰ, ਭਗਵਾਨ ਵਿਸ਼ਵਕਰਮਾ ਨੂੰ ਰੁਕਾਵਟਾਂ ਤੋਂ ਹਟਾਓ.

ਮੋਕਸ਼ ਜ਼ਰੂਰ ਖੁਸ਼ੀਆਂ ਦੇਵੇਗਾ, ਅਤੇ ਪ੍ਰੇਸ਼ਾਨੀ ਟੁੱਟੇਗੀ.

CHALISA IN SANSKRIT

Sanskrit and Hindi languages are both written using the same script called ‘Devanagari’ . We recommend you to read the original Hindi version of Chalisa written in Awadhi dialect. 

 

॥ दोहा ॥

विनय करौं कर जोड़कर, मन वचन कर्म संभारि।

मोर मनोरथ पूर्ण कर, विश्वकर्मा दुष्टारि॥

 

॥ चौपाई ॥

विश्वकर्मा तव नाम अनूपा। पावन सुखद मनन अनरूपा॥

सुंदर सुयश भुवन दशचारी। नित प्रति गावत गुण नरनारी॥

 

शारद शेष महेश भवानी। कवि कोविद गुण ग्राहक ज्ञानी॥

आगम निगम पुराण महाना। गुणातीत गुणवंत सयाना॥

 

जग महँ जे परमारथ वादी। धर्म धुरंधर शुभ सनकादि॥

नित नित गुण यश गावत तेरे। धन्य-धन्य विश्वकर्मा मेरे॥

 

आदि सृष्टि महँ तू अविनाशी। मोक्ष धाम तजि आयो सुपासी॥

जग महँ प्रथम लीक शुभ जाकी। भुवन चारि दश कीर्ति कला की॥

 

ब्रह्मचारी आदित्य भयो जब। वेद पारंगत ऋषि भयो तब॥

दर्शन शास्त्र अरु विज्ञ पुराना। कीर्ति कला इतिहास सुजाना॥

 

तुम आदि विश्वकर्मा कहलायो। चौदह विधा भू पर फैलायो॥

लोह काष्ठ अरु ताम्र सुवर्णा। शिला शिल्प जो पंचक वर्णा॥

 

दे शिक्षा दुख दारिद्र नाश्यो। सुख समृद्धि जगमहँ परकाश्यो॥

सनकादिक ऋषि शिष्य तुम्हारे। ब्रह्मादिक जै मुनीश पुकारे॥

 

जगत गुरु इस हेतु भये तुम। तम-अज्ञान-समूह हने तुम॥

दिव्य अलौकिक गुण जाके वर। विघ्न विनाशन भय टारन कर॥

 

 

सृष्टि करन हित नाम तुम्हारा। ब्रह्मा विश्वकर्मा भय धारा॥

विष्णु अलौकिक जगरक्षक सम। शिवकल्याणदायक अति अनुपम॥

 

नमो नमो विश्वकर्मा देवा। सेवत सुलभ मनोरथ देवा॥

देव दनुज किन्नर गन्धर्वा। प्रणवत युगल चरण पर सर्वा॥

 

अविचल भक्ति हृदय बस जाके। चार पदारथ करतल जाके॥

सेवत तोहि भुवन दश चारी। पावन चरण भवोभव कारी॥

 

विश्वकर्मा देवन कर देवा। सेवत सुलभ अलौकिक मेवा॥

लौकिक कीर्ति कला भंडारा। दाता त्रिभुवन यश विस्तारा॥

 

भुवन पुत्र विश्वकर्मा तनुधरि। वेद अथर्वण तत्व मनन करि॥

अथर्ववेद अरु शिल्प शास्त्र का। धनुर्वेद सब कृत्य आपका॥

 

जब जब विपति बड़ी देवन पर। कष्ट हन्यो प्रभु कला सेवन कर॥

विष्णु चक्र अरु ब्रह्म कमण्डल। रूद्र शूल सब रच्यो भूमण्डल॥

 

इन्द्र धनुष अरु धनुष पिनाका। पुष्पक यान अलौकिक चाका॥

वायुयान मय उड़न खटोले। विधुत कला तंत्र सब खोले॥

 

सूर्य चंद्र नवग्रह दिग्पाला। लोक लोकान्तर व्योम पताला॥

अग्नि वायु क्षिति जल अकाशा। आविष्कार सकल परकाशा॥

 

मनु मय त्वष्टा शिल्पी महाना। देवागम मुनि पंथ सुजाना॥

लोक काष्ठ, शिल ताम्र सुकर्मा। स्वर्णकार मय पंचक धर्मा॥

 

शिव दधीचि हरिश्चंद्र भुआरा। कृत युग शिक्षा पालेऊ सारा॥

परशुराम, नल, नील, सुचेता। रावण, राम शिष्य सब त्रेता॥

 

ध्वापर द्रोणाचार्य हुलासा। विश्वकर्मा कुल कीन्ह प्रकाशा॥

मयकृत शिल्प युधिष्ठिर पायेऊ। विश्वकर्मा चरणन चित ध्यायेऊ॥

 

नाना विधि तिलस्मी करि लेखा। विक्रम पुतली दॄश्य अलेखा॥

वर्णातीत अकथ गुण सारा। नमो नमो भय टारन हारा॥

 

॥ दोहा ॥

दिव्य ज्योति दिव्यांश प्रभु, दिव्य ज्ञान प्रकाश।

दिव्य दॄष्टि तिहुँ, कालमहँ विश्वकर्मा प्रभास॥

 

विनय करो करि जोरि, युग पावन सुयश तुम्हार।

धारि हिय भावत रहे, होय कृपा उद्गार॥

 

॥ छंद ॥

जे नर सप्रेम विराग श्रद्धा, सहित पढ़िहहि सुनि है।

विश्वास करि चालीसा चोपाई, मनन करि गुनि है॥

 

भव फंद विघ्नों से उसे, प्रभु विश्वकर्मा दूर कर।

मोक्ष सुख देंगे अवश्य ही, कष्ट विपदा चूर कर॥

CHALISA IN SANTALI

Santali and Hindi languages are both written using the same script called ‘Devanagari’ . We recommend you to read the original Hindi version of Chalisa written in Awadhi dialect. 

 

॥ दोहा ॥

विनय करौं कर जोड़कर, मन वचन कर्म संभारि।

मोर मनोरथ पूर्ण कर, विश्वकर्मा दुष्टारि॥

 

॥ चौपाई ॥

विश्वकर्मा तव नाम अनूपा। पावन सुखद मनन अनरूपा॥

सुंदर सुयश भुवन दशचारी। नित प्रति गावत गुण नरनारी॥

 

शारद शेष महेश भवानी। कवि कोविद गुण ग्राहक ज्ञानी॥

आगम निगम पुराण महाना। गुणातीत गुणवंत सयाना॥

 

जग महँ जे परमारथ वादी। धर्म धुरंधर शुभ सनकादि॥

नित नित गुण यश गावत तेरे। धन्य-धन्य विश्वकर्मा मेरे॥

 

आदि सृष्टि महँ तू अविनाशी। मोक्ष धाम तजि आयो सुपासी॥

जग महँ प्रथम लीक शुभ जाकी। भुवन चारि दश कीर्ति कला की॥

 

ब्रह्मचारी आदित्य भयो जब। वेद पारंगत ऋषि भयो तब॥

दर्शन शास्त्र अरु विज्ञ पुराना। कीर्ति कला इतिहास सुजाना॥

 

तुम आदि विश्वकर्मा कहलायो। चौदह विधा भू पर फैलायो॥

लोह काष्ठ अरु ताम्र सुवर्णा। शिला शिल्प जो पंचक वर्णा॥

 

दे शिक्षा दुख दारिद्र नाश्यो। सुख समृद्धि जगमहँ परकाश्यो॥

सनकादिक ऋषि शिष्य तुम्हारे। ब्रह्मादिक जै मुनीश पुकारे॥

 

जगत गुरु इस हेतु भये तुम। तम-अज्ञान-समूह हने तुम॥

दिव्य अलौकिक गुण जाके वर। विघ्न विनाशन भय टारन कर॥

 

 

सृष्टि करन हित नाम तुम्हारा। ब्रह्मा विश्वकर्मा भय धारा॥

विष्णु अलौकिक जगरक्षक सम। शिवकल्याणदायक अति अनुपम॥

 

नमो नमो विश्वकर्मा देवा। सेवत सुलभ मनोरथ देवा॥

देव दनुज किन्नर गन्धर्वा। प्रणवत युगल चरण पर सर्वा॥

 

अविचल भक्ति हृदय बस जाके। चार पदारथ करतल जाके॥

सेवत तोहि भुवन दश चारी। पावन चरण भवोभव कारी॥

 

विश्वकर्मा देवन कर देवा। सेवत सुलभ अलौकिक मेवा॥

लौकिक कीर्ति कला भंडारा। दाता त्रिभुवन यश विस्तारा॥

 

भुवन पुत्र विश्वकर्मा तनुधरि। वेद अथर्वण तत्व मनन करि॥

अथर्ववेद अरु शिल्प शास्त्र का। धनुर्वेद सब कृत्य आपका॥

 

जब जब विपति बड़ी देवन पर। कष्ट हन्यो प्रभु कला सेवन कर॥

विष्णु चक्र अरु ब्रह्म कमण्डल। रूद्र शूल सब रच्यो भूमण्डल॥

 

इन्द्र धनुष अरु धनुष पिनाका। पुष्पक यान अलौकिक चाका॥

वायुयान मय उड़न खटोले। विधुत कला तंत्र सब खोले॥

 

सूर्य चंद्र नवग्रह दिग्पाला। लोक लोकान्तर व्योम पताला॥

अग्नि वायु क्षिति जल अकाशा। आविष्कार सकल परकाशा॥

 

मनु मय त्वष्टा शिल्पी महाना। देवागम मुनि पंथ सुजाना॥

लोक काष्ठ, शिल ताम्र सुकर्मा। स्वर्णकार मय पंचक धर्मा॥

 

शिव दधीचि हरिश्चंद्र भुआरा। कृत युग शिक्षा पालेऊ सारा॥

परशुराम, नल, नील, सुचेता। रावण, राम शिष्य सब त्रेता॥

 

ध्वापर द्रोणाचार्य हुलासा। विश्वकर्मा कुल कीन्ह प्रकाशा॥

मयकृत शिल्प युधिष्ठिर पायेऊ। विश्वकर्मा चरणन चित ध्यायेऊ॥

 

नाना विधि तिलस्मी करि लेखा। विक्रम पुतली दॄश्य अलेखा॥

वर्णातीत अकथ गुण सारा। नमो नमो भय टारन हारा॥

 

॥ दोहा ॥

दिव्य ज्योति दिव्यांश प्रभु, दिव्य ज्ञान प्रकाश।

दिव्य दॄष्टि तिहुँ, कालमहँ विश्वकर्मा प्रभास॥

 

विनय करो करि जोरि, युग पावन सुयश तुम्हार।

धारि हिय भावत रहे, होय कृपा उद्गार॥

 

॥ छंद ॥

जे नर सप्रेम विराग श्रद्धा, सहित पढ़िहहि सुनि है।

विश्वास करि चालीसा चोपाई, मनन करि गुनि है॥

 

भव फंद विघ्नों से उसे, प्रभु विश्वकर्मा दूर कर।

मोक्ष सुख देंगे अवश्य ही, कष्ट विपदा चूर कर॥

CHALISA IN SINDHI

Sindhi and Hindi languages are both written using the same script called ‘Devanagari’ . We recommend you to read the original Hindi version of Chalisa written in Awadhi dialect. 

 

॥ दोहा ॥

विनय करौं कर जोड़कर, मन वचन कर्म संभारि।

मोर मनोरथ पूर्ण कर, विश्वकर्मा दुष्टारि॥

 

॥ चौपाई ॥

विश्वकर्मा तव नाम अनूपा। पावन सुखद मनन अनरूपा॥

सुंदर सुयश भुवन दशचारी। नित प्रति गावत गुण नरनारी॥

 

शारद शेष महेश भवानी। कवि कोविद गुण ग्राहक ज्ञानी॥

आगम निगम पुराण महाना। गुणातीत गुणवंत सयाना॥

 

जग महँ जे परमारथ वादी। धर्म धुरंधर शुभ सनकादि॥

नित नित गुण यश गावत तेरे। धन्य-धन्य विश्वकर्मा मेरे॥

 

आदि सृष्टि महँ तू अविनाशी। मोक्ष धाम तजि आयो सुपासी॥

जग महँ प्रथम लीक शुभ जाकी। भुवन चारि दश कीर्ति कला की॥

 

ब्रह्मचारी आदित्य भयो जब। वेद पारंगत ऋषि भयो तब॥

दर्शन शास्त्र अरु विज्ञ पुराना। कीर्ति कला इतिहास सुजाना॥

 

तुम आदि विश्वकर्मा कहलायो। चौदह विधा भू पर फैलायो॥

लोह काष्ठ अरु ताम्र सुवर्णा। शिला शिल्प जो पंचक वर्णा॥

 

दे शिक्षा दुख दारिद्र नाश्यो। सुख समृद्धि जगमहँ परकाश्यो॥

सनकादिक ऋषि शिष्य तुम्हारे। ब्रह्मादिक जै मुनीश पुकारे॥

 

जगत गुरु इस हेतु भये तुम। तम-अज्ञान-समूह हने तुम॥

दिव्य अलौकिक गुण जाके वर। विघ्न विनाशन भय टारन कर॥

 

 

सृष्टि करन हित नाम तुम्हारा। ब्रह्मा विश्वकर्मा भय धारा॥

विष्णु अलौकिक जगरक्षक सम। शिवकल्याणदायक अति अनुपम॥

 

नमो नमो विश्वकर्मा देवा। सेवत सुलभ मनोरथ देवा॥

देव दनुज किन्नर गन्धर्वा। प्रणवत युगल चरण पर सर्वा॥

 

अविचल भक्ति हृदय बस जाके। चार पदारथ करतल जाके॥

सेवत तोहि भुवन दश चारी। पावन चरण भवोभव कारी॥

 

विश्वकर्मा देवन कर देवा। सेवत सुलभ अलौकिक मेवा॥

लौकिक कीर्ति कला भंडारा। दाता त्रिभुवन यश विस्तारा॥

 

भुवन पुत्र विश्वकर्मा तनुधरि। वेद अथर्वण तत्व मनन करि॥

अथर्ववेद अरु शिल्प शास्त्र का। धनुर्वेद सब कृत्य आपका॥

 

जब जब विपति बड़ी देवन पर। कष्ट हन्यो प्रभु कला सेवन कर॥

विष्णु चक्र अरु ब्रह्म कमण्डल। रूद्र शूल सब रच्यो भूमण्डल॥

 

इन्द्र धनुष अरु धनुष पिनाका। पुष्पक यान अलौकिक चाका॥

वायुयान मय उड़न खटोले। विधुत कला तंत्र सब खोले॥

 

सूर्य चंद्र नवग्रह दिग्पाला। लोक लोकान्तर व्योम पताला॥

अग्नि वायु क्षिति जल अकाशा। आविष्कार सकल परकाशा॥

 

मनु मय त्वष्टा शिल्पी महाना। देवागम मुनि पंथ सुजाना॥

लोक काष्ठ, शिल ताम्र सुकर्मा। स्वर्णकार मय पंचक धर्मा॥

 

शिव दधीचि हरिश्चंद्र भुआरा। कृत युग शिक्षा पालेऊ सारा॥

परशुराम, नल, नील, सुचेता। रावण, राम शिष्य सब त्रेता॥

 

ध्वापर द्रोणाचार्य हुलासा। विश्वकर्मा कुल कीन्ह प्रकाशा॥

मयकृत शिल्प युधिष्ठिर पायेऊ। विश्वकर्मा चरणन चित ध्यायेऊ॥

 

नाना विधि तिलस्मी करि लेखा। विक्रम पुतली दॄश्य अलेखा॥

वर्णातीत अकथ गुण सारा। नमो नमो भय टारन हारा॥

 

॥ दोहा ॥

दिव्य ज्योति दिव्यांश प्रभु, दिव्य ज्ञान प्रकाश।

दिव्य दॄष्टि तिहुँ, कालमहँ विश्वकर्मा प्रभास॥

 

विनय करो करि जोरि, युग पावन सुयश तुम्हार।

धारि हिय भावत रहे, होय कृपा उद्गार॥

 

॥ छंद ॥

जे नर सप्रेम विराग श्रद्धा, सहित पढ़िहहि सुनि है।

विश्वास करि चालीसा चोपाई, मनन करि गुनि है॥

 

भव फंद विघ्नों से उसे, प्रभु विश्वकर्मा दूर कर।

मोक्ष सुख देंगे अवश्य ही, कष्ट विपदा चूर कर॥

CHALISA IN TAMIL

|| தோஹா ||

மனத்தாழ்மையைச் சேர்ப்பதன் மூலம், மனமும் சொற்களும் செயல்படுகின்றன.

விஸ்வகர்மா விஷியஸ், தனது விருப்பத்தை நிறைவு செய்கிறார்

 

 

 

|| கட்டு ||

விஸ்வகர்மா தவா பெயர் அனுபா. புனித மகிழ்ச்சியான சிந்தனை

அழகான சுயியாஷ் புவன் தஸ்காரி. நார்னரி नित ஒரு கவாட் எதிர்ப்பு தரத்திற்கு

 

ஷரத் ஷேஷ் மகேஷ் பவானி. காவி கோவிட் வாடிக்கையாளர் அறிவுள்ள குணங்கள்

ஆகம் நிகம் புராண மஹானா. பெருக்கக்கூடிய தரம் வளர்ந்தது

 

ஜக் மஹா ஜே பர்மர்த் வாடி. மதம் புனிதமானது

உமது நித்திய நற்பண்புகள், யஷ் கவத் தேரே. ஆசீர்வதிக்கப்பட்ட-ஆசீர்வதிக்கப்பட்ட விஸ்வகர்மா மேரே

 

நீங்கள் ஆரம்பத்தில் அழியாதவர். மோட்சம் தாம் தாஜி ஆயோ சுபாசி

ஜக் மஹான் ஜி மா லிக் நல்ல ஜாக்கி கீர்த்தி கலையின் புவன் சாரி தாஸ்

 

பிரம்மச்சாரி ஆதித்ய பயோ எப்போது. வேதங்கள், பெரிய முனிவர், பின்னர் பயப்படுகிறார்கள்

தத்துவம் அரு விஜியன் ஓல்ட். கீர்த்தி கலை வரலாறு சூசனா

 

நீங்கள் ஆதி விஸ்வகர்மா என்று அழைக்கப்படுகிறீர்கள். பதினான்கு முறைகளை தரையில் பரப்பவும்

லோ மர மர அரு தம்ரா சுவர்ணா. ராக் கிராஃப்ட் இது பஞ்சக் வர்ணா.

 

கல்வி துன்பத்தை கொடுங்கள், மகிழ்ச்சி செழிப்பு உலகம்

சுங்கடிக் முனிவரின் உங்கள் சீடர். காஸ்மிக் ஜெய் முனிஷ் புகாரே

 

உலக குருவான நீங்கள் இதற்கு பணம் கொடுத்தீர்கள். நீங்கள் அறிவற்ற குழு.

தெய்வீக அமானுஷ்ய குணம் அறியப்படுகிறது. இடையூறு பயத்தை நிறுத்துங்கள்.

 

உங்கள் பெயர் ஸ்ரிஷ்டி கரண். பிரம்மா விஸ்வகர்மா பயம் நீரோடை

விஷ்ணு அமானுஷ்ய ஜகத்ரக்ஷ சாமா. சிவகலங்கரணி மிகவும் தனித்துவமானது

 

நமோ நமோ விஸ்வகர்மா தேவா. சேவத் சுலாப் மனோரத் தேவா

தேவ் தனுஜ் கின்னார் காந்தர்வா. பிரணாவத் ஜோடி மேடையில்

 

அழியாத பக்தி இதயம் தீர்ந்துவிடும். நான்கு வெவ்வேறு போர்ட்டல்களுக்குச் செல்லவும்.

சேவத் தோஹி புவன் தாஸ் சாரி. புனிதம் சரண் பவோபவ் கரி

 

விஸ்வகர்மா தேவன் கார் தேவா. சேவத் சுலாப் சூப்பர்நேச்சுரல் நட்ஸ்

காஸ்மிக் கீர்த்தி கலா பண்டாரா. நன்கொடையாளர் திரிபுவன் யஷ் விஸ்டாரா

புவன் மகன் விஸ்வகர்மா தனுதாரி. வேத அதர்வன் தத்துவத்தை ஓதிக் கொள்ளுங்கள்.

அதர்வவேத அரு ஷில்பஸ்த்ரா. வில்வித்தை உங்கள் அனைத்து வேலைகளும்

 

பெரிய தேவன் மீது ஜப் ஜாபி அவலநிலை. கலையை உட்கொள்வதன் மூலம் ஹன்யோ பிரபுவை அனுபவிக்கவும்.

விஷ்ணு சக்கரம் அரு பிரம்மா கமண்டல். ருத்ரா ஷுல் சப் ராச்சியோ பூமந்தல்

 

இந்திர தனுஷ் அரு தனுஷ் பினகா. புஷ்பக் யான் சூப்பர்நேச்சுரல் சாகா

பறக்கும் விமானத்துடன் பறக்கும். அனைத்து மின் அமைப்புகளையும் திறக்கவும்

 

சூர்யா சந்திர நவகிரக திக்பாலா. லோக் லோகந்த் வயோம் பட்லா

அக்னி வாயு க்ஷிதி நீர் ஆகாஷா. கண்டுபிடிப்பு மொத்த ஊடுருவல்

 

மனு மாயா த்வஷ்டா ஷில்பி மகானா. தேவகம் முனி பந்த் சுஜனா

லோக் வூட், ஷில் தம்ரா சுகர்மா. ஸ்வர்ணகர் மே பஞ்சக் தர்மம்

 

சிவ தாதிச்சி ஹரிச்சந்திர புவாரா. கிருத் யுக சிக்ஷா பலே சாரா

பரசுராமர், நல், நீல், சுசேதா. ராவணன், ராமரின் சீடர், சப் திரேதா.

 

த்வாபர் துரோணாச்சார்யா ஹுலாசா. விஸ்வகர்மா குடும்பம்

கலப்பு கைவினை யுதிஷ்டிராவைக் காண்கிறது. விஸ்வகர்மா சரண் சிட் த்ய்ய்யு

 

நானா விதி பொருந்தாத கணக்கியல். விக்ரம் புட்லி தஷ்யா அலேகா

வர்ணைட் ஒப்பிடமுடியாத நல்லொழுக்கம் சாரா. நமோ நம பயா தரன் ஹரா

 

|| தோஹா ||

தெய்வீக ஒளி திவ்யான்ஷ் பிரபு, தெய்வீக அறிவு ஒளி.

தெய்வீக பார்வை திஹு, கல்மஹான் விஸ்வகர்மா பிரபாஸ்

 

தயவுசெய்து எதை வேண்டுமானாலும் கெஞ்சுங்கள், சகாப்த புனித சுயாஷ் தும்ஹார்.

உணர்வு மேலோங்கட்டும், ஹோய் கிருபா உதர்

 

|| வசனங்கள் ||

ஜே ஆண் காதல் காதல், பயபக்தி, ரெடிஹி உட்பட நிச்சயம்.

சாலிசா சோபாயை நம்புங்கள், சிந்தியுங்கள்

 

அவரை விஸ்கவர்மா, தடைகளிலிருந்து அகற்றுங்கள்.

மோட்சம் நிச்சயமாக மகிழ்ச்சியைத் தரும், மற்றும் சிக்கல்கள் உடைக்கப்படும்.

CHALISA IN TELUGU

|| దోహా ||

వినయాన్ని జోడించడం ద్వారా, మనస్సు మరియు పదాలు పని చేస్తాయి.

విశ్వకర్మ విసియస్, తన కోరికను పూర్తి చేసుకున్నాడు

 

|| బౌండ్ ||

విశ్వకర్మ తవ పేరు అనుప. పవిత్ర సంతోషకరమైన

అందమైన సుయ్యాష్ భువన్ దాస్చారి. నార్నారి anti ప్రతి యాంటీ గావాట్ నాణ్యత

 

శరద్ శేష్ మహేష్ భవానీ. కవి కోవిడ్ కస్టమర్ పరిజ్ఞానం గల గుణాలు

అగం నిగం పురాణ మహాన. గుణించదగిన నాణ్యత పెరిగినది

 

జగ్ మహా జె పర్మార్త్ వాడి. మతం శుభం

నీ శాశ్వతమైన ధర్మాలు, యష్ గవత్ తేరే. బ్లెస్డ్-బ్లెస్డ్ విశ్వకర్మ మేరే

 

మీరు ప్రారంభంలో నాశనం చేయలేనివారు. మోక్షా ధామ్ తాజీ ఆయో సుపాసి

జగ్ మహన్ జీ మా లిక్ శుభ జాకీ కీర్తి కళ యొక్క భువన్ చారి దాస్

 

ఎప్పుడు బ్రహ్మచారి ఆదిత్య భాయో. గొప్ప age షి అయిన వేదాలు అప్పుడు భయపడతాయి

తత్వశాస్త్రం అరు విజ్ఞన్ ఓల్డ్. కీర్తి ఆర్ట్ హిస్టరీ సుసానా

 

మిమ్మల్ని ఆది విశ్వకర్మ అంటారు. భూమిపై పద్నాలుగు మోడ్‌లను విస్తరించండి

లోహ్ కలప కలప అరు తామ్రా సువర్ణ. రాక్ క్రాఫ్ట్ ఇది పంచక్ వర్ణ.

 

విద్య కష్టాలను ఇవ్వండి, ఆనందం శ్రేయస్సు ప్రపంచం

సుంకడిక్ age షి యొక్క మీ శిష్యుడు. కాస్మిక్ జై మునిష్ పుకరే

 

ప్రపంచ గురువు మీరు, దీనికి చెల్లించారు. మీరు అజ్ఞాన సమూహం.

దైవిక అతీంద్రియ గుణం అంటారు. భంగం కలిగించే భయాన్ని ఆపండి.

 

మీ పేరు శ్రద్ధ కరణ్. బ్రహ్మ విశ్వకర్మ భయం ప్రవాహం

విష్ణు అతీంద్రియ జగద్రాక్షస సామ. శివకాలంకరణి చాలా ప్రత్యేకమైనది

 

నమో నామో విశ్వకర్మ దేవా. సేవత్ సులాబ్ మనోరత్ దేవా

దేవ్ దనుజ్ కిన్నార్ గాంధర్వ. ప్రణవత్ జంట వేదికపై

 

అమర భక్తి హృదయం స్థిరపడుతుంది. నాలుగు వేర్వేరు పోర్టల్‌లకు వెళ్లండి.

సేవత్ తోహి భువన్ దాస్ చారి. పవిత్రత చరణ్ భవభవ్ కారి

 

విశ్వకర్మ దేవన్ కర్ దేవా. సేవత్ సులాబ్ అతీంద్రియ గింజలు

కాస్మిక్ కీర్తి కాలా భండారా. దాత త్రిభువన్ యష్ విస్టారా

భువన్ కుమారుడు విశ్వకర్మ తనధారి. వేద అధర్వన్ తత్వా పఠించండి.

అధర్వవేద అరు శిల్పశాస్త్రం. మీ అన్ని పనులను విలువిద్య

 

గొప్ప దేవాన్ మీద జబ్ జబీ దుస్థితి. కళను తినడం ద్వారా హన్యో ప్రభు బాధపడండి.

విష్ణు చక్ర అరు బ్రహ్మ కామండల్. రుద్ర షుల్ సబ్ రాచ్యో భూమండల్

 

ఇంద్ర ధనుష్ అరు ధనుష్ పినాకా. పుష్పక్ యాన్ అతీంద్రియ చకా

ఎగిరే విమానాలతో ఎగురుతూ. అన్ని విద్యుత్ వ్యవస్థలను తెరవండి

 

సూర్య చంద్ర నవగ్రహ దిగ్‌పాల. లోక్ లోకాంత్ వ్యోమ్ పాట్ల॥

అగ్ని వాయు క్షితి నీరు ఆకాషా. ఆవిష్కరణ స్థూల పెర్కోలేషన్

 

మను మాయ త్వష్ట శిల్పి మహాన. దేవగం ముని పంత్ సుజన॥

లోక్ కలప, షిల్ తమ్రా సుకర్మ. స్వర్ణకర్ మే పంచక్ ధర్మం

 

శివ దాదిచి హరిశ్చంద్ర భువారా. కృత్ యుగ శిక్షా పాలేయు సారా

పరశురామ, నల్, నీల్, సుచేత. రావణుడు, రాముడి శిష్యుడు, సబ్ త్రేతా.

 

ధ్వాపర్ ద్రోణాచార్య హులాసా. విశ్వకర్మ కుటుంబం

మిశ్రమ హస్తకళ యుధిష్ఠిరాను కనుగొంటుంది. విశ్వకర్మ చరణ్ చిట్ ధ్యాయు॥

 

నానా విధి సరిపోలని అకౌంటింగ్. విక్రమ్ పుట్లి దాశ్యా అలెఖా

వర్ణైట్ సరిపోలని ధర్మం సారా. నమో నమో భయ తరణ హరా

 

|| దోహా ||

దైవ కాంతి దివ్యన్ష్ ప్రభు, దైవ జ్ఞాన కాంతి.

దైవ దృష్టి తిహు, కల్మహన్ విశ్వకర్మ ప్రభాస్

 

దయచేసి ఏమైనా విజ్ఞప్తి చేయండి, యుగం పవిత్ర సుయాష్ తుమ్హార్.

సెంటిమెంట్ ప్రబలంగా ఉండండి, హోయ్ కృపా ఉదర్

 

|| వ వచనాలు ||

జె మగ ప్రేమ ప్రేమ, భక్తి, రెడిహితో సహా.

చలిసా చోపాయ్ మీద నమ్మకం, ఆలోచించండి

 

విశ్వకర్మ ప్రభువును అడ్డంకుల నుండి తొలగించండి.

మోక్షం ఖచ్చితంగా ఆనందాన్ని ఇస్తుంది, మరియు ఇబ్బంది విరిగిపోతుంది.

CHALISA IN URDU

|| دوحہ۔ ||

عاجزی ، دماغ اور الفاظ کو شامل کرنے سے۔

وشوکرما شیطان ، اپنی خواہش کو مکمل کرتے ہوئے

 

|| پابند ||

وشوکرما تاوا نام انوپا۔ حضور مبارک مراقبہ

خوبصورت سویاش بھوون دسچاری۔ نارنری۔ فی اینٹی گیواٹ کوالٹی

 

شرد شیش مہیش بھوانی۔ کاوی کوڈ خصوصیات کسٹمر جانکاری۔

اگم نگم پوران مہانا۔ ضرب معیار کے بڑے ہوئے

 

جگ مہا جے پرمرتھ وڈی۔ دین اچھ .ا ہے

تیری ابدی خوبیاں ، یش گوت تیرے۔ بابرکت مبارک وشکرما میرے۔

 

آپ ابتدا میں ہی ناقابل تقسیم ہیں۔ موکھا دھام تاجی آیو سوپسی

جگ مہاں جی ما لیکق اچھ jی ذکی کیروتی فن کا بھوان چری داس

 

برہماچاری ادتیہ بھایو جب۔ وید ، عظیم بابا ، پھر خوف

فلسفہ ارو ویگن اولڈ۔ کیرتی فن تاریخ سوسانہ۔

 

آپ کو ادی وشوکرما کہا جاتا ہے۔ زمین پر چودہ انداز پھیلائیں

لوہ لکڑی کی لکڑی ارو تمرا سوورنہ۔ راک دستکاری جو پنچک ورنا ہے۔

 

تعلیم کو تکلیف دیں ، خوشحالی خوشحالی کی دنیا

سنکاڈک بابا کا آپ کا شاگرد۔ کائناتی جئے منیش پوکارے۔

 

آپ ، عالمی گرو ، نے اس کی قیمت ادا کی۔ تم جاہل گروہ ہو۔

الہی الوکک کیفیت معلوم ہے۔ پریشانی کے خوف کو روکیں۔

 

آپ کا نام سریشتی کرن ہے۔ برہما وشوکرما خوف کی ندی

وشنو مافوق الفطرت جگدرکشک سما۔ شیوکلانکرانی بہت انوکھا ہے

 

نمو نمو وشوکارما دیوانہ۔ سبت سلیب منوراتھ دیوا۔

دیو دنوج کنوار گندھاروا۔ پرناوت جوڑے کے اسٹیج پر

 

لازوال عقیدت مند دل کو آباد کیا جائے۔ چار مختلف پورٹلز پر جائیں۔

سیوت توہی بھون داس چاری۔ تقدیس چرن بھوبوب کری۔

 

وشوکرما دیوان کر دیو۔ سبت سلیب الوکک گری دار میوے

برہمانڈیی کیرتی کالا بھنڈارا۔ ڈونر تریبھوون یش وسارا۔

 

بھون ولد وشوکارما تنودھری۔ وید اطہرون تتوا کی تلاوت کریں۔

اطہر وید ارو ارو شلپسترا کی۔ تیر اندازی اپنے تمام کام…

 

جبی جبی بڑے دیوان پر حالت زار۔ ہنئو پربھو کو فن کا استعمال کرتے ہوئے برداشت کرنا۔

وشنو چکڑ ارو برہما کمندل۔ رودرہ شول سب روچیو بھومندل

 

اندرا دھنوش ارو دھنوش پنکا۔ پشپک ین مافوق الفطرت چاکا۔

اڑن طیارے کے ساتھ پرواز بجلی کے سارے نظام کھولیں

 

 

سوریہ چندر نواگرا ڈیگپالا۔ لوک لوکانٹ ووم پٹلا۔

اگنی وایو کشیٹی پانی آکاشہ۔ ایجاد مجموعی ٹکراؤ۔

 

منو مایا توشاٹھ شلپی مہانا۔ دیوگم منی پنت سوجانہ۔

لوک لکڑی ، شیل تمرا سوکرما۔ سوارنکار مے پنک دھرم

 

شیو ددھیچی ہریشچندر بھوارا۔ کرت یوگہ تعلیم پالو سارہ۔

پرشورما ، نیل ، نیل ، سوچیٹا۔ راون ، رام کا شاگرد سب تریٹا۔

 

دھواپڑ ڈروناچاریہ ہلسا۔ وشکارما کنبہ

مخلوط دستکاری نے یودھیشیر کو ڈھونڈ لیا۔ وشوکرما چرن چت ڈھھیyuو۔

 

نانا ودھی مماثل اکاؤنٹنگ۔ وکرم پٹلی دشیہ علیکھا۔

ورنایت بے مثال فضیلت سارہ۔ نمو نامو بھیا ترن ہرہ॥

 

|| دوحہ۔ ||

الہی روشنی نوریانش پربھو ، الہی نور روشنی۔

الہی وژن تیہو ، کلمہن وشوکرما پربھاس

 

براہ کرم جو بھی دعوی کریں ، عہد مقدس سویاش تمہار۔

جذبات غالب رہے ، ہوئی کرپا اُدر

 

|| آیات ||

جے مرد محبت محبت ، عقیدت ، بشمول ریڈی ہی یقینی ہے۔

چلیسا چوپائی پر یقین کریں ، غور کریں

 

اسے بھگوان وشوکرما رکاوٹوں سے دور کریں۔

موکشا ضرور خوشی دے گا ، اور پریشانی ٹوٹ جائے گی۔

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