GOPALA JI CHALISA IN ALL LANGUAGES

CHALISA IN ASSAMESE

॥দোহা॥

শ্ৰীৰাধাপদকমলৰাজা,

হেডধাৰীযমুনাশীতল।

 

ভাৰানোচলিচাসৰস,

সকালসুমংগলমূল |

 

॥চৌপাই॥

জয়জয়ফিলিংব্ৰহ্মাবিহাৰী।

দুষ্টদালানলীলাআৱতাৰীদ্বিতীয়

 

যিকোনোতোমহাৰীলীলাগৱাই।

বিনশ্ৰামসকালপদৰথপাভি|

 

শ্ৰীবাচদেৱদেৱকীমাতা।

স্পষ্টভয়ৰসৈতেহালধৰভীতা।

 

মথুৰা, ভগৱানগোকুলআহিছিল।

ানন্দভৱনলৈঅভিনন্দন।

 

যিটোবিষহ’বলৈআহিছিল।

গতিকেমুকলিদাইধামপাথই||

 

তৃণমূলদানৱ।

পাগ-এম্পসক্তসুৰমাৰাউদ্বিতীয়

 

খেলখেলতমাটিখাব।

সকলোজগডিঅ’ মুখতদেখাগ’ল।

 

গোপীনহাউচহোমমাখনখাও।

জাসুমটিবালকেলিসুখপায়ো|

 

উখালবোৰএটাবিশেষঅঙ্গ।

যমলাৰ্জুনমূলযোনিউদ্ধাৰ।

 

বেককৰাঅসুৰৰচকা।

দুৰ্ধৰ্ষআঘাসুৰডিঅচাহাৰী॥

 

ব্ৰহ্মাইশিশুটোৰভাতচুৰিকৰিছিল।

মোহনমোহনৰআগ্ৰহলৈআহিছিল।

 

বালভাতসকলোমুৰাৰীহৈপৰিছিল।

ব্ৰহ্মাবিনয়কাৰীতেতিয়াগধুৰ।

 

কালীনাগনাথীভগৱানা।

অৰণ্যৰজুইপাবলৈ।

 

সুখৰখেলৰসৈতেচাবান।

শ্ৰীদামাবিশেষকান্ধঅফাৰ।

 

ৰিপহৰণেতৰকাৰীশিকাইছিল।

গিৰভাৰলিওনখতউঠাইছিল।

 

দৰেশযগ্য, ডিন।

ৰাধাপ্ৰেমসুধাসুখলিনহোচ॥

 

নন্ধীনবৰুণেলোকসকলকআনিছিল।

গ্ৱালানকএটাবিশেষলোকদেখুৱাওক।

 

শৰদচন্দ্ৰলাখীবেণুবাজিছিল।

আটাইতকৈমনোৰমডিনহঁৰসৰচয়ী।

 

ড্ৰেগনটোউদ্ধাৰকৰককিন্তুমঞ্চ।

শঙ্কচুডটোপনিবলৈ।

 

তেওঁএজনআৰিষ্টসুৰঅৰুকেশী।

ভাওমাসুৰমেৰিওট্ৰিকভেক্সি।

 

বিচলিতভৰজটিজিমথুৰালৈআহিছিল।

মাৰিকংসাযদুবংশবাচে।

 

দেউতাকৰমাককৰিডিমকৰাহৈছিল।

সণ্ডিমণিগৃহবিদ্যাপাই॥

 

পুনিপাথৌব্ৰজউধাউজ্ঞানী।

প্ৰেমচাওক, সকালভূলানী॥

 

কিছুমানকবৰিধুনীয়ামহিলা।

হৰিলিৰুক্মিনীসুকুমাৰী॥

 

ভূমি-উৰ্ধভক্তসকলকউদ্ধাৰকৰাহৈছিল।

সুৰণজীতিসুৰাটাৰুমাহি।

 

দাঁতৰপৰাকেঁচুৱাপাল।

খাগহরিণএনটিআৰঅ’ অধিকঋণ।

 

দীনসুদামাধনপতি।

পাৰ্থৰথসাৰ্থীযশলিনহো|

 

গিতাজ্ঞানৰপৰাক্ষতিগ্ৰষ্ট।

অৰ্জুনমহপুৰৱানহাজাৰ।

 

কলভকতাবিদুৰঘৰপয়ো।

যুদ্ধমহাভাৰতৰচভায়ো||

 

ধাউচুটাচিৰিদিয়ক।

পৰীক্ষাকৰাগৰ্ভটোসংৰক্ষণকৰক।

 

কচ্ছমহভাৰাহআইশা।

বাণকালকিবুদ্ধিমুনিশা|

 

তেওঁএজননিসিনসিনপ্ৰহলাদ।

ৰামৰূপধিৰাৱণমৰিও॥

 

জয়মধুকেটোইডদানৱহানাইয়া।

অম্বৰীডৰলিংচক্ৰধাৰাইয়া॥

 

আজমিলৰআগ্ৰহএকেই।

শবৰীঅৰুগণিকাচিনাৰী॥

 

গৰুড়গজফাণ্ডনিকান্দেন।

দেহুদাৰেশধ্ৰুৱনয়নন্দন|

 

দেহুবিশুদ্ধসান্তাকৰকৰহ’ব।

বাগইপ্ৰেমভক্তিৰসৱিল|

 

দেহুঐশ্বৰিকবৃন্দাবনবাস।

হেৰুৱাহৰিণতৃষ্ণাজগআশা|

 

তুমিধ্যানকৰিআছো, শিৱনাৰড।

শুকসংকাদিকব্ৰাজবিশাৰদ॥

 

জয়জয়ৰামধৰনাকৃপালা।

এক্সপ্ৰপ্ৰিচনগ্ৰছক্ৰিছইমৰম।

 

বিনবিনবিহানৰোগযথেষ্টপৰিমাণেভোগে।

জোসুমাৰণজগপতিগিৰধাৰী॥

 

যিসকলেসঁচাবাৰচালিচাপঢ়ে।

দেহিগ্ৰছবাওঁফলগ্লাচ।

 

॥ছান্দ॥

গোপালচালিচাপঢ়ক,নামটোহৈছেমন।

 

গতিকেঐশ্বৰিকশৰীৰহৈছেপৃথিৱীৰশেষ,

গোলোকধামসিদ্ধাই॥

 

বিশ্বসুখসম্পত্তিমুঠ,

ভক্তসকলযিসকলসূৰ্য॥

 

‘জয়ৰামদেৱ’ সদায়শুইথাকে,

গুৰুদেৱদাইয়াছেছ।

 

॥দোহা॥

প্ৰনাতপালআশৰণশৰণ,

সহানুভূতি-সিন্ধুবৰ্জেশ।

 

চালিছাৰসৈতেমহি,

গ্ৰহণকৰাপ্ৰনেশ॥

CHALISA IN BENGALI

॥দোহা॥

মিঃরাধাপদকমলরাজ,

মাথাযমুনাশীতল।

 

ভার্নোচালিশাসরস,

স্থূলসুমঙ্গলমূল।

 

॥বাউন্ড॥

জয়জয়পুরানব্রহ্মবিহারী।

দুষ্টদালানলীলাঅবতারি॥

 

যেআপনাকেনেতৃত্বদেয়

অর্থব্যতীতমোটশ্রম

 

শ্রীবাসুদেবদেবকীরমা।

হালদারভাইয়েরসাথেপ্রকাশ্যভাই

 

ভগবানগোকুলএসেছিলেনমথুরায়।

বাজেটনন্দভবনেরাখুন

 

যেবিষটিজানাগেল।

তাইমুক্তিদাইধামপাঠাই

 

নিশাচরঅসুরসানহার্যো।

সক্তসুরমরিयोবাড়ানোরপদক্ষেপ।

 

গেমেরখেলায়মাটিগর্তকরুন।

সারাপৃথিবীমুখেইদেখাগেল।

 

গোপিনgরmaরমাখনখাও।

জসুমতিবালকালীসুখপাওো।

 

নিজেরঅঙ্গপ্রত্যাহারকরেনিল।

যমালারজুনরুটযোনিক্লিনস।

 

বাকাআসারীরচাঁচি।

ভিক্টআঘাসুরদিয়োসানহরি।

 

ব্রহ্মাছেলেরভ্যাটচুরিকরলেন।

মোহনমোনেরআগ্রহপেয়েগেল।

 

বালভ্যাটসসবাইমুরারিহয়েগেল।

ব্রহ্মবিনয়করীততভারী

 

কালীনাগানাথীভগবান।

কিভাবেবনপেতে

 

গেমটিনিয়েসুখপান

শ্রীদামনিজকান্ধেরঅফার।

 

কীভাবেছিঁড়তেহয়তাশিখিয়েছি।

গিড়োয়ারলিওপেরেকেরউপরেউঠল

 

স্ত্রীকেডার্নযজ্ঞদেওয়াহয়।

রাধাপ্রেমসুধাসুখলীনহোওম

 

নূধীনবরুণলোককেনিয়েএসেছিল।

গওয়ালানকেতারনিজেরলোকদেখান।

 

শারদচন্দ্রলক্ষীঅভিনয়করেছেনভেনু।

চরমসুখ

 

পিটুচরণদিয়েঅজগরথেকেমুক্তিপান।

শাঁখেরখোলকেবোকাবানাও।

 

হানেআরিশ্তাসুরআরুকেশি।

ব্যোমাসুরামারিওচিটভাসি।

 

বিরক্তব্রজএসেছিলমথুরায়।

মারিকংসইয়াদুবংশবাসে

 

উদ্ধারকরেছেনমায়েরবাবাকে।

সন্দীপনিগৃহবিধিপাই

 

পুনিপাঠায়ুব্রজউদোজ্ঞানী

প্রেমদেখিসুধিসকালভুলানি।

 

কিছুসুন্দরমহিলা।

হরিলায়রুক্মিনীসুকুমারী।

 

ভোমসুরহানিভক্তরামুক্তিপান।

সুরানজিতিসাত্রুমাহিআনিল।

 

দান্তবাকরশিশুপালসানহরে।

খাগাহরিণহরিণআরুবাধিকউদরে

 

দীনসুদামাধনপতিকেenনো।

পরথরথসারথ্যাশলীনহো।

 

গীতাজ্ঞানএবংউপদেশহারিয়েছে।

অর্জুনমোহমিটাওয়ানহেরেগেছেন

 

কলাভক্তবিদুরবাড়ি।

যুদ্ধমহাভারতরচভায়ো।

 

দ্রুপদসুতাকেচিপুন।

গর্ভাবস্থাপরীক্ষাসংরক্ষণকরুন

 

কচ্ছমছভড়হঅহিশা।

বাওয়ানকলকিবুদ্ধিমুনিশা।

 

হওয়াইনরসিংহপ্রহ্লাদউবারিও।

রামরূপধরিরাবণমারিও

 

জয়মধুকতাভমনস্টারহানাইয়া।

উম্বরিয়াপ্রিয়চক্রধরায়।

 

ধন্যআজমিলদীনতরী

শাবরীআরুগণিকাসিনারি৪

 

গরুড়াসনগাজাতহবিলনিকন্দন।

দেহুদর্শধ্রুবনয়নন্দন।

 

সন্তানধারণেরপরেশরীরবিশুদ্ধহবে।

বাধাইপ্রেমভক্তিরসরাগা।

 

দেহুদিব্যবৃন্দাবনবাসা।

ছোটমৃগতৃষ্ণজগআশা।

 

তুমিধ্যানকর, শিবনারদ।

শুকসনাকদিকব্রাহ্মণবিশারাদ॥

 

জয়জয়রাধারমণকৃপাল।

হারানস্থূলসংকটবিভ্রান্তওয়েব

 

বিনসাইনমারাত্মকরোগভারী।

জোসুমরেজগপতিগিদারী

 

যেস্যাটবারপড়ে

দেহটিস্থূলভাবেঅপরিশোধিতফলেরগ্লাস।

 

ঘআয়াত॥

গোপালচালিশাপড়াশোনা,

নামচিত্তলাভাই

 

সুতরাংশেষশরীরশ্বরিক,

গোলোকধামসিদ্ধভাই

 

বিশ্বসুখসম্পত্তিস্থূল,

ভক্তযারাখুবগুরুত্বপূর্ণ

 

 

‘জয়রামদেব’ সর্বদাঘুমায়,

গুরুদেবঠিকবলেছেন

 

॥দোহা।

প্রণতপালআশ্রানশরণ,

করুণা-সিন্ধুব্রজেশ।

 

চালিনীসহমোহিনী,

অপানাভুপ্রাণেশ

CHALISA IN BODO

Bodo and Hindi languages are both written using the same script called ‘Devanagari’ . We recommend you to read the original Hindi version of Chalisa written in Awadhi dialect. 

।। दोहा ।।
श्री राधापद कमल रज, सिर धरि यमुना कूल।
वरणो चालीसा सरस, सकल सुमंगल मूल।।

।। चौपाई ।।
जय जय पूरण ब्रह्म बिहारी, दुष्ट दलन लीला अवतारी।
जो कोई तुम्हरी लीला गावै, बिन श्रम सकल पदारथ पावै।

श्री वसुदेव देवकी माता, प्रकट भये संग हलधर भ्राता।
मथुरा सों प्रभु गोकुल आये, नन्द भवन मे बजत बधाये।

जो विष देन पूतना आई, सो मुक्ति दै धाम पठाई।
तृणावर्त राक्षस संहारयौ, पग बढ़ाय सकटासुर मार्यौ।

खेल खेल में माटी खाई, मुख मे सब जग दियो दिखाई।
गोपिन घर घर माखन खायो, जसुमति बाल केलि सुख पायो।

ऊखल सों निज अंग बँधाई, यमलार्जुन जड़ योनि छुड़ाई।
बका असुर की चोंच विदारी, विकट अघासुर दियो सँहारी।

ब्रह्मा बालक वत्स चुराये, मोहन को मोहन हित आये।
बाल वत्स सब बने मुरारी, ब्रह्मा विनय करी तब भारी।

काली नाग नाथि भगवाना, दावानल को कीन्हों पाना।
सखन संग खेलत सुख पायो, श्रीदामा निज कन्ध चढ़ायो।

चीर हरन करि सीख सिखाई, नख पर गिरवर लियो उठाई।
दरश यज्ञ पत्निन को दीन्हों, राधा प्रेम सुधा सुख लीन्हों।

नन्दहिं वरुण लोक सों लाये, ग्वालन को निज लोक दिखाये।
शरद चन्द्र लखि वेणु बजाई, अति सुख दीन्हों रास रचाई।

अजगर सों पितु चरण छुड़ायो, शंखचूड़ को मूड़ गिरायो।
हने अरिष्टा सुर अरु केशी, व्योमासुर मार्यो छल वेषी।

व्याकुल ब्रज तजि मथुरा आये, मारि कंस यदुवंश बसाये।
मात पिता की बन्दि छुड़ाई, सान्दीपन गृह विघा पाई।

पुनि पठयौ ब्रज ऊधौ ज्ञानी, पे्रम देखि सुधि सकल भुलानी।
कीन्हीं कुबरी सुन्दर नारी, हरि लाये रुक्मिणि सुकुमारी।

भौमासुर हनि भक्त छुड़ाये, सुरन जीति सुरतरु महि लाये।
दन्तवक्र शिशुपाल संहारे, खग मृग नृग अरु बधिक उधारे।
दीन सुदामा धनपति कीन्हों, पाराि रथ सारथि यश लीन्हों।

गीता ज्ञान सिखावन हारे, अर्जुन मोह मिटावन हारे।
केला भक्त बिदुर घर पायो, युद्ध महाभारत रचवायो।

द्रुपद सुता को चीर बढ़ायो, गर्भ परीक्षित जरत बचायो।
कच्छ मच्छ वाराह अहीशा, बावन कल्की बुद्धि मुनीशा।

ह्वै नृसिंह प्रह्लाद उबार्यो, राम रुप धरि रावण मार्यो।
जय मधु कैटभ दैत्य हनैया, अम्बरीय प्रिय चक्र धरैया।

ब्याध अजामिल दीन्हें तारी, शबरी अरु गणिका सी नारी।
गरुड़ासन गज फन्द निकन्दन, देहु दरश धु्रव नयनानन्दन।

देहु शुद्ध सन्तन कर सग्ड़ा, बाढ़ै प्रेम भक्ति रस रग्ड़ा।
देहु दिव्य वृन्दावन बासा, छूटै मृग तृष्णा जग आशा।
तुम्हरो ध्यान धरत शिव नारद, शुक सनकादिक ब्रह्म विशारद।

जय जय राधारमण कृपाला, हरण सकल संकट भ्रम जाला।
बिनसैं बिघन रोग दुःख भारी, जो सुमरैं जगपति गिरधारी।
जो सत बार पढ़ै चालीसा, देहि सकल बाँछित फल शीशा।

।। छन्द।।
गोपाल चालीसा पढ़ै नित, नेम सों चित्त लावई।
सो दिव्य तन धरि अन्त महँ, गोलोक धाम सिधावई।।

संसार सुख सम्पत्ति सकल, जो भक्तजन सन महँ चहैं।
ट्टजयरामदेव’ सदैव सो, गुरुदेव दाया सों लहैं।।

।। दोहा ।।
प्रणत पाल अशरण शरण, करुणा—सिन्धु ब्रजेश।
चालीसा के संग मोहि, अपनावहु प्राणेश।।

CHALISA IN DOGRI

Dogri and Hindi languages are both written using the same script called ‘Devanagari’ . We recommend you to read the original Hindi version of Chalisa written in Awadhi dialect. 

।। दोहा ।।
श्री राधापद कमल रज, सिर धरि यमुना कूल।
वरणो चालीसा सरस, सकल सुमंगल मूल।।

।। चौपाई ।।
जय जय पूरण ब्रह्म बिहारी, दुष्ट दलन लीला अवतारी।
जो कोई तुम्हरी लीला गावै, बिन श्रम सकल पदारथ पावै।

श्री वसुदेव देवकी माता, प्रकट भये संग हलधर भ्राता।
मथुरा सों प्रभु गोकुल आये, नन्द भवन मे बजत बधाये।

जो विष देन पूतना आई, सो मुक्ति दै धाम पठाई।
तृणावर्त राक्षस संहारयौ, पग बढ़ाय सकटासुर मार्यौ।

खेल खेल में माटी खाई, मुख मे सब जग दियो दिखाई।
गोपिन घर घर माखन खायो, जसुमति बाल केलि सुख पायो।

ऊखल सों निज अंग बँधाई, यमलार्जुन जड़ योनि छुड़ाई।
बका असुर की चोंच विदारी, विकट अघासुर दियो सँहारी।

ब्रह्मा बालक वत्स चुराये, मोहन को मोहन हित आये।
बाल वत्स सब बने मुरारी, ब्रह्मा विनय करी तब भारी।

काली नाग नाथि भगवाना, दावानल को कीन्हों पाना।
सखन संग खेलत सुख पायो, श्रीदामा निज कन्ध चढ़ायो।

चीर हरन करि सीख सिखाई, नख पर गिरवर लियो उठाई।
दरश यज्ञ पत्निन को दीन्हों, राधा प्रेम सुधा सुख लीन्हों।

नन्दहिं वरुण लोक सों लाये, ग्वालन को निज लोक दिखाये।
शरद चन्द्र लखि वेणु बजाई, अति सुख दीन्हों रास रचाई।

अजगर सों पितु चरण छुड़ायो, शंखचूड़ को मूड़ गिरायो।
हने अरिष्टा सुर अरु केशी, व्योमासुर मार्यो छल वेषी।

व्याकुल ब्रज तजि मथुरा आये, मारि कंस यदुवंश बसाये।
मात पिता की बन्दि छुड़ाई, सान्दीपन गृह विघा पाई।

पुनि पठयौ ब्रज ऊधौ ज्ञानी, पे्रम देखि सुधि सकल भुलानी।
कीन्हीं कुबरी सुन्दर नारी, हरि लाये रुक्मिणि सुकुमारी।

भौमासुर हनि भक्त छुड़ाये, सुरन जीति सुरतरु महि लाये।
दन्तवक्र शिशुपाल संहारे, खग मृग नृग अरु बधिक उधारे।
दीन सुदामा धनपति कीन्हों, पाराि रथ सारथि यश लीन्हों।

गीता ज्ञान सिखावन हारे, अर्जुन मोह मिटावन हारे।
केला भक्त बिदुर घर पायो, युद्ध महाभारत रचवायो।

द्रुपद सुता को चीर बढ़ायो, गर्भ परीक्षित जरत बचायो।
कच्छ मच्छ वाराह अहीशा, बावन कल्की बुद्धि मुनीशा।

ह्वै नृसिंह प्रह्लाद उबार्यो, राम रुप धरि रावण मार्यो।
जय मधु कैटभ दैत्य हनैया, अम्बरीय प्रिय चक्र धरैया।

ब्याध अजामिल दीन्हें तारी, शबरी अरु गणिका सी नारी।
गरुड़ासन गज फन्द निकन्दन, देहु दरश धु्रव नयनानन्दन।

देहु शुद्ध सन्तन कर सग्ड़ा, बाढ़ै प्रेम भक्ति रस रग्ड़ा।
देहु दिव्य वृन्दावन बासा, छूटै मृग तृष्णा जग आशा।
तुम्हरो ध्यान धरत शिव नारद, शुक सनकादिक ब्रह्म विशारद।

जय जय राधारमण कृपाला, हरण सकल संकट भ्रम जाला।
बिनसैं बिघन रोग दुःख भारी, जो सुमरैं जगपति गिरधारी।
जो सत बार पढ़ै चालीसा, देहि सकल बाँछित फल शीशा।

।। छन्द।।
गोपाल चालीसा पढ़ै नित, नेम सों चित्त लावई।
सो दिव्य तन धरि अन्त महँ, गोलोक धाम सिधावई।।

संसार सुख सम्पत्ति सकल, जो भक्तजन सन महँ चहैं।
ट्टजयरामदेव’ सदैव सो, गुरुदेव दाया सों लहैं।।

।। दोहा ।।
प्रणत पाल अशरण शरण, करुणा—सिन्धु ब्रजेश।
चालीसा के संग मोहि, अपनावहु प्राणेश।।

CHALISA IN ENGLISH

॥ Doha ॥

Shri Radhapada Kamala Raja,Shri Yamuna Kula।

Varano Chalisa Sarasa,Sakala Sumangala Mula॥

 

॥ Chaupai ॥

Jai Jai Purana Brahma Bihari।Dushta Dalana Lila Avatari॥

Jo Koi Tumhari Lila Gave।Bina Shrama Sakala Padaratha Pave॥

 

Shri Vasudeva Devaki Mata।Prakata Bhaye Sanga Haladhara Bhrata ॥

Mathura Son Prabhu Gokula Aye।Nanda Bhavana Mein Bajata Badhaye॥

 

Jo Visha Dena Putana Ayi।So Mukti Dai Dhama Pathai॥

Trinavarta Rakshasa Samharyau।Paga Badhaya Sakatasura Maryau॥

 

Khela Khela Mein Mati Khai।Mukha Mein Saba Jaga Diyo Dikhai॥

Gopina Ghara Ghara Makhana Khayo।Jasumati Bala Keli Sukha Payo॥

 

Ukhala Son Nija Anga Bandhai।Yamalarjuna Jada Yoni Chhudai॥

Baka Asura Ki Choncha Vidari।Vikata Aghasura Diyo Sanhari॥

 

Brahma Balaka Vatsa Churaye।Mohana Ko Mohana Hita Aye॥

Bala Vatsa Saba Bane Murari।Brahma Vinaya Kari Taba Bhari॥

 

Kali Naga Nathi Bhagawana।Davanala Ko Kinhon Pana॥

Sakhana Sanga Khelata Sukha Payo।Shridama Nija Kandha Chadhayo॥

 

Chira Harana Kari Sikha Sikhayi।Nakha Para Giravara Liyo Uthayi॥

Darasha Yajna Patnina Ko Dinhon।Radha Prema Sudha Sukha Linhon॥

 

Nandahin Varuna Loka So Laye।Gwalana Ko Nija Loka Dikhaye॥

Sharada Chandra Lakhi Venu Bajayi।Ati Sukha Dinhon Rasa Rachayi॥

 

Ajagara So Pitu Charana Chudayo।Shankhachuda Ko Muda Girayo॥

Hane Arishta Sura Aru Keshi।Vyomasura Maryo Chala Veshi॥

 

Vyakula Braja Taji Mathura Aye।Mari Kansa Yaduvansha Basaye॥

Mata Pita Ki Bandi Chudayi।Sandipana Griha Vigha Payi॥

 

Puni Pathayau Braja Udhau Gyani।Prema Dekhi Sudhi Sakala Bhulani॥

Kinhin Kubari Sundara Nari।Hari Laye Rukmini Sukumari॥

 

Bhaumasura Hani Bhakta Chhudaye।Surana Jiti Surataru Mahi Laye॥

Dantavakra Shishupala Sanhare।Khaga Mriga Nriga Aru Badhika Udhare॥

 

Dina Sudama Dhanapati Kinhon।Paratha Ratha Sarathi Yasha Linhon॥

Gita Gyana Sikhavana Hare।Arjuna Moha Mitawana Hare॥

 

Kela Bhakta Bidura Ghara Payo।Yuddha Mahabharata Rachavayo॥

Drupada Suta Ko Chira Badhayo।Garbha Parikshita Jarata Bachayo॥

 

Kachchha Machchha Varaha Ahisha।Bavana Kalki Buddhi Munisha॥

Hwai Nrisimha Prahlada Ubaryo।Rama Rupa Dhari Ravana Maryo॥

 

Jai Madhu Kaitabha Daitya Hanaiya।Ambariya Priya Chakra Dharaiya॥

Byadha Ajamila Dinhen Tari।Shabri Aru Ganika Si Nari॥

 

Garudasana Gaja Phanda Nikandana।Dehu Darasha Dhruva Nayananandana॥

Dehu Shuddha Santana Kara Sanga।Badhai Prema Bhakti Rasa Ranga॥

 

Dehu Divya Vrindavana Basa।Chhute Mriga Trishna Jaga Asha॥

Tumharo Dhyana Dharata Shiva Narada।Shuka Sanakadika Brahmana Visharada॥

 

Jai Jai Radharamana Kripala।Harana Sakala Sankata Bhrama Jala॥

Binasain Bighana Roga Duhkha Bhari।Jo Sumare Jagapati Giradhari॥

 

Jo Sata Bara Padhai Chalisa।Dehi Sakala Banchhita Phala Shisha॥

॥ Chhanda ॥

Gopala Chalisa Padhai Nita,Nema Son Chitta Lavai।

So Divya Tana Dhari Anta Mahana,Goloka Dhama Sidhavai॥

 

Sansara Sukha Sampatti Sakala,Jo Bhaktajana Sana Mahan Chahain।

‘Jayaramadeva’ Sadaiva So,Gurudeva Daya Son Lahain॥

 

॥ Doha ॥

Pranata Pala Asharana Sharana,Karuna-Sindhu Brajesha।

Chalisa Ke Sanga Mohi,Apanavahu Pranesha॥

CHALISA IN GUJRATI

॥દોહા॥

શ્રીરાધાપદકમલરાજ,

વડાયમુનાકૂલ.

 

વર્નોચાલીસાસારસ,

કુલસુમંગલમૂળ॥

 

 

॥બાઉન્ડ॥

જયજયપુરાણબ્રહ્માબિહારી.

દુષ્ટદલાનલીલાઅવતારી॥

 

જેતમનેદોરીજાયછે

પૈસાવિનાકુલમજૂરી

 

શ્રીવાસુદેવદેવકીનામાતા.

પ્રગટભાઈસાથેહલાધરભાઈ

 

ભગવાનગોકુલમથુરાઆવ્યાહતા.

નંદાભવનમાંબજેટમૂકો

 

જેઝેરનેખબરપડી.

તોમુક્તિદઇધામપાથાય

 

નિશાચરરાક્ષસસંહર્યોou।

સકતાસુરમરિયોવધારવાનાપગલાં॥

 

રમતરમતમાટીખાડો.

આખીદુનિયામોtheામાંજોવામળીહતી.

 

ગોપીનઘરmaરમકાનખાઓ.

જસુમતીબાલકાલીસુખપાયો॥

 

પોતાનુંઅંગઉધારલીધું.

યમલાર્જુનરુટયોનિશુદ્ધ॥

 

બકાઅસારીનીચાંચ.

વિકટઆહસુરદિયોસંહારી॥

 

બ્રહ્માએછોકરાનીવટચોરીકરી.

મોહનનેમોહનનોરસમળ્યો.

 

બાલવત્સબધામુરારીબનીગયા.

બ્રહ્માવિનયકરીતોભારે

 

કાલીનાગાનાથિભગવાન.

જંગલકેવીરીતેમેળવવું

 

રમતસાથેખુશીમેળવો

શ્રીદામાનિજકંઠઆપેછે॥

 

ફાડીકેવીરીતેકરવીતેશીખવ્યું.

ગીરવરલીઓખીલીઉપરઉભાથયા

 

પત્નીનેડાર્નયજ્offered અર્પણકરવામાંઆવેછે.

રાધાપ્રેમસુધાસુખલીનહોઓમ

 

નંદિનવરુણલોકલાવ્યા.

ગ્વાલનનેતેનીપોતાનીલોકબતાવો.

 

શરદચંદ્રલાઠીએવેણુભજવ્યું.

ભારેસુખ

 

પિતુચરણથીઅજગરમાંથીછૂટકારોમેળવો.

શંખશેલનેમૂર્ખબનાવો.

 

હન્નેઅરિષ્ટસુરઅરુકેશી।

વ્યોમસુરમરિયોચીટવેશી॥

 

વ્યગ્રબ્રજમથુરાઆવ્યા.

મારીકંસાયદુવંશબસે

 

માતાનાપિતાનેબચાવ્યો.

સંદિપણીગૃહવિધિપાઠ

 

પુનિપથયુબ્રજઉધોજ્aniાની.

પ્રેમદેખિસુખસકલભૂલાની॥

 

કેટલીકસુંદરસ્ત્રી.

હરિલાયારુકમણીસુકુમારી॥

 

 

ભોમાસુરહનીભક્તોનેમુક્તિમળેછે.

સુરણજીતીસતરુમહીલાવ્યો.

 

દંતાવક્રશિશુપાલસંહારે।

ખાગાહરણહરણઅરુબાધિકઉધારે

 

દીનસુદામાધનપતિકીનો.

પરાથરથસરથ્યાશલીનહો॥

 

ગીતાએજ્ાનઅનેઉપદેશોગુમાવ્યા.

અર્જુનમોહમિતાવનહાર્યો

 

કેળાભક્તબિદુરઘેર.

યુદ્ધમહાભારતરચવાયો॥

 

દ્રુપદસુત્તાનેફાડીનાખો.

ગર્ભાવસ્થાપરિક્ષણસાચવો

 

કચ્છમચ્છવરહઆહિષા.

બાવનકલ્કીબુદ્ધિમુનિષા॥

 

હ્વેનરસિંહપ્રહલાદઉબારીયો.

રામરૂપધારીરાવણમારિયો

 

 

જયમધુકતાભમોન્સ્ટરહનૈયા.

ઉંબ્રિયાપ્રિયચક્રધાર્યા॥

 

ધન્યછેઅજમિલદિનતારી

શબરીઅરુગણિકાસીનારી॥

 

ગરુદાસનગાજાફંડનિકંદન.

દેહુદર્ષધ્રુવનયનંદન॥

 

સંતાનથયાપછીશરીરશુદ્ધરહેશે.

બધાયપ્રેમભક્તિરસરાગા॥

 

દેહુદિવ્યવૃંદાવનબસા।

છોટામૃગત્રિશ્નાજગઆશા॥

 

શિવનારદા, તમેધ્યાનકરો.

શુક ​​સનકાદિકબ્રહ્મવિશારદ॥

 

જયજયરાધારમણકૃપલા.

હરણસ્થિરસંકટમૂંઝવણવેબ

 

બિન્સૈનભયંકરરોગભારેછે.

જઈસુમરેજગપતિગિરધારી

 

જેણેસત્બારવાંચ્યો

શરીરએકદમઅશુદ્ધફળનાકાચછે.

 

॥શ્લોક॥

ગોપાલચાલીસાઅભ્યાસકરેછે,

નામછેચિત્તલાવાઈ

 

તેથીછેલ્લુંશરીરદિવ્યછે,

ગોલોકધામસિધ્વૈ

 

વિશ્વસુખસંપત્તિકુલ,

જેભક્તોખૂબજમહત્વપૂર્ણછે

 

‘જયરામદેવ’ હંમેશાંસૂઈરહેછે,

ગુરુદેવસાચાછે

 

॥દોહા॥

પ્રણતપાલઆશ્રનશરણ,

કરુણા-સિંધુબ્રજેશ.

 

ચાલીસાસાથેમોહિની,

અપનાવુપ્રાણેશ

CHALISA IN HINDI

।। दोहा ।।
श्री राधापद कमल रज, सिर धरि यमुना कूल।
वरणो चालीसा सरस, सकल सुमंगल मूल।।

।। चौपाई ।।
जय जय पूरण ब्रह्म बिहारी, दुष्ट दलन लीला अवतारी।
जो कोई तुम्हरी लीला गावै, बिन श्रम सकल पदारथ पावै।

श्री वसुदेव देवकी माता, प्रकट भये संग हलधर भ्राता।
मथुरा सों प्रभु गोकुल आये, नन्द भवन मे बजत बधाये।

जो विष देन पूतना आई, सो मुक्ति दै धाम पठाई।
तृणावर्त राक्षस संहारयौ, पग बढ़ाय सकटासुर मार्यौ।

खेल खेल में माटी खाई, मुख मे सब जग दियो दिखाई।
गोपिन घर घर माखन खायो, जसुमति बाल केलि सुख पायो।

ऊखल सों निज अंग बँधाई, यमलार्जुन जड़ योनि छुड़ाई।
बका असुर की चोंच विदारी, विकट अघासुर दियो सँहारी।

ब्रह्मा बालक वत्स चुराये, मोहन को मोहन हित आये।
बाल वत्स सब बने मुरारी, ब्रह्मा विनय करी तब भारी।

काली नाग नाथि भगवाना, दावानल को कीन्हों पाना।
सखन संग खेलत सुख पायो, श्रीदामा निज कन्ध चढ़ायो।

चीर हरन करि सीख सिखाई, नख पर गिरवर लियो उठाई।
दरश यज्ञ पत्निन को दीन्हों, राधा प्रेम सुधा सुख लीन्हों।

नन्दहिं वरुण लोक सों लाये, ग्वालन को निज लोक दिखाये।
शरद चन्द्र लखि वेणु बजाई, अति सुख दीन्हों रास रचाई।

अजगर सों पितु चरण छुड़ायो, शंखचूड़ को मूड़ गिरायो।
हने अरिष्टा सुर अरु केशी, व्योमासुर मार्यो छल वेषी।

व्याकुल ब्रज तजि मथुरा आये, मारि कंस यदुवंश बसाये।
मात पिता की बन्दि छुड़ाई, सान्दीपन गृह विघा पाई।

पुनि पठयौ ब्रज ऊधौ ज्ञानी, पे्रम देखि सुधि सकल भुलानी।
कीन्हीं कुबरी सुन्दर नारी, हरि लाये रुक्मिणि सुकुमारी।

भौमासुर हनि भक्त छुड़ाये, सुरन जीति सुरतरु महि लाये।
दन्तवक्र शिशुपाल संहारे, खग मृग नृग अरु बधिक उधारे।
दीन सुदामा धनपति कीन्हों, पाराि रथ सारथि यश लीन्हों।

गीता ज्ञान सिखावन हारे, अर्जुन मोह मिटावन हारे।
केला भक्त बिदुर घर पायो, युद्ध महाभारत रचवायो।

द्रुपद सुता को चीर बढ़ायो, गर्भ परीक्षित जरत बचायो।
कच्छ मच्छ वाराह अहीशा, बावन कल्की बुद्धि मुनीशा।

ह्वै नृसिंह प्रह्लाद उबार्यो, राम रुप धरि रावण मार्यो।
जय मधु कैटभ दैत्य हनैया, अम्बरीय प्रिय चक्र धरैया।

ब्याध अजामिल दीन्हें तारी, शबरी अरु गणिका सी नारी।
गरुड़ासन गज फन्द निकन्दन, देहु दरश धु्रव नयनानन्दन।

देहु शुद्ध सन्तन कर सग्ड़ा, बाढ़ै प्रेम भक्ति रस रग्ड़ा।
देहु दिव्य वृन्दावन बासा, छूटै मृग तृष्णा जग आशा।
तुम्हरो ध्यान धरत शिव नारद, शुक सनकादिक ब्रह्म विशारद।

जय जय राधारमण कृपाला, हरण सकल संकट भ्रम जाला।
बिनसैं बिघन रोग दुःख भारी, जो सुमरैं जगपति गिरधारी।
जो सत बार पढ़ै चालीसा, देहि सकल बाँछित फल शीशा।

।। छन्द।।
गोपाल चालीसा पढ़ै नित, नेम सों चित्त लावई।
सो दिव्य तन धरि अन्त महँ, गोलोक धाम सिधावई।।

संसार सुख सम्पत्ति सकल, जो भक्तजन सन महँ चहैं।
ट्टजयरामदेव’ सदैव सो, गुरुदेव दाया सों लहैं।।

।। दोहा ।।
प्रणत पाल अशरण शरण, करुणा—सिन्धु ब्रजेश।
चालीसा के संग मोहि, अपनावहु प्राणेश।।

CHALISA IN KANNADA

॥ದೋಹಾ॥

ಶ್ರೀರಾಧಾಪಾದ್ಕಮಲ್ರಾಜ್,

ಹೆಡ್ಯಮುನಾಕೂಲ್.

 

ವರ್ನೊಚಾಲಿಸಾಸರಸ್,

ಒಟ್ಟುಸುಮಾಂಗಲ್ಮೂಲ

 

॥ಬೌಂಡ್॥

ಜೈಜೈಪುರಾಣಬ್ರಹ್ಮಬಿಹಾರಿ.

ವಿಕೆಡ್ದಲನ್ಲೀಲಾಅವತಾರಿ॥

 

ಯಾರುನಿಮ್ಮನ್ನುಮುನ್ನಡೆಸುತ್ತಾರೆ

ಹಣವಿಲ್ಲದೆಒಟ್ಟುಶ್ರಮ

 

ಶ್ರೀವಾಸುದೇವ್ದೇವಕಿಯತಾಯಿ.

ಮ್ಯಾನಿಫೆಸ್ಟ್ಸಹೋದರನೊಂದಿಗೆಹಲಾಧರ್ಸಹೋದರ

 

ಭಗವಾನ್ಗೋಕುಲ್ಮಥುರಾಕ್ಕೆಬಂದನು.

ನಂದಭವನದಲ್ಲಿಬಜೆಟ್ಹಾಕಿ

 

ತಿಳಿದವಿಷ.

ಆದ್ದರಿಂದಮುಕ್ತಿಡೈಧಮ್ಪಾಥೈ

 

ರಾತ್ರಿಯರಾಕ್ಷಸಸಂಹರ್ಯೌ.

ಸಕ್ತಾಸೂರ್ಮರಿಯೊವನ್ನುಹೆಚ್ಚಿಸುವಕ್ರಮಗಳು

 

ಆಟದಆಟದಲ್ಲಿಮಣ್ಣನ್ನುಹಾಕಿ.

ಪ್ರಪಂಚವೆಲ್ಲಬಾಯಿಯಲ್ಲಿಕಾಣಿಸಿಕೊಂಡಿತು.

 

ಗೋಪಿನ್ಘರ್ಘರ್ಮಾಖಾನ್ಖಾವೊ.

ಜಸುಮತಿಬಾಲ್ಕಾಳಿಸುಖ್ಪಯೋ

 

ಸ್ವಂತಅಂಗವನ್ನುಎರವಲುಪಡೆದರು.

ಯಮಲಾರ್ಜುನ್ರೂಟ್ಯೋನಿಸ್ವಚ್ansಗೊಳಿಸುತ್ತದೆ

 

ಬಾಕಾಆಸರಿಯಕೊಕ್ಕು.

ವಿಕ್ಟ್ಅಗಾಸೂರ್ಡಿಯೋಸಂಹಾರಿ

 

ಬ್ರಹ್ಮಹುಡುಗನವ್ಯಾಟ್ಕದ್ದ.

ಮೋಹನ್ಮೋಹನ್ಅವರಆಸಕ್ತಿಯನ್ನುಪಡೆದರು.

 

ಬಾಲ್ವ್ಯಾಟ್ಸ್ಎಲ್ಲರೂಮುರಾರಿಆದರು.

ಆಗಭಾರವಾದಬ್ರಹ್ಮವಿನಯ್ಕರಿ

 

ಕಾಳಿನಾಗನಾಥಿಭಗವಾಣ.

ಅರಣ್ಯವನ್ನುಹೇಗೆಪಡೆಯುವುದು

 

ಆಟದೊಂದಿಗೆಸಂತೋಷವನ್ನುಪಡೆಯಿರಿ

ಶ್ರೀದಮಾನಿಜ್ಕಂಧ್

 

ಕೀಳಲುಹೇಗೆಂದುಕಲಿಸಲಾಗಿದೆ.

ಗಿರ್ವಾರ್ಲಿಯೋಉಗುರಿನಮೇಲೆಬೆಳೆದ

 

ಡಾರ್ನ್ಯಜ್ಞವನ್ನುಹೆಂಡತಿಗೆಅರ್ಪಿಸಲಾಗುತ್ತದೆ.

ರಾಧಾಪ್ರೇಮ್ಸುಧಾಸುಖ್ಲೀನ್ಹೋಓಂ

 

ನಂದಿನ್ವರುಣ್ಲೋಕಾಸ್ಅವರನ್ನುಕರೆತಂದರು.

ಗ್ವಾಲನ್ಅವರಸ್ವಂತಜಾನಪದವನ್ನುತೋರಿಸಿ.

 

ಶರದ್ಚಂದ್ರಲಖಿವೇಣನಪಾತ್ರದಲ್ಲಿಅಭಿನಯಿಸಿದ್ದಾರೆ.

ವಿಪರೀತಸಂತೋಷ

 

ಪಿಟುಚರಣ್ಅವರೊಂದಿಗೆಹೆಬ್ಬಾವುತೊಡೆದುಹಾಕಲು.

ಶಂಖಚಿಪ್ಪನ್ನುಮೂರ್ಖರನ್ನಾಗಿಮಾಡಿ.

 

 

ಹನ್ನೆಅರಿಷ್ಟಸುರ್ಅರುಕೇಶಿ.

ವ್ಯೋಮಸುರಮಾರಿಯೋಚೀಟ್ವೆಶಿ

 

ತೊಂದರೆಗೀಡಾದಬ್ರಜ್ಮಥುರಾಕ್ಕೆಬಂದನು.

ಮಾರಿಕನ್ಸಯದುವಾನ್ಶ್ಬಾಸೆ

 

ತಾಯಿಯತಂದೆಯನ್ನುರಕ್ಷಿಸಲಾಗಿದೆ.

ಸಂದೀಪನಿಗ್ರಿಹಾವಿಧಿಪೈ

 

ಪುಣಿಪಾಠಾಯುಬ್ರಜ್ಉದೋಗಯಾನಿ.

ಪ್ರೇಮ್ದೇಖಿಸುಧಿಸಕಲ್ಭುಲಾನಿ

 

ಕೆಲವುಸುಂದರಮಹಿಳೆ.

ಹರಿಲಯಾರುಕ್ಮಿಣಿಸುಕುಮಾರಿ

 

ಭೋಮಸೂರ್ಹನಿಭಕ್ತರುತೊಡೆದುಹಾಕುತ್ತಾರೆ.

ಸೂರನ್ಜಿತಿಸಾರ್ತ್ರುಮಹಿಯನ್ನುಕರೆತಂದರು.

 

ದಂತವಕ್ರಶಿಶುಪಾಲಸಂಹರೆ.

ಖಗಾಜಿಂಕೆಜಿಂಕೆಅರುಬಾಧಿಕ್ಉದಾರೆ

 

ದೀನ್ಸುಡಮಾಧನಪತಿಕೀನ್ಹೋ.

ಪರಾಥಾರಾಥ್ಶಾರತ್ಯಾಶ್ಲೀನ್ಹೋ

 

 

ಗೀತೆಜ್ಞಾನಮತ್ತುಬೋಧನೆಗಳನ್ನುಕಳೆದುಕೊಂಡಿತು.

ಅರ್ಜುನ್ಮೋಹ್ಮಿತ್ತವಾನ್ಸೋತವನು

 

ಬಾಳೆಭಕ್ತಬೀದೂರ್ಮನೆ.

ಯುದ್ಧಮಹಾಭಾರತರಾಚ್ವಾಯೋ

 

ದ್ರುಪದಸೂತವನ್ನುರಿಪ್ಮಾಡಿ.

ಗರ್ಭಧಾರಣೆಯಪರೀಕ್ಷೆಯನ್ನುಉಳಿಸಿ

 

ಕಚ್ಮಚ್ವರಾಅಹಿಶಾ.

ಬವನ್ಕಲ್ಕಿಬುದ್ಧಿಮುನಿಶಾ

 

ಹವಾಯಿನರಸಿಂಗ್ಪ್ರಹ್ಲಾದ್ಉಬರಿಯೊ.

ರಾಮ್ರುಪ್ಧಾರಿರಾವಣಮಾರಿಯೋ

 

ಜೈಮಧುಕ್ಯಾಟಾಬ್ಮಾನ್ಸ್ಟರ್ಹನೈಯಾ.

ಉಂಬ್ರಿಯಾಪ್ರಿಯಚಕ್ರಧರಾಯ

 

ಪೂಜ್ಯಅಜಮಿಲ್ದಿನ್ತಾರಿ

ಶಬಾರಿಅರುಗಣಿಕಾಸಿನಾರಿ॥

 

ಗರುಡಾಸನ್ಗಜಾಫಂಡ್ನಿಕಂದನ್.

ದೇಹುದರ್ಶ್ಧ್ರುವ್ನಾಯನಂದನ್

 

 

ಮಕ್ಕಳನ್ನುಪಡೆದನಂತರದೇಹವುಶುದ್ಧವಾಗಿರುತ್ತದೆ.

ಬಾದೈಪ್ರೇಮ್ಭಕ್ತಿರಾಸ್ರಗ್ಗ

 

ದೇಹುದಿವ್ಯಾವೃಂದಾವನಬಾಸ.

Ota ೋಟಾಮ್ರಿಗ್ತ್ರಿಷ್ಣಜಗ್ಆಶಾ

 

ಶಿವನಾರದ, ನೀವುಧ್ಯಾನಿಸಲಿ.

ಶುಕ್ಸನಕಾಡಿಕ್ಬ್ರಹ್ಮನ್ವಿಶಾರದ್॥

 

ಜೈಜೈರಾಧರಮನ್ಕೃಪಾಲ.

ಹರಾನ್ಒಟ್ಟುಬಿಕ್ಕಟ್ಟುಗೊಂದಲವೆಬ್

 

ಬಿನ್ಸೈನ್ಭೀಕರಕಾಯಿಲೆಭಾರವಾಗಿರುತ್ತದೆ.

ಜೋಸುಮ್ರೇಜಗಪತಿಗಿರ್ಧಾರಿ

 

ಸ್ಯಾಟ್ಬಾರ್ಓದುವವನು

ದೇಹವುಹೆಚ್ಚುಸಂಸ್ಕರಿಸದಹಣ್ಣಿನಗಾಜು.

 

॥ನೇಶ್ಲೋಕ॥

ಗೋಪಾಲ್ಚಾಲಿಸಾಅಧ್ಯಯನಗಳು,

ಹೆಸರುಚಿತ್ತಲವಾಯಿ

 

ಆದ್ದರಿಂದಕೊನೆಯದೇಹವುದೈವಿಕವಾಗಿದೆ,

ಗೊಲೊಕ್ಧಮ್ಸಿಧ್ವೈ

 

ವಿಶ್ವಸಂತೋಷದಆಸ್ತಿಒಟ್ಟು,

ಬಹಳಮುಖ್ಯವಾದಭಕ್ತರು

 

‘ಜಯರಾಮ್‌ದೇವ್’ ಯಾವಾಗಲೂಮಲಗುತ್ತಾನೆ,

ಗುರುದೇವ್ಸರಿ

 

॥ದೋಹಾ॥

ಪ್ರಣತ್ಪಾಲ್ಅಶ್ರನ್ಶರಣ್,

ಕರುಣಾ-ಸಿಂಧುಬ್ರಜೇಶ್.

 

ಚಾಲೀಸಾಅವರೊಂದಿಗೆಮೋಹಿನಿ,

ಅಪನಾವುಪ್ರಾನೇಶ್

CHALISA IN KASHMIRI

Kashmiri and Hindi languages are both written using the same script called ‘Devanagari’ . We recommend you to read the original Hindi version of Chalisa written in Awadhi dialect. 

।। दोहा ।।
श्री राधापद कमल रज, सिर धरि यमुना कूल।
वरणो चालीसा सरस, सकल सुमंगल मूल।।

।। चौपाई ।।
जय जय पूरण ब्रह्म बिहारी, दुष्ट दलन लीला अवतारी।
जो कोई तुम्हरी लीला गावै, बिन श्रम सकल पदारथ पावै।

श्री वसुदेव देवकी माता, प्रकट भये संग हलधर भ्राता।
मथुरा सों प्रभु गोकुल आये, नन्द भवन मे बजत बधाये।

जो विष देन पूतना आई, सो मुक्ति दै धाम पठाई।
तृणावर्त राक्षस संहारयौ, पग बढ़ाय सकटासुर मार्यौ।

खेल खेल में माटी खाई, मुख मे सब जग दियो दिखाई।
गोपिन घर घर माखन खायो, जसुमति बाल केलि सुख पायो।

ऊखल सों निज अंग बँधाई, यमलार्जुन जड़ योनि छुड़ाई।
बका असुर की चोंच विदारी, विकट अघासुर दियो सँहारी।

ब्रह्मा बालक वत्स चुराये, मोहन को मोहन हित आये।
बाल वत्स सब बने मुरारी, ब्रह्मा विनय करी तब भारी।

काली नाग नाथि भगवाना, दावानल को कीन्हों पाना।
सखन संग खेलत सुख पायो, श्रीदामा निज कन्ध चढ़ायो।

चीर हरन करि सीख सिखाई, नख पर गिरवर लियो उठाई।
दरश यज्ञ पत्निन को दीन्हों, राधा प्रेम सुधा सुख लीन्हों।

नन्दहिं वरुण लोक सों लाये, ग्वालन को निज लोक दिखाये।
शरद चन्द्र लखि वेणु बजाई, अति सुख दीन्हों रास रचाई।

अजगर सों पितु चरण छुड़ायो, शंखचूड़ को मूड़ गिरायो।
हने अरिष्टा सुर अरु केशी, व्योमासुर मार्यो छल वेषी।

व्याकुल ब्रज तजि मथुरा आये, मारि कंस यदुवंश बसाये।
मात पिता की बन्दि छुड़ाई, सान्दीपन गृह विघा पाई।

पुनि पठयौ ब्रज ऊधौ ज्ञानी, पे्रम देखि सुधि सकल भुलानी।
कीन्हीं कुबरी सुन्दर नारी, हरि लाये रुक्मिणि सुकुमारी।

भौमासुर हनि भक्त छुड़ाये, सुरन जीति सुरतरु महि लाये।
दन्तवक्र शिशुपाल संहारे, खग मृग नृग अरु बधिक उधारे।
दीन सुदामा धनपति कीन्हों, पाराि रथ सारथि यश लीन्हों।

गीता ज्ञान सिखावन हारे, अर्जुन मोह मिटावन हारे।
केला भक्त बिदुर घर पायो, युद्ध महाभारत रचवायो।

द्रुपद सुता को चीर बढ़ायो, गर्भ परीक्षित जरत बचायो।
कच्छ मच्छ वाराह अहीशा, बावन कल्की बुद्धि मुनीशा।

ह्वै नृसिंह प्रह्लाद उबार्यो, राम रुप धरि रावण मार्यो।
जय मधु कैटभ दैत्य हनैया, अम्बरीय प्रिय चक्र धरैया।

ब्याध अजामिल दीन्हें तारी, शबरी अरु गणिका सी नारी।
गरुड़ासन गज फन्द निकन्दन, देहु दरश धु्रव नयनानन्दन।

देहु शुद्ध सन्तन कर सग्ड़ा, बाढ़ै प्रेम भक्ति रस रग्ड़ा।
देहु दिव्य वृन्दावन बासा, छूटै मृग तृष्णा जग आशा।
तुम्हरो ध्यान धरत शिव नारद, शुक सनकादिक ब्रह्म विशारद।

जय जय राधारमण कृपाला, हरण सकल संकट भ्रम जाला।
बिनसैं बिघन रोग दुःख भारी, जो सुमरैं जगपति गिरधारी।
जो सत बार पढ़ै चालीसा, देहि सकल बाँछित फल शीशा।

।। छन्द।।
गोपाल चालीसा पढ़ै नित, नेम सों चित्त लावई।
सो दिव्य तन धरि अन्त महँ, गोलोक धाम सिधावई।।

संसार सुख सम्पत्ति सकल, जो भक्तजन सन महँ चहैं।
ट्टजयरामदेव’ सदैव सो, गुरुदेव दाया सों लहैं।।

।। दोहा ।।
प्रणत पाल अशरण शरण, करुणा—सिन्धु ब्रजेश।
चालीसा के संग मोहि, अपनावहु प्राणेश।।

CHALISA IN KONKANI

Konkani and Hindi languages are both written using the same script called ‘Devanagari’ . We recommend you to read the original Hindi version of Chalisa written in Awadhi dialect. 

।। दोहा ।।
श्री राधापद कमल रज, सिर धरि यमुना कूल।
वरणो चालीसा सरस, सकल सुमंगल मूल।।

।। चौपाई ।।
जय जय पूरण ब्रह्म बिहारी, दुष्ट दलन लीला अवतारी।
जो कोई तुम्हरी लीला गावै, बिन श्रम सकल पदारथ पावै।

श्री वसुदेव देवकी माता, प्रकट भये संग हलधर भ्राता।
मथुरा सों प्रभु गोकुल आये, नन्द भवन मे बजत बधाये।

जो विष देन पूतना आई, सो मुक्ति दै धाम पठाई।
तृणावर्त राक्षस संहारयौ, पग बढ़ाय सकटासुर मार्यौ।

खेल खेल में माटी खाई, मुख मे सब जग दियो दिखाई।
गोपिन घर घर माखन खायो, जसुमति बाल केलि सुख पायो।

ऊखल सों निज अंग बँधाई, यमलार्जुन जड़ योनि छुड़ाई।
बका असुर की चोंच विदारी, विकट अघासुर दियो सँहारी।

ब्रह्मा बालक वत्स चुराये, मोहन को मोहन हित आये।
बाल वत्स सब बने मुरारी, ब्रह्मा विनय करी तब भारी।

काली नाग नाथि भगवाना, दावानल को कीन्हों पाना।
सखन संग खेलत सुख पायो, श्रीदामा निज कन्ध चढ़ायो।

चीर हरन करि सीख सिखाई, नख पर गिरवर लियो उठाई।
दरश यज्ञ पत्निन को दीन्हों, राधा प्रेम सुधा सुख लीन्हों।

नन्दहिं वरुण लोक सों लाये, ग्वालन को निज लोक दिखाये।
शरद चन्द्र लखि वेणु बजाई, अति सुख दीन्हों रास रचाई।

अजगर सों पितु चरण छुड़ायो, शंखचूड़ को मूड़ गिरायो।
हने अरिष्टा सुर अरु केशी, व्योमासुर मार्यो छल वेषी।

व्याकुल ब्रज तजि मथुरा आये, मारि कंस यदुवंश बसाये।
मात पिता की बन्दि छुड़ाई, सान्दीपन गृह विघा पाई।

पुनि पठयौ ब्रज ऊधौ ज्ञानी, पे्रम देखि सुधि सकल भुलानी।
कीन्हीं कुबरी सुन्दर नारी, हरि लाये रुक्मिणि सुकुमारी।

भौमासुर हनि भक्त छुड़ाये, सुरन जीति सुरतरु महि लाये।
दन्तवक्र शिशुपाल संहारे, खग मृग नृग अरु बधिक उधारे।
दीन सुदामा धनपति कीन्हों, पाराि रथ सारथि यश लीन्हों।

गीता ज्ञान सिखावन हारे, अर्जुन मोह मिटावन हारे।
केला भक्त बिदुर घर पायो, युद्ध महाभारत रचवायो।

द्रुपद सुता को चीर बढ़ायो, गर्भ परीक्षित जरत बचायो।
कच्छ मच्छ वाराह अहीशा, बावन कल्की बुद्धि मुनीशा।

ह्वै नृसिंह प्रह्लाद उबार्यो, राम रुप धरि रावण मार्यो।
जय मधु कैटभ दैत्य हनैया, अम्बरीय प्रिय चक्र धरैया।

ब्याध अजामिल दीन्हें तारी, शबरी अरु गणिका सी नारी।
गरुड़ासन गज फन्द निकन्दन, देहु दरश धु्रव नयनानन्दन।

देहु शुद्ध सन्तन कर सग्ड़ा, बाढ़ै प्रेम भक्ति रस रग्ड़ा।
देहु दिव्य वृन्दावन बासा, छूटै मृग तृष्णा जग आशा।
तुम्हरो ध्यान धरत शिव नारद, शुक सनकादिक ब्रह्म विशारद।

जय जय राधारमण कृपाला, हरण सकल संकट भ्रम जाला।
बिनसैं बिघन रोग दुःख भारी, जो सुमरैं जगपति गिरधारी।
जो सत बार पढ़ै चालीसा, देहि सकल बाँछित फल शीशा।

।। छन्द।।
गोपाल चालीसा पढ़ै नित, नेम सों चित्त लावई।
सो दिव्य तन धरि अन्त महँ, गोलोक धाम सिधावई।।

संसार सुख सम्पत्ति सकल, जो भक्तजन सन महँ चहैं।
ट्टजयरामदेव’ सदैव सो, गुरुदेव दाया सों लहैं।।

।। दोहा ।।
प्रणत पाल अशरण शरण, करुणा—सिन्धु ब्रजेश।
चालीसा के संग मोहि, अपनावहु प्राणेश।।

CHALISA IN MAITHILI

Maithili and Hindi languages are both written using the same script called ‘Devanagari’ . We recommend you to read the original Hindi version of Chalisa written in Awadhi dialect. 

।। दोहा ।।
श्री राधापद कमल रज, सिर धरि यमुना कूल।
वरणो चालीसा सरस, सकल सुमंगल मूल।।

।। चौपाई ।।
जय जय पूरण ब्रह्म बिहारी, दुष्ट दलन लीला अवतारी।
जो कोई तुम्हरी लीला गावै, बिन श्रम सकल पदारथ पावै।

श्री वसुदेव देवकी माता, प्रकट भये संग हलधर भ्राता।
मथुरा सों प्रभु गोकुल आये, नन्द भवन मे बजत बधाये।

जो विष देन पूतना आई, सो मुक्ति दै धाम पठाई।
तृणावर्त राक्षस संहारयौ, पग बढ़ाय सकटासुर मार्यौ।

खेल खेल में माटी खाई, मुख मे सब जग दियो दिखाई।
गोपिन घर घर माखन खायो, जसुमति बाल केलि सुख पायो।

ऊखल सों निज अंग बँधाई, यमलार्जुन जड़ योनि छुड़ाई।
बका असुर की चोंच विदारी, विकट अघासुर दियो सँहारी।

ब्रह्मा बालक वत्स चुराये, मोहन को मोहन हित आये।
बाल वत्स सब बने मुरारी, ब्रह्मा विनय करी तब भारी।

काली नाग नाथि भगवाना, दावानल को कीन्हों पाना।
सखन संग खेलत सुख पायो, श्रीदामा निज कन्ध चढ़ायो।

चीर हरन करि सीख सिखाई, नख पर गिरवर लियो उठाई।
दरश यज्ञ पत्निन को दीन्हों, राधा प्रेम सुधा सुख लीन्हों।

नन्दहिं वरुण लोक सों लाये, ग्वालन को निज लोक दिखाये।
शरद चन्द्र लखि वेणु बजाई, अति सुख दीन्हों रास रचाई।

अजगर सों पितु चरण छुड़ायो, शंखचूड़ को मूड़ गिरायो।
हने अरिष्टा सुर अरु केशी, व्योमासुर मार्यो छल वेषी।

व्याकुल ब्रज तजि मथुरा आये, मारि कंस यदुवंश बसाये।
मात पिता की बन्दि छुड़ाई, सान्दीपन गृह विघा पाई।

पुनि पठयौ ब्रज ऊधौ ज्ञानी, पे्रम देखि सुधि सकल भुलानी।
कीन्हीं कुबरी सुन्दर नारी, हरि लाये रुक्मिणि सुकुमारी।

भौमासुर हनि भक्त छुड़ाये, सुरन जीति सुरतरु महि लाये।
दन्तवक्र शिशुपाल संहारे, खग मृग नृग अरु बधिक उधारे।
दीन सुदामा धनपति कीन्हों, पाराि रथ सारथि यश लीन्हों।

गीता ज्ञान सिखावन हारे, अर्जुन मोह मिटावन हारे।
केला भक्त बिदुर घर पायो, युद्ध महाभारत रचवायो।

द्रुपद सुता को चीर बढ़ायो, गर्भ परीक्षित जरत बचायो।
कच्छ मच्छ वाराह अहीशा, बावन कल्की बुद्धि मुनीशा।

ह्वै नृसिंह प्रह्लाद उबार्यो, राम रुप धरि रावण मार्यो।
जय मधु कैटभ दैत्य हनैया, अम्बरीय प्रिय चक्र धरैया।

ब्याध अजामिल दीन्हें तारी, शबरी अरु गणिका सी नारी।
गरुड़ासन गज फन्द निकन्दन, देहु दरश धु्रव नयनानन्दन।

देहु शुद्ध सन्तन कर सग्ड़ा, बाढ़ै प्रेम भक्ति रस रग्ड़ा।
देहु दिव्य वृन्दावन बासा, छूटै मृग तृष्णा जग आशा।
तुम्हरो ध्यान धरत शिव नारद, शुक सनकादिक ब्रह्म विशारद।

जय जय राधारमण कृपाला, हरण सकल संकट भ्रम जाला।
बिनसैं बिघन रोग दुःख भारी, जो सुमरैं जगपति गिरधारी।
जो सत बार पढ़ै चालीसा, देहि सकल बाँछित फल शीशा।

।। छन्द।।
गोपाल चालीसा पढ़ै नित, नेम सों चित्त लावई।
सो दिव्य तन धरि अन्त महँ, गोलोक धाम सिधावई।।

संसार सुख सम्पत्ति सकल, जो भक्तजन सन महँ चहैं।
ट्टजयरामदेव’ सदैव सो, गुरुदेव दाया सों लहैं।।

।। दोहा ।।
प्रणत पाल अशरण शरण, करुणा—सिन्धु ब्रजेश।
चालीसा के संग मोहि, अपनावहु प्राणेश।।

CHALISA IN MALAYALAM

॥ദോഹ॥

ശ്രീരാധാപദ്കമൽരാജ്,

ഹെഡ്യമുനകൂൾ.

 

വാർണോചാലിസസരസ്,

മൊത്തംസുമാംഗൽറൂട്ട്

 

 

॥അതിർത്തി॥

ജയ്ജയ്പുരൻബ്രഹ്മബിഹാരി.

ദുഷ്ടനായദാലൻലീലഅവതാരി॥

 

നിങ്ങളെനയിക്കുന്നവൻ

പണമില്ലാതെമൊത്തംഅധ്വാനം

 

ശ്രീവാസുദേവ് ​​ദേവകിയുടെഅമ്മ.

മാനിഫെസ്റ്റ്സഹോദരനോടൊപ്പംഹലധർസഹോദരൻ

 

ഗോകുൽപ്രഭുമഥുരയിലെത്തി.

നന്ദഭവനിൽബജറ്റ്ഇടുക

 

അറിഞ്ഞവിഷം.

അതിനാൽമുക്തിഡായ്ധാംപത്തായി

 

രാത്രികാലരാക്ഷസൻസൻഹാരിയോ.

ശക്തിസൂർമരിയോവർദ്ധിപ്പിക്കുന്നതിനുള്ളനടപടികൾ

 

ഗെയിംഗെയിമിൽമണ്ണ്കളയുക.

ലോകംമുഴുവൻവായിൽകണ്ടു.

 

ഗോപിൻഘർഘർമാഖാൻഖാവോ.

ജസുമതിബാൽകാളിസുഖ്പയോ

 

 

സ്വന്തംഅവയവംകടമെടുത്തു.

യമലാർജുൻറൂട്ട്യോനിവൃത്തിയാക്കുന്നു

 

ബക്കാഅസാരിയുടെകൊക്ക്.

വിക്റ്റ്അഗസൂർഡിയോസൻഹാരി

 

ബ്രഹ്മാവ്ആൺകുട്ടിയുടെവാറ്റ്സ്മോഷ്ടിച്ചു.

മോഹന്റെതാൽപര്യംമോഹന്ലഭിച്ചു.

 

ബാൽവാറ്റ്സ്എല്ലാംമുറാരിയായി.

ബ്രഹ്മവിനയ്കറിഅപ്പോൾകനത്തതാണ്

 

കാളിനാഗനാഥിഭഗവാന.

വനംഎങ്ങനെലഭിക്കും

 

കളിയിൽസന്തോഷംനേടുക

ശ്രീദാമനിജ്കാന്ദ്ഓഫർചെയ്യുക

 

എങ്ങനെകീറാമെന്ന്പഠിപ്പിച്ചു.

ഗിർവാർലിയോനഖത്തിൽഉയർത്തി

 

കളങ്കയജ്ഞംഭാര്യക്ക്അർപ്പിക്കുന്നു.

രാധപ്രേംസുധാസുഖ്ലീൻഹോഓം

 

നന്ദിൻവരുൺലോകസിനെകൊണ്ടുവന്നു.

ഗ്വാളനെസ്വന്തംനാടോടികാണിക്കുക.

 

ശരദ്ചന്ദ്രലഖിവേണുനായിഅഭിനയിച്ചു.

അങ്ങേയറ്റംസന്തോഷം

 

പിതുചരൺഉപയോഗിച്ച്പൈത്തൺഒഴിവാക്കുക.

ഒരുകൊഞ്ച്ഷെൽവിഡ് .ിയാക്കുക.

 

ഹന്നെഅരിഷ്ടസർഅരുകേശി.

വ്യോമാസുരമരിയോചതിveshi

 

അസ്വസ്ഥനായബ്രജ്മഥുരയിലെത്തി.

മാരികൻസയാദുവൻഷ്ബസേ

 

അമ്മയുടെപിതാവിനെരക്ഷപ്പെടുത്തി.

സന്ദീപാനിഗ്രിഹവിധിപൈ

 

പുണിപഥായുബ്രജ്ഉധോഗ്യാനി.

പ്രേംദേഖിസുധിസക്കൽഭുലാനി

 

ചിലസുന്ദരിയായസ്ത്രീ.

ഹരിലയരുക്മിണിസുകുമാരി

 

ഭോമസൂർഹാനിഭക്തർരക്ഷപ്പെടുന്നു.

സൂറൻജിതിസാർത്രുമാഹിയെകൊണ്ടുവന്നു.

 

 

ദന്തവക്രശിഷുപാലസൻഹരേ.

ഖഗാമാൻമാൻഅരുബാദിക്ഉദാരെ

 

ദീൻസുഡാമധനപതികീൻഹോ.

പരതരഥ്ശരത്യാഷ്ലീൻഹോ

 

ഗീതയ്ക്ക്അറിവുംപഠിപ്പിക്കലുകളുംനഷ്ടപ്പെട്ടു.

അർജുൻമോമിത്തവാൻപരാജിതൻ

 

വാഴഭക്തൻബിദൂർവീട്.

യുദ്ധംമഹാഭാരതരച്വായോ

 

ദ്രുപദസുതറിപ്പ്ചെയ്യുക.

ഗർഭപരിശോധനസംരക്ഷിക്കുക

 

കച്ച്മച്ച്വരാഹഅഹിഷ.

ബവൻകൽക്കിവിറ്റ്മുനിഷ

 

ഹ്വായ്നർസിംഗ്പ്രഹ്ലാദ്ഉബാരിയോ.

രാംറുപ്ധാരിരാവണമരിയോ

 

ജയ്മധുകാറ്റാബ്മോൺസ്റ്റർഹനയ്യ.

അംബ്രിയപ്രിയചക്രധാരയ

 

 

വാഴ്ത്തപ്പെട്ടഅജാമിൽദിൻതാരി

ഷബാരിഅരുഗണികസിനാരി॥

 

ഗരുദാസൻഗജഫണ്ട്നികന്ദൻ.

 

 

കുട്ടികളുള്ളശേഷംശരീരംശുദ്ധമാകും.

ബദായ്പ്രേംഭക്തിറാസ്റഗ്ഗ

 

ദേഹുദിവ്യവൃന്ദാവൻബാസ.

ഛോട്ടാമിഗ്ത്രിഷ്ണജാഗ്ആശ

 

ശിവനാരദ, ധ്യാനിക്കട്ടെ.

ശുക്സനകാദിക്ബ്രാഹ്മണവിശാരദ്॥

 

ജയ്ജയ്രാധരാമൻകൃപാല.

ഹരാൻമൊത്തപ്രതിസന്ധിആശയക്കുഴപ്പംവെബ്

 

ബിൻസെയ്ൻഗുരുതരമായരോഗംകനത്തതാണ്.

ജോസുമ്രേജഗപതിഗിർധാരി

 

സാറ്റ്ബാർവായിക്കുന്നയാൾ

ശരീരംതീർത്തുംശുദ്ധീകരിക്കാത്തഫ്രൂട്ട്ഗ്ലാസാണ്.

 

॥വാക്യം॥

ഗോപാൽചാലിസപഠനം,

പേര്ചിറ്റലവായ്

 

അതിനാൽഅവസാനശരീരംദിവ്യമാണ്,

ഗോലോക്ധാംസിദ്ധ്വായ്

 

ലോകസന്തോഷസ്വത്ത്മൊത്തത്തിൽ,

വളരെപ്രധാനപ്പെട്ടഭക്തർ

 

‘ജയറാംദേവ്’ എപ്പോഴുംഉറങ്ങുന്നു,

ഗുരുദേവ് ​​പറഞ്ഞത്ശരിയാണ്

 

॥ദോഹ॥

പ്രണത്പാൽഅഷ്‌റൻശരൺ,

കരുണ-സിന്ധുബ്രജേഷ്.

 

ചാലിസയ്‌ക്കൊപ്പംമോഹിനി,

അപനവുപ്രാണേഷ്

CHALISA IN MEITEI

Meitei and Hindi languages are both written using the same script called ‘Devanagari’ . We recommend you to read the original Hindi version of Chalisa written in Awadhi dialect. 

।। दोहा ।।
श्री राधापद कमल रज, सिर धरि यमुना कूल।
वरणो चालीसा सरस, सकल सुमंगल मूल।।

।। चौपाई ।।
जय जय पूरण ब्रह्म बिहारी, दुष्ट दलन लीला अवतारी।
जो कोई तुम्हरी लीला गावै, बिन श्रम सकल पदारथ पावै।

श्री वसुदेव देवकी माता, प्रकट भये संग हलधर भ्राता।
मथुरा सों प्रभु गोकुल आये, नन्द भवन मे बजत बधाये।

जो विष देन पूतना आई, सो मुक्ति दै धाम पठाई।
तृणावर्त राक्षस संहारयौ, पग बढ़ाय सकटासुर मार्यौ।

खेल खेल में माटी खाई, मुख मे सब जग दियो दिखाई।
गोपिन घर घर माखन खायो, जसुमति बाल केलि सुख पायो।

ऊखल सों निज अंग बँधाई, यमलार्जुन जड़ योनि छुड़ाई।
बका असुर की चोंच विदारी, विकट अघासुर दियो सँहारी।

ब्रह्मा बालक वत्स चुराये, मोहन को मोहन हित आये।
बाल वत्स सब बने मुरारी, ब्रह्मा विनय करी तब भारी।

काली नाग नाथि भगवाना, दावानल को कीन्हों पाना।
सखन संग खेलत सुख पायो, श्रीदामा निज कन्ध चढ़ायो।

चीर हरन करि सीख सिखाई, नख पर गिरवर लियो उठाई।
दरश यज्ञ पत्निन को दीन्हों, राधा प्रेम सुधा सुख लीन्हों।

नन्दहिं वरुण लोक सों लाये, ग्वालन को निज लोक दिखाये।
शरद चन्द्र लखि वेणु बजाई, अति सुख दीन्हों रास रचाई।

अजगर सों पितु चरण छुड़ायो, शंखचूड़ को मूड़ गिरायो।
हने अरिष्टा सुर अरु केशी, व्योमासुर मार्यो छल वेषी।

व्याकुल ब्रज तजि मथुरा आये, मारि कंस यदुवंश बसाये।
मात पिता की बन्दि छुड़ाई, सान्दीपन गृह विघा पाई।

पुनि पठयौ ब्रज ऊधौ ज्ञानी, पे्रम देखि सुधि सकल भुलानी।
कीन्हीं कुबरी सुन्दर नारी, हरि लाये रुक्मिणि सुकुमारी।

भौमासुर हनि भक्त छुड़ाये, सुरन जीति सुरतरु महि लाये।
दन्तवक्र शिशुपाल संहारे, खग मृग नृग अरु बधिक उधारे।
दीन सुदामा धनपति कीन्हों, पाराि रथ सारथि यश लीन्हों।

गीता ज्ञान सिखावन हारे, अर्जुन मोह मिटावन हारे।
केला भक्त बिदुर घर पायो, युद्ध महाभारत रचवायो।

द्रुपद सुता को चीर बढ़ायो, गर्भ परीक्षित जरत बचायो।
कच्छ मच्छ वाराह अहीशा, बावन कल्की बुद्धि मुनीशा।

ह्वै नृसिंह प्रह्लाद उबार्यो, राम रुप धरि रावण मार्यो।
जय मधु कैटभ दैत्य हनैया, अम्बरीय प्रिय चक्र धरैया।

ब्याध अजामिल दीन्हें तारी, शबरी अरु गणिका सी नारी।
गरुड़ासन गज फन्द निकन्दन, देहु दरश धु्रव नयनानन्दन।

देहु शुद्ध सन्तन कर सग्ड़ा, बाढ़ै प्रेम भक्ति रस रग्ड़ा।
देहु दिव्य वृन्दावन बासा, छूटै मृग तृष्णा जग आशा।
तुम्हरो ध्यान धरत शिव नारद, शुक सनकादिक ब्रह्म विशारद।

जय जय राधारमण कृपाला, हरण सकल संकट भ्रम जाला।
बिनसैं बिघन रोग दुःख भारी, जो सुमरैं जगपति गिरधारी।
जो सत बार पढ़ै चालीसा, देहि सकल बाँछित फल शीशा।

।। छन्द।।
गोपाल चालीसा पढ़ै नित, नेम सों चित्त लावई।
सो दिव्य तन धरि अन्त महँ, गोलोक धाम सिधावई।।

संसार सुख सम्पत्ति सकल, जो भक्तजन सन महँ चहैं।
ट्टजयरामदेव’ सदैव सो, गुरुदेव दाया सों लहैं।।

।। दोहा ।।
प्रणत पाल अशरण शरण, करुणा—सिन्धु ब्रजेश।
चालीसा के संग मोहि, अपनावहु प्राणेश।।

CHALISA IN MARATHI

॥दोहा॥

श्रीराधापादकमलराज,

प्रमुखयमुनामस्त.

 

 

वर्णोचालीसासारस,

सकलसुमंगलमूळ॥

 

॥चौकार॥

जयजयपुराणब्रह्माबिहारी।

दुष्टदलनलीलाअवतार॥

 

जोतुम्हालानेईल

पैशाशिवायएकूणकामगार

 

श्रीवासुदेवदेवकीचीआई.

हलाधरभाऊप्रकटभावाबरोबर

 

भगवानगोकुळमथुरालाआले.

नंदाभवनमध्येअर्थसंकल्पठेवा

 

जेविषकळलेते।

तरमुक्तिदाईधामपठै

 

निशाचरराक्षससंहार्योः।

सकळसुरमारीयोवाढविण्याचेचरण॥

 

गेमगेममध्येमातीकाढा.

सर्वजगतोंडातदिसले.

 

गोपींघरघरमखाण।

जासुमतिबाळकालीसुखपायो॥

 

स्वतःचेअंगघेतले.

यमलारार्जुनरूटयोनिसाफ॥

 

बाकाअसारीचीचोच.

विकतआगासुरदियोसंहारी॥

 

ब्रह्मानेमुलाचेवॅट्सचोरले.

मोहनचीआवडमोहनलामिळाली.

 

बालवत्ससर्वमुरारीझाले.

ब्रह्माविनयकरीमगभारी

 

कालीनागानाथभगवान।

वनकसेमिळवायचे

 

खेळासहआनंदमिळवा

श्रीदमानिजकांधदेऊं॥

 

फाडणेकसेशिकवायचे.

गिरवारलिओनेलवरउभाकेला

 

पत्नीलाडरयज्ञअर्पणकेलाजातो.

राधाप्रेमसुधासुखलीनहोओम

 

नंधिनंवरुणलोकआणिले.

ग्वालानलात्यांचीस्वतःचीलोकसंख्यादाखवा.

 

शरदचंद्रलाखीयांनीवेणूचीभूमिकाबजावली.

अत्यंतआनंद

 

पिटूचरणानेअजगरातूनमुक्तव्हा.

शंखशंखमूर्खबनवा.

 

ह्नणेअरिष्टसूरअरुकेशी।

व्ययोमासुरमारिओफसलेंवशी॥

 

त्रस्तब्रजमथुरालाआले.

मारीकंसयदुवंशबसये

 

आईच्यावडिलांचीसुटकाकेली.

संदिपानीगृहविधीपै

 

पुनीपाठयुब्रजउधोज्ञानी।

प्रेमदेखीसुकलसकलभुलानी॥

 

 

काहीसुंदरबाई.

हरिलायारुक्मिणीसुकुमारी॥

 

भोमासुरहानीभक्तांनामुक्तीमिळते.

सुरनजितीनेआणलीसतरूमाही।

 

दंतवक्रशिशुपालसंहारे।

खागाहरिणहिरणअरुबाधिकउधारे

 

दीनसुदामाधनपतिकीनो।

पराठारथसारथ्याशलीनहो॥

 

गीतेमुळेज्ञानआणिशिकवणहरवली.

अर्जुनमोहमितावनपराभूत

 

केलेभक्तबिदूरघरी।

युद्धमहाभारतरचवयो॥

 

द्रुपदसुताचिरवा.

गर्भधारणाचाचणीवाचवा

 

कच्छमच्छवराहअहिशा।

बावनकल्किविठमुनिषा॥

 

 

ह्वाईनरसिंहप्रह्लादउबर्यो.

रामरूपधारीरावणमारियो

 

जयमधूकॅटभमॉन्स्टरहनैया.

उंब्रियाप्रियचक्रधारया॥

 

धन्यअजमिलदिनतारी

शबरीअरुगणिकासीनारी॥

 

गरुडसनगाजाफंडनिकंदन।

देहुदर्शध्रुवनयनंदन॥

 

मूलझाल्यानंतरशरीरशुद्धहोईल.

बधाईप्रेमभक्तीरसरग्गा॥

 

देहुदिव्यवृंदावनबासा।

छोटामृगतृष्णाजगआशा॥

 

शिवनारदतूध्यानकर.

शुकसनकादिकब्राह्मणविशारद.

 

जयजयराधारमणकृपला।

हारानस्थूलसंकटगोंधळवेब

 

 

बिनसाईनभयानकआजारजडआहे.

जोसुमरेजगपतिगिरधारी

 

जोसातबारवाचतो

शरीरहेअत्यंतअपरिभाषितफळांचेग्लासआहे.

 

॥श्लोक॥

गोपाळचालीसाअभ्यास,

नावआहेचित्तालवाई

 

तरशेवटचेशरीरदिव्यआहे,

गोलोकधामसिद्धवाई

 

जागतिकआनंदमालमत्ताएकूण,

भक्तजेअत्यंतमहत्वाचेआहेत

 

जयरामदेवनेहमीझोपतात,

गुरुदेवबरोबरआहेत

 

॥दोहा॥

प्रणतपालअशरणशरण,

करुणा -सिंधूब्रजेश.

 

 

 

चालिसासोबतमोहिनी,

आपणावूप्राणेश

CHALISA IN NEPALI

Nepali and Hindi languages are both written using the same script called ‘Devanagari’ . We recommend you to read the original Hindi version of Chalisa written in Awadhi dialect. 

 

।। दोहा ।।
श्री राधापद कमल रज, सिर धरि यमुना कूल।
वरणो चालीसा सरस, सकल सुमंगल मूल।।

।। चौपाई ।।
जय जय पूरण ब्रह्म बिहारी, दुष्ट दलन लीला अवतारी।
जो कोई तुम्हरी लीला गावै, बिन श्रम सकल पदारथ पावै।

श्री वसुदेव देवकी माता, प्रकट भये संग हलधर भ्राता।
मथुरा सों प्रभु गोकुल आये, नन्द भवन मे बजत बधाये।

जो विष देन पूतना आई, सो मुक्ति दै धाम पठाई।
तृणावर्त राक्षस संहारयौ, पग बढ़ाय सकटासुर मार्यौ।

खेल खेल में माटी खाई, मुख मे सब जग दियो दिखाई।
गोपिन घर घर माखन खायो, जसुमति बाल केलि सुख पायो।

ऊखल सों निज अंग बँधाई, यमलार्जुन जड़ योनि छुड़ाई।
बका असुर की चोंच विदारी, विकट अघासुर दियो सँहारी।

ब्रह्मा बालक वत्स चुराये, मोहन को मोहन हित आये।
बाल वत्स सब बने मुरारी, ब्रह्मा विनय करी तब भारी।

काली नाग नाथि भगवाना, दावानल को कीन्हों पाना।
सखन संग खेलत सुख पायो, श्रीदामा निज कन्ध चढ़ायो।

चीर हरन करि सीख सिखाई, नख पर गिरवर लियो उठाई।
दरश यज्ञ पत्निन को दीन्हों, राधा प्रेम सुधा सुख लीन्हों।

नन्दहिं वरुण लोक सों लाये, ग्वालन को निज लोक दिखाये।
शरद चन्द्र लखि वेणु बजाई, अति सुख दीन्हों रास रचाई।

अजगर सों पितु चरण छुड़ायो, शंखचूड़ को मूड़ गिरायो।
हने अरिष्टा सुर अरु केशी, व्योमासुर मार्यो छल वेषी।

व्याकुल ब्रज तजि मथुरा आये, मारि कंस यदुवंश बसाये।
मात पिता की बन्दि छुड़ाई, सान्दीपन गृह विघा पाई।

पुनि पठयौ ब्रज ऊधौ ज्ञानी, पे्रम देखि सुधि सकल भुलानी।
कीन्हीं कुबरी सुन्दर नारी, हरि लाये रुक्मिणि सुकुमारी।

भौमासुर हनि भक्त छुड़ाये, सुरन जीति सुरतरु महि लाये।
दन्तवक्र शिशुपाल संहारे, खग मृग नृग अरु बधिक उधारे।
दीन सुदामा धनपति कीन्हों, पाराि रथ सारथि यश लीन्हों।

गीता ज्ञान सिखावन हारे, अर्जुन मोह मिटावन हारे।
केला भक्त बिदुर घर पायो, युद्ध महाभारत रचवायो।

द्रुपद सुता को चीर बढ़ायो, गर्भ परीक्षित जरत बचायो।
कच्छ मच्छ वाराह अहीशा, बावन कल्की बुद्धि मुनीशा।

ह्वै नृसिंह प्रह्लाद उबार्यो, राम रुप धरि रावण मार्यो।
जय मधु कैटभ दैत्य हनैया, अम्बरीय प्रिय चक्र धरैया।

ब्याध अजामिल दीन्हें तारी, शबरी अरु गणिका सी नारी।
गरुड़ासन गज फन्द निकन्दन, देहु दरश धु्रव नयनानन्दन।

देहु शुद्ध सन्तन कर सग्ड़ा, बाढ़ै प्रेम भक्ति रस रग्ड़ा।
देहु दिव्य वृन्दावन बासा, छूटै मृग तृष्णा जग आशा।
तुम्हरो ध्यान धरत शिव नारद, शुक सनकादिक ब्रह्म विशारद।

जय जय राधारमण कृपाला, हरण सकल संकट भ्रम जाला।
बिनसैं बिघन रोग दुःख भारी, जो सुमरैं जगपति गिरधारी।
जो सत बार पढ़ै चालीसा, देहि सकल बाँछित फल शीशा।

।। छन्द।।
गोपाल चालीसा पढ़ै नित, नेम सों चित्त लावई।
सो दिव्य तन धरि अन्त महँ, गोलोक धाम सिधावई।।

संसार सुख सम्पत्ति सकल, जो भक्तजन सन महँ चहैं।
ट्टजयरामदेव’ सदैव सो, गुरुदेव दाया सों लहैं।।

।। दोहा ।।
प्रणत पाल अशरण शरण, करुणा—सिन्धु ब्रजेश।
चालीसा के संग मोहि, अपनावहु प्राणेश।।

CHALISA IN ODIA

॥ଦୋହା।

ଶ୍ରୀରାଧାପଦ୍କମଲରାଜ,

ହେଡଯମୁନାକୁଲ |

 

ଭର୍ନୋଚଲିସାସରସ୍,

ମୋଟମୂଳ।

 

॥ସୀମା॥

ଜୟଜୟପୁରାଣବ୍ରହ୍ମାବିହାରୀ |

ଦୁଷ୍ଟଦଲାନ୍ଲୀଲାଅବତାର॥ |

 

ଯିଏତୁମକୁଆଗେଇନେବ

ଟଙ୍କାବିନାମୋଟଶ୍ରମ |

 

ଶ୍ରୀଭାସୁଦେବଦେବକୀଙ୍କମାତା |

ପ୍ରକାଶିତଭାଇସହିତହାଲାଧରଭାଇ |

 

ପ୍ରଭୁଗୋକୁଲମଥୁରାକୁଆସିଥିଲେ।

ବଜେଟ୍ନନ୍ଦାଭବନରେରଖନ୍ତୁ |

 

ବିଷଯାହାଜାଣିବାକୁପାଇଲା |

ତେଣୁମୁଖୀଡାଏଧାମପୃଥ୍ୱୀ |

 

ରାତିରଭୂତସାନହରିଓ |

ସାକଟାସୁରମାରିୟୋବୃଦ୍ଧିପାଇଁପଦକ୍ଷେପ |

 

ଖେଳଖେଳରେମାଟିଖୋଳ |

ସମସ୍ତଜଗତପାଟିରେଦେଖାଗଲା |

 

ଗୋପିନଘରଘରମାଖାନଖାଓ |

ଜସୁମତିବାଲକାଲିସୁଖପେଓ।

 

ନିଜରଅଙ୍ଗb ଣକଲେ |

ସଫା।

 

ବାକାଆସାରୀରବିକ୍ |

 

 

ବ୍ରହ୍ମାପିଲାଟିରଭାଟ୍ଚୋରିକଲେ |

ମୋହନମୋହନଙ୍କଆଗ୍ରହପାଇଲେ |

 

ବାଲ୍ଭାଟ୍ସମସ୍ତେମୁରାରୀହୋଇଗଲେ |

ବ୍ରହ୍ମାବିନୟକ୍ୟୁରୀସେତେବେଳେଭାରୀ |

 

କାଳୀନାଗାନାଥଭଗବାନା |

ଜଙ୍ଗଲକିପରିପାଇବେ |

 

ଖେଳସହିତସୁଖପ୍ରାପ୍ତକରନ୍ତୁ |

ଶ୍ରୀଦାମାନିଜ୍କାନ୍ପ୍ରଦାନକରନ୍ତୁ

 

କିପରିଚିରିବାକୁଶିଖିବାକୁଶିଖାଗଲା |

ଗିର୍ଭରଲିଓନଖଉପରେଉଠାଇଲେ |

 

ପତ୍ନୀଙ୍କୁଡର୍ନଯଜନାଅର୍ପଣକରାଯାଏ |

ରାଧାପ୍ରେମସୁଧାସୁଖଲେନ୍ହୋଓମ୍ |

 

ନନ୍ଦିନବରL Lଲୋକାସଆଣିଥିଲେ।

ଗ୍ୱାଲାନ୍ଙ୍କୁତାଙ୍କରନିଜରଲୋକଦେଖାନ୍ତୁ |

 

ଶରଦଚନ୍ଦ୍ରଲାଖୀଭେନୁଖେଳିଥିଲେ।

ଅତ୍ୟଧିକସୁଖ

 

ପିଟୁଚରଣସହିତପାଇଥନରୁମୁକ୍ତିପାଆନ୍ତୁ |

ଏକଶଙ୍ଖସେଲକୁମୂର୍ଖକର |

 

ହାନେଆରିଷାସୁରଅରୁକେଶୀ |

 

 

ବିଚଳିତବ୍ରଜମଥୁରାକୁଆସିଥିଲେ।

ମାରିକାନସାଯାଦୁଭାନ୍ବାସେ |

 

ମା’ଙ୍କପିତାଙ୍କୁଉଦ୍ଧାରକରିଥିଲେ।

ସାଣ୍ଡିପାନିଗ୍ରିହାବିଦୀପାଏ |

 

ପୁନିପୃଥ୍ୱୀବ୍ରଜଉଦୋଜିଆନି |

ପ୍ରେମଦେଖୀସୁଧୀସାକଲଭୁଲାନି।

 

କିଛିସୁନ୍ଦରଲେଡି |

ହରିଲାୟାରୁକ୍ମିଣୀସୁକୁମାରି।

 

ଭୋମାସୁରହନିଭକ୍ତମାନେମୁକ୍ତିପାଆନ୍ତି |

ସୁରନ୍ଜିତସର୍ତୁମାହିଙ୍କୁଆଣିଥିଲେ |

 

ଦାନ୍ତଭାକ୍ରାଶିଶୁପାଲାସାନହରେ |

ଖଗାହରିଣଅରୁବାଦିକ୍ଉଦରେ |

 

ଦେନ୍ସୁଦାମାଧନପତିକେନ୍ହୋ |

ପରାଥରଥସାରଥିଆଶଲେନ୍ହୋ।

 

ଗୀତାଜ୍ଞାନଏବଂଶିକ୍ଷାହରାଇଲା |

ଅର୍ଜୁନମୋହମିତ୍ରୱାନ୍ହାରିଛନ୍ତି

 

ବାନାଭକ୍ତବିଦୁରଘର |

ଯୁଦ୍ଧମହାଭାରତରାଚଭାୟୋ।

 

ଦ୍ରup ପଡାସୂତାକୁଚିରିଦିଅ |

ଗର୍ଭଧାରଣପରୀକ୍ଷାସଞ୍ଚୟକରନ୍ତୁ |

 

କୁଚ୍ମୁଚ୍ଭରାଅହିଶା |

ବାୱାନ୍କାଲ୍କିୱିଟ୍ମୁନିଶା।

 

ହ୍ୱାଇନରସିଂହପ୍ରହ୍ଲାଦଉବାର୍ୟୋ |

ରାମରୂପଧାରୀରାବଣମାରିଓ |

 

ଜୟମଧୁକାଟାବ୍ରାକ୍ଷସହାନିଆ |

ପ୍ରିୟଚକ୍ରଧରାୟ।

 

ଆଜାମିଲଦିନ୍ଆଶୀର୍ବାଦ |

ଶାବରୀଆରୁଗଣିକାସିନାରୀ॥ |

 

ଗାରୁଦାସାନ୍ଗଜାପାଣ୍ଠିନିକନ୍ଦନ |

ଦେହୁଦାର୍ଧ୍ରୁଭନୟନନ୍ଦ।

 

ସନ୍ତାନଜନ୍ମପରେଶରୀରଶୁଦ୍ଧହେବ |

ବଦାଇପ୍ରେମଭକ୍ତିରସରାଗା।

 

ଦେହୁଦିବ୍ୟାଶ୍ରୀମନ୍ଦିରବାସା |

ଛୋଟାଶ୍ରୀଗତ୍ରିଷ୍ଣାଜଗଆଶା।

 

ତୁମେଧ୍ୟାନକର, ଶିବନାରଦା |

ଶୁକ୍ସାନାକାଦିକ୍ବ୍ରାହ୍ମଣବିଶାରାଦ୍॥ |

 

ଜୟଜୟରାଧରମନ୍କ୍ରିପାଲା |

ହାରାନଚରମସଙ୍କଟଦ୍ୱନ୍ଦ୍ୱୱେବ୍ |

 

ବିନ୍ସେନ୍ଭୟଙ୍କରରୋଗଭାରିଅଟେ |

ଜୋସୁମ୍ରାଜଗପତିଗିରିଧାରୀ |

 

ଯିଏଶନିବାର୍ପନ୍ତି |

ଶରୀରଅତ୍ୟଧିକଅପରିଷ୍କୃତଫଳଗ୍ଲାସ |

 

॥ପଦ॥

ଗୋପାଳଚଲିସାଅଧ୍ୟୟନ,

ନାମହେଉଛିଚିତ୍ରଲାଭାଇ |

 

ତେଣୁଶେଷଶରୀରଶ୍ୱରୀୟ,

ଗୋଲୋକଧାମସିଦ୍ଧୱାଇ |

 

ବିଶ୍ୱସୁଖସମ୍ପତ୍ତିମୋଟ,

ଭକ୍ତଯେଉଁମାନେଅତ୍ୟନ୍ତଗୁରୁତ୍ୱପୂର୍ଣ୍ଣ |

 

‘ଜୟରାମଦେବ’ ସବୁବେଳେଶୋଇଥାଏ,

ଗୁରୁଦେବଠିକ୍କହିଛନ୍ତି

 

॥ଦୋହା॥

ପ୍ରଣତପାଲଆଶ୍ରାନ୍ଶରଣ,

କରୁଣା-ସିନ୍ଧୁବ୍ରଜେଶ |

 

ଚଲିସାସହିତମୋହିନୀ,

ଅପନାଭୂପ୍ରଣେଶ |

CHALISA IN PUNJABI

॥ਦੋਹਾ॥

ਸ੍ਰੀਰਾਧਾਪਦਕਮਲਰਾਜ,

ਮੁਖੀਯਮੁਨਾਕੂਲ.

 

ਵਰਨੋਚਾਲੀਸਾਸਰਸ,

ਸਕਲਸੁਮੰਗਲਜੜ॥

 

॥ਚੌਪਾਈ॥

ਜੈਜੈਪੂਰਨਬ੍ਰਹਮਾਬਿਹਾਰੀ।

ਦੁਸ਼ਟਦਲਨਲੀਲਾਅਵਤਾਰਿ.

 

ਜੋਕੋਈਤੁਹਾਨੂੰਅਗਵਾਈਕਰਦਾਹੈ

ਪੈਸਿਆਂਤੋਂਬਿਨਾਂਕੁੱਲਮਿਹਨਤ

 

ਸ਼੍ਰੀਵਾਸੂਦੇਵਦੇਵਕੀਦੀਮਾਤਾ.

ਹਲਦਰਭਰਾਪ੍ਰਗਟਭਰਾਨਾਲ

 

ਭਗਵਾਨਗੋਕੁਲਮਥੁਰਾਆਏਸਨ।

ਨੰਦਾਭਵਨਵਿਚਬਜਟਰੱਖੋ

 

ਜੋਜ਼ਹਿਰਪਤਾਲੱਗਿਆ।

ਸੋਮੁਕਤਦਈਧਾਮਪਥੈ॥

 

ਰਾਤਦਾਰਾਖਸ਼

ਸਾਕਤਸੁਰਮਾਰੀਓਵਧਾਉਣਦੇਕਦਮ।

 

ਖੇਡਦੀਖੇਡਵਿੱਚਮਿੱਟੀਨੂੰਪੁੱਟਦਿਓ.

ਸਾਰੇਸੰਸਾਰਦੇਮੂੰਹਵਿੱਚਵੇਖਿਆਗਿਆਸੀ.

 

ਗੋਪੀਨਘਰਘਰਮਖਾਨਖਓ।

ਜਸੁਮਤੀਬਾਲਕਾਲੀਸੁਖਪਾਇਓ॥

 

ਆਪਣਾਅੰਗਉਧਾਰਲਿਆ.

ਯਮਲਾਰਜੁਨਰੂਟਯੋਗਾਸਾਫ਼॥

 

ਬਾਕਾਅਸਾਰੀਦੀਚੁੰਝ।

ਵਿਕਟਅਘਸੁਰਦਯੋਸੰਹਾਰੀ॥

 

ਬ੍ਰਹਮਾਨੇਮੁੰਡੇਦੀਆਂਵੱਟਾਂਚੋਰੀਕੀਤੀਆਂ।

ਮੋਹਨਨੂੰਮੋਹਨਦੀਰੁਚੀਮਿਲੀ।

 

ਬਾਲਵਟਸਐਪਸਾਰੇਮੁਰਾਰੀਬਣਗਏ.

ਬ੍ਰਹਮਾਵਿਨੇਕਰੀਫਿਰਭਾਰੀ

 

ਕਾਲੀਨਾਗਾਨਾਥਿਭਗਵਾਨਾ।

ਜੰਗਲਕਿਵੇਂਪ੍ਰਾਪਤਕਰੀਏ

 

ਖੇਡਨਾਲਖੁਸ਼ੀਆਂਪ੍ਰਾਪਤਕਰੋ

ਸ਼੍ਰੀਦਾਮਾਨਿਜਕੰਧਪੇਸ਼ਕਰੋ॥

 

ਚੀਰਨਾਸਿਖਣਾਸਿਖਾਇਆ.

ਗਿਰਵਾਰਲਿਓਨੇਲਤੇਖੜਾਕੀਤਾ

 

 

ਡਾਰਨਯਜਨਾਪਤਨੀਨੂੰਚੜ੍ਹਾਇਆਜਾਂਦਾਹੈ.

ਰਾਧਾਪ੍ਰੇਮਸੁਧਾਸੁਖਲੀਨਹੋਓਮ

 

ਨੰਦਿਨਵਰੁਣਲੋਕਾਲੈਕੇਆਏ।

ਗਵਾਲਨਨੂੰਉਸਦੀਆਪਣੀਲੋਕਤੰਤਰਦਿਖਾਓ.

 

ਸ਼ਰਦਚੰਦਰਲੱਖੀਨੇਵੇਣੂਨਿਭਾਇਆ।

ਬਹੁਤਖੁਸ਼ੀਆਂ

 

ਪੀਤੂਚਰਨਨਾਲਅਜਗਰਤੋਂਛੁਟਕਾਰਾਪਾਓ.

ਸ਼ੰਖਸ਼ੈੱਲਨੂੰਮੂਰਖਬਣਾਉ.

 

ਹਨੇਅਰਿਸ਼ਟਾਸੁਰਅਰੁਕੇਸ਼ੀ।

ਵਯੋਮਾਸੁਰਾਮਾਰੀਓਚੀਤਵੇਸ਼ੀ॥

 

ਪ੍ਰੇਸ਼ਾਨਬ੍ਰਜਮਥੁਰਾਆਗਿਆ।

ਮਾਰੀਕਾਂਸਾਯਦੁਵੰਸ਼ਬਸੈ

 

ਮਾਂਦੇਪਿਤਾਨੂੰਬਚਾਇਆ।

ਸੰਦੀਪਨੀਘਰਿਵਿਧੀਪਾਈ

 

ਪੁਨੀਪਠਾਯੁਬ੍ਰਜਉਧੋਗਿਆਨੀ॥

ਪ੍ਰੇਮਦੇਖਿਸੁਧਿਸਕਲਭੁਲਾਣੀ॥

 

 

ਕੁਝਖੂਬਸੂਰਤ .ਰਤ.

ਹਰਿਲਾਇਆਰੁਕਮਿਨੀਸੁਕੁਮਾਰੀ॥

 

ਭੋਮਾਸੁਰਹਨੀਭਗਤਾਂਨੇਛੁਟਕਾਰਾਪਾਲਿਆ।

ਸੁਰਨਜੀਤਿਸਤਰੁਮਾਹੀਲੈਆਏ।

 

ਦਾਨਤਵਕ੍ਰਾਸ਼ੀਸ਼ੁਪਲਾਸਂਹਾਰੇ।

ਖਗਾਹਿਰਹਿਰਅਰੁਬਾਧਿਕਉਧਾਰੇ

 

ਦੀਨਸੁਦਾਮਾਧਨਪਤੀਕੌਨਹੋ।

ਪਰਥਾਰਥਸਾਰਥਯਸ਼ਲੀਨਹੋ॥

 

ਗੀਤਾਨੇਗਿਆਨਅਤੇਉਪਦੇਸ਼ਗਵਾਦਿੱਤੇ.

ਅਰਜੁਨਮੋਹਮਿਤਵਾਨਹਾਰਿਆ

 

ਕੇਲਾਭਗਤਬਿਦੁਰਘਰ।

ਯੁੱਧਮਹਾਭਾਰਤਰਚਵਯੋ॥

 

ਦ੍ਰੁਪਦਾਸੁਤਰਿਪਕਰੋ।

ਗਰਭਅਵਸਥਾਟੈਸਟਨੂੰਬਚਾਓ

 

ਕਛਮਛਵਾਰਾਅਹੀਸ਼ਾ।

ਬਾਵਨਕਲਕੀਵਿਟਮੁਨੀਸ਼ਾ॥

 

 

ਹ੍ਵੈਨਰਸਿਂਹਪ੍ਰਹਲਾਦਉਬਾਰਯੋ।

ਰਾਮਰੂਪਧਾਰੀਰਾਵਣਮਾਰੀਓ

 

ਜੈਮਧੂਕਤਾਭਰਾਖਸ਼ਹਨੀਆ.

ਉਮਬ੍ਰਿਯਾਪਿਆਰੇਚੱਕਰਚੱਕਰਏ॥

 

ਧੰਨਹੈਅਜਮਿਲਦੀਨਤਾਰੀ

ਸ਼ਬਰੀਅਰੁਗਨਿਕਾਸਿਨਾਰੀ॥

 

ਗਰੁਡਾਸਨਗਾਜਾਫੰਡਨਿਕੰਦਨ।

ਦੇਹੁਦਰਸਧਰੁਵਨਯਾਨੰਦਨ॥

 

ਬੱਚੇਹੋਣਤੋਂਬਾਅਦਸਰੀਰਸ਼ੁੱਧਹੋਜਾਵੇਗਾ.

ਬਧੈਪ੍ਰੇਮਭਗਤੀਰਸਰਾਗ॥

 

ਦੇਹੁਦਿਵਿਆਵਰਿੰਦਾਵਾਨਬਸਾ।

ਛੋਟਾਮ੍ਰਿਗਤ੍ਰਿਸ਼ਨਾਜਗਆਸ॥

 

ਸ਼ਿਵਨਾਰਦਾ, ਤੂੰਸਿਮਰਨਕਰੇ।

ਸ਼ੁਕਸਨਕਦਿਕਬ੍ਰਾਹਮਣਵਿਸਾਰਦ॥

 

ਜੈਜੈਰਾਧਰਮਨਕ੍ਰਿਪਾਲਾ।

ਹਾਰਨਸਕਲਸੰਕਟਦੀਉਲਝਣਵੈੱਬ

 

 

ਬਿਨਸੈਨਭਿਆਨਕਬਿਮਾਰੀਭਾਰੀਹੈ.

ਜੋਸੁਮਰੇਜਗਪਤਿਗਿਰਧਾਰੀ॥

 

ਉਹਜੋਸਤਿਬਾਰਪੜ੍ਹਦਾਹੈ

ਸਰੀਰਪੂਰੀਤਰ੍ਹਾਂਗੈਰ-ਪ੍ਰਭਾਸ਼ਿਤਫਲਗਲਾਸਹੈ.

 

॥ਪਦ॥

ਗੋਪਾਲਚਾਲੀਸਾਦਾਅਧਿਐਨ,

ਨਾਮਹੈਚਿਤਲਾਵੈ

 

ਇਸਲਈਆਖਰੀਸਰੀਰਬ੍ਰਹਮਹੈ,

ਗੋਲਕਧਾਮਸਿਧਵੈ

 

ਸੰਸਾਰਖੁਸ਼ਹਾਲੀਜਾਇਦਾਦਕੁੱਲ,

ਸ਼ਰਧਾਲੂਜੋਬਹੁਤਮਹੱਤਵਪੂਰਨਹਨ

 

‘ਜੈਰਾਮਦੇਵ’ ਹਮੇਸ਼ਾਸੁੱਤੇਰਹਿੰਦੇਹਨ,

ਗੁਰੂਦੇਵਸਹੀਹੈ

 

॥ਦੋਹਾ॥

ਪ੍ਰਣਾਤਪਾਲਅਸ਼ਰਨਸ਼ਰਨ,

ਕਰੁਣਾਸਿੰਧੂਬ੍ਰਜੇਸ਼।

 

 

 

ਚਾਲੀਸਾਨਾਲਮੋਹਿਨੀ,

ਅਪਨਾਵਹੁਪ੍ਰਣੇਸ਼

CHALISA IN SANSKRIT

Sanskrit and Hindi languages are both written using the same script called ‘Devanagari’ . We recommend you to read the original Hindi version of Chalisa written in Awadhi dialect. 

 

।। दोहा ।।
श्री राधापद कमल रज, सिर धरि यमुना कूल।
वरणो चालीसा सरस, सकल सुमंगल मूल।।

।। चौपाई ।।
जय जय पूरण ब्रह्म बिहारी, दुष्ट दलन लीला अवतारी।
जो कोई तुम्हरी लीला गावै, बिन श्रम सकल पदारथ पावै।

श्री वसुदेव देवकी माता, प्रकट भये संग हलधर भ्राता।
मथुरा सों प्रभु गोकुल आये, नन्द भवन मे बजत बधाये।

जो विष देन पूतना आई, सो मुक्ति दै धाम पठाई।
तृणावर्त राक्षस संहारयौ, पग बढ़ाय सकटासुर मार्यौ।

खेल खेल में माटी खाई, मुख मे सब जग दियो दिखाई।
गोपिन घर घर माखन खायो, जसुमति बाल केलि सुख पायो।

ऊखल सों निज अंग बँधाई, यमलार्जुन जड़ योनि छुड़ाई।
बका असुर की चोंच विदारी, विकट अघासुर दियो सँहारी।

ब्रह्मा बालक वत्स चुराये, मोहन को मोहन हित आये।
बाल वत्स सब बने मुरारी, ब्रह्मा विनय करी तब भारी।

काली नाग नाथि भगवाना, दावानल को कीन्हों पाना।
सखन संग खेलत सुख पायो, श्रीदामा निज कन्ध चढ़ायो।

चीर हरन करि सीख सिखाई, नख पर गिरवर लियो उठाई।
दरश यज्ञ पत्निन को दीन्हों, राधा प्रेम सुधा सुख लीन्हों।

नन्दहिं वरुण लोक सों लाये, ग्वालन को निज लोक दिखाये।
शरद चन्द्र लखि वेणु बजाई, अति सुख दीन्हों रास रचाई।

अजगर सों पितु चरण छुड़ायो, शंखचूड़ को मूड़ गिरायो।
हने अरिष्टा सुर अरु केशी, व्योमासुर मार्यो छल वेषी।

व्याकुल ब्रज तजि मथुरा आये, मारि कंस यदुवंश बसाये।
मात पिता की बन्दि छुड़ाई, सान्दीपन गृह विघा पाई।

पुनि पठयौ ब्रज ऊधौ ज्ञानी, पे्रम देखि सुधि सकल भुलानी।
कीन्हीं कुबरी सुन्दर नारी, हरि लाये रुक्मिणि सुकुमारी।

भौमासुर हनि भक्त छुड़ाये, सुरन जीति सुरतरु महि लाये।
दन्तवक्र शिशुपाल संहारे, खग मृग नृग अरु बधिक उधारे।
दीन सुदामा धनपति कीन्हों, पाराि रथ सारथि यश लीन्हों।

गीता ज्ञान सिखावन हारे, अर्जुन मोह मिटावन हारे।
केला भक्त बिदुर घर पायो, युद्ध महाभारत रचवायो।

द्रुपद सुता को चीर बढ़ायो, गर्भ परीक्षित जरत बचायो।
कच्छ मच्छ वाराह अहीशा, बावन कल्की बुद्धि मुनीशा।

ह्वै नृसिंह प्रह्लाद उबार्यो, राम रुप धरि रावण मार्यो।
जय मधु कैटभ दैत्य हनैया, अम्बरीय प्रिय चक्र धरैया।

ब्याध अजामिल दीन्हें तारी, शबरी अरु गणिका सी नारी।
गरुड़ासन गज फन्द निकन्दन, देहु दरश धु्रव नयनानन्दन।

देहु शुद्ध सन्तन कर सग्ड़ा, बाढ़ै प्रेम भक्ति रस रग्ड़ा।
देहु दिव्य वृन्दावन बासा, छूटै मृग तृष्णा जग आशा।
तुम्हरो ध्यान धरत शिव नारद, शुक सनकादिक ब्रह्म विशारद।

जय जय राधारमण कृपाला, हरण सकल संकट भ्रम जाला।
बिनसैं बिघन रोग दुःख भारी, जो सुमरैं जगपति गिरधारी।
जो सत बार पढ़ै चालीसा, देहि सकल बाँछित फल शीशा।

।। छन्द।।
गोपाल चालीसा पढ़ै नित, नेम सों चित्त लावई।
सो दिव्य तन धरि अन्त महँ, गोलोक धाम सिधावई।।

संसार सुख सम्पत्ति सकल, जो भक्तजन सन महँ चहैं।
ट्टजयरामदेव’ सदैव सो, गुरुदेव दाया सों लहैं।।

।। दोहा ।।
प्रणत पाल अशरण शरण, करुणा—सिन्धु ब्रजेश।
चालीसा के संग मोहि, अपनावहु प्राणेश।।

CHALISA IN SANTALI

Santali and Hindi languages are both written using the same script called ‘Devanagari’ . We recommend you to read the original Hindi version of Chalisa written in Awadhi dialect. 

 

।। दोहा ।।
श्री राधापद कमल रज, सिर धरि यमुना कूल।
वरणो चालीसा सरस, सकल सुमंगल मूल।।

।। चौपाई ।।
जय जय पूरण ब्रह्म बिहारी, दुष्ट दलन लीला अवतारी।
जो कोई तुम्हरी लीला गावै, बिन श्रम सकल पदारथ पावै।

श्री वसुदेव देवकी माता, प्रकट भये संग हलधर भ्राता।
मथुरा सों प्रभु गोकुल आये, नन्द भवन मे बजत बधाये।

जो विष देन पूतना आई, सो मुक्ति दै धाम पठाई।
तृणावर्त राक्षस संहारयौ, पग बढ़ाय सकटासुर मार्यौ।

खेल खेल में माटी खाई, मुख मे सब जग दियो दिखाई।
गोपिन घर घर माखन खायो, जसुमति बाल केलि सुख पायो।

ऊखल सों निज अंग बँधाई, यमलार्जुन जड़ योनि छुड़ाई।
बका असुर की चोंच विदारी, विकट अघासुर दियो सँहारी।

ब्रह्मा बालक वत्स चुराये, मोहन को मोहन हित आये।
बाल वत्स सब बने मुरारी, ब्रह्मा विनय करी तब भारी।

काली नाग नाथि भगवाना, दावानल को कीन्हों पाना।
सखन संग खेलत सुख पायो, श्रीदामा निज कन्ध चढ़ायो।

चीर हरन करि सीख सिखाई, नख पर गिरवर लियो उठाई।
दरश यज्ञ पत्निन को दीन्हों, राधा प्रेम सुधा सुख लीन्हों।

नन्दहिं वरुण लोक सों लाये, ग्वालन को निज लोक दिखाये।
शरद चन्द्र लखि वेणु बजाई, अति सुख दीन्हों रास रचाई।

अजगर सों पितु चरण छुड़ायो, शंखचूड़ को मूड़ गिरायो।
हने अरिष्टा सुर अरु केशी, व्योमासुर मार्यो छल वेषी।

व्याकुल ब्रज तजि मथुरा आये, मारि कंस यदुवंश बसाये।
मात पिता की बन्दि छुड़ाई, सान्दीपन गृह विघा पाई।

पुनि पठयौ ब्रज ऊधौ ज्ञानी, पे्रम देखि सुधि सकल भुलानी।
कीन्हीं कुबरी सुन्दर नारी, हरि लाये रुक्मिणि सुकुमारी।

भौमासुर हनि भक्त छुड़ाये, सुरन जीति सुरतरु महि लाये।
दन्तवक्र शिशुपाल संहारे, खग मृग नृग अरु बधिक उधारे।
दीन सुदामा धनपति कीन्हों, पाराि रथ सारथि यश लीन्हों।

गीता ज्ञान सिखावन हारे, अर्जुन मोह मिटावन हारे।
केला भक्त बिदुर घर पायो, युद्ध महाभारत रचवायो।

द्रुपद सुता को चीर बढ़ायो, गर्भ परीक्षित जरत बचायो।
कच्छ मच्छ वाराह अहीशा, बावन कल्की बुद्धि मुनीशा।

ह्वै नृसिंह प्रह्लाद उबार्यो, राम रुप धरि रावण मार्यो।
जय मधु कैटभ दैत्य हनैया, अम्बरीय प्रिय चक्र धरैया।

ब्याध अजामिल दीन्हें तारी, शबरी अरु गणिका सी नारी।
गरुड़ासन गज फन्द निकन्दन, देहु दरश धु्रव नयनानन्दन।

देहु शुद्ध सन्तन कर सग्ड़ा, बाढ़ै प्रेम भक्ति रस रग्ड़ा।
देहु दिव्य वृन्दावन बासा, छूटै मृग तृष्णा जग आशा।
तुम्हरो ध्यान धरत शिव नारद, शुक सनकादिक ब्रह्म विशारद।

जय जय राधारमण कृपाला, हरण सकल संकट भ्रम जाला।
बिनसैं बिघन रोग दुःख भारी, जो सुमरैं जगपति गिरधारी।
जो सत बार पढ़ै चालीसा, देहि सकल बाँछित फल शीशा।

।। छन्द।।
गोपाल चालीसा पढ़ै नित, नेम सों चित्त लावई।
सो दिव्य तन धरि अन्त महँ, गोलोक धाम सिधावई।।

संसार सुख सम्पत्ति सकल, जो भक्तजन सन महँ चहैं।
ट्टजयरामदेव’ सदैव सो, गुरुदेव दाया सों लहैं।।

।। दोहा ।।
प्रणत पाल अशरण शरण, करुणा—सिन्धु ब्रजेश।
चालीसा के संग मोहि, अपनावहु प्राणेश।।

CHALISA IN SINDHI

Sindhi and Hindi languages are both written using the same script called ‘Devanagari’ . We recommend you to read the original Hindi version of Chalisa written in Awadhi dialect. 

 

।। दोहा ।।
श्री राधापद कमल रज, सिर धरि यमुना कूल।
वरणो चालीसा सरस, सकल सुमंगल मूल।।

।। चौपाई ।।
जय जय पूरण ब्रह्म बिहारी, दुष्ट दलन लीला अवतारी।
जो कोई तुम्हरी लीला गावै, बिन श्रम सकल पदारथ पावै।

श्री वसुदेव देवकी माता, प्रकट भये संग हलधर भ्राता।
मथुरा सों प्रभु गोकुल आये, नन्द भवन मे बजत बधाये।

जो विष देन पूतना आई, सो मुक्ति दै धाम पठाई।
तृणावर्त राक्षस संहारयौ, पग बढ़ाय सकटासुर मार्यौ।

खेल खेल में माटी खाई, मुख मे सब जग दियो दिखाई।
गोपिन घर घर माखन खायो, जसुमति बाल केलि सुख पायो।

ऊखल सों निज अंग बँधाई, यमलार्जुन जड़ योनि छुड़ाई।
बका असुर की चोंच विदारी, विकट अघासुर दियो सँहारी।

ब्रह्मा बालक वत्स चुराये, मोहन को मोहन हित आये।
बाल वत्स सब बने मुरारी, ब्रह्मा विनय करी तब भारी।

काली नाग नाथि भगवाना, दावानल को कीन्हों पाना।
सखन संग खेलत सुख पायो, श्रीदामा निज कन्ध चढ़ायो।

चीर हरन करि सीख सिखाई, नख पर गिरवर लियो उठाई।
दरश यज्ञ पत्निन को दीन्हों, राधा प्रेम सुधा सुख लीन्हों।

नन्दहिं वरुण लोक सों लाये, ग्वालन को निज लोक दिखाये।
शरद चन्द्र लखि वेणु बजाई, अति सुख दीन्हों रास रचाई।

अजगर सों पितु चरण छुड़ायो, शंखचूड़ को मूड़ गिरायो।
हने अरिष्टा सुर अरु केशी, व्योमासुर मार्यो छल वेषी।

व्याकुल ब्रज तजि मथुरा आये, मारि कंस यदुवंश बसाये।
मात पिता की बन्दि छुड़ाई, सान्दीपन गृह विघा पाई।

पुनि पठयौ ब्रज ऊधौ ज्ञानी, पे्रम देखि सुधि सकल भुलानी।
कीन्हीं कुबरी सुन्दर नारी, हरि लाये रुक्मिणि सुकुमारी।

भौमासुर हनि भक्त छुड़ाये, सुरन जीति सुरतरु महि लाये।
दन्तवक्र शिशुपाल संहारे, खग मृग नृग अरु बधिक उधारे।
दीन सुदामा धनपति कीन्हों, पाराि रथ सारथि यश लीन्हों।

गीता ज्ञान सिखावन हारे, अर्जुन मोह मिटावन हारे।
केला भक्त बिदुर घर पायो, युद्ध महाभारत रचवायो।

द्रुपद सुता को चीर बढ़ायो, गर्भ परीक्षित जरत बचायो।
कच्छ मच्छ वाराह अहीशा, बावन कल्की बुद्धि मुनीशा।

ह्वै नृसिंह प्रह्लाद उबार्यो, राम रुप धरि रावण मार्यो।
जय मधु कैटभ दैत्य हनैया, अम्बरीय प्रिय चक्र धरैया।

ब्याध अजामिल दीन्हें तारी, शबरी अरु गणिका सी नारी।
गरुड़ासन गज फन्द निकन्दन, देहु दरश धु्रव नयनानन्दन।

देहु शुद्ध सन्तन कर सग्ड़ा, बाढ़ै प्रेम भक्ति रस रग्ड़ा।
देहु दिव्य वृन्दावन बासा, छूटै मृग तृष्णा जग आशा।
तुम्हरो ध्यान धरत शिव नारद, शुक सनकादिक ब्रह्म विशारद।

जय जय राधारमण कृपाला, हरण सकल संकट भ्रम जाला।
बिनसैं बिघन रोग दुःख भारी, जो सुमरैं जगपति गिरधारी।
जो सत बार पढ़ै चालीसा, देहि सकल बाँछित फल शीशा।

।। छन्द।।
गोपाल चालीसा पढ़ै नित, नेम सों चित्त लावई।
सो दिव्य तन धरि अन्त महँ, गोलोक धाम सिधावई।।

संसार सुख सम्पत्ति सकल, जो भक्तजन सन महँ चहैं।
ट्टजयरामदेव’ सदैव सो, गुरुदेव दाया सों लहैं।।

।। दोहा ।।
प्रणत पाल अशरण शरण, करुणा—सिन्धु ब्रजेश।
चालीसा के संग मोहि, अपनावहु प्राणेश।।

CHALISA IN TAMIL

॥தோஹா ॥

திருராதாபாத்கமல்ராஜ்,

தலையமுனாகூல்.

 

வர்னோசாலிசாசரஸ்,

மொத்தசுமங்கல்வேர்

 

॥கட்டு॥

ஜெய்ஜெய்புரான்பிரம்மாபிஹாரி.

துன்மார்க்கன்தலன்லீலாஅவ்தாரி॥

 

உங்களைவழிநடத்துபவர்

பணம்இல்லாமல்மொத்தஉழைப்பு

 

ஸ்ரீவாசுதேவ்தேவகியின்தாய்.

வெளிப்படையானசகோதரருடன்ஹலதர்சகோதரர்

 

கோகுல்பகவான்மதுராவுக்குவந்தார்.

பட்ஜெட்டைநந்தபவனில்வைக்கவும்

 

தெரிந்தவிஷம்.

எனவேமுக்திடாய்தாம்பதாய்

 

இரவுநேரஅரக்கன்சன்ஹாரியோ.

சாக்தசூர்மரியோவைஅதிகரிப்பதற்கானபடிகள்

 

விளையாட்டுவிளையாட்டில்மண்ணைத்தள்ளிவிடுங்கள்.

உலகமெல்லாம்வாயில்காணப்பட்டது.

 

கோபின்கர்கர்மகான்காவ்.

ஜசுமதிபால்காளிசுக்பேயோ

 

தனதுசொந்தமூட்டுக்குகடன்வாங்கினார்.

யமலார்ஜூன்ரூட்யோனிசுத்தப்படுத்துகிறது

 

பாக்காஆசாரியின்கொக்கு.

விக்ட்அகசூர்டியோசன்ஹாரி

 

பிரம்மாசிறுவனின்வாட்களைதிருடினான்.

மோகனுக்குமோகனின்ஆர்வம்கிடைத்தது.

 

பால்வாட்ஸ்அனைவரும்முராரிஆனார்கள்.

பிரம்மாவினய்கறிபின்னர்கனமானது

 

காளிநாகநாதிபகவானா.

காட்டைஎவ்வாறுபெறுவது

 

விளையாட்டில்மகிழ்ச்சியைப்பெறுங்கள்

ஸ்ரீதாமாநிஜ்காந்தைவழங்குக

 

எப்படிகிழிப்பதுஎன்றுகற்றுக்கொண்டார்.

கிர்வர்லியோஆணிமீதுஎழுப்பினார்

 

டார்ன்யஜ்னாமனைவிக்குவழங்கப்படுகிறது.

ராதாபிரேம்சுதாசுக்லீன்ஹோஓம்

 

நந்தின்வருண்லோகாஸைஅழைத்துவந்தான்.

குவாலனைதனதுசொந்தநாட்டுமக்களுக்குக்காட்டு.

 

ஷரத்சந்திரலக்கிவேணாகநடித்தார்.

மிகுந்தமகிழ்ச்சி

 

பித்துசரணுடன்மலைப்பாம்பைஅகற்றவும்.

ஒருசங்குஷெல்முட்டாள்தனமாகஆக்குங்கள்.

 

ஹன்னேஅரிஷ்டாசுர்அருகேஷி.

வயோமசுராமரியோஏமாற்றுவேஷி

 

கலக்கம்அடைந்தபிரஜ்மதுராவுக்குவந்தான்.

மாரிகன்சாயதுவன்ஷ்பாசே

 

தாயின்தந்தையைமீட்டார்.

சந்திபனிகிரிஹாவிதிபை

 

புனிபதாயுபிரஜ்உதோகியானி.

பிரேம்தேகிசுதிசாகல்பூலானி

 

சிலஅழகானபெண்.

ஹரிலயாருக்மிணிசுகுமாரி

 

போமசூர்ஹனிபக்தர்கள்விடுபடுகிறார்கள்.

சூரன்ஜிதிசர்த்ருமஹியைக்கொண்டுவந்தார்.

 

தந்தவக்ராஷிஷுபாலசன்ஹாரே.

காகாமான்மான்அருபாதிக்உதரே

 

தீன்சுதாமாதனபதிகீன்ஹோ.

பரதராத்சரத்யாஷ்லீன்ஹோ

 

கீதைஅறிவையும்போதனைகளையும்இழந்தது.

அர்ஜுன்மோமிட்டவன்தோல்வியுற்றவர்

 

வாழைபக்தர்பிதூர்வீடு.

போர்மகாபாரதராச்வாயோ

 

ஐகிழித்தெறியுங்கள்.

கர்ப்பபரிசோதனையைச்சேமிக்கவும்

 

கட்ச்மட்ச்வராஅஹிஷா.

பவன்கல்கிவிட்முனிஷா

 

ஹவாய்நர்சிங்பிரஹ்லாத்உபாரியோ.

ராம்ரூப்தாரிராவணமரியோ

 

ஜெய்மதுகட்டாப்மான்ஸ்டர்ஹனையா.

உம்ப்ரியாஅன்புள்ளசக்ராதரயா

 

ஆசீர்வதிக்கப்பட்டஅஜமில்தின்தாரி

ஷபரிஅருகணிகாசிநரி॥

 

கருடசன்கஜாநிதிநிகந்தன்.

தேஹுதர்ஷ்துருவ்நயானந்தன்

 

குழந்தைகளைப்பெற்றபிறகுஉடல்தூய்மையாகஇருக்கும்.

பாதாய்பிரேம்பக்திராஸ்ராகா

 

தேஹுதிவ்யாபிருந்தாவன்பாசா.

சோட்டாமிரிக்த்ரிஷ்ணாஜக்ஆஷா

 

சிவநாரத, நீங்கள்தியானிக்கட்டும்.

சுக்சனகாடிக்பிரம்மவிஷரத்॥

 

ஜெய்ஜெய்ராதராமன்கிருபாலா.

ஹரான்மொத்தநெருக்கடிகுழப்பவலை

 

பின்செய்ன்கடுமையானநோய்கனமானது.

ஜோசம்ரேஜகபதிகிர்தாரி

 

சத்பட்டியைப்படிப்பவர்

உடல்மிகவும்சுத்திகரிக்கப்படாதபழக்கண்ணாடி.

 

॥வசனம்॥

கோபால்சாலிசாஆய்வுகள்,

பெயர்சித்தாலவாய்

 

எனவேகடைசிஉடல்தெய்வீகமானது,

கோலோக்தாம்சித்வாய்

 

உலகமகிழ்ச்சிசொத்துமொத்த,

மிகமுக்கியமானபக்தர்கள்

 

‘ஜெயராம்தேவ்’ எப்போதும்தூங்குகிறார்,

குருதேவ்சொல்வதுசரிதான்

 

॥தோஹ ॥

பிரணாத்பால்அஸ்ரன்ஷரன்,

கருணா-சிந்துபிரஜேஷ்.

 

சாலிசாவுடன்மோகினி,

அபனவ்பிராணேஷ்

CHALISA IN TELUGU

॥దోహా

మిస్టర్రాధాపాడ్కమల్రాజ్,

హెడ్ ​​యమునాకూల్.

 

వర్నోచలిసాసరస్,

స్థూలసుమంగల్రూట్

 

॥బౌండ్॥

జైజైపురాన్బ్రహ్మబిహారీ.

చెడ్డదలాన్లీలాఅవతారి॥

 

ఎవరైతేమిమ్మల్నినడిపిస్తారు

డబ్బులేకుండాస్థూలశ్రమ

 

శ్రీవాసుదేవ్దేవకితల్లి.

మానిఫెస్ట్సోదరుడితోహలాధర్సోదరుడు

 

గోకుల్ప్రభువుమధురకువచ్చాడు.

నందభవన్‌లోబడ్జెట్ఉంచండి

 

తెలిసినవిషం.

కాబట్టిముక్తిడైధామ్పాథై

 

రాత్రిపూటరాక్షసుడుసంహర్యౌ.

శక్తిసూర్మరియోపెంచడానికిచర్యలు

 

ఆటఆటలోమట్టినిత్రోయండి.

ప్రపంచమంతానోటిలోకనిపించింది.

 

గోపిన్ఘర్ఘర్మఖాన్ఖావో.

జసుమతిబాల్కాళిసుఖ్పేయో

 

తనసొంతఅవయవాన్నిఅరువుగాతీసుకున్నాడు.

యమలార్జున్రూట్యోనిశుభ్రపరుస్తుంది

 

బాకాఆసారిముక్కు.

విక్ట్అగసూర్డియోసంహారి

 

బ్రహ్మఅబ్బాయివాట్స్దొంగిలించాడు.

మోహన్మోహన్ఆసక్తినిపొందాడు.

 

బాల్వాట్స్అంతామురారిఅయ్యారు.

బ్రహ్మవినయ్కర్రీఅప్పుడుభారీగాఉంటుంది

 

కాళినాగనాతిభగవణ.

అడవినిఎలాపొందాలి

 

ఆటతోఆనందంపొందండి

శ్రీదామానిజ్కంధ్ఆఫర్

 

ఎలాచీల్చుకోవాలోనేర్చుకున్నాను.

గిర్వర్లియోగోరుపైపెంచింది

 

దర్ణయజ్ఞాన్నిభార్యకుఅర్పిస్తారు.

రాధాప్రేమ్సుధాసుఖ్లీన్హోఓం

 

నందిన్వరుణ్లోకాస్‌నుతీసుకువచ్చాడు.

గ్వాలాన్తనజానపదాలనుచూపించు.

 

శరద్చంద్రలఖివేణుపాత్రపోషించారు.

విపరీతమైనఆనందం

 

పిటుచరణ్తోపైథాన్వదిలించుకోండి.

శంఖంషెల్మూర్ఖంగాచేయండి.

 

హన్నేఅరిష్టసుర్అరుకేశి.

వ్యోమసురమారియోచీట్వెషి

 

చెదిరినబ్రాజ్మధురకువచ్చాడు.

మారికాన్సాయదువంశ్బసే

 

తల్లితండ్రినిరక్షించారు.

సందీపనిగ్రిహావిధిపై

 

పునిపాథయుబ్రజ్ఉధోజ్ఞానీ.

ప్రేమ్దేఖిసుధిసకల్భులాని

 

కొంతమందిఅందమైనలేడీ.

హరిలయరుక్మిణిసుకుమారి

 

భోమసూర్హనిభక్తులువిముక్తిపొందుతారు.

సూరన్జితిసర్త్రుమాహినితీసుకువచ్చారు.

 

దంతవక్రశిశుపాలసంహారే.

ఖాగాజింకజింకఅరుబాదిక్ఉదారే

 

దీన్సుదామాధనపతికీన్హో.

పరాతారాత్శ్రాత్యష్లీన్హో

 

గీతజ్ఞానంమరియుబోధలనుకోల్పోయింది.

అర్జున్మోమిట్టావన్ఓడిపోయాడు

 

అరటిభక్తుడుబిదూర్ఇంటికి.

యుద్ధంమహాభారతరాచ్వాయో

 

ద్రుపదసూతనురిప్చేయండి.

గర్భపరీక్షనుసేవ్చేయండి

 

కచ్మచ్వరహ్అహిషా.

బవన్కల్కితెలివిమునిషా

 

హ్వాయ్నర్సింగ్ప్రహ్లాద్ఉబరియో.

రామ్రూప్ధారిరావణమారియో

 

జైమధుకాటాబ్మాన్స్టర్హనయ్య.

ఉంబ్రియప్రియమైనచక్రధారాయ

 

బ్లెస్డ్అజామిల్దిన్తారి

షబరిఅరుగాణికాసినారీ॥

 

గరుడసన్గాజాఫండ్నికందన్.

దేహుదర్శ్ధ్రువ్నయానందన్

 

పిల్లలుపుట్టాకశరీరంస్వచ్ఛంగాఉంటుంది.

బధాయ్ప్రేమ్భక్తిరాస్రాగ్గా

 

దేహుదివ్యబృందావన్బాసా.

చోటామిగ్త్రిష్ణజగ్ఆశా

 

శివనారదధ్యానంచేద్దాం.

శుక్సనకాడిక్బ్రాహ్మణవిశారద్॥

 

జైజైరాధరామన్కృపాల.

హరాన్స్థూలసంక్షోభంగందరగోళవెబ్

 

బిన్సేన్భయంకరమైనవ్యాధిభారీగాఉంటుంది.

జోసుమ్రేజగపతిగిర్ధారీ

 

సాట్బార్చదివినవాడు

శరీరంస్థూలంగాశుద్ధిచేయనిఫ్రూట్గ్లాస్.॥

వవచనం

గోపాల్చాలిసాఅధ్యయనాలు,

పేరుచిట్టాలవాయి

 

కాబట్టిచివరిశరీరందైవికం,

గోలోక్ధామ్సిధ్వాయి

 

ప్రపంచఆనందంఆస్తిస్థూల,

చాలాముఖ్యమైనభక్తులు

 

‘జయరామ్‌దేవ్’ ఎప్పుడూనిద్రపోతాడు,

గురుదేవ్సరైనది

 

॥దోహా

ప్రణత్పాల్ఆశ్రన్శరణ్,

కరుణ-సింధుబ్రజేష్.

 

చాలిసాతోమోహిని,

అపనావుప్రాణేష్

CHALISA IN URDU

॥دوحہ॥

مسٹررادھاپیڈکمالراج،

سریامناٹھنڈا۔

 

ورنوچالیسہسرس،

مجموعیسمنگلجڑ۔

 

॥پابند॥

جئےجئےپورنبرہمابہاری۔

دجدالانلیلااوتاری॥

 

جوآپکیرہنمائیکرے

پیسوںکےبغیرمجموعیمزدوری

 

شریواسودیودیوکیکیوالدہ۔

صریحبھائیکےساتھہلاداربھائی

 

لارڈگوکلمتھراآیا۔

نندابھونمیںبجٹلگائیں

 

جوزہرمعلومہوا۔

تومکتیدئیدھمپاٹھے

 

 

راتکاشیطانسنہریؤ۔

ساکتسورمریوبڑھانےکےاقدامات۔

 

کھیلکےکھیلمیںمٹیکوکھودیں۔

ساریدنیاکےمنہمیںدیکھاگیاتھا۔

 

گوپینگھرگھرمکھنکھاؤ۔

جسومتیبالکلیسکھپایو۔

 

اپنااعضاادھارلیا۔

یامالارجنروٹاندامنہانیصاف۔

 

باکاآساریکیچونچ۔

وکتاغاسورڈیوسنہری۔

 

برہمانےلڑکےکیواٹچوریکی۔

موہنکوموہنکیدلچسپیہوگئی۔

 

بالواٹسسبمراریہوگئے۔

برہماونئےکریپھربھاری

 

کالیناگاناتھھیبھگوان۔

جنگلکیسےحاصلکریں

 

کھیلسےخوشیحاصلکریں

شریڈمہنزکندھپیشکریں۔

 

چیرناسیکھناسیکھا۔

گرورلیونےکیلپراٹھایا

 

ڈاریجنبیویکوپیشکیجاتیہے۔

رادھاپریمسدھاسکھلینہواوم

 

نندوھنورونلوکاسلائے۔

گوالانکواپنیلوکدکھائیں۔

 

شردچندرلاکھینےوینوکھیلی۔

انتہائیخوشی

 

پٹھوچرنکےساتھازگرسےچھٹکاراپائیں۔

شنکشیلکوبےوقوفبنادیں۔

 

ہناریشتہسوراروکیشی۔

ویموسوراماریوچیٹویشی۔

 

پریشانبرجمتھراآیا۔

ماریکانسایادووانشبسے

 

ماںکےوالدکوبچایا۔

سندیپانیگریھاودھیپائی

 

پونیپتھیوبرجادھوگیانی۔

پریمدیکھیسدھیسکلبھولانی۔

 

کچھخوبصورتعورت۔

ہریلیاروکمنیسکوماری۔

 

 

بھومسورہانیکےعقیدتمندچھٹکاراپائیں۔

سورنجیتیسارتروماہیلایا۔

 

دانتواکراشیشوپلاسانحارے۔

کھگاہرنہرناروبھاڈکادھارے

 

دینسوڈامادھناپتیکینہو۔

پارہرتھسرہیاشلینہو۔

 

گیتانےعلماورتعلیماتکوکھودیا۔

ارجنموہمٹواںہارگیا

 

کیلابھکتبیدورگھر۔

جنگمہابھارتراہوایو۔

 

دروپڑاسوٹاچیر۔

حملٹیسٹبچائیں

 

کچھمچھوارہاحشہ۔

باونکالکیوِٹمنیشا۔

 

ہوائینارسنگھپرہلاداوبریو۔

رامروپدھریراونماریو

 

جئےمادھوکاتبمونسٹرہنیا۔

امبریہپیارےچکردھارا۔

 

مبارکہےاجملدینطاری

شبریاروگنیکاسیناری॥

 

گیروداسنگاجافنڈنیکنڈن۔

دیہودرشدھرونیانندن۔

 

بچےپیداہونےکےبعدجسمپاکہوگا۔

بدھائیپریمبھکتیراسراگہ۔

 

دیہودیویہورینداونباسا۔

چھوٹامسریگتریشناجگآشا۔

 

شیواناردا،آپغورکریں۔

شوکساناکادکبرہمنوشاراد॥

 

جئےجئےرادھرمنکرپلا۔

ہارانمجموعیبحرانالجھنکاجال

 

بنسینخوفناکبیماریبھاریہے۔

جوسومرےجگپتیگردھاری

 

وہجوستبارپڑھتاہے

جسمناپختہپھلوںکاگلاسہے۔

 

॥آیت॥

گوپالچالیسہپڑھتیہے،

نامچٹٹالاویہے

 

توآخریجسمالہیہے،

گولوکدھمسدھوئی

 

عالمیخوشیپراپرٹیمجموعی،

عقیدتمندجوبہتاہمہیں

 

‘جےرامدیو’ ہمیشہسوتاہے،

گرودیوٹھیککہتےہیں

 

॥دوحہ۔

پرینتپالاشرانشرن،

کرونا۔ سندھوبرجیش۔

 

چالیسہکےساتھموہنی،

آپناووپرنیش

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