BAGLAMUKHI MATA CHALISA IN ALL LANGUAGES

CHALISA IN ASSAMESE

মা অন্নপূর্ণা চালিশা

ঘ দোহা।

বিশ্বেশ্বর পদপদমের জন্য একজন রাজার মাথা স্থাপন করুন।
অন্নপূর্ণা, তব সুয়াশ বরানউ কবি মাতিলে।

ঘ বাউন্ড 4

নিত্য আনন্দ করিনী মাতা, বারা অরু অভয়া ভাব প্রশান্ত।
জয়! বিউটি সিন্ধু জগ জানানি, আখিল পাপ হর ভাব-ভব্য-হারনী।

সাদা বেসিন পুণি, সান্টান টুভ পোস্ট ishষিমুনি সাদা শরীরে।
কাশী পুরাদিশ্বরী মাতা, মহেশ্বরী সাকল জগ ত্রতা।

বৃষভৃধ নাম রুদ্রণী, বিশ্ব বিহারানী জয় কল্যাণী।
পতিদেবতা সুয়েত শিরোমণি, কিণীহ গিরি নন্দিনী উপাধি পেয়েছিলেন।

স্বামী দুঃখের সাথে উইচোই, আগুন নয়, যোগ আগুন তখন দেহ।
দেহ তাজাত শিব চরণ সানহু, রাখেহু জাট হিমগিরি গম।

গিরিজা নামটি প্রকাশ করুন, অতী আনন্দ ভবনের স্থানটি গ্রহণ করুন।
নারদ তখন তোহিন ভারমায়াহুকে শিখিয়েছিলেন, করণ হিতাকে বিয়ে করেছিলেন।

ব্রহ্মা গাই বরুণ কুবের, দেবরাজ আদিক।
সব দেবতাদের কাছে সুজন বখানী, মন প্লাটুনে বসিয়ে দিন।

ধন তোর প্রাণ, অস্থাবর হিমাচল কন্যা।
নঃ কৈ তখন নারদকে আতঙ্কিত করলেন, তারপরে প্রাণ পুরাণ মন্ত্র শিখিয়েছিলেন।

প্রচারের জন্য তপস্যা করা, সাধু, আপনি সত্য areশ্বর
গগনগীর সুনি তারী না তারে, ব্রহা তখন তুভ পাস।

কন্যা কন্যা মঙ্গু অনুপা, আজ আমি তোমার মতো।
আপনি ধ্যান করুন, অতিপ্রাকৃত ভারী, খুব বেদনা ভোগেন।

কচ্ছপ সম্পর্কে এখন কোনও সন্দেহ নেই, এটি কোনও কৌশল নয়
ব্রহ্ম জানহুর সাথে করাত বেদ, শব্দ ময়ূর এই ক্যাম মানুহ।

আমি দ্বিধা বোধ করি এবং আমার আকাঙ্ক্ষাটি বলি, আমি একটি ভিক্ষা স্বেচ্ছাচারী।
সুন্নি ব্রহ্মার মাধুরী বানী, মুখী পুত্র কচু মুসুকায় ভবানী।

তিনি বলেছিলেন যে আপনি স্রষ্টা, আপনি জেগে আছেন
আমি আশা করি আমার কোনও গোপন কথা না থাকলে কাহনওয়া চন্নুর বর্ষা।

দক্ষিণ যজ্ঞ মহামানব হয় যখন আমরা মরি, শম্ভুনাথ পুণি হোহিন হামারা
তাই এখন আমি মহিন মনভয়ের সাথে দেখা করতে যাচ্ছি

অতঃপর গিরিজা শঙ্কর ভয়াবহভাবে গেলেন এবং ফল কামনা করলেন।
চন্দ্রকোটি রবি কোটি প্রকাশা, তারপরে অনান মহরত কারাট নিবাস।

মালা বইটি অঙ্কুশ সোহ, কর মোহরের লুপ মন মোহাই।
অন্নপূর্ণা! সদাপূর্ণ, অজ অনাভ অনন্ত পূর্ণা।

কৃপা সাগরী ক্ষেমণকরি মা, ভাব বিভূতি সুখী মা।
কামাল বিলোচন, অধরা বল্লম, দেবী কলিকে চণ্ডী।

তুমি উইল আনন্দের সাথে কৈলাস মাহি, গিরিজা, সিন্ধুজা।
স্বর্গকে বলা হয় মহালক্ষ্মী, নশ্বর প্রভু লক্ষ্মী পদাপয়ী।

উইল সব মহ সর্ব সর্বূপা, সেভত তোহিন অমর পুর ভূপ।
যাঁরা পড়েন, তাঁরা হলেন চলিশা ফল ও শুভ মুহূর্ত যীশু।

সকালে মন যা কিছু নিয়ে আসে না কেন, ভক্তিভক্তি পড়ুন।
মহিলা, স্বামী, বন্ধু, বন্ধু, পুত্র, পরমেশ্বর্য সুবিধা, আশ্চর্য।

রাজ বিমুখ আপনার জীবনে যেমন রাজ দিবাই নামে পরিচিত।
মহা মুদ মঙ্গল দাটা পাঠটি ভক্ত পছন্দসই তহবিল খুঁজে পান finds

ঘ দোহা।

যা হ’ল এই চালিশা সুভাg, পৰি নাভাঙে মাঠ।
দুর্গন্ধযুক্ত সিদ্ধ সব সখী কাশি নাথ

… ইতি মা অন্নপূর্ণা চলিছা শেষ।

CHALISA IN BENGALI

মা অন্নপূর্ণা চালিশা

ঘ দোহা।

বিশ্বেশ্বর পদপদমের জন্য একজন রাজার মাথা স্থাপন করুন।
অন্নপূর্ণা, তব সুয়াশ বরানউ কবি মাতিলে।

ঘ বাউন্ড 4

নিত্য আনন্দ করিনী মাতা, বারা অরু অভয়া ভাব প্রশান্ত।
জয়! বিউটি সিন্ধু জগ জানানি, আখিল পাপ হর ভাব-ভব্য-হারনী।

সাদা বেসিন পুণি, সান্টান টুভ পোস্ট ishষিমুনি সাদা শরীরে।
কাশী পুরাদিশ্বরী মাতা, মহেশ্বরী সাকল জগ ত্রতা।

বৃষভৃধ নাম রুদ্রণী, বিশ্ব বিহারানী জয় কল্যাণী।
পতিদেবতা সুয়েত শিরোমণি, কিণীহ গিরি নন্দিনী উপাধি পেয়েছিলেন।

স্বামী দুঃখের সাথে উইচোই, আগুন নয়, যোগ আগুন তখন দেহ।
দেহ তাজাত শিব চরণ সানহু, রাখেহু জাট হিমগিরি গম।

গিরিজা নামটি প্রকাশ করুন, অতী আনন্দ ভবনের স্থানটি গ্রহণ করুন।
নারদ তখন তোহিন ভারমায়াহুকে শিখিয়েছিলেন, করণ হিতাকে বিয়ে করেছিলেন।

ব্রহ্মা গাই বরুণ কুবের, দেবরাজ আদিক।
সব দেবতাদের কাছে সুজন বখানী, মন প্লাটুনে বসিয়ে দিন।

ধন তোর প্রাণ, অস্থাবর হিমাচল কন্যা।
নঃ কৈ তখন নারদকে আতঙ্কিত করলেন, তারপরে প্রাণ পুরাণ মন্ত্র শিখিয়েছিলেন।

প্রচারের জন্য তপস্যা করা, সাধু, আপনি সত্য areশ্বর
গগনগীর সুনি তারী না তারে, ব্রহা তখন তুভ পাস।

কন্যা কন্যা মঙ্গু অনুপা, আজ আমি তোমার মতো।
আপনি ধ্যান করুন, অতিপ্রাকৃত ভারী, খুব বেদনা ভোগেন।

কচ্ছপ সম্পর্কে এখন কোনও সন্দেহ নেই, এটি কোনও কৌশল নয়
ব্রহ্ম জানহুর সাথে করাত বেদ, শব্দ ময়ূর এই ক্যাম মানুহ।

আমি দ্বিধা বোধ করি এবং আমার আকাঙ্ক্ষাটি বলি, আমি একটি ভিক্ষা স্বেচ্ছাচারী।
সুন্নি ব্রহ্মার মাধুরী বানী, মুখী পুত্র কচু মুসুকায় ভবানী।

তিনি বলেছিলেন যে আপনি স্রষ্টা, আপনি জেগে আছেন
আমি আশা করি আমার কোনও গোপন কথা না থাকলে কাহনওয়া চন্নুর বর্ষা।

দক্ষিণ যজ্ঞ মহামানব হয় যখন আমরা মরি, শম্ভুনাথ পুণি হোহিন হামারা
তাই এখন আমি মহিন মনভয়ের সাথে দেখা করতে যাচ্ছি

অতঃপর গিরিজা শঙ্কর ভয়াবহভাবে গেলেন এবং ফল কামনা করলেন।
চন্দ্রকোটি রবি কোটি প্রকাশা, তারপরে অনান মহরত কারাট নিবাস।

মালা বইটি অঙ্কুশ সোহ, কর মোহরের লুপ মন মোহাই।
অন্নপূর্ণা! সদাপূর্ণ, অজ অনাভ অনন্ত পূর্ণা।

কৃপা সাগরী ক্ষেমণকরি মা, ভাব বিভূতি সুখী মা।
কামাল বিলোচন, অধরা বল্লম, দেবী কলিকে চণ্ডী।

তুমি উইল আনন্দের সাথে কৈলাস মাহি, গিরিজা, সিন্ধুজা।
স্বর্গকে বলা হয় মহালক্ষ্মী, নশ্বর প্রভু লক্ষ্মী পদাপয়ী।

উইল সব মহ সর্ব সর্বূপা, সেভত তোহিন অমর পুর ভূপ।
যাঁরা পড়েন, তাঁরা হলেন চলিশা ফল ও শুভ মুহূর্ত যীশু।

সকালে মন যা কিছু নিয়ে আসে না কেন, ভক্তিভক্তি পড়ুন।
মহিলা, স্বামী, বন্ধু, বন্ধু, পুত্র, পরমেশ্বর্য সুবিধা, আশ্চর্য।

রাজ বিমুখ আপনার জীবনে যেমন রাজ দিবাই নামে পরিচিত।
মহা মুদ মঙ্গল দাটা পাঠটি ভক্ত পছন্দসই তহবিল খুঁজে পান finds

ঘ দোহা।

যা হ’ল এই চালিশা সুভাg, পৰি নাভাঙে মাঠ।
দুর্গন্ধযুক্ত সিদ্ধ সব সখী কাশি নাথ

… ইতি মা অন্নপূর্ণা চলিছা শেষ।

CHALISA IN BODO

Bodo and Hindi languages are both written using the same script called ‘Devanagari’ . We recommend you to read the original Hindi version of Chalisa written in Awadhi dialect. 

श्री बगलामुखी चालीसा

।। श्री गणेशाय नमः।।

नमो महाविद्या बरद, बगलामुखी दयाल।

स्तम्भन क्षण में करे , सुमिरत अरिकुल काल।।

नमो नमो पीताम्बरा भवानी, बगलामुखी नमो कल्यानी |1|

भक्त वत्सला शत्रु नशानी , नमो महाविद्या वरदानी |2|

अमृत सागर बीच तुम्हारा, रत्न जड़ित मणि मंडित प्यारा |3|

स्वर्ण सिंहासन पर आसीना, पीताम्बर अति दिव्य नवीना |4|

स्वर्णाभूषण सुन्दर धारे , सिर पर चन्द्र मुकुट श्रृंगारे |5|

तीन नेत्र दो भुजा मृणाला , धारे मुद्गर पाष कराला |6|

भैरव करें सदा सेवर्काइ , सिद्ध काम सब विघ्न नर्साइ |7|

तुम हताश का निपट सहारा, करे अकिंचन अरिकल धारा |8|

तुम काली तारा भवनेशी , त्रिपुर सुन्दरी भैरवी वेशी |9|

छिन्नभाल धूमा मातंगी, गायत्री तुम बगला रंगी |10|

सकल शक्तियाँ तुम में साजें, ह्लीं बीज के बीज बिराजें |11|

दुष्ट स्तम्भन अरिकुल कीलन, मारण वशीकरण सम्मोहन |12|

दुष्टोच्चाटन कारक माता, अरि जिव्हा कीलक सघाता ।13।

साधक के विपति की त्राता, नमो महामाया प्रख्याता ।14।

मुद्गर शिला लिये अति भारी, प्रेतासन पर किये सवारी ।15।

तीन लोक दस दिशा भवानी, बिचरहु तुम जन हित कल्यानी ।16।

अरि अरिष्ट सोचे जो जन को, बुद्धि नाशकर कीलक तन को ।17।

हाथ पांव बांधहुं तुम ताके, हनहु जीभ बिच मुद्गर बाके ।18।

चोरों का जब संकट आवे, रण में रिपुओं से घिर जावे ।19

अनल अनिल बिप्लव घहरावे, वाद विवाद न निर्णय पावे ।20।

मूठ आदि अभिचारण संकट, राजभीति आपत्ति सन्निकट ।21।

ध्यान करत सब कष्ट नसावे, भूत प्रेत न बाधा आवे ।22।

सुमिरत राजद्वार बंध जावे, सभा बीच स्तम्भवन छावे ।23।

नाग सर्प बृच्श्रिकादि भयंकर, खल विहंग भागहिं सब सत्वर ।24।

सर्व रोग की नाशन हारी, अरिकुल मूलोच्चाटन कारी ।25।

स्त्री पुरुष राज सम्मोहक, नमो नमो पीताम्बर सोहक ।26।

तुमको सदा कुबेर मनावें, श्री समृद्धि सुयश नित गावें ।27।

शक्ति शौर्य की तुम्हीं विधाता, दुःख दारिद्र विनाशक माता ।28।

यश ऐश्वर्य सिद्धि की दाता, शत्रु नाशिनी विजय प्रदाता ।29।

पीताम्बरा नमो कल्यानी, नमो मातु बगला महारानी ।30।

जो तुमको सुमरै चितर्लाइ , योग क्षेम से करो सर्हाइ ।31।

आपत्ति जन की तुरत निवारो, आधि व्याधि संकट सब टारो ।32।

पूजा विधि नहिं जानत तुम्हरी, अर्थ न आखर करहूं निहोरी ।33।

मैं कुपुत्र अति निवल उपाया, हाथ जोड़ षरणागत आया ।34।

जग में केवल तुम्हीं सहारा, सारे संकट करहुँ निवारा ।35।

नमो महादेवी हे माता, पीताम्बरा नमो सुखदाता ।36।

सौम्य रूप धर बनती माता, सुख सम्पत्ति सुयश की दाता ।37।

रौद्र रूप धर षत्रु संहारो, अरि जिव्हा में मुद्गर मारो ।38।

नमो महाविद्या आगारा, आदि शक्ति सुन्दरी आपारा ।39।

अरि भंजक विपत्ति की त्राता, दया करो पीताम्बरी माता ।40।

रिद्धि सिद्धि दाता तुम्हीं, अरि समूल कुल काल।

मेरी सब बाधा हरो, माँ बगले तत्काल।।

CHALISA IN DOGRI

Dogri and Hindi languages are both written using the same script called ‘Devanagari’ . We recommend you to read the original Hindi version of Chalisa written in Awadhi dialect. 

श्री बगलामुखी चालीसा

।। श्री गणेशाय नमः।।

नमो महाविद्या बरद, बगलामुखी दयाल।

स्तम्भन क्षण में करे , सुमिरत अरिकुल काल।।

नमो नमो पीताम्बरा भवानी, बगलामुखी नमो कल्यानी |1|

भक्त वत्सला शत्रु नशानी , नमो महाविद्या वरदानी |2|

अमृत सागर बीच तुम्हारा, रत्न जड़ित मणि मंडित प्यारा |3|

स्वर्ण सिंहासन पर आसीना, पीताम्बर अति दिव्य नवीना |4|

स्वर्णाभूषण सुन्दर धारे , सिर पर चन्द्र मुकुट श्रृंगारे |5|

तीन नेत्र दो भुजा मृणाला , धारे मुद्गर पाष कराला |6|

भैरव करें सदा सेवर्काइ , सिद्ध काम सब विघ्न नर्साइ |7|

तुम हताश का निपट सहारा, करे अकिंचन अरिकल धारा |8|

तुम काली तारा भवनेशी , त्रिपुर सुन्दरी भैरवी वेशी |9|

छिन्नभाल धूमा मातंगी, गायत्री तुम बगला रंगी |10|

सकल शक्तियाँ तुम में साजें, ह्लीं बीज के बीज बिराजें |11|

दुष्ट स्तम्भन अरिकुल कीलन, मारण वशीकरण सम्मोहन |12|

दुष्टोच्चाटन कारक माता, अरि जिव्हा कीलक सघाता ।13।

साधक के विपति की त्राता, नमो महामाया प्रख्याता ।14।

मुद्गर शिला लिये अति भारी, प्रेतासन पर किये सवारी ।15।

तीन लोक दस दिशा भवानी, बिचरहु तुम जन हित कल्यानी ।16।

अरि अरिष्ट सोचे जो जन को, बुद्धि नाशकर कीलक तन को ।17।

हाथ पांव बांधहुं तुम ताके, हनहु जीभ बिच मुद्गर बाके ।18।

चोरों का जब संकट आवे, रण में रिपुओं से घिर जावे ।19

अनल अनिल बिप्लव घहरावे, वाद विवाद न निर्णय पावे ।20।

मूठ आदि अभिचारण संकट, राजभीति आपत्ति सन्निकट ।21।

ध्यान करत सब कष्ट नसावे, भूत प्रेत न बाधा आवे ।22।

सुमिरत राजद्वार बंध जावे, सभा बीच स्तम्भवन छावे ।23।

नाग सर्प बृच्श्रिकादि भयंकर, खल विहंग भागहिं सब सत्वर ।24।

सर्व रोग की नाशन हारी, अरिकुल मूलोच्चाटन कारी ।25।

स्त्री पुरुष राज सम्मोहक, नमो नमो पीताम्बर सोहक ।26।

तुमको सदा कुबेर मनावें, श्री समृद्धि सुयश नित गावें ।27।

शक्ति शौर्य की तुम्हीं विधाता, दुःख दारिद्र विनाशक माता ।28।

यश ऐश्वर्य सिद्धि की दाता, शत्रु नाशिनी विजय प्रदाता ।29।

पीताम्बरा नमो कल्यानी, नमो मातु बगला महारानी ।30।

जो तुमको सुमरै चितर्लाइ , योग क्षेम से करो सर्हाइ ।31।

आपत्ति जन की तुरत निवारो, आधि व्याधि संकट सब टारो ।32।

पूजा विधि नहिं जानत तुम्हरी, अर्थ न आखर करहूं निहोरी ।33।

मैं कुपुत्र अति निवल उपाया, हाथ जोड़ षरणागत आया ।34।

जग में केवल तुम्हीं सहारा, सारे संकट करहुँ निवारा ।35।

नमो महादेवी हे माता, पीताम्बरा नमो सुखदाता ।36।

सौम्य रूप धर बनती माता, सुख सम्पत्ति सुयश की दाता ।37।

रौद्र रूप धर षत्रु संहारो, अरि जिव्हा में मुद्गर मारो ।38।

नमो महाविद्या आगारा, आदि शक्ति सुन्दरी आपारा ।39।

अरि भंजक विपत्ति की त्राता, दया करो पीताम्बरी माता ।40।

रिद्धि सिद्धि दाता तुम्हीं, अरि समूल कुल काल।

मेरी सब बाधा हरो, माँ बगले तत्काल।।

CHALISA IN ENGLISH

।। Doha ।।

 

Namo Mahavidya Barada, Bagalamukhi Dayala|

Stambhana Kshana Mem Kare , Sumirata Arikula Kala||

 

।। Chaupai ।।

 

Namo Namo Pitambara Bhavani, Bagalamukhi Namo Kalyani |1|

 

Bhakta Vatsala Shatru Nashani , Namo Mahavidya Varadani |2|

 

Anrita Sagara Bicha Tunhara, Ratna Jadita Mani Mandita Pyara |3|

 

Svarna Sinhasana Para Asina, Pitambara Ati Divya Navina |4|

 

Svarnabhushana Sundara Dhare , Sira Para Chandra Mukuta Shrringare |5|

 

Tina Netra Do Bhuja Nrinala , Dhare Mudgara Pasha Karala |6|

 

Bhairava Karem Sada Sevarkai , Siddha Kama Saba Vighna Narsai |7|

 

Tuma Hatasha Ka Nipata Sahara, Kare Akinchana Arikala Dhara |8|

 

Tuma Kali Tara Bhavaneshi , Tripura Sundari Bhairavi Veshi |9|

 

Chhinnabhala Dhuma Matangi, Gayatri Tuma Bagala Rangi |10|

 

Sakala Shaktiyam Tuma Mem Sajem, Hlim Bija Ke Bija Birajem |11|

 

Dushta Stambhana Arikula Kilana, Marana Vashikarana Sammohana |12|

 

Dushtochchatana Karaka Mata, Ari Jivha Kilaka Saghata |13|

 

Sadhaka Ke Vipati Ki Trata, Namo Mahamaya Prakhyata |14|

 

Mudgara Shila Liye Ati Bhari, Pretasana Para Kiye Savari |15|

 

Tina Loka Dasa Disha Bhavani, Bicharahu Tuma Jana Hita Kalyani |16|

 

Ari Arishta Soche Jo Jana Ko, Buddhi Nashakara Kilaka Tana Ko |17|

 

Hatha Pamva Bandhahum Tuma Take, Hanahu Jibha Bicha Mudgara Bake |18|

 

Chorom Ka Jaba Sankata Ave, Rana Mem Ripuom Se Ghira Jave |19|

 

Anala Anila Biplava Ghaharave, Vada Vivada Na Nirnaya Pave |20|

 

Mutha Adi Abhicharana Sankata, Rajabhiti Apatti Sannikata |21|

 

Dhyana Karata Saba Kashta Nasave, Bhuta Preta Na Badha Ave |22|

 

Sumirata Rajadvara Bandha Jave, Sabha Bicha Stambhavana Chhave |23|

 

Naga Sarpa Brichshrikadi Bhayankara, Khala Vihanga Bhagahim Saba Satvara |24|

 

Sarva Roga Ki Nashana Hari, Arikula Mulochchatana Kari |25|

 

Stri Purusha Raja Sammohaka, Namo Namo Pitambara Sohaka |26|

 

Tumako Sada Kubera Manavem, Shri Sanriddhi Suyasha Nita Gavem |27|

 

Shakti Shaurya Ki Tunhim Vidhata, Duhkha Daridra Vinashaka Mata |28|

 

Yasha Aishvarya Siddhi Ki Data, Shatru Nashini Vijaya Pradata |29|

 

Pitambara Namo Kalyani, Namo Matu Bagala Maharani |30|

 

Jo Tumako Sumarai Chitarlai , Yoga Kshema Se Karo Sarhai |31|

 

Apatti Jana Ki Turata Nivaro, Adhi Vyadhi Sankata Saba Taro |32|

 

Puja Vidhi Nahim Janata Tunhari, Artha Na Akhara Karahum Nihori |33|

 

Maim Kuputra Ati Nivala Upaya, Hatha Jor Sharanagata Aya |34|

 

Jaga Mem Kevala Tunhim Sahara, Sare Sankata Karahum Nivara |35|

 

Namo Mahadevi He Mata, Pitambara Namo Sukhadata |36|

 

Saunya Rupa Dhara Banati Mata, Sukha Sampatti Suyasha Ki Data |37|

 

Raudra Rupa Dhara Shatru Sanharo, Ari Jivha Mem Mudgara Maro |38|

 

Namo Mahavidya Agara, Adi Shakti Sundari Apara |39|

 

Ari Bhanjaka Vipatti Ki Trata, Daya Karo Pitambari Mata |40|

 

।। Doha ।।

 

Riddhi Siddhi Data Tunhim, Ari Samula Kula Kala|

Meri Saba Badha Haro, Mam Bagale Tatkala||

 

CHALISA IN GUJRATI

શ્રી બગલામુખી ચાલીસા

 

… ઓમ શ્રી ગણેશાય નમha ..

 

નમો મહાવિદ્યા બારડ, બગલામુખી દયાળ.

 

સુમિરત અરિકુલ કાલ, એક ક્ષણમાં તેને કરો.

 

નમો નમો પિતમ્બરા ભવાની, બગલામુખી નમો કલ્યાણી | 1 |

 

ભક્ત વત્સલા શત્રુ નશાની, નમો મહાવિદ્યા વરદાની | 2 |

 

અમૃત સાગર બીચ તમારો, મણિથી ભરેલો મણિ મંડિત પ્યાર | 3 |

 

સુવર્ણ સિંહાસન પર અસીના, પીતામ્બર અતિ દિવ્ય નવીના | 4 |

 

સોનાના ઝવેરાત, માથા પર સુંદર ચંદ્ર તાજ | 5 |

 

ત્રણ આંખો બે બાજુ શ્રીનાલા, ધારે મુદગર લૂપ કરલા | 6 |

 

ભૈરવ હંમેશાં સખત પરિશ્રમ કરે છે, કાર્ય સાબિત કરે છે, બધી અવરોધો, નર્સરી | 7 |

 

તમે હતાશાથી સામનો કરી શકો છો, અસુરક્ષિત અવાહક પ્રવાહને દો | 8 |

 

તુમ કાલી તારા ભવનેશી, ત્રિપુરા સુંદરી ભૈરવી વેશી | 9 |

 

ચિન્નાબલ ધુમા માતંગી, ગાયત્રી તુમ બગલી રંગી | 10 |

 

તમારામાં સ્થૂળ શક્તિઓ એકત્રીત કરો, બીજનાં બીજ બેસવા દો. |11|

 

દુષ્ટ સ્તંભ અરિકુલ કીલાન, મારન વશીકરણ સંમોહન | 12 |

 

દુષ્ટતા પરિબળ માતા, અરી જીવ કીલક સગતા ​​.|13.|

 

સાધકના દુર્ભાગ્યનું દુ: ખ, નમો મહામાયા પ્રાખ્યતા | 14 |

 

મુદગાર શીલા માટે બહુ ભારે, પ્રતાસન પર સવારી | 15 |

 

ત્રણ લોકો, દસ દિશાઓ, ભવાની, બિચારો, તમે લોકહિત, કલ્યાણી. | 16 |

 

અરી અરિષ્ઠા વિચારે છે કે જનતાને, શાણપણનો નાશ કરવો અને ચડતા શરીરને.| 17|

 

હાથ અને પગ તમને બાંધી છે, મુદગાર ગરમીથી પકવવું વચ્ચે હનુહ જીભ. | 18|

 

જ્યારે ચોરો મુશ્કેલીમાં આવે છે, ત્યારે રિપુ યુદ્ધમાં ઘેરાયેલું છે | 19 |

 

અનિલ અનિલ બિપલાવ ઘરાવે | 20 |

 

પ્રતિકૂળતા સંકટને સંબોધન, રાજભૂતિ વાંધો નિકટવર્તી | 21 |

 

બધા દુ ,ખ, વિચારો, ભૂત અને અવરોધોનું ધ્યાન કરો. | 22 |

 

સુમિરત રાજદ્વાર બંધ જાવે, સભા બીચ સ્તંભવન ચાવે | 23 |

 

સાપ સાપ બ્રીક્રિક્ડ ઉગ્ર, ખલ વિહંગ ભાગિન સબ સત્ત્વર | 24 |

 

બધા રોગોનું નુકસાન, એરિકુલ મૂળોખતન કારી | 25 |

 

સ્ત્રી પુરુષ રાજ હિપ્નોટિસ્ટ, નમો નમો પિતામ્બર સોહક | 26 |

 

હંમેશાં તમે કુબેરા, શ્રી સમૃદ્ધિ સુયશ નિતે ગાઓ. | 27 |

 

તમે શક્તિ શૌર્યના સર્જક, ઉદાસી નાશ કરનાર માતા છો. | 28 |

 

શત્રુ નશિની ​​વિજયની પ્રદાતા, યશ wશ્વર્યા સિદ્ધિ આપનાર. | 29 |

 

પીતામ્બ્રા નમો કલ્યાણી, નમો માતુ બગલા મહારાણી | 30|

 

સુમરાય ચિત્રાલાઇ, યોગ સાથે તમારે જે કરવું હોય તે કરો | 31 |

 

વાંધામાંથી ઝડપી રાહત, બધી તકલીફ બધાને ત્રાસ આપે છે | 32 |

 

પૂજા વિધી નહીં જનત તુમ્હારી, અર્થ ના અઘાર કરહુન નિહોરી| 33 |

 

હું કુપુત્રા પાસે બહુ જ ઓછું ઉપાય છું, હાથ જોડ્યા શાંતારગતા. | 34 |

 

સંસારમાં ફક્ત તમે જ ટેકો આપો, બધી તકલીફ થવી જોઈએ | 35 |

 

નમો મહાદેવી ઓ માતા, પિતામ્બર નમો સુખદાતા | 36 |

 

માતા સૌમ્ય સ્વરૂપ, સુખ અને સંપત્તિના દાતા બને છે સુયશ. | 37 |

 

રૌદ્ર રૂપ ધર શત્રુ સન્હારો, મરી મુદગારને એરી જીવમાં | 38 |

 

નમો મહાવિદ્યા આગ્રા, આદિ શક્તિ સુંદરી અપારા. | 39 |

 

દુ Ariખની અરી ભણક ત્રિતા, દયા કરો પીતામ્બરી માતા | 40 |

 

રિદ્ધિ સિદ્ધિ દાતા તું, અરી સમુલ કુળ કાલ.

 

મારી બધી અવરોધો ઉતાવળ કરો, તરત જ માતા બગડે.

CHALISA IN HINDI

श्री बगलामुखी चालीसा

।। श्री गणेशाय नमः।।


नमो महाविद्या बरद, बगलामुखी दयाल।

स्तम्भन क्षण में करे , सुमिरत अरिकुल काल।।


नमो नमो पीताम्बरा भवानी, बगलामुखी नमो कल्यानी |1|


भक्त वत्सला शत्रु नशानी , नमो महाविद्या वरदानी |2|


अमृत सागर बीच तुम्हारा, रत्न जड़ित मणि मंडित प्यारा |3|


स्वर्ण सिंहासन पर आसीना, पीताम्बर अति दिव्य नवीना |4|


स्वर्णाभूषण सुन्दर धारे , सिर पर चन्द्र मुकुट श्रृंगारे |5|


तीन नेत्र दो भुजा मृणाला , धारे मुद्गर पाष कराला |6|


भैरव करें सदा सेवर्काइ , सिद्ध काम सब विघ्न नर्साइ |7|


तुम हताश का निपट सहारा, करे अकिंचन अरिकल धारा |8|


तुम काली तारा भवनेशी , त्रिपुर सुन्दरी भैरवी वेशी |9|


छिन्नभाल धूमा मातंगी, गायत्री तुम बगला रंगी |10|


सकल शक्तियाँ तुम में साजें, ह्लीं बीज के बीज बिराजें |11|


दुष्ट स्तम्भन अरिकुल कीलन, मारण वशीकरण सम्मोहन |12|


दुष्टोच्चाटन कारक माता, अरि जिव्हा कीलक सघाता ।13।


साधक के विपति की त्राता, नमो महामाया प्रख्याता ।14।


मुद्गर शिला लिये अति भारी, प्रेतासन पर किये सवारी ।15।


तीन लोक दस दिशा भवानी, बिचरहु तुम जन हित कल्यानी ।16।


अरि अरिष्ट सोचे जो जन को, बुद्धि नाशकर कीलक तन को ।17।


हाथ पांव बांधहुं तुम ताके, हनहु जीभ बिच मुद्गर बाके ।18।


चोरों का जब संकट आवे, रण में रिपुओं से घिर जावे ।19


अनल अनिल बिप्लव घहरावे, वाद विवाद न निर्णय पावे ।20।


मूठ आदि अभिचारण संकट, राजभीति आपत्ति सन्निकट ।21।


ध्यान करत सब कष्ट नसावे, भूत प्रेत न बाधा आवे ।22।


सुमिरत राजद्वार बंध जावे, सभा बीच स्तम्भवन छावे ।23।


नाग सर्प बृच्श्रिकादि भयंकर, खल विहंग भागहिं सब सत्वर ।24।


सर्व रोग की नाशन हारी, अरिकुल मूलोच्चाटन कारी ।25।


स्त्री पुरुष राज सम्मोहक, नमो नमो पीताम्बर सोहक ।26।


तुमको सदा कुबेर मनावें, श्री समृद्धि सुयश नित गावें ।27।


शक्ति शौर्य की तुम्हीं विधाता, दुःख दारिद्र विनाशक माता ।28।


यश ऐश्वर्य सिद्धि की दाता, शत्रु नाशिनी विजय प्रदाता ।29।


पीताम्बरा नमो कल्यानी, नमो मातु बगला महारानी ।30।


जो तुमको सुमरै चितर्लाइ , योग क्षेम से करो सर्हाइ ।31।


आपत्ति जन की तुरत निवारो, आधि व्याधि संकट सब टारो ।32।


पूजा विधि नहिं जानत तुम्हरी, अर्थ न आखर करहूं निहोरी ।33।


मैं कुपुत्र अति निवल उपाया, हाथ जोड़ षरणागत आया ।34।


जग में केवल तुम्हीं सहारा, सारे संकट करहुँ निवारा ।35।


नमो महादेवी हे माता, पीताम्बरा नमो सुखदाता ।36।


सौम्य रूप धर बनती माता, सुख सम्पत्ति सुयश की दाता ।37।


रौद्र रूप धर षत्रु संहारो, अरि जिव्हा में मुद्गर मारो ।38।


नमो महाविद्या आगारा, आदि शक्ति सुन्दरी आपारा ।39।


अरि भंजक विपत्ति की त्राता, दया करो पीताम्बरी माता ।40।


रिद्धि सिद्धि दाता तुम्हीं, अरि समूल कुल काल।

मेरी सब बाधा हरो, माँ बगले तत्काल।।

CHALISA IN KANNADA

ಶ್ರೀ ಬಾಗಲಮುಖಿ ಚಾಲಿಸಾ

 

… ಓಂ ಶ್ರೀ ಗಣೇಶಯ ನಮಹಾ ..

 

ನಮೋ ಮಹಾವಿದ್ಯಾ ಬರಾದ್, ಬಾಗಲಮುಖಿ ದಯಾಳ್.

 

ಒಂದು ಕ್ಷಣ ಮೌನವಾಗಿ ಮಾಡಿ, ಸುಮಿರಾತ್ ಅರಿಕುಲ್ ಕಾಲ್.

 

ನಮೋ ನಮೋ ಪಿತಂಬರ ಭವಾನಿ, ಬಾಗಲಮುಖಿ ನಮೋ ಕಲ್ಯಾಣಿ | 1 |

 

ಭಕ್ತ ವತ್ಸಲಾ ಶತ್ರು ನಶಾನಿ, ನಮೋ ಮಹಾವಿದ್ಯಾ ವರದಾನಿ | 2 |

 

ಅಮೃತ್ ಸಾಗರ್ ಬೀಚ್ ಯುವರ್ಸ್, ರತ್ನ ತುಂಬಿದ ಮಣಿ ಮಂಡಿತ್ ಪ್ಯಾರ್ | 3 |

 

ಚಿನ್ನದ ಸಿಂಹಾಸನದ ಮೇಲೆ ಆಸೀನಾ, ಪಿತಾಂಬರ್ ಸೂಪರ್-ದೈವಿಕ ನವೀನಾ | 4 |

 

ಚಿನ್ನದ ಆಭರಣಕಾರರು, ತಲೆಯ ಮೇಲೆ ಸುಂದರವಾದ ಚಂದ್ರನ ಕಿರೀಟಗಳು | 5 |

 

ಮೂರು ಕಣ್ಣುಗಳು ಎರಡು ಬದಿ ಮರ್ನಾಲಾ, ಧಾರೆ ಮುಡ್ಗರ್ ಲೂಪ್ ಕರಲಾ | 6 |

 

ಭೈರವ ಯಾವಾಗಲೂ ಕಷ್ಟಪಟ್ಟು ಕೆಲಸ ಮಾಡುತ್ತಾನೆ, ಕೆಲಸವನ್ನು ಸಾಬೀತುಪಡಿಸುತ್ತಾನೆ, ಎಲ್ಲಾ ಅಡೆತಡೆಗಳು, ನರ್ಸರಿ.| 7 |

 

ನೀವು ಹತಾಶೆಯನ್ನು ನಿಭಾಯಿಸಬಹುದು, ಅಸುರಕ್ಷಿತ ಅವಾಸ್ತವಿಕ ಸ್ಟ್ರೀಮ್ | 8 |

 

ತುಮ್ ಕಾಳಿ ತಾರಾ ಭವನೇಶಿ, ತ್ರಿಪುರ ಸುಂದರಿ ಭೈರವಿ ವೆಶಿ | 9 |

 

ಚಿನ್ನಬಲ್ ಧುಮಾ ಮಾತಂಗಿ, ಗಾಯತ್ರಿ ತುಮ್ ಬಾಗ್ಲಿ ರಂಗಿ | 10 |

 

ನಿಮ್ಮಲ್ಲಿರುವ ಒಟ್ಟು ಶಕ್ತಿಯನ್ನು ಒಟ್ಟುಗೂಡಿಸಿ, ಬೀಜಗಳ ಬೀಜಗಳು ಕುಳಿತುಕೊಳ್ಳಲಿ. |11|

 

ದುಷ್ಟ ಚರಣ ಅರಿಕುಲ್ ಕೀಲಾನ್, ಮಾರನ್ ವಶಿಕರಣ್ ಸಂಮೋಹನ | 12 |

 

ದುಷ್ಟತನದ ಅಂಶ ಮಾತಾ, ಅರಿ ಜೀವ ಕೀಲಾಕ್ ಸಘಟ.| 13 |

 

ಅನ್ವೇಷಕನ ದುರದೃಷ್ಟದ ದುಃಖ, ನಮೋ ಮಹಾಮಾಯ ಪ್ರಖ್ಯಾತ .| 14 |

 

ಮುಡ್ಗರ್ ಶಿಲಾಗೆ ತುಂಬಾ ಭಾರ, ಪ್ರತಾಸನ ಮೇಲೆ ಸವಾರಿ ಮಾಡಿ.|15|

 

ಮೂರು ಜನರು, ಹತ್ತು ನಿರ್ದೇಶನಗಳು, ಭವಾನಿ, ಬಿಚಾರು, ನೀವು ಸಾರ್ವಜನಿಕ ಹಿತಾಸಕ್ತಿ, ಕಲ್ಯಾಣಿ. |16|

 

ಅರಿ ಅರಿಷ್ಟಾ ಜನಸಾಮಾನ್ಯರಿಗೆ, ಬುದ್ಧಿವಂತಿಕೆಯನ್ನು ನಾಶಮಾಡಲು ಮತ್ತು ರಿವರ್ಟಿಂಗ್ ದೇಹಕ್ಕೆ ಎಂದು ಭಾವಿಸುತ್ತಾನೆ.| 17 |

 

ಕೈ ಮತ್ತು ಕಾಲುಗಳನ್ನು ನಿಮಗೆ ಕಟ್ಟಲಾಗಿದೆ, ಮುಡ್ಗರ್ ತಯಾರಿಸುವ ನಡುವೆ ಹನುಹ್ ನಾಲಿಗೆ. | 18 |

 

ಕಳ್ಳರು ತೊಂದರೆಯಲ್ಲಿ ಬಂದಾಗ, ರಿಪು ಯುದ್ಧದಲ್ಲಿ ಸುತ್ತುವರೆದಿದ್ದಾನೆ |19|

 

ಅನಿಲ್ ಅನಿಲ್ ಬಿಪ್ಲಾವ್ ಘರವೆ |20|

 

ಪ್ರತಿಕೂಲ ಬಿಕ್ಕಟ್ಟನ್ನು ಪರಿಹರಿಸಿ, ರಾಜಭೂತಿ ಆಕ್ಷೇಪಣೆ ಸನ್ನಿಹಿತವಾಗಿದೆ. |21|

 

ಎಲ್ಲಾ ನೋವು, ಆಲೋಚನೆಗಳು, ದೆವ್ವ ಮತ್ತು ಅಡೆತಡೆಗಳನ್ನು ಧ್ಯಾನಿಸಿ. | 22 |

 

ಸುಮಿರಾತ್ ರಾಜ್ದ್ವಾರ್ ಬಂಧ ಜಾವೆ, ಸಭಾ ಬೀಚ್ ಸ್ತಂಭವನ್ ಚಾವೆ | 23 |

 

ಹಾವಿನ ಹಾವು ಬ್ರೀರಿಕಾ ಉಗ್ರ, ಖಲ್ ವಿಹಾಂಗ್ ಭಾಗಿನ್ ಸಬ್ ಸತ್ವರ್ | 24 |

 

ಎಲ್ಲಾ ಕಾಯಿಲೆಗಳ ನಷ್ಟ, ಅರಿಕುಲ್ ಮೂಲೋಖತನ್ ಕರಿ | 25 |

 

ಸ್ತ್ರೀ ಪುರುಷ ರಾಜ್ ಸಂಮೋಹನಕಾರ, ನಮೋ ನಮೋ ಪಿಟಾಂಬಾರ್ ಸೊಹಾಕ್. | 26 |

 

ಕುಬೇರ, ಶ್ರೀ ಸಮೃದ್ಧಿ ಸುಯಾಶ್ ನೈಟ್ ಗಾಂವ್ ಅವರನ್ನು ಯಾವಾಗಲೂ ಹಾರೈಸುತ್ತೇನೆ.| 27 |

 

ನೀವು ಶಕ್ತಿ ಶೌರ್ಯ, ದುಃಖಕರ ವಿನಾಶಕ ತಾಯಿ.| 28 |

 

ಶತ್ರು ನಾಶಿನಿ ವಿಜಯದ ಪೂರೈಕೆದಾರ ಯಶ್ ಐಶ್ವರ್ಯ ಸಿದ್ಧಿಯನ್ನು ನೀಡುವವರು. |29|.

 

ಪಿತಾಂಬ್ರಾ ನಮೋ ಕಲ್ಯಾಣಿ, ನಮೋ ಮಾಟು ಬಾಗ್ಲಾ ಮಹಾರಾಣಿ |30|

 

ಸುಮ್ರಾಯ ಚಿತ್ರಾಲೈ, ಯೋಗದೊಂದಿಗೆ ನೀವು ಏನು ಮಾಡಲು ಬಯಸುತ್ತೀರೋ ಅದನ್ನು ಮಾಡಿ. |31|

 

ಆಕ್ಷೇಪಣೆಯಿಂದ ತ್ವರಿತ ಪರಿಹಾರ, ಎಲ್ಲಾ ಯಾತನೆ ಎಲ್ಲರಿಗೂ ತೊಂದರೆಯಾಗುತ್ತದೆ. |32|

 

ಪೂಜಾ ವಿಧಿ ನಹಿನ್ ಜನತ್ ತುಮ್ಹಾರಿ, ಅರ್ಥ ನಾ ಅಖರ್ ಕರ್ಹುನ್ ನಿಹೋರಿ. |33|

 

ನಾನು ಕುಪುತ್ರಕ್ಕೆ ಬಂದದ್ದು ಬಹಳ ಕಡಿಮೆ ಉಪಾಯ, ಕೈಗಳನ್ನು ಮಡಿಸಿದ ಶಾಂತಗತ. |34|

 

ಜಗತ್ತಿನಲ್ಲಿ ನೀವು ಮಾತ್ರ ಬೆಂಬಲಿಸುತ್ತೀರಿ, ಎಲ್ಲಾ ತೊಂದರೆಗಳನ್ನು ಮಾಡಬೇಕು .|35|

 

ನಮೋ ಮಹಾದೇವಿ ಓ ತಾಯಿ, ಪಿತಂಬರ ನಮೋ ಸುಖ್ದಾತ. |36|

 

ತಾಯಿ ಸೌಮ್ಯ ರೂಪ, ಸಂತೋಷ ಮತ್ತು ಸಂಪತ್ತಿನ ದಾನಿ ಸುಯಾಶ್ ಆಗುತ್ತಾಳೆ. |37|

 

ರೌದ್ರಾ ರೂಪ್ ಧರ್ ಶತ್ರು ಸಂಹರೋ, ಆರಿ ಜೀವದಲ್ಲಿ ಮುಡ್ಗರ್ನನ್ನು ಕೊಲ್ಲು. |38|

 

ನಮೋ ಮಹಾವಿದ್ಯ ಆಗ್ರಾ, ಆದಿ ಶಕ್ತಿ ಸುಂದರಿ ಆಪರಾ. |39|

 

ದುಃಖದ ಅರಿ ಭಂಕಾಕ್ ತ್ರಿಟಾ, ಕರುಣೆ ಪಿತಂಬರಿ ಮಾತಾ. |40|

 

ರಿದ್ಧಿ ಸಿದ್ಧ ದಾನಿ ನೀವು, ಅರಿ ಸಮುಲ್ ಕುಲ್ ಕಾಲ್.

 

ನನ್ನ ಎಲ್ಲಾ ಅಡೆತಡೆಗಳನ್ನು ಯದ್ವಾತದ್ವಾ, ತಾಯಿ ತಕ್ಷಣವೇ ಬಗ್ ಮಾಡಿ.

CHALISA IN KASHMIRI

Kashmiri and Hindi languages are both written using the same script called ‘Devanagari’ . We recommend you to read the original Hindi version of Chalisa written in Awadhi dialect. 

श्री बगलामुखी चालीसा

।। श्री गणेशाय नमः।।

नमो महाविद्या बरद, बगलामुखी दयाल।

स्तम्भन क्षण में करे , सुमिरत अरिकुल काल।।

नमो नमो पीताम्बरा भवानी, बगलामुखी नमो कल्यानी |1|

भक्त वत्सला शत्रु नशानी , नमो महाविद्या वरदानी |2|

अमृत सागर बीच तुम्हारा, रत्न जड़ित मणि मंडित प्यारा |3|

स्वर्ण सिंहासन पर आसीना, पीताम्बर अति दिव्य नवीना |4|

स्वर्णाभूषण सुन्दर धारे , सिर पर चन्द्र मुकुट श्रृंगारे |5|

तीन नेत्र दो भुजा मृणाला , धारे मुद्गर पाष कराला |6|

भैरव करें सदा सेवर्काइ , सिद्ध काम सब विघ्न नर्साइ |7|

तुम हताश का निपट सहारा, करे अकिंचन अरिकल धारा |8|

तुम काली तारा भवनेशी , त्रिपुर सुन्दरी भैरवी वेशी |9|

छिन्नभाल धूमा मातंगी, गायत्री तुम बगला रंगी |10|

सकल शक्तियाँ तुम में साजें, ह्लीं बीज के बीज बिराजें |11|

दुष्ट स्तम्भन अरिकुल कीलन, मारण वशीकरण सम्मोहन |12|

दुष्टोच्चाटन कारक माता, अरि जिव्हा कीलक सघाता ।13।

साधक के विपति की त्राता, नमो महामाया प्रख्याता ।14।

मुद्गर शिला लिये अति भारी, प्रेतासन पर किये सवारी ।15।

तीन लोक दस दिशा भवानी, बिचरहु तुम जन हित कल्यानी ।16।

अरि अरिष्ट सोचे जो जन को, बुद्धि नाशकर कीलक तन को ।17।

हाथ पांव बांधहुं तुम ताके, हनहु जीभ बिच मुद्गर बाके ।18।

चोरों का जब संकट आवे, रण में रिपुओं से घिर जावे ।19

अनल अनिल बिप्लव घहरावे, वाद विवाद न निर्णय पावे ।20।

मूठ आदि अभिचारण संकट, राजभीति आपत्ति सन्निकट ।21।

ध्यान करत सब कष्ट नसावे, भूत प्रेत न बाधा आवे ।22।

सुमिरत राजद्वार बंध जावे, सभा बीच स्तम्भवन छावे ।23।

नाग सर्प बृच्श्रिकादि भयंकर, खल विहंग भागहिं सब सत्वर ।24।

सर्व रोग की नाशन हारी, अरिकुल मूलोच्चाटन कारी ।25।

स्त्री पुरुष राज सम्मोहक, नमो नमो पीताम्बर सोहक ।26।

तुमको सदा कुबेर मनावें, श्री समृद्धि सुयश नित गावें ।27।

शक्ति शौर्य की तुम्हीं विधाता, दुःख दारिद्र विनाशक माता ।28।

यश ऐश्वर्य सिद्धि की दाता, शत्रु नाशिनी विजय प्रदाता ।29।

पीताम्बरा नमो कल्यानी, नमो मातु बगला महारानी ।30।

जो तुमको सुमरै चितर्लाइ , योग क्षेम से करो सर्हाइ ।31।

आपत्ति जन की तुरत निवारो, आधि व्याधि संकट सब टारो ।32।

पूजा विधि नहिं जानत तुम्हरी, अर्थ न आखर करहूं निहोरी ।33।

मैं कुपुत्र अति निवल उपाया, हाथ जोड़ षरणागत आया ।34।

जग में केवल तुम्हीं सहारा, सारे संकट करहुँ निवारा ।35।

नमो महादेवी हे माता, पीताम्बरा नमो सुखदाता ।36।

सौम्य रूप धर बनती माता, सुख सम्पत्ति सुयश की दाता ।37।

रौद्र रूप धर षत्रु संहारो, अरि जिव्हा में मुद्गर मारो ।38।

नमो महाविद्या आगारा, आदि शक्ति सुन्दरी आपारा ।39।

अरि भंजक विपत्ति की त्राता, दया करो पीताम्बरी माता ।40।

रिद्धि सिद्धि दाता तुम्हीं, अरि समूल कुल काल।

मेरी सब बाधा हरो, माँ बगले तत्काल।।

CHALISA IN KONKANI

Konkani and Hindi languages are both written using the same script called ‘Devanagari’ . We recommend you to read the original Hindi version of Chalisa written in Awadhi dialect. 

श्री बगलामुखी चालीसा

।। श्री गणेशाय नमः।।

नमो महाविद्या बरद, बगलामुखी दयाल।

स्तम्भन क्षण में करे , सुमिरत अरिकुल काल।।

नमो नमो पीताम्बरा भवानी, बगलामुखी नमो कल्यानी |1|

भक्त वत्सला शत्रु नशानी , नमो महाविद्या वरदानी |2|

अमृत सागर बीच तुम्हारा, रत्न जड़ित मणि मंडित प्यारा |3|

स्वर्ण सिंहासन पर आसीना, पीताम्बर अति दिव्य नवीना |4|

स्वर्णाभूषण सुन्दर धारे , सिर पर चन्द्र मुकुट श्रृंगारे |5|

तीन नेत्र दो भुजा मृणाला , धारे मुद्गर पाष कराला |6|

भैरव करें सदा सेवर्काइ , सिद्ध काम सब विघ्न नर्साइ |7|

तुम हताश का निपट सहारा, करे अकिंचन अरिकल धारा |8|

तुम काली तारा भवनेशी , त्रिपुर सुन्दरी भैरवी वेशी |9|

छिन्नभाल धूमा मातंगी, गायत्री तुम बगला रंगी |10|

सकल शक्तियाँ तुम में साजें, ह्लीं बीज के बीज बिराजें |11|

दुष्ट स्तम्भन अरिकुल कीलन, मारण वशीकरण सम्मोहन |12|

दुष्टोच्चाटन कारक माता, अरि जिव्हा कीलक सघाता ।13।

साधक के विपति की त्राता, नमो महामाया प्रख्याता ।14।

मुद्गर शिला लिये अति भारी, प्रेतासन पर किये सवारी ।15।

तीन लोक दस दिशा भवानी, बिचरहु तुम जन हित कल्यानी ।16।

अरि अरिष्ट सोचे जो जन को, बुद्धि नाशकर कीलक तन को ।17।

हाथ पांव बांधहुं तुम ताके, हनहु जीभ बिच मुद्गर बाके ।18।

चोरों का जब संकट आवे, रण में रिपुओं से घिर जावे ।19

अनल अनिल बिप्लव घहरावे, वाद विवाद न निर्णय पावे ।20।

मूठ आदि अभिचारण संकट, राजभीति आपत्ति सन्निकट ।21।

ध्यान करत सब कष्ट नसावे, भूत प्रेत न बाधा आवे ।22।

सुमिरत राजद्वार बंध जावे, सभा बीच स्तम्भवन छावे ।23।

नाग सर्प बृच्श्रिकादि भयंकर, खल विहंग भागहिं सब सत्वर ।24।

सर्व रोग की नाशन हारी, अरिकुल मूलोच्चाटन कारी ।25।

स्त्री पुरुष राज सम्मोहक, नमो नमो पीताम्बर सोहक ।26।

तुमको सदा कुबेर मनावें, श्री समृद्धि सुयश नित गावें ।27।

शक्ति शौर्य की तुम्हीं विधाता, दुःख दारिद्र विनाशक माता ।28।

यश ऐश्वर्य सिद्धि की दाता, शत्रु नाशिनी विजय प्रदाता ।29।

पीताम्बरा नमो कल्यानी, नमो मातु बगला महारानी ।30।

जो तुमको सुमरै चितर्लाइ , योग क्षेम से करो सर्हाइ ।31।

आपत्ति जन की तुरत निवारो, आधि व्याधि संकट सब टारो ।32।

पूजा विधि नहिं जानत तुम्हरी, अर्थ न आखर करहूं निहोरी ।33।

मैं कुपुत्र अति निवल उपाया, हाथ जोड़ षरणागत आया ।34।

जग में केवल तुम्हीं सहारा, सारे संकट करहुँ निवारा ।35।

नमो महादेवी हे माता, पीताम्बरा नमो सुखदाता ।36।

सौम्य रूप धर बनती माता, सुख सम्पत्ति सुयश की दाता ।37।

रौद्र रूप धर षत्रु संहारो, अरि जिव्हा में मुद्गर मारो ।38।

नमो महाविद्या आगारा, आदि शक्ति सुन्दरी आपारा ।39।

अरि भंजक विपत्ति की त्राता, दया करो पीताम्बरी माता ।40।

रिद्धि सिद्धि दाता तुम्हीं, अरि समूल कुल काल।

मेरी सब बाधा हरो, माँ बगले तत्काल।।

CHALISA IN MAITHILI

Maithili and Hindi languages are both written using the same script called ‘Devanagari’ . We recommend you to read the original Hindi version of Chalisa written in Awadhi dialect. 

श्री बगलामुखी चालीसा

।। श्री गणेशाय नमः।।

नमो महाविद्या बरद, बगलामुखी दयाल।

स्तम्भन क्षण में करे , सुमिरत अरिकुल काल।।

नमो नमो पीताम्बरा भवानी, बगलामुखी नमो कल्यानी |1|

भक्त वत्सला शत्रु नशानी , नमो महाविद्या वरदानी |2|

अमृत सागर बीच तुम्हारा, रत्न जड़ित मणि मंडित प्यारा |3|

स्वर्ण सिंहासन पर आसीना, पीताम्बर अति दिव्य नवीना |4|

स्वर्णाभूषण सुन्दर धारे , सिर पर चन्द्र मुकुट श्रृंगारे |5|

तीन नेत्र दो भुजा मृणाला , धारे मुद्गर पाष कराला |6|

भैरव करें सदा सेवर्काइ , सिद्ध काम सब विघ्न नर्साइ |7|

तुम हताश का निपट सहारा, करे अकिंचन अरिकल धारा |8|

तुम काली तारा भवनेशी , त्रिपुर सुन्दरी भैरवी वेशी |9|

छिन्नभाल धूमा मातंगी, गायत्री तुम बगला रंगी |10|

सकल शक्तियाँ तुम में साजें, ह्लीं बीज के बीज बिराजें |11|

दुष्ट स्तम्भन अरिकुल कीलन, मारण वशीकरण सम्मोहन |12|

दुष्टोच्चाटन कारक माता, अरि जिव्हा कीलक सघाता ।13।

साधक के विपति की त्राता, नमो महामाया प्रख्याता ।14।

मुद्गर शिला लिये अति भारी, प्रेतासन पर किये सवारी ।15।

तीन लोक दस दिशा भवानी, बिचरहु तुम जन हित कल्यानी ।16।

अरि अरिष्ट सोचे जो जन को, बुद्धि नाशकर कीलक तन को ।17।

हाथ पांव बांधहुं तुम ताके, हनहु जीभ बिच मुद्गर बाके ।18।

चोरों का जब संकट आवे, रण में रिपुओं से घिर जावे ।19

अनल अनिल बिप्लव घहरावे, वाद विवाद न निर्णय पावे ।20।

मूठ आदि अभिचारण संकट, राजभीति आपत्ति सन्निकट ।21।

ध्यान करत सब कष्ट नसावे, भूत प्रेत न बाधा आवे ।22।

सुमिरत राजद्वार बंध जावे, सभा बीच स्तम्भवन छावे ।23।

नाग सर्प बृच्श्रिकादि भयंकर, खल विहंग भागहिं सब सत्वर ।24।

सर्व रोग की नाशन हारी, अरिकुल मूलोच्चाटन कारी ।25।

स्त्री पुरुष राज सम्मोहक, नमो नमो पीताम्बर सोहक ।26।

तुमको सदा कुबेर मनावें, श्री समृद्धि सुयश नित गावें ।27।

शक्ति शौर्य की तुम्हीं विधाता, दुःख दारिद्र विनाशक माता ।28।

यश ऐश्वर्य सिद्धि की दाता, शत्रु नाशिनी विजय प्रदाता ।29।

पीताम्बरा नमो कल्यानी, नमो मातु बगला महारानी ।30।

जो तुमको सुमरै चितर्लाइ , योग क्षेम से करो सर्हाइ ।31।

आपत्ति जन की तुरत निवारो, आधि व्याधि संकट सब टारो ।32।

पूजा विधि नहिं जानत तुम्हरी, अर्थ न आखर करहूं निहोरी ।33।

मैं कुपुत्र अति निवल उपाया, हाथ जोड़ षरणागत आया ।34।

जग में केवल तुम्हीं सहारा, सारे संकट करहुँ निवारा ।35।

नमो महादेवी हे माता, पीताम्बरा नमो सुखदाता ।36।

सौम्य रूप धर बनती माता, सुख सम्पत्ति सुयश की दाता ।37।

रौद्र रूप धर षत्रु संहारो, अरि जिव्हा में मुद्गर मारो ।38।

नमो महाविद्या आगारा, आदि शक्ति सुन्दरी आपारा ।39।

अरि भंजक विपत्ति की त्राता, दया करो पीताम्बरी माता ।40।

रिद्धि सिद्धि दाता तुम्हीं, अरि समूल कुल काल।

मेरी सब बाधा हरो, माँ बगले तत्काल।।

CHALISA IN MALAYALAM

ശ്രീബഗ്ലമുഖിചാലിസ

 

… ഓം ശ്രീ ഗണേശയ നമഹ ..

 

നമോ മഹാവിദ്യ ബരാദ്, ബാഗ്ലമുഖി ദയാൽ.

 

ഒരു നിമിഷത്തെ നിശബ്ദതയിൽ അത് ചെയ്യുക, സുമിരത്ത് അരിക്കുൽ കാൾ.

 

നമോ നമോ പിത്താംബര ഭവാനി, ബഗ്ലാമുഖി നമോ കല്യാണി | 1 |

 

ഭക്ത വത്സല ശത്രു നഷാനി, നമോ മഹാവിദ്യ വരദാനി | 2 |

 

അമൃത് സാഗർ ബീച്ച് യുവർസ്, ജെം സ്റ്റുഡ്ഡ് മണി മണ്ഡിറ്റ് പ്യാർ | 3 |

 

സ്വർണ്ണ സിംഹാസനത്തിൽ അസീന, പിത്താംബർ സൂപ്പർ ദിവ്യ നവീന | 4 |

 

സ്വർണ്ണാഭരണങ്ങൾ, തലയിൽ മനോഹരമായ ചന്ദ്ര കിരീടങ്ങൾ | 5 |

 

മൂന്ന് കണ്ണുകൾ രണ്ട് വശങ്ങൾ മർനാല, ധരേ മുദ്ഗാർ ലൂപ്പ് കരാല | 6 |

 

ഭൈരവ എല്ലായ്പ്പോഴും കഠിനാധ്വാനം ചെയ്യുന്നു, ജോലി തെളിയിക്കുന്നു, എല്ലാ തടസ്സങ്ങളും നഴ്സറിയും | 7 |

 

നിങ്ങൾക്ക് നിരാശയെ നേരിടാൻ കഴിയും, സുരക്ഷിതമല്ലാത്ത യാഥാർത്ഥ്യമാക്കാത്ത സ്ട്രീം അനുവദിക്കുക | 8 |

 

തും കാളി താര ഭവനേഷി, ത്രിപുര സുന്ദരി ഭൈരവി വേശി | 9 |

 

ചിന്നബാൽ ധുമ മാതാംഗി, ഗായത്രി തും ബാഗ്ലി രംഗി | 10 |

 

നിങ്ങളിൽ മൊത്തം ശക്തികൾ ശേഖരിക്കുക, വിത്തുകളുടെ വിത്തുകൾ ഇരിക്കട്ടെ. |11|

 

ദുഷിച്ച ചതുരം അരികുൾ കീലൻ, മാരൻ വാശിക്കരൻ ഹിപ്നോസിസ് |12|

 

ദുഷ്ടത ഘടകം മാതാ, അരി ജീവാ കീലക് സഗാത |13|

 

അന്വേഷകന്റെ നിർഭാഗ്യത്തിന്റെ സങ്കടം, നമോ മഹാമയ പ്രഖ്യാത.|14|

 

മുദ്‌ഗാർ‌ ശിലയ്‌ക്ക് വളരെ ഭാരമുള്ളതാണ്, പ്രതാസനയിൽ‌ സവാരി ചെയ്യുക.|15|

 

മൂന്ന് ആളുകൾ, പത്ത് ദിശകൾ, ഭവാനി, ബിചാരു, നിങ്ങൾ പൊതു താൽപ്പര്യം, കല്യാണി.|16|

 

അരി അരിഷ്ട കരുതുന്നത് ജനങ്ങളോട്, ജ്ഞാനം നശിപ്പിക്കുന്നതിനും, ഉഗ്രമായ ശരീരത്തിനും വേണ്ടിയാണ്.|17|

 

കൈകളും കാലുകളും നിങ്ങളുമായി ബന്ധിപ്പിച്ചിരിക്കുന്നു, മുദ്ഗാർ ചുട്ടെടുക്കുന്നതിനിടയിൽ ഹനു നാവ്. |18|

 

കള്ളന്മാർ കുഴപ്പത്തിൽ വരുമ്പോൾ റിപ്പു യുദ്ധത്തിൽ ചുറ്റപ്പെട്ടിരിക്കുന്നു|19|

 

അനിൽ അനിൽ ബിപ്ലാവ് ഘരവേ|20|

 

പ്രതികൂല പ്രതിസന്ധിയെ അഭിസംബോധന ചെയ്യുന്ന രാജ്ഭൂതി എതിർപ്പ് ആസന്നമാണ്.|21|

 

എല്ലാ വേദനകളും ചിന്തകളും പ്രേതങ്ങളും പ്രതിബന്ധങ്ങളും ധ്യാനിക്കുക |22|

 

സുമിരത്ത് രാജദ്വാർ ബന്ദ ജാവേ, സഭാ ബീച്ച് സ്തംഭവൻ ചാവേ |23|

 

സ്‌നേക്ക് സ്‌നേക്ക് ബ്രിറികാ ഉഗ്രൻ, ഖൽ വിഹാങ് ഭഗിൻ സാബ് സത്വാർ|24|

 

എല്ലാ രോഗങ്ങളുടെയും നഷ്ടം, അരികുൾ മൂലോഖതൻ കരി |25|

 

സ്ത്രീ പുരുഷ രാജ് ഹിപ്നോട്ടിസ്റ്റ്, നമോ നമോ പിത്താംബർ സോഹക് |26|

 

കുബേര, ശ്രീ സമൃദ്ധി സുയാഷ് നൈറ്റ് ഗാവോൺ, എല്ലായ്പ്പോഴും ആശംസിക്കുന്നു. |27|

 

നിങ്ങൾ ശക്തിയുള്ള ശ ur ര്യയുടെ സ്രഷ്ടാവാണ്. |28|

 

ഷത്രു നാഷിനി വിജയത്തിന്റെ ദാതാവ് യശ് ഐശ്വര്യ സിദ്ധിയുടെ ദാതാവ് |29|

 

പിറ്റാംബ്ര നമോ കല്യാണി, നമോ മാതു ബാഗ്ല മഹാറാണി |30|

 

സുമ്രായ ചിത്രാലൈ, യോഗയുമായി നിങ്ങൾ ആഗ്രഹിക്കുന്നതെന്തും ചെയ്യുക |31|

 

എതിർപ്പിൽ നിന്ന് പെട്ടെന്ന് ആശ്വാസം, എല്ലാ ദുരിതങ്ങളും എല്ലാവരേയും വിഷമിപ്പിക്കുന്നു. |32|

 

പൂജാ വിധി നഹിൻ ജനത് തുംഹാരി, അർത്ഥ നാ അഖർ കർഹുൻ നിഹോരി |33|

 

ഞാൻ കുപുത്രയിലെത്തിയത് വളരെ ചെറിയ ഉപായയാണ്, കൈകൾ മടക്കിവെച്ച ശാന്തഗട. |34|

 

ലോകത്തിൽ നിങ്ങൾ മാത്രമേ പിന്തുണയ്ക്കൂ, എല്ലാ ദുരിതങ്ങളും ചെയ്യണം. |35|

 

നമോ മഹാദേവി ഓ അമ്മ, പിത്തംബര നമോ സുഖ്ദത |36|.

 

അമ്മ സ gentle മ്യമായ രൂപമായി മാറുന്നു, സന്തോഷത്തിന്റെയും സമ്പത്തിന്റെയും ദാതാവായ സുയാഷ്. |37|

 

അരിജിവയിൽ മുദ്രയെ കൊല്ലുക, |38|

 

നമോ മഹാവിദ്യ ആഗ്ര, ആദിശക്തി സുന്ദരി ആപാറ |39|

 

ദുരിതത്തിന്റെ അരി ഭങ്കക് ത്രിത, കരുണ പിറ്റാംബരി മാതാ. |40|

 

റിധി സിദ്ധി ദാതാവ്, അരി സമുൽ കുൽ കാൾ.

 

എന്റെ എല്ലാ തടസ്സങ്ങളും വേഗത്തിലാക്കുക, അമ്മ ഉടനടി ബഗിൽ ചെയ്യുക.

CHALISA IN MEITEI

Meitei and Hindi languages are both written using the same script called ‘Devanagari’ . We recommend you to read the original Hindi version of Chalisa written in Awadhi dialect. 

श्री बगलामुखी चालीसा

।। श्री गणेशाय नमः।।

नमो महाविद्या बरद, बगलामुखी दयाल।

स्तम्भन क्षण में करे , सुमिरत अरिकुल काल।।

नमो नमो पीताम्बरा भवानी, बगलामुखी नमो कल्यानी |1|

भक्त वत्सला शत्रु नशानी , नमो महाविद्या वरदानी |2|

अमृत सागर बीच तुम्हारा, रत्न जड़ित मणि मंडित प्यारा |3|

स्वर्ण सिंहासन पर आसीना, पीताम्बर अति दिव्य नवीना |4|

स्वर्णाभूषण सुन्दर धारे , सिर पर चन्द्र मुकुट श्रृंगारे |5|

तीन नेत्र दो भुजा मृणाला , धारे मुद्गर पाष कराला |6|

भैरव करें सदा सेवर्काइ , सिद्ध काम सब विघ्न नर्साइ |7|

तुम हताश का निपट सहारा, करे अकिंचन अरिकल धारा |8|

तुम काली तारा भवनेशी , त्रिपुर सुन्दरी भैरवी वेशी |9|

छिन्नभाल धूमा मातंगी, गायत्री तुम बगला रंगी |10|

सकल शक्तियाँ तुम में साजें, ह्लीं बीज के बीज बिराजें |11|

दुष्ट स्तम्भन अरिकुल कीलन, मारण वशीकरण सम्मोहन |12|

दुष्टोच्चाटन कारक माता, अरि जिव्हा कीलक सघाता ।13।

साधक के विपति की त्राता, नमो महामाया प्रख्याता ।14।

मुद्गर शिला लिये अति भारी, प्रेतासन पर किये सवारी ।15।

तीन लोक दस दिशा भवानी, बिचरहु तुम जन हित कल्यानी ।16।

अरि अरिष्ट सोचे जो जन को, बुद्धि नाशकर कीलक तन को ।17।

हाथ पांव बांधहुं तुम ताके, हनहु जीभ बिच मुद्गर बाके ।18।

चोरों का जब संकट आवे, रण में रिपुओं से घिर जावे ।19

अनल अनिल बिप्लव घहरावे, वाद विवाद न निर्णय पावे ।20।

मूठ आदि अभिचारण संकट, राजभीति आपत्ति सन्निकट ।21।

ध्यान करत सब कष्ट नसावे, भूत प्रेत न बाधा आवे ।22।

सुमिरत राजद्वार बंध जावे, सभा बीच स्तम्भवन छावे ।23।

नाग सर्प बृच्श्रिकादि भयंकर, खल विहंग भागहिं सब सत्वर ।24।

सर्व रोग की नाशन हारी, अरिकुल मूलोच्चाटन कारी ।25।

स्त्री पुरुष राज सम्मोहक, नमो नमो पीताम्बर सोहक ।26।

तुमको सदा कुबेर मनावें, श्री समृद्धि सुयश नित गावें ।27।

शक्ति शौर्य की तुम्हीं विधाता, दुःख दारिद्र विनाशक माता ।28।

यश ऐश्वर्य सिद्धि की दाता, शत्रु नाशिनी विजय प्रदाता ।29।

पीताम्बरा नमो कल्यानी, नमो मातु बगला महारानी ।30।

जो तुमको सुमरै चितर्लाइ , योग क्षेम से करो सर्हाइ ।31।

आपत्ति जन की तुरत निवारो, आधि व्याधि संकट सब टारो ।32।

पूजा विधि नहिं जानत तुम्हरी, अर्थ न आखर करहूं निहोरी ।33।

मैं कुपुत्र अति निवल उपाया, हाथ जोड़ षरणागत आया ।34।

जग में केवल तुम्हीं सहारा, सारे संकट करहुँ निवारा ।35।

नमो महादेवी हे माता, पीताम्बरा नमो सुखदाता ।36।

सौम्य रूप धर बनती माता, सुख सम्पत्ति सुयश की दाता ।37।

रौद्र रूप धर षत्रु संहारो, अरि जिव्हा में मुद्गर मारो ।38।

नमो महाविद्या आगारा, आदि शक्ति सुन्दरी आपारा ।39।

अरि भंजक विपत्ति की त्राता, दया करो पीताम्बरी माता ।40।

रिद्धि सिद्धि दाता तुम्हीं, अरि समूल कुल काल।

मेरी सब बाधा हरो, माँ बगले तत्काल।।

CHALISA IN MARATHI

Marathi and Hindi languages are both written using the same script called ‘Devanagari’ . We recommend you to read the original Hindi version of Chalisa written in Awadhi dialect. 

 

श्री बगलामुखी चालीसा

 

… ओम श्री गणेशाया नमहा ..

 

नमो महाविद्या बारड, बगलामुखी दयाल.

 

शांततेच्या क्षणी हे करा, सुमिरात अरिकुल काल.

 

नमो नमो पितांबर भवानी, बगलामुखी नमो कल्याणी | 1 |

 

भक्त वत्सला शत्रु नशानी, नमो महाविद्या वरदानी | 2 |

 

अमृत ​​सागर बीच आपला, रत्नांनी भरलेला मणि मंडित प्यारा | | |

 

सुवर्ण सिंहासनावर असीना, पितांबर अति दिव्य नावीना | 4 |

 

सोन्याचे दागिने, डोक्यावर सुंदर चंद्र मुकुट | 5 |

 

तीन डोळे दोन बाजू मृणाळा, धरे मुद्गर लूप कराला | 6 |

 

भैरव नेहमीच परिश्रम करतात, काम सिद्ध करतात, सर्व अडथळे, नर्सरी | 7 |

 

आपण निराशेचा सामना करू शकता, असुरक्षित अविभाजीत प्रवाह द्या | 8 |

 

तुम काली तारा भवनेशी, त्रिपुरा सुंदरी भैरवी वेशी | 9 |

 

चिन्नाबल धुमा मातंगी, गायत्री तुम बागली रंगी | 10 |

 

आपल्यातील एकूण शक्ती गोळा करा, बियाण्यांचे बियाणे बसू द्या. |11|

 

दुष्ट श्लोक अरिकुल कीलन, मारण वाशिकरण संमोहन | 12 |

 

दुष्टपणाचा घटक माता, अरी जीव कीलक सघता | 13 |

 

साधकाच्या दुर्दैवाचे दुःख, नमो महामाया प्राख्याता | 14 |

 

मुद्गर शीलासाठी खूप भारी, प्रतासनावरुन जा. | 15 |

 

तीन लोक, दहा दिशा, भवानी, बिचारू, तुम्ही जनहित, कल्याणी. |16|

 

अरी अरिष्ट असा विचार जनतेला, शहाणपणाचा आणि नाश करणार्‍या शरीराचा नाश करण्यासाठी. |17|

 

हात पाय आपणास बांधलेले आहेत, मुदगार बेक दरम्यान हनुह जीभ. |18|

 

जेव्हा चोर अडचणीत येतात, तेव्हा रिपू ​​लढाईत घेरलेला असतो |19|

 

अनिल अनिल बिप्लव घरवे |20|

 

संकटाच्या संकटाकडे लक्ष वेधताना राजभूतीचा आक्षेप. |21|

 

सर्व वेदना, विचार, भुते आणि अडथळे यांचे ध्यान करा. |22|

 

सुमिरात राजद्वार बंध जावे, सभा बीच स्तंभवन चावे .|23|

 

सर्प सर्प ब्रीकिकīभयंकर, खल विहंग भागिन सब सत्वार |24|

 

सर्व रोगांचे नुकसान, अरिकुल मूलोखतन कारि .25.

 

स्त्री पुरुष राज संमोहन, नमो नमो पितांबर सोहक  |26|

 

आपणास नेहमी कुबेर, श्री समृद्धी सुयश नाईट गावं ही शुभेच्छा .27.

 

आपण शक्ती शौर्य निर्माते, दु: खी नाश करणारी आई आहात. |28|

 

शत्रु ऐश्वर्या सिद्धी, शत्रु शत्रु नशिनी विजय मिळवणारे. | 29 |

 

पितांबरा नमो कल्याणी, नमो मातू बागला महारानी .30.

 

आपणास जे काही करायचे आहे ते सुमाराय चित्रलाईय, योगा. |31|

 

आक्षेपापासून त्वरित आराम, सर्व त्रास सर्वांना त्रास देतो. |32|

 

पूजा विधी नाही जनता तुमहरी, अर्थ ना अखेर करहुं निहोरी ।33|

 

मी हात थोड्या थोड्या थापात, कुपुत्राकडे आलो. |34|

 

केवळ आपण जगात समर्थन करता, सर्व त्रास झाला पाहिजे. |35|

 

नमो महादेवी हे माता, पितांबर नमो सुखदाता .|36|

 

आई एक कोमल स्वरुप बनते, सुख आणि संपत्तीची दाता सुयश. |37|

 

रौद्र रूप धार शत्रु संहारो, आरि जिवा मध्ये मुदगार मारुन ।38.

 

नमो महाविद्या आग्रा, आदिशक्ती सुंदरी आपारा। 39.

 

दु: खाची अरि भानक तृती, दया करो पितांबरी माता ।40।

 

रिद्धि सिद्धी दाता तू, एरी समुल कुल काल।

 

माझ्या सर्व अडथळ्यांना घाई करा, आई त्वरित बिगुल.

CHALISA IN NEPALI

Nepali and Hindi languages are both written using the same script called ‘Devanagari’ . We recommend you to read the original Hindi version of Chalisa written in Awadhi dialect. 

 

श्री बगलामुखी चालीसा

।। श्री गणेशाय नमः।।

नमो महाविद्या बरद, बगलामुखी दयाल।

स्तम्भन क्षण में करे , सुमिरत अरिकुल काल।।

नमो नमो पीताम्बरा भवानी, बगलामुखी नमो कल्यानी |1|

भक्त वत्सला शत्रु नशानी , नमो महाविद्या वरदानी |2|

अमृत सागर बीच तुम्हारा, रत्न जड़ित मणि मंडित प्यारा |3|

स्वर्ण सिंहासन पर आसीना, पीताम्बर अति दिव्य नवीना |4|

स्वर्णाभूषण सुन्दर धारे , सिर पर चन्द्र मुकुट श्रृंगारे |5|

तीन नेत्र दो भुजा मृणाला , धारे मुद्गर पाष कराला |6|

भैरव करें सदा सेवर्काइ , सिद्ध काम सब विघ्न नर्साइ |7|

तुम हताश का निपट सहारा, करे अकिंचन अरिकल धारा |8|

तुम काली तारा भवनेशी , त्रिपुर सुन्दरी भैरवी वेशी |9|

छिन्नभाल धूमा मातंगी, गायत्री तुम बगला रंगी |10|

सकल शक्तियाँ तुम में साजें, ह्लीं बीज के बीज बिराजें |11|

दुष्ट स्तम्भन अरिकुल कीलन, मारण वशीकरण सम्मोहन |12|

दुष्टोच्चाटन कारक माता, अरि जिव्हा कीलक सघाता ।13।

साधक के विपति की त्राता, नमो महामाया प्रख्याता ।14।

मुद्गर शिला लिये अति भारी, प्रेतासन पर किये सवारी ।15।

तीन लोक दस दिशा भवानी, बिचरहु तुम जन हित कल्यानी ।16।

अरि अरिष्ट सोचे जो जन को, बुद्धि नाशकर कीलक तन को ।17।

हाथ पांव बांधहुं तुम ताके, हनहु जीभ बिच मुद्गर बाके ।18।

चोरों का जब संकट आवे, रण में रिपुओं से घिर जावे ।19

अनल अनिल बिप्लव घहरावे, वाद विवाद न निर्णय पावे ।20।

मूठ आदि अभिचारण संकट, राजभीति आपत्ति सन्निकट ।21।

ध्यान करत सब कष्ट नसावे, भूत प्रेत न बाधा आवे ।22।

सुमिरत राजद्वार बंध जावे, सभा बीच स्तम्भवन छावे ।23।

नाग सर्प बृच्श्रिकादि भयंकर, खल विहंग भागहिं सब सत्वर ।24।

सर्व रोग की नाशन हारी, अरिकुल मूलोच्चाटन कारी ।25।

स्त्री पुरुष राज सम्मोहक, नमो नमो पीताम्बर सोहक ।26।

तुमको सदा कुबेर मनावें, श्री समृद्धि सुयश नित गावें ।27।

शक्ति शौर्य की तुम्हीं विधाता, दुःख दारिद्र विनाशक माता ।28।

यश ऐश्वर्य सिद्धि की दाता, शत्रु नाशिनी विजय प्रदाता ।29।

पीताम्बरा नमो कल्यानी, नमो मातु बगला महारानी ।30।

जो तुमको सुमरै चितर्लाइ , योग क्षेम से करो सर्हाइ ।31।

आपत्ति जन की तुरत निवारो, आधि व्याधि संकट सब टारो ।32।

पूजा विधि नहिं जानत तुम्हरी, अर्थ न आखर करहूं निहोरी ।33।

मैं कुपुत्र अति निवल उपाया, हाथ जोड़ षरणागत आया ।34।

जग में केवल तुम्हीं सहारा, सारे संकट करहुँ निवारा ।35।

नमो महादेवी हे माता, पीताम्बरा नमो सुखदाता ।36।

सौम्य रूप धर बनती माता, सुख सम्पत्ति सुयश की दाता ।37।

रौद्र रूप धर षत्रु संहारो, अरि जिव्हा में मुद्गर मारो ।38।

नमो महाविद्या आगारा, आदि शक्ति सुन्दरी आपारा ।39।

अरि भंजक विपत्ति की त्राता, दया करो पीताम्बरी माता ।40।

रिद्धि सिद्धि दाता तुम्हीं, अरि समूल कुल काल।

मेरी सब बाधा हरो, माँ बगले तत्काल।।

CHALISA IN ODIA

ଶ୍ରୀ ବାଗଲାମୁକି ଚଲିସା |

 

… ଓମ୍ ଶ୍ରୀ ଗଣେଶାୟ ନମାହା ..

 

ନାମୋ ମହାବିଦ୍ୟ ବାରାଦ, ବାଗଲାମୁକି ଦିନଲ |

 

ନୀରବତାର ମୁହୂର୍ତ୍ତରେ ଏହା କର, ସୁମିରାଟ ଆରିକୁଲ କାଲ ||

 

ନାମୋ ନାମୋ ପିଟମ୍ବରା ଭବାନୀ, ବାଗଲାମୁକି ନାମୋ କଲ୍ୟାଣୀ | 1 |

 

ଭକ୍ତ ଭାଟସାଲା ଶାଟ୍ରୁ ନାଶାନି, ନାମୋ ମହାବିଦ୍ୟା ଭରଦାନୀ | 2 |

 

ଅମୃତ ସାଗର ବିଚ୍ ତୁମର, ରତ୍ନଭଣ୍ଡାର ମଣି ମଣ୍ଡିତ ପ୍ୟାର | 3 |

 

ସୁନା ସିଂହାସନରେ ଆସିନା, ପିଟମ୍ବର ସୁପର- divine ଶ୍ୱରୀୟ ନାଭିନା | 4 |

 

ସୁନା ଅଳଙ୍କାର, ମୁଣ୍ଡରେ ସୁନ୍ଦର ଚନ୍ଦ୍ର ମୁକୁଟ | 5 |

 

ତିନି ଆଖି ଦୁଇ ପାର୍ଶ୍ୱ ଶ୍ରୀନାଲା, ଧାରେ ମୁଦଗର ଲୁପ୍ କରାଲା | 6 |

 

ଭ ir ରବ ସର୍ବଦା କଠିନ ପରିଶ୍ରମ କରନ୍ତି, କାର୍ଯ୍ୟ ପ୍ରମାଣ କରନ୍ତି, ସମସ୍ତ ବାଧା, ନର୍ସରୀ | 7 |

 

ଆପଣ ନିରାଶାକୁ ସାମ୍ନା କରିପାରିବେ, ଅସୁରକ୍ଷିତ ଅବାସ୍ତବ ଷ୍ଟ୍ରିମ୍ | 8 |

 

ତୁମ୍ କାଳୀ ତର ଭବନେଶୀ, ତ୍ରିପୁରା ସୁନ୍ଦରୀ ଭ ir ରବୀ ଦେଶ | 9 |

 

ଚିନ୍ନାବାଲ୍ ଧୁମା ମାତାଙ୍ଗୀ, ଗାୟତ୍ରୀ ତୁମ୍ ବାଗଲି ରଙ୍ଗୀ | 10 |

 

ତୁମ ଭିତରେ ସମୁଦାୟ ଶକ୍ତି ସଂଗ୍ରହ କର, ମଞ୍ଜି ମଞ୍ଜି ବସିବାକୁ ଦିଅ | 11 |

 

ଦୁଷ୍ଟ ସ୍ତାନ ଆରିକୁଲ କିଲାନ, ମାରାନ ଭାଶିକରନ ହାଇପ୍ନୋସିସ୍ | 12 |

 

ଦୁଷ୍ଟତା ଫ୍ୟାକ୍ଟର୍ ମଟା, ଆରି ଜିଭା କେଲାକ୍ ସାଘଟା। 13 |

 

ସନ୍ଧାନକାରୀଙ୍କ ଦୁର୍ଭାଗ୍ୟର ଦୁ ness ଖ, ନାମୋ ମହାମାୟା ପ୍ରକାଶ। | 14 |

 

ମୁଦଗର ଶୀଲା ପାଇଁ ବହୁତ ଭାରୀ, ପ୍ରତାସନା ଉପରେ ଯାତ୍ରା କର | 15 |

 

ତିନି ଜଣ, ଦଶ ଦିଗ, ଭବାନୀ, ବିଚାରୁ, ତୁମେ ଜନସାଧାରଣଙ୍କ ଆଗ୍ରହ, କଲ୍ୟାଣୀ | 16 |

 

ଆରି ଆରିଶା ଭାବନ୍ତି ଯେ ଜନତାଙ୍କୁ, ଜ୍ଞାନକୁ ନଷ୍ଟ କରିବା ପାଇଁ ଏବଂ ବଞ୍ଚୁଥିବା ଶରୀରକୁ | 17 |

 

ହାତ ଏବଂ ପାଦ ତୁମ ସହିତ ବନ୍ଧା ହୋଇଛି, କାଦୁଅ ବେକ୍ ମଧ୍ୟରେ ହନୁ ଜିଭ | 18 |

 

ଯେତେବେଳେ ଚୋରମାନେ ଅସୁବିଧାରେ ପଡ଼ନ୍ତି, ରିପୁ ଯୁଦ୍ଧରେ ଘେରି ରହିଥାନ୍ତି | 19 |

 

ଅନୀଲ ବିପ୍ଲାଭ ଘାରଭେ | 20 |

 

ପ୍ରତିକୂଳ ସଙ୍କଟକୁ ସମାଧାନ କରି ରାଜବୁତି ଆପତ୍ତି ଆସୁଛନ୍ତି | 21 |

 

ସମସ୍ତ ଯନ୍ତ୍ରଣା, ଚିନ୍ତା, ଭୂତ ଏବଂ ବାଧା ବିଷୟରେ ଧ୍ୟାନ କର | 22 |

 

ସୁମିରାତ୍ ରାଜଦ୍ୱାର ବାନ୍ଧ ଜାଭେ, ସଭା ବିଚ୍ ଷ୍ଟାମ୍ବୱାନ୍ ଚାଭ୍ । 23 |

 

ସାପ ସାପ ବ୍ରି श rikādī ଭୟଙ୍କର, ଖାଲ ଭିହାଙ୍ଗ ଭାଗିନ ସାବ ସତ୍ୟଭର୍ | 24 |

 

ସମସ୍ତ ରୋଗର କ୍ଷତି, ଆରିକୁଲ ମଲୋକାଟନ କରୀ | 25 |

 

ମହିଳା ପୁରୁଷ ରାଜ ହାଇପୋନିଷ୍ଟ, ନାମୋ ନାମୋ ପିଟମ୍ବର ସୋହକ୍ | 26 |

 

ସର୍ବଦା ତୁମକୁ କୁବେର, ଶ୍ରୀ ସମ୍ରୁଦ୍ଧୀ ସୁୟାଶ ନାଇଟ୍ ଗାଓନ୍ କାମନା କରନ୍ତୁ | 27 |

 

ତୁମେ ଶକ୍ତି ଶ Sha ର୍ଯ୍ୟର ସୃଷ୍ଟିକର୍ତ୍ତା, ଦୁ sad ଖଦ ବିନାଶକାରୀ ମାତା | 28 |

 

ଯଶ ish ଶ୍ୱର୍ଯ୍ୟା ସିଦ୍ଧଙ୍କର ଦାତା, ଶାଟ୍ରୁ ନାଶିନୀ ବିଜୟର ପ୍ରଦାନକାରୀ। | 29 |

 

ପିଟମ୍ବ୍ରା ନାମୋ କଲ୍ୟାଣୀ, ନାମୋ ମାଟୁ ବାଗଲା ମହାରାଣୀ। | 30 |

 

ସୁମ୍ରାୟ ଚିତ୍ରାଲାଇ, ଯୋଗ ସହିତ ତୁମେ ଯାହା କରିବାକୁ ଚାହୁଁଛ ତାହା କର | 31 |

 

ଆପତ୍ତିରୁ ଶୀଘ୍ର ମୁକ୍ତି, ସମସ୍ତ ଦୁ distress ଖ ସମସ୍ତଙ୍କୁ କଷ୍ଟ ଦେଇଥାଏ | 32 |

 

ପୂଜା ବିଦୀ ନାହିନ୍ ଜନତ ତୁମ୍ହାରୀ, ଆର୍ଥା ନା ଅଖର କରହୁନ୍ ନିହୋରୀ । 33 |

 

ମୁଁ କୁପୁତ୍ରକୁ ଆସିଥିଲି ବହୁତ ଛୋଟ ଉପା, ହାତ ଗୁଣ୍ଡ ଶାନ୍ତାରାଗାଟା | 34 |

 

କେବଳ ତୁମେ ଦୁନିଆରେ ସମର୍ଥନ କର, ସମସ୍ତ ଦୁ distress ଖ ଦୂର ହେବା ଉଚିତ୍ | 35 |

 

ନାମୋ ମହାଦେବୀ ହେ ମାତା, ପିଟମ୍ବରା ନାମୋ ସୁଖଦଟା। | 36 |

 

ମାତା ଏକ ଭଦ୍ର ରୂପ, ସୁଖ ଏବଂ ଧନ ଦାତା ସୁଆଶ |37|

 

ରାଉଦ୍ର ରୂପ ଧର ଶାଟ୍ରୁ ସାନହରୋ, ଆରି ଜିଭାରେ କାଦୁଅକୁ ହତ୍ୟା କର |38|

 

ନାମୋ ମହାବିଡ଼ିଆ ଆଗ୍ରା, ଆଦି ଶକ୍ତି ସୁନ୍ଦରୀ ଆପାରା । 39 |

 

ଦୁ ery ଖର ଆରି ଭଙ୍କକ ତ୍ରିଟା, ଦୟା କରନ୍ତୁ ପିଟମ୍ବରୀ ମାତା | 40 |

 

ରିଦ୍ଧି ସିଦ୍ଧ ଦାତା ତୁମେ, ଆରି ସାମୁଲ କୁଲ କାଲ |

 

ମୋର ସମସ୍ତ ବାଧାବିଘ୍ନକୁ ଶୀଘ୍ର କର, ମାଆ ବଗ୍ ତୁରନ୍ତ ||

CHALISA IN PUNJABI

ਸ਼੍ਰੀਮਾਨ ਬਗਲਾਮੁਖੀ ਚਾਲੀਸਾ

 

… ਓਮ ਸ਼੍ਰੀ ਗਣੇਸ਼ਾਯ ਨਮਹਾ ।।

 

ਨਮੋ ਮਹਾਵਿਦਿਆ ਬਰਾੜ, ਬਗਲਾਮੁਖੀ ਦਿਆਲ।

 

ਇਸ ਨੂੰ ਚੁੱਪ ਕਰਨ ਦੇ ਇੱਕ ਪਲ ਵਿੱਚ ਕਰੋ, ਸੁਮਿਰਤ ਅਰਿਕੁਲ ਕਾਲ.

 

ਨਮੋ ਨਮੋ ਪੀਤਮਬਰ ਭਵਾਨੀ, ਬਗਲਾਮੁਖੀ ਨਮੋ ਕਲਿਆਣੀ | 1 |

 

ਭਗਤ ਵਤਸਲਾ ਸ਼ਤਰੂ ਨਾਸ਼ਾਨੀ, ਨਮੋ ਮਹਾਵਿਦਿਆ ਵਰਦਾਨਿ | | |

 

ਅਮ੍ਰਿਤ ਸਾਗਰ ਬੀਚ ਤੇਰਾ, ਰਤਨ-ਮੰਜੇ ਮਨੀ ਮੰਡਿਤ ਪਿਆਰੇ | | |

 

ਸੁਨਹਿਰੀ ਤਖਤ ਤੇ ਅਸੀਨਾ, ਪੀਤਾੰਬਰ ਸੁਪਰ ਬ੍ਰਹਮ ਨਵੀਨਾ | 4 |

 

ਸੋਨੇ ਦੇ ਗਹਿਣੇ, ਸਿਰ ਤੇ ਸੁੰਦਰ ਚੰਦ ਤਾਜ | 5 |

 

ਤਿੰਨ ਅੱਖਾਂ ਦੋ ਪਾਸਿਓ ਸ੍ਰੀਨਾਲਾ, ਧਰੇ ਮੁਦਗਰ ਲੂਪ ਕਰਾਲਾ | | |

 

ਭੈਰਵ ਹਮੇਸ਼ਾਂ ਸਖਤ ਮਿਹਨਤ ਕਰੋ, ਕੰਮ ਸਾਬਤ ਕਰੋ, ਸਾਰੀਆਂ ਰੁਕਾਵਟਾਂ, ਨਰਸਰੀ .| 7 |

 

ਤੁਸੀਂ ਨਿਰਾਸ਼ਾ ਦਾ ਮੁਕਾਬਲਾ ਕਰ ਸਕਦੇ ਹੋ, ਅਸੁਰੱਖਿਅਤ ਅਣਵਿਆਹੀ ਧਾਰਾ ਨੂੰ ਛੱਡ ਦਿਓ | 8 |

 

ਤੁਮ ਕਾਲੀ ਤਾਰਾ ਭਵਨੇਸ਼ੀ, ਤ੍ਰਿਪੁਰਾ ਸੁੰਦਰੀ ਭੈਰਵੀ ਵੇਸ਼ੀ | | |

 

ਛਿੰਨਾਬਲ ਧੂਮਾ ਮਤੰਗੀ, ਗਾਇਤਰੀ ਤੁਮ ਬਗਲੀ ਰੰਗੀ | 10 |

 

ਆਪਣੇ ਅੰਦਰ ਕੁੱਲ ਸ਼ਕਤੀਆਂ ਇਕੱਠੀਆਂ ਕਰੋ, ਬੀਜਾਂ ਦੇ ਬੀਜ ਬੈਠਣ ਦਿਓ. | 11 |

 

ਦੁਸ਼ਟ ਪਉੜੀ ਅਰਿਕੁਲ ਕੀਲਨ, ਮਾਰਨ ਵਸ਼ੀਕਰਨ ਸੰਪਨ | 12 |

 

ਦੁਸ਼ਟਤਾ ਕਾਰਕ ਮਾਤਾ, ਅਰਿ ਜੀਵਾ ਕੀਲਕ ਸਘਟਾ | 13 |

 

ਸਾਧਕ ਦੀ ਬਦਕਿਸਮਤੀ ਦਾ ਦੁੱਖ, ਨਮੋ ਮਹਾਮਾਯਾ ਪ੍ਰਕਿਯਤਾ। 14 14.

 

ਮੁਦਗਰ ਸ਼ੀਲਾ ਲਈ ਬਹੁਤ ਭਾਰਾ, ਪ੍ਰਤਾਸਨਾ ਤੇ ਚੜੋ.. | 15 |

 

ਤਿੰਨ ਲੋਕ, ਦਸ ਦਿਸ਼ਾਵਾਂ, ਭਵਾਨੀ, ਬਿਚਾਰੁ, ਤੁਸੀਂ ਲੋਕ ਹਿੱਤ, ਕਲਿਆਣੀ. | 16 |

 

ਅਰੀ ਅਰਿਸ਼ਟਾ ਸੋਚਦੇ ਹਨ ਕਿ ਜਨਤਾ ਨੂੰ, ਗਿਆਨ ਨੂੰ ਨਸ਼ਟ ਕਰਨ ਅਤੇ ਚਕਨਾਚੂਰ ਕਰਨ ਵਾਲੇ ਸਰੀਰ ਲਈ. | 17 |

 

ਹੱਥ ਅਤੇ ਪੈਰ ਤੁਹਾਡੇ ਨਾਲ ਬੰਨ੍ਹੇ ਹੋਏ ਹਨ, ਮੁਦਗਾਰ ਬਿਅੇਕ ਦੇ ਵਿਚਕਾਰ ਹਨੂਹੁ ਜੀਭ. 18 18.

 

ਜਦੋਂ ਚੋਰ ਮੁਸੀਬਤ ਵਿਚ ਆਉਂਦੇ ਹਨ, ਰਿਪੂ ਲੜਾਈ ਵਿਚ ਘਿਰੇ ਹੋਏ ਹੁੰਦੇ ਹਨ | 19 |

 

ਅਨਿਲ ਅਨਿਲ ਬਿਪਲਵ ਘਰਾਵੇ | 20 |

 

ਮੁਸੀਬਤ ਸੰਕਟ ਨੂੰ ਸੰਬੋਧਿਤ ਕਰਦੇ ਹੋਏ ਰਾਜਭੂਤੀ ਇਤਰਾਜ਼ ਨਜ਼ਦੀਕ ਹੈ | 21 |

 

ਸਾਰੇ ਦੁੱਖ, ਵਿਚਾਰਾਂ, ਭੂਤਾਂ ਅਤੇ ਰੁਕਾਵਟਾਂ ਦਾ ਅਭਿਆਸ ਕਰੋ. |22|

 

ਸੁਮਿਰਤ ਰਾਜਦਵਾਰ ਬੰਧਾ ਜਾਵੇ, ਸਭਾ ਬੀਚ ਸਟੰਭਾਵਾਨ ਚਾਵ॥ 23.॥

 

ਸੱਪ ਸੱਪ ਬ੍ਰਿਕਿਰਦ ਭਿਆਨਕ, ਖਾਲ ਵਿਹੰਗ ਭਾਗੀਂ ਸਭ ਸਤਵਰ |24|

 

ਸਾਰੇ ਰੋਗਾਂ ਦਾ ਨੁਕਸਾਨ, ਅਰਿਕੁਲ ਮੂਲੋਖਤਨ ਕਰੀ |25|

 

ਸਟਰੀ ਪੁਰੁਸ਼ ਰਾਜ ਹਿਪਨੋਟਿਸਟ, ਨਮੋ ਨਮੋ ਪੀਤਾਮਬਰ ਸੋਹਕ. |26|

 

ਹਮੇਸ਼ਾਂ ਤੁਹਾਡੇ ਲਈ ਕੁਬੇਰ, ਸ਼੍ਰੀ ਸਮਰੂਧੀ ਸੁਯਸ਼ ਨੀਟੇ ਗਾਓਣ ਦੀ ਕਾਮਨਾ ਕਰੋ.. |27|

 

ਤੁਸੀਂ ਸ਼ਕਤੀ ਸ਼ੌਰਿਆ ਦੇ ਸਿਰਜਣਹਾਰ, ਦੁਖੀ ਵਿਨਾਸ਼ਕਾਰੀ ਮਾਂ ਹੋ. |28|

 

ਯਸ਼ ਐਸ਼ਵਰਿਆ ਸਿਧੀ ਦਾ ਦਾਤਾਰ, ਸ਼ਤਰੂ ਨਸ਼ੀਨੀ ਵਿਜਿਟ ਦੀ ਪ੍ਰਦਾਤਾ। |29|

 

ਪੀਤਮਬ੍ਰਾ ਨਮੋ ਕਲਯਾਨੀ, ਨਮੋ ਮਤੁ ਬਗਲਾ ਮਹਾਰਾਣੀ |30|

 

ਜੋ ਕੁਝ ਤੁਸੀਂ ਕਰਨਾ ਚਾਹੁੰਦੇ ਹੋ ਸੁਮਰੇਆ ਚਿਤਰਲਾਈ, ਯੋਗ |31|

 

ਇਤਰਾਜ਼ ਤੋਂ ਜਲਦੀ ਛੁਟਕਾਰਾ, ਸਾਰੀਆਂ ਪ੍ਰੇਸ਼ਾਨੀਆਂ ਸਭ ਨੂੰ ਪ੍ਰੇਸ਼ਾਨ ਕਰਦੀਆਂ ਹਨ .32.

 

ਪੂਜਾ ਵਿਦਿ ਨਹੀ ਜਾਨਤ ਤੁਮ੍ਹਾਰੀ, ਅਰਥ ਨ ਅਖਰ ਕਰਹੁ ਨਿਹੌਰੀ | 33|

 

ਮੈਂ ਕੁਪੁਤਰ ਆਇਆ ਬਹੁਤ ਥੋੜਾ ਉਪਾਏ, ਹੱਥ ਜੋੜ ਕੇ ਸ਼ਾਂਤ੍ਰਾਗਟਾ | 34|

 

ਕੇਵਲ ਤੁਸੀਂ ਸੰਸਾਰ ਵਿੱਚ ਸਹਾਇਤਾ ਕਰੋ, ਸਾਰੀ ਬਿਪਤਾ ਪੂਰੀ ਹੋਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ .35.

 

ਨਮੋ ਮਹਾਦੇਵੀ ਹੇ ਮਾਂ, ਪੀਤਮਬੰ ਨਮੋ ਸੁਖਦਾਤਾ |36|

 

ਮਾਂ ਕੋਮਲ ਸਰੂਪ ਬਣ ਜਾਂਦੀ ਹੈ, ਖੁਸ਼ੀਆਂ ਅਤੇ ਧਨ ਦੀ ਦਾਨੀ ਸੁਯਸ਼. |37|

 

ਰੁਦ੍ਰ ਰੂਪ ਧਾਰ ਸ਼ਤ੍ਰੁ ਸੰਹਾਰੋ, ਅਰਿ ਜੀਵਾ ਵਿਚ ਮਦਗੜ ਮਾਰੇ |38|

 

ਨਮੋ ਮਹਾਵਿਦਿਆ ਆਗਰਾ, ਆਦਿ ਸ਼ਕਤੀ ਸੁੰਦਰੀ ਅਪਾਰਾ |39 |

 

ਅਰਿ ਭਨਕ ਤ੍ਰਿਤਾ ਦੁਖਿ, ਮਿਹਰ ਕਰੀ ਪੀਤਮਬੰ ਮਾਤਾ |40|

 

ਰਿਧਿ ਸਿਧਿ ਦਾਨੀ ਤੂੰ, ਅਰਿ ਸਮੂਲ ਕੁਲ ਕਾਲ॥

 

ਮੇਰੀਆਂ ਸਾਰੀਆਂ ਰੁਕਾਵਟਾਂ ਨੂੰ ਜਲਦੀ ਉਤਾਰੋ, ਮਾਂ ਨੇ ਤੁਰੰਤ ਬੁਗਲ ਕਰੋ.

CHALISA IN SANSKRIT

Sanskrit and Hindi languages are both written using the same script called ‘Devanagari’ . We recommend you to read the original Hindi version of Chalisa written in Awadhi dialect. 

 

श्री बगलामुखी चालीसा

।। श्री गणेशाय नमः।।

नमो महाविद्या बरद, बगलामुखी दयाल।

स्तम्भन क्षण में करे , सुमिरत अरिकुल काल।।

नमो नमो पीताम्बरा भवानी, बगलामुखी नमो कल्यानी |1|

भक्त वत्सला शत्रु नशानी , नमो महाविद्या वरदानी |2|

अमृत सागर बीच तुम्हारा, रत्न जड़ित मणि मंडित प्यारा |3|

स्वर्ण सिंहासन पर आसीना, पीताम्बर अति दिव्य नवीना |4|

स्वर्णाभूषण सुन्दर धारे , सिर पर चन्द्र मुकुट श्रृंगारे |5|

तीन नेत्र दो भुजा मृणाला , धारे मुद्गर पाष कराला |6|

भैरव करें सदा सेवर्काइ , सिद्ध काम सब विघ्न नर्साइ |7|

तुम हताश का निपट सहारा, करे अकिंचन अरिकल धारा |8|

तुम काली तारा भवनेशी , त्रिपुर सुन्दरी भैरवी वेशी |9|

छिन्नभाल धूमा मातंगी, गायत्री तुम बगला रंगी |10|

सकल शक्तियाँ तुम में साजें, ह्लीं बीज के बीज बिराजें |11|

दुष्ट स्तम्भन अरिकुल कीलन, मारण वशीकरण सम्मोहन |12|

दुष्टोच्चाटन कारक माता, अरि जिव्हा कीलक सघाता ।13।

साधक के विपति की त्राता, नमो महामाया प्रख्याता ।14।

मुद्गर शिला लिये अति भारी, प्रेतासन पर किये सवारी ।15।

तीन लोक दस दिशा भवानी, बिचरहु तुम जन हित कल्यानी ।16।

अरि अरिष्ट सोचे जो जन को, बुद्धि नाशकर कीलक तन को ।17।

हाथ पांव बांधहुं तुम ताके, हनहु जीभ बिच मुद्गर बाके ।18।

चोरों का जब संकट आवे, रण में रिपुओं से घिर जावे ।19

अनल अनिल बिप्लव घहरावे, वाद विवाद न निर्णय पावे ।20।

मूठ आदि अभिचारण संकट, राजभीति आपत्ति सन्निकट ।21।

ध्यान करत सब कष्ट नसावे, भूत प्रेत न बाधा आवे ।22।

सुमिरत राजद्वार बंध जावे, सभा बीच स्तम्भवन छावे ।23।

नाग सर्प बृच्श्रिकादि भयंकर, खल विहंग भागहिं सब सत्वर ।24।

सर्व रोग की नाशन हारी, अरिकुल मूलोच्चाटन कारी ।25।

स्त्री पुरुष राज सम्मोहक, नमो नमो पीताम्बर सोहक ।26।

तुमको सदा कुबेर मनावें, श्री समृद्धि सुयश नित गावें ।27।

शक्ति शौर्य की तुम्हीं विधाता, दुःख दारिद्र विनाशक माता ।28।

यश ऐश्वर्य सिद्धि की दाता, शत्रु नाशिनी विजय प्रदाता ।29।

पीताम्बरा नमो कल्यानी, नमो मातु बगला महारानी ।30।

जो तुमको सुमरै चितर्लाइ , योग क्षेम से करो सर्हाइ ।31।

आपत्ति जन की तुरत निवारो, आधि व्याधि संकट सब टारो ।32।

पूजा विधि नहिं जानत तुम्हरी, अर्थ न आखर करहूं निहोरी ।33।

मैं कुपुत्र अति निवल उपाया, हाथ जोड़ षरणागत आया ।34।

जग में केवल तुम्हीं सहारा, सारे संकट करहुँ निवारा ।35।

नमो महादेवी हे माता, पीताम्बरा नमो सुखदाता ।36।

सौम्य रूप धर बनती माता, सुख सम्पत्ति सुयश की दाता ।37।

रौद्र रूप धर षत्रु संहारो, अरि जिव्हा में मुद्गर मारो ।38।

नमो महाविद्या आगारा, आदि शक्ति सुन्दरी आपारा ।39।

अरि भंजक विपत्ति की त्राता, दया करो पीताम्बरी माता ।40।

रिद्धि सिद्धि दाता तुम्हीं, अरि समूल कुल काल।

मेरी सब बाधा हरो, माँ बगले तत्काल।।

CHALISA IN SANTALI

Santali and Hindi languages are both written using the same script called ‘Devanagari’ . We recommend you to read the original Hindi version of Chalisa written in Awadhi dialect. 

 

श्री बगलामुखी चालीसा

।। श्री गणेशाय नमः।।

नमो महाविद्या बरद, बगलामुखी दयाल।

स्तम्भन क्षण में करे , सुमिरत अरिकुल काल।।

नमो नमो पीताम्बरा भवानी, बगलामुखी नमो कल्यानी |1|

भक्त वत्सला शत्रु नशानी , नमो महाविद्या वरदानी |2|

अमृत सागर बीच तुम्हारा, रत्न जड़ित मणि मंडित प्यारा |3|

स्वर्ण सिंहासन पर आसीना, पीताम्बर अति दिव्य नवीना |4|

स्वर्णाभूषण सुन्दर धारे , सिर पर चन्द्र मुकुट श्रृंगारे |5|

तीन नेत्र दो भुजा मृणाला , धारे मुद्गर पाष कराला |6|

भैरव करें सदा सेवर्काइ , सिद्ध काम सब विघ्न नर्साइ |7|

तुम हताश का निपट सहारा, करे अकिंचन अरिकल धारा |8|

तुम काली तारा भवनेशी , त्रिपुर सुन्दरी भैरवी वेशी |9|

छिन्नभाल धूमा मातंगी, गायत्री तुम बगला रंगी |10|

सकल शक्तियाँ तुम में साजें, ह्लीं बीज के बीज बिराजें |11|

दुष्ट स्तम्भन अरिकुल कीलन, मारण वशीकरण सम्मोहन |12|

दुष्टोच्चाटन कारक माता, अरि जिव्हा कीलक सघाता ।13।

साधक के विपति की त्राता, नमो महामाया प्रख्याता ।14।

मुद्गर शिला लिये अति भारी, प्रेतासन पर किये सवारी ।15।

तीन लोक दस दिशा भवानी, बिचरहु तुम जन हित कल्यानी ।16।

अरि अरिष्ट सोचे जो जन को, बुद्धि नाशकर कीलक तन को ।17।

हाथ पांव बांधहुं तुम ताके, हनहु जीभ बिच मुद्गर बाके ।18।

चोरों का जब संकट आवे, रण में रिपुओं से घिर जावे ।19

अनल अनिल बिप्लव घहरावे, वाद विवाद न निर्णय पावे ।20।

मूठ आदि अभिचारण संकट, राजभीति आपत्ति सन्निकट ।21।

ध्यान करत सब कष्ट नसावे, भूत प्रेत न बाधा आवे ।22।

सुमिरत राजद्वार बंध जावे, सभा बीच स्तम्भवन छावे ।23।

नाग सर्प बृच्श्रिकादि भयंकर, खल विहंग भागहिं सब सत्वर ।24।

सर्व रोग की नाशन हारी, अरिकुल मूलोच्चाटन कारी ।25।

स्त्री पुरुष राज सम्मोहक, नमो नमो पीताम्बर सोहक ।26।

तुमको सदा कुबेर मनावें, श्री समृद्धि सुयश नित गावें ।27।

शक्ति शौर्य की तुम्हीं विधाता, दुःख दारिद्र विनाशक माता ।28।

यश ऐश्वर्य सिद्धि की दाता, शत्रु नाशिनी विजय प्रदाता ।29।

पीताम्बरा नमो कल्यानी, नमो मातु बगला महारानी ।30।

जो तुमको सुमरै चितर्लाइ , योग क्षेम से करो सर्हाइ ।31।

आपत्ति जन की तुरत निवारो, आधि व्याधि संकट सब टारो ।32।

पूजा विधि नहिं जानत तुम्हरी, अर्थ न आखर करहूं निहोरी ।33।

मैं कुपुत्र अति निवल उपाया, हाथ जोड़ षरणागत आया ।34।

जग में केवल तुम्हीं सहारा, सारे संकट करहुँ निवारा ।35।

नमो महादेवी हे माता, पीताम्बरा नमो सुखदाता ।36।

सौम्य रूप धर बनती माता, सुख सम्पत्ति सुयश की दाता ।37।

रौद्र रूप धर षत्रु संहारो, अरि जिव्हा में मुद्गर मारो ।38।

नमो महाविद्या आगारा, आदि शक्ति सुन्दरी आपारा ।39।

अरि भंजक विपत्ति की त्राता, दया करो पीताम्बरी माता ।40।

रिद्धि सिद्धि दाता तुम्हीं, अरि समूल कुल काल।

मेरी सब बाधा हरो, माँ बगले तत्काल।।

CHALISA IN SINDHI

Sindhi and Hindi languages are both written using the same script called ‘Devanagari’ . We recommend you to read the original Hindi version of Chalisa written in Awadhi dialect. 

 

श्री बगलामुखी चालीसा

।। श्री गणेशाय नमः।।

नमो महाविद्या बरद, बगलामुखी दयाल।

स्तम्भन क्षण में करे , सुमिरत अरिकुल काल।।

नमो नमो पीताम्बरा भवानी, बगलामुखी नमो कल्यानी |1|

भक्त वत्सला शत्रु नशानी , नमो महाविद्या वरदानी |2|

अमृत सागर बीच तुम्हारा, रत्न जड़ित मणि मंडित प्यारा |3|

स्वर्ण सिंहासन पर आसीना, पीताम्बर अति दिव्य नवीना |4|

स्वर्णाभूषण सुन्दर धारे , सिर पर चन्द्र मुकुट श्रृंगारे |5|

तीन नेत्र दो भुजा मृणाला , धारे मुद्गर पाष कराला |6|

भैरव करें सदा सेवर्काइ , सिद्ध काम सब विघ्न नर्साइ |7|

तुम हताश का निपट सहारा, करे अकिंचन अरिकल धारा |8|

तुम काली तारा भवनेशी , त्रिपुर सुन्दरी भैरवी वेशी |9|

छिन्नभाल धूमा मातंगी, गायत्री तुम बगला रंगी |10|

सकल शक्तियाँ तुम में साजें, ह्लीं बीज के बीज बिराजें |11|

दुष्ट स्तम्भन अरिकुल कीलन, मारण वशीकरण सम्मोहन |12|

दुष्टोच्चाटन कारक माता, अरि जिव्हा कीलक सघाता ।13।

साधक के विपति की त्राता, नमो महामाया प्रख्याता ।14।

मुद्गर शिला लिये अति भारी, प्रेतासन पर किये सवारी ।15।

तीन लोक दस दिशा भवानी, बिचरहु तुम जन हित कल्यानी ।16।

अरि अरिष्ट सोचे जो जन को, बुद्धि नाशकर कीलक तन को ।17।

हाथ पांव बांधहुं तुम ताके, हनहु जीभ बिच मुद्गर बाके ।18।

चोरों का जब संकट आवे, रण में रिपुओं से घिर जावे ।19

अनल अनिल बिप्लव घहरावे, वाद विवाद न निर्णय पावे ।20।

मूठ आदि अभिचारण संकट, राजभीति आपत्ति सन्निकट ।21।

ध्यान करत सब कष्ट नसावे, भूत प्रेत न बाधा आवे ।22।

सुमिरत राजद्वार बंध जावे, सभा बीच स्तम्भवन छावे ।23।

नाग सर्प बृच्श्रिकादि भयंकर, खल विहंग भागहिं सब सत्वर ।24।

सर्व रोग की नाशन हारी, अरिकुल मूलोच्चाटन कारी ।25।

स्त्री पुरुष राज सम्मोहक, नमो नमो पीताम्बर सोहक ।26।

तुमको सदा कुबेर मनावें, श्री समृद्धि सुयश नित गावें ।27।

शक्ति शौर्य की तुम्हीं विधाता, दुःख दारिद्र विनाशक माता ।28।

यश ऐश्वर्य सिद्धि की दाता, शत्रु नाशिनी विजय प्रदाता ।29।

पीताम्बरा नमो कल्यानी, नमो मातु बगला महारानी ।30।

जो तुमको सुमरै चितर्लाइ , योग क्षेम से करो सर्हाइ ।31।

आपत्ति जन की तुरत निवारो, आधि व्याधि संकट सब टारो ।32।

पूजा विधि नहिं जानत तुम्हरी, अर्थ न आखर करहूं निहोरी ।33।

मैं कुपुत्र अति निवल उपाया, हाथ जोड़ षरणागत आया ।34।

जग में केवल तुम्हीं सहारा, सारे संकट करहुँ निवारा ।35।

नमो महादेवी हे माता, पीताम्बरा नमो सुखदाता ।36।

सौम्य रूप धर बनती माता, सुख सम्पत्ति सुयश की दाता ।37।

रौद्र रूप धर षत्रु संहारो, अरि जिव्हा में मुद्गर मारो ।38।

नमो महाविद्या आगारा, आदि शक्ति सुन्दरी आपारा ।39।

अरि भंजक विपत्ति की त्राता, दया करो पीताम्बरी माता ।40।

रिद्धि सिद्धि दाता तुम्हीं, अरि समूल कुल काल।

मेरी सब बाधा हरो, माँ बगले तत्काल।।

CHALISA IN TAMIL

திரு பாக்லமுகி சாலிசா

 

… ஓம் ஸ்ரீ கணேஷய நமஹா ..

 

நமோ மகாவித்ய பரத், பாக்லமுகி தயால்.

 

ஒரு கணம் ம silence னமாகச் செய்யுங்கள், சுமிரத் அரிகுல் கால்.

 

நமோ நமோ பிதாம்பர பவானி, பாக்லமுகி நமோ கல்யாணி | 1 |

 

பக்தர் வத்சலா சத்ரு நஷானி, நமோ மகாவித்ய வரதானி | 2 |

 

அம்ரித் சாகர் பீச் யுவர்ஸ், மாணிக்கம் நிறைந்த மணி மண்டித் பியார் | 3 |

 

தங்க சிம்மாசனத்தில் அசினா, பிதாம்பர் சூப்பர் தெய்வீக நவினா | 4 |

 

தங்க நகைக்கடைக்காரர்கள், தலையில் அழகான நிலவு கிரீடங்கள் | 5 |

 

மூன்று கண்கள் இரண்டு பக்கங்களும் மிருனாலா, தாரே முட்கர் லூப் கராலா | 6 |

 

பைரவா எப்போதும் கடினமாக உழைக்கிறார், வேலையை நிரூபிக்க, எல்லா தடைகளையும், நாற்றங்கால்.| 7 |

 

நீங்கள் விரக்தியைச் சமாளிக்க முடியும், பாதுகாப்பற்ற உறுதிப்படுத்தப்படாத ஸ்ட்ரீம் | 8 |

 

தும் காளி தாரா பவானேஷி, திரிபுரா சுந்தரி பைரவி வெஷி | 9 |

 

சின்னபால் துமா மாதங்கி, காயத்ரி தும் பாக்லி ரங்கி | 10 |

 

உங்களில் உள்ள மொத்த சக்திகளைச் சேகரிக்கவும், விதைகளின் விதைகள் அமரட்டும். |11|

 

பொல்லாத சரணம் அரிகுல் கீலன், மரன் வசீகரன் ஹிப்னாஸிஸ் | 12 |

 

துன்மார்க்க காரணி மாதா, அரி ஜீவா கீலக் சகாதா. |13|

 

தேடுபவரின் துரதிர்ஷ்டத்தின் சோகம், நமோ மகாமய பிரகயாதா. | 14 |

 

முட்கர் ஷிலாவுக்கு மிகவும் கனமானது, பிரதாசனத்தில் சவாரி செய்யுங்கள். |15|

 

மூன்று பேர், பத்து திசைகள், பவானி, பிச்சாரு, நீங்கள் பொது நலன், கல்யாணி. |16|

 

அரி அரிஷ்டா வெகுஜனங்களுக்கும், ஞானத்தையும் அழிக்கும் உடலையும் அழிக்க வேண்டும் என்று நினைக்கிறார். |17|

 

கைகளும் கால்களும் உங்களுடன் பிணைக்கப்பட்டுள்ளன, முட்கர் சுட்டுக்கு இடையில் ஹனு நாக்கு. |18|

 

திருடர்கள் சிக்கலில் வரும்போது, ​​ரிபு போரில் சூழப்பட்டிருக்கிறார் |19|

 

அனில் அனில் பிப்லாவ் காரவே |20|

 

துன்ப நெருக்கடிக்கு தீர்வு காண்பது, ராஜ்பூதி ஆட்சேபனை உடனடி. |21|

 

வலி, எண்ணங்கள், பேய்கள் மற்றும் தடைகள் அனைத்தையும் தியானியுங்கள். |22|

 

சுமிரத் ராஜ்த்வர் பந்தா ஜாவே, சபா பீச் ஸ்டம்பவன் சாவே. |23|

 

பாம்பு பாம்பு பிரிகேடி கடுமையான, கல் விஹாங் பாகின் சப் சத்வார் |24|

 

அனைத்து நோய்களின் இழப்பு, அரிகுல் மூலோகதன் காரி .25.

 

பெண் ஆண் ராஜ் ஹிப்னாடிஸ்ட், நமோ நமோ பிதாம்பர் சோஹாக். |26|

 

குபேரா, ஸ்ரீ சம்ருத்தி சுயாஷ் நைட் காவ்னை எப்போதும் விரும்புகிறேன். |27|

 

நீங்கள் சக்தி ஷ ur ரியாவை உருவாக்கியவர், துன்பகரமான அழிக்கும் தாய். |28|

 

சத்ரு நாஷினி வெற்றியை வழங்குபவர் யஷ் ஐஸ்வர்யா சித்தியை வழங்குபவர். |29|

 

பிதாம்ப்ரா நமோ கல்யாணி, நமோ மாத்து பாக்லா மகாராணி. |30|

 

சம்ரயா சித்ரலை, யோகாவுடன் நீங்கள் என்ன செய்ய விரும்புகிறீர்களோ அதைச் செய்யுங்கள். |31|

 

ஆட்சேபனையிலிருந்து விரைவான நிவாரணம், எல்லா துயரங்களும் அனைவரையும் துன்பப்படுத்துகின்றன. |32|

 

பூஜா விதி நஹின் ஜனத் தும்ஹாரி, அர்த்த நா அகர் கர்ஹுன் நிஹோரி. |33|

 

நான் குபுத்ராவுக்கு வந்தேன் மிகக் குறைவான உபயா, கைகள் மடிந்த சாந்தராகதா. |34|

 

உலகில் நீங்கள் மட்டுமே ஆதரிக்கிறீர்கள், எல்லா துன்பங்களும் செய்யப்பட வேண்டும். |35|

 

நமோ மகாதேவி ஓ தாய், பிதாம்பர நமோ சுக்தாதா. |36|

 

அம்மா ஒரு மென்மையான வடிவம், மகிழ்ச்சி மற்றும் செல்வத்தை நன்கொடை அளிப்பவர் சுயாஷ். |37|

 

ரவுத்ரா ரூப் தர் சத்ரு சன்ஹாரோ, அரி ஜீவாவில் முட்கரைக் கொல்லுங்கள். |38|

 

நமோ மகாவித்ய ஆக்ரா, ஆதி சக்தி சுந்தரி ஆபரா. |39|

 

துன்பத்தின் அரி பாங்கக் த்ரிதா, கருணை பிதாம்பரி மாதா. |40|

 

ரித்தி சித்தி நன்கொடையாளர் நீங்கள், அரி சாமுல் குல் கால்.

 

என் தடைகள் அனைத்தையும் சீக்கிரம், அம்மா உடனடியாக குமிழ்.

CHALISA IN TELUGU

మిస్టర్ బాగ్లముఖి చలిసా

 

… ఓం శ్రీ గణేశయ నమహా ..

 

నమో మహావిద్య బరాడ్, బాగ్లముఖి దయాల్.

 

కొద్దిసేపు మౌనంగా చేయండి సుమిరత్ అరికల్ కాల్.

 

నామో నామో పితాంబర భవానీ, బాగ్లముఖి నామో కళ్యాణి | 1 |

 

భక్తుడు వత్సల షత్రు నషాని, నామో మహావిద్య వరదానీ | 2 |

 

అమృత్ సాగర్ బీచ్ యువర్స్, రత్నం నిండిన మణి మండిట్ ప్యార్ | 3 |

 

బంగారు సింహాసనంపై అసినా, పితాంబర్ సూపర్-దైవ నవీనా | 4 |

 

బంగారు ఆభరణాలు, తలపై అందమైన చంద్ర కిరీటాలు | 5 |

 

మూడు కళ్ళు రెండు వైపులా మ్ర్నాలా, ధారే ముద్గర్ లూప్ కరాలా | 6 |

 

భైరవ ఎప్పుడూ కష్టపడి పనిచేస్తాడు, పనిని నిరూపించు, అన్ని అడ్డంకులు, నర్సరీ. | 7 |

 

మీరు నిరాశను ఎదుర్కోవచ్చు, అసురక్షిత అవాస్తవిక ప్రవాహాన్ని | 8 |

 

తుమ్ కాళి తారా భవనేషి, త్రిపుర సుందరి భైరవి వెషి | 9 |

 

చిన్నబల్ ధుమా మాతంగి, గాయత్రి తుమ్ బాగ్లి రంగి | 10 |

 

మీలోని స్థూల శక్తులను సేకరించి, విత్తనాల విత్తనాలు కూర్చుని ఉండనివ్వండి. |11|

 

చెడ్డ చరణం అరికల్ కీలాన్, మారన్ వశికరన్ హిప్నాసిస్ | 12 |

 

దుష్ట కారకం మాతా, అరి జీవా కీలాక్ సాగాటా. |13|

 

అన్వేషకుడి దురదృష్టం యొక్క దు ness ఖం, నామో మహామయ ప్రఖ్యాత. |14|

 

ముద్గర్ శిలాకు చాలా భారీగా, ప్రతాసనపై ప్రయాణించండి. |15|

 

ముగ్గురు వ్యక్తులు, పది దిశలు, భవానీ, బిచారు, మీరు ప్రజా ప్రయోజనం, కళ్యాణి. |16|

 

అరి అరిష్టా ప్రజలకు, జ్ఞానాన్ని నాశనం చేయటానికి మరియు కదిలే శరీరానికి అని అనుకుంటాడు. |17|

 

చేతులు మరియు కాళ్ళు మీకు ముడిపడి ఉన్నాయి, ముద్గర్ రొట్టెలు వేయడం మధ్య హను నాలుక. |18|

 

దొంగలు ఇబ్బందుల్లోకి వచ్చినప్పుడు, రిపు యుద్ధంలో చుట్టుముట్టారు |19|

 

అనిల్ అనిల్ బిప్లావ్ ఘరవే |20|

 

ప్రతికూల సంక్షోభాన్ని పరిష్కరిస్తూ, రాజ్‌భూతి అభ్యంతరం ఆసన్నమైంది. |21|

 

అన్ని బాధలు, ఆలోచనలు, దెయ్యాలు మరియు అడ్డంకులను ధ్యానించండి. |22|

 

సుమిరత్ రాజ్‌ద్వర్ బాంధా జావే, సభ బీచ్ స్తంభవన్ చావే. |23|

 

స్నేక్ స్నేక్ బ్రిరికాడే భయంకరమైన, ఖల్ విహాంగ్ భగిన్ సబ్ సత్వర్ |24|

 

అన్ని వ్యాధుల నష్టం, అరికూల్ మూలోఖతాన్ కారి. |25|

 

ఆడ మగ రాజ్ హిప్నాటిస్ట్, నామో నామో పితాంబర్ సోహాక్. |26|

 

కుబేరుడు, శ్రీ సమృద్ధి సుయాష్ నైట్ గావ్. |27|

 

మీరు శక్తి శౌర్య సృష్టికర్త, క్రూరమైన విధ్వంసక తల్లి. |28|

 

యత్రు ఐశ్వర్య సిద్ధి, షత్రు నశిని విక్టరీ ప్రొవైడర్. |29|

 

పితాంబ్రా నామో కళ్యాణి, నామో మాటు బాగ్లా మహారాణి. |30|

 

సుమ్రయ చిత్రాలై, యోగాతో మీరు చేయాలనుకున్నది చేయండి. |31|

 

అభ్యంతరం నుండి త్వరగా ఉపశమనం, అన్ని బాధలన్నీ బాధపడతాయి. |32|

 

పూజా విధి నహీన్ జనత్ తుమ్హారీ, అర్థ నా అఖర్ కర్హున్ నిహోరి. |33|

 

నేను కుపుత్ర వద్దకు వచ్చాను చాలా తక్కువ ఉపాయ, చేతులు ముడుచుకున్న శాంతరాగం. |34|

 

ప్రపంచంలో మీరు మాత్రమే మద్దతు ఇస్తారు, అన్ని బాధలు చేయాలి. |35|

 

నమో మహాదేవి ఓ తల్లి, పితాంబర నామో సుఖ్దతా. |36|

 

తల్లి సున్నితమైన రూపం అవుతుంది, ఆనందం మరియు సంపద దాత సుయాష్. |37|

 

రౌద్రా రూప్ ధర్ షాత్రు సంహారో, అరి జీవాలో ముద్గర్‌ను చంపండి. |38|

 

నామో మహావిద్య ఆగ్రా, ఆది శక్తి సుందరి ఆపరా. |39|

 

దు ery ఖం యొక్క అరి భంకాక్ తృణ, దయ పితాంబరి మాతా. |40|

 

రిద్ధి సిద్ధి దాత మీరు, అరి సముల్ కుల్ కాల్.

 

నా అడ్డంకులన్నీ తొందరపడండి, తల్లి వెంటనే బగ్.

CHALISA IN URDU

Shri Baglamukhi Mata Chalisa in Urdu

 

مسٹر بگلمخی چالیسہ

 

… اوم شری گنیشایا نامہ ..

 

نمو مہاویڈیا بارڈ ، بگالمخی دیال۔

 

خاموشی کے ایک لمحے میں یہ کرو ، سمیرات اریکول کال۔

 

نمو نمو پیٹمبرا بھوانی ، بگالمخی نمو کلیانی | 1 |

 

عقیدت مند واٹسلا شترو نشانی ، نمو مہا ویدیا ورادانی | 2 |

 

امرت ساگر بیچ تمہارا ، منی منڈی منڈیٹ پیار | 3 |

 

سنہری تخت پر آسینا ، پیٹمبر سپر الہی نوینا | 4 |

 

سونے کے زیورات ، چاند کے خوبصورت تاج تاج پر | 5 |

 

تین آنکھیں دو طرفہ مسرنالہ ، دھارے مدگر لوپ کرالہ | 6 |

 

بھیروا ہمیشہ محنت کرتے ہیں ، کام ثابت کرتے ہیں ، تمام رکاوٹیں ، نرسری۔ 7 |

 

آپ مایوسی کا مقابلہ کرسکتے ہیں ، غیر محفوظ شدہ دھارے | 8 | |

 

تم کالی تارا بھونشی ، تری پورہ سندری بھ| 9aراوی وشی |  | |

 

چنابال دھوما ماتنگی ، گایتری تم باگلی رنگی | 10 |

 

آپ میں مجموعی طاقتیں جمع کریں ، بیجوں کے بیج بیٹھنے دیں| 11۔

 

دجالی ستانزا اروکول کییلان ، مارن واشیکرن سموہن | 12 |

 

دجال فیکٹر ماتا ، ایری جیوا کیلاک صغاتہ ۔13۔

 

سالک کی بدبختی کا غم ، نمو مہمایا پرکھیاٹا ۔14۔

 

مدگر شیلا کے لئے بہت بھاری ، پرتاسنا پر سواری کریں ۔15۔

 

تین لوگ ، دس سمت ، بھوانی ، بیچارو ، آپ عوامی مفاد ، کلیانی۔| 16

 

ایری ارشٹا عوام کے ل ، حکمت کو ختم کرنے اور چکنے چڑھنے والے جسم کے بارے میں سوچتی ہے۔| 17

 

ہاتھ اور پاؤں آپ سے بندھے ہوئے ہیں ، ہنکو زبان مڈگر بیک کے درمیان۔| 18۔

 

جب چور مصیبت میں آجاتے ہیں ، تو رپو لڑائی میں گھرا ہوتا ہے| 19

 

انیل انیل بپلوا گھڑاو| 20

 

مشکلات کے بحران سے نمٹنے ، راج بھوٹی اعتراضات نابغ.| 21۔

 

تمام تر درد ، افکار ، ماضی اور رکاوٹوں پر غور کریں۔| 22

 

سمیرت راجدوار باندھا جاوی ، سبھا بیچ اسٹمبھاون چاوی ۔| 23

 

سانپ سانپ بریشریک| 24īسخت ، خال وہنگ بھاگین سب ستور

 

تمام بیماریوں کا خاتمہ ، ایریکول مولوکھاٹن کاری۔| 25

 

خواتین مرد راج ہپنوٹسٹ ، نمو نمو پیٹمبر سوہک ۔|26۔

 

ہمیشہ آپ کی خواہش ہے کہ کوبیرا ، شری سمرودھی سویاش نائٹ گاون |27۔

 

آپ شکتی شوریہ کے تخلیق کار ہیں ، جو غمگین تباہ کن ماں ہیں۔| 28

 

یش ایشوریا سدھی کا عطا کنندہ ، شترو نشینی فتح کا فراہم کنندہ۔| 29۔

 

پیٹمبرا نمو کلیانی ، نمو متو باگلہ مہارانی |30۔

 

سومرایا چترالی ، یوگا کے ساتھ جو بھی کرنا چاہتے ہو وہ کریں۔| 31

 

اعتراض سے فوری ریلیف ، تمام پریشانی سب کو پریشانی میں مبتلا ہے 32۔

 

پوجا ودھی نہیں جنات تمھاری ، ارتھا نہ اخر کرہون نیہوری۔ 33۔

 

میں کپوتر کے پاس بہت تھوڑا سا اپھایا آیا ، ہاتھوں نے شانتراگٹھا باندھا۔ 34۔

 

دنیا میں صرف آپ ہی کی حمایت کریں ، تمام پریشانی ختم ہونی چاہئے۔| 35

 

نمو مہادوی اے ماں ، پیٹمبرا نامو سکھداٹا ۔36۔

 

ماں نرم شکل اختیار کرتی ہے ، خوشی اور دولت کا عطیہ کرنے والا سویاش 37۔

 

راؤدر روپ دھر شترو سنہارو ، ایری جیواہ میں مڈگر کو مار ڈالو ۔38۔

 

نمو مہاویڈیا آگرہ ، اڈی طاقت سندری آپرا۔ 39۔

 

ایری بھنک ترتہ مصائب ، رحم کرم پیٹمبری ماتا ۔40۔

 

ریدھی سدھی ڈونر آپ ، ایری سمول کول۔

 

میری تمام رکاوٹوں کو جلدی کرو ، ماں فوری طور پر بگولے۔

 

 

 

 

 

 

 

 

Shri Baglamukhi Mata in Sindhi

 

مسٽر باگولوڪي چليسا

 

… اوم شري گنيشا نامه ..

 

نامو مهاويه براد ، باگگولي ديال.

 

ڪر خاموشيءَ جي هڪ لمحي ۾ ، سميرات ايرڪول ڪنال.

 

نامو نامو پتامبارا ڀواني ، باگولوڪي نامو ڪلياڻ | 1 |

 

ديدار واٽسالا شترو نيشاني ، نمو مهاويا وراداني | 2 |

 

امرت ساگر سمنڊ توهان جو ، قيمتي منڊ منڊي پريار | 3 |

 

سونا تختن تي اسينا ، پيبربر سپر الائنائي نيوينا | 4 |

 

سونا زيور ، سر تي خوبصورت چنڊ جا تاج | 5 |

 

ٽي اکيون ٻه طرفيون مسنالا ، لوپ ڪرالا | 6 |

 

ڀروا هميشه محنت ، ثابت ڪم ، تمام رڪاوٽون ، نرسري .7 |

 

توهان مايوسي کي منهن ڏئي سگهو ٿا ، ناجائز غير حقيقي ٿيل وهڪرو کي ڇڏي ڏيو | 8 |

 

تمت کل تارا بھونشي ، تریپورا سندري بهاروي ويشا | 9 |

 

چنناباله دوما منگي ، گاياتري تم باگلي رنگي | 10 |

 

تم ۾ مجموعي طاقتون جمع ڪريو ، ٻج جي ٻج کي ويهڻ ڏيو| 11.

 

بڇڙي اسٽينزا آرڪول ڪييلن ، مارن واشڪاران هپناسس | 12 |

 

عصبي عنصر ماتا ، اري جيوه ڪيولڪ ساگاتا| 13.

 

چاهيندڙ جي بدقسمتيءَ جو غم ، نامو مهاميا پراچيه .14.

 

مدگر شيلا لاءِ ڏاو وزن ڏيندڙ ، پرٿاناانا تي سوار ٿيو .15.

 

ٽي ماڻهون ، ڏھ طرفا ، ڀڳاني ، بچارو ، عوامي مفاد ، ڪلياڻ| 16.

 

اري آريشٿا سوچيو ته عوام کي ، دانش کي تباهه ڪرڻ ۽ من موهيندڙ جسم کي| 17.

 

توهان جا هٿ ۽ پير ڳان اپا سان جڙيل آهن ، ڳچيءَ جي ڇڪڻ جي وچ ۾ حنوث ٻولي| 18.

 

جڏهن چور مشڪل سان ايندا آهن ، رپو جنگ ۾ گهيريل آهي| 19

 

انيل انيل بپلاو ڳارو| 20

 

ڏکيائين واري بحران کي حل ڪرڻ ، را|21bڀڳوتي اعتراض جلد .21.

 

سڀني دردن ، سوچن ، غمين ۽ رڪاوٽن کي غور سان | 22.

 

سميرات راجور بنده جاو ، سبھا ساحل اسٽامبان چاو.| 23.

 

سانپ سانپ برريڪي سخت ، خل وانگ ڀاڳين سب ستار| 24

 

سڀني بيمارين جو نقصان ، ايرڪول مولوڪنتن ڪيري .25.

 

خاتون مرد راجا هپناٽسٽ ، نامو نامو پائيبرڪ سوڪ .26.

 

ھميشہ توھان جي خواهش ڪريو ڪبرا ، شري سامروده سوياش ناي گيون .27

 

توهان شڪور شوريءَ جا خالق آهيو ، صدقي تباهه ڪندڙ ماء 28ُ.

 

يش ايشوريا صديقي جو تحفو ، شترو نيشيني جو پيشو ڏيندڙ 29.

 

پتامبرا نام ڪلياڻي ، نامو متو باگلا مهاراني .30.

 

سمرايا چترالائي ، يوگا سان جيڪو ڪجھ ڪرڻ چاهين ٿو 31.

 

تڪڙي تڪليف کان اعتراض ، تڪليف سڀني کي مصيبت .32.

 

پوجا ودهي نه جنت جنت تمري ، ارتا ن اڪهر ڪارون نهوري .33.

 

مان ڪانپورا وٽ تمام گھٽ اوچي آيو هوس ، هٿان شانتيگاتا 34

 

رڳو توھان دنيا ۾ مدد ڪريو ، سڀني تڪليفن کي ٿيڻ گھرجي 35.

 

نامو مهاديوي اي مادر ، پتامبارا نامو سقدتا .36.

 

ماء هڪ نرم روپ بڻجي ٿي ، خوشين ۽ دولت جو عطيو ڏيندڙ 37.

 

رودرا 38dر shر شترو سانجھرو ، آري جیو ۾ مgarر مار مارو 38.

 

نامو مهاويا آگرا ، ادي شڪتي سندري آبرا .39.

 

مصيبت جي ايري بنڪاڪ ٽريتا ، پتيبري ماتا کي رحم ڪيو 40.

 

مودي سددي ڊونر تون ، آري سمول ڪِل.

 

منهنجي سڀني رڪاوٽن کي جلدي پهچايو ، مڙي بگڙي فوري.

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BAGLAMUKHI MAA SABAR MANTRA SABAB MANTRA Sabar Manta of Maa Baglamukhi comes in one of the ten Mahavidyas   Om Malyachal bagla …

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This Post Has 3 Comments

  1. Satish Subramanian

    Excellent Jai Mata Ki

    1. atawbrickwood

      Thanks a Lot , Jai Mata di

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