NAVAGRAH CHALISA IN ALL LANGUAGES

CHALISA IN ASSAMESE

॥দোহা॥

শ্ৰীগণপতিগুৰুপদকমল,

প্ৰেমেৰেচিৰনায়া।

 

নৱগ্ৰহচালিচাকাহত,

শ্বৰডহোথচাহে॥

 

জয়জয়ৰবিশশীছোমৱেড,

জয়গুৰুক্লিপশনিৰাজ।

 

জয়তীৰাহুঅৰুকেতুগ্ৰহ,

কাৰহুগ্ৰেছআজি|

 

॥চৌপাই॥

শ্ৰীসূৰ্য্যপ্ৰশংসা

প্ৰথমৰবি, নাওনমাহদ।

কৰহঁকৃপাজানীফানআন্ত|

 

হেআদিত্যদিবাকৰভানু।

মইএজনমহানমানুহহ’ম।

 

এতিয়া, বিশেষলোকসকলেহৰহুকালেশাবুলিকয়।

দিনেকাৰডডেকেশফৰ্মদিনেশা॥

 

নমোভাস্কৰকসূৰ্য্যপ্ৰভাকাৰ।

বন্ধুআঘমোঘক্ষমাআহৰণকৰে।

 

শ্ৰীচন্দ্ৰপ্ৰশংসা

শশীময়ঙ্কৰজনীপতিস্বামী।

চন্দ্ৰকালানিধিনমোনমামি|

 

ৰাকাপ্তীহিমাাংশুৰাডকেচা।

প্ৰণৱতজনতানহৰহুনকালেশা॥

 

ছোমইন্দুবিধুশান্তিসুধাকাৰ।

শীতলৰশ্মিঔষধনিশকাৰ॥

 

আপুনিসুন্দৰভালমহাশাকআকৰ্ষিতকৰিছিল।

শৰণশৰণজনহৰহুনকালেশা॥

 

শ্ৰীমানমাংগেলপ্ৰশংসা

জয়জয়মঙ্গলসুখতা।

লোহিতভৌদিকভজা।

 

অংগৰককুজৰুজলোনাহাৰী।

কৰহুদয়াএইটোআমাৰবিনয়।

 

হেমহিসুতচিটিসুতসুখাশি।

লোহিতাংজয়জনআঘাশী॥

 

আগমআমংগলএতিয়াপ্ৰতিটোলিজাই।

সকালৰঞ্জকভৰ্তিকেজাই।

 

শ্ৰীযুতবুধপ্ৰশংসা

জয়শশীনন্দানবুধমহাৰাজা।

কৰহুসকালজনকহয়ুৰীয়েচশুভকাজা|

 

দিজাৱিতবাহিনীসুমটিসুচানা।

কঠিনসংকটহৰিধিকল্যাণ া ॥

 

হেতাৰসুথৰোহিনীনন্দন।

চন্দ্ৰসুভানসদদুদুৱননিকানানদ্বিতীয়

 

পুখুআচদচকাহুস্বামী।

প্ৰনাতপালপ্ৰভুনমোনমামি॥

 

শ্ৰীযুতবৃহস্পতিৰপ্ৰশংসাকৰক

জয়টিজয়টিজয়শ্ৰীগুৰুদেৱ।

কৰবোৰেসদায়তুমহাৰীপ্ৰভুকসেৱাকৰে।

 

দেৱাচাৰ্যতুমিদেৱগুৰুজ্ঞানী।

ইন্দ্ৰপুৰোহিতবিদ্যাডানি॥

 

চিকিৎসকবাগিচাউদাৰ।

আত্মাবৃহস্পতিয়েআপোনাৰনামদিয়ে।

 

বিদ্যাসিন্ধুঅংগোৰানাম।

কাৰ্হুসকালআইনভৰ্তিকামা|

 

 

শ্ৰীযুতশুক্ৰপ্ৰশংসা

শুক্ৰদেৱৰমজিয়াৰপিছতপানী।

ডসনিৰন্তনেধ্যানকৰে।

 

হেউশ্নাভাৰ্গৱক্ৰিফনন্দন।

দুষ্টপুৰোহিতদুষ্টনিকানানন॥

 

ক্ৰিল্পভূষণদুৰ্নীতি।

হৰহুনেশতাগ্ৰহকৰহুসুখাৰী॥

 

তুহিদিজবৰযোশীচিৰতাজা।

পুৰুষশৰীৰৰৰজা।

 

শ্ৰীশনিপ্ৰশংসা

জয়শ্ৰীদেৱশনিৰবিনন্দন।

জয়কৃষ্ণোচাউৰীজগবণ্ডন॥

 

পিংলমাদৰাদ্ৰায়মনাম।

ভাছলালামা॥

 

বক্ৰদৃষ্টিপাপিল্লাতানচাজা।

মুহুৰ্তমহন্তমুহূৰ্তৰজা।

 

সোণৰপোষ্টটোহৈছেনাইহালা।

লালাৰছাঁৰহৰহুদুৰ্যোগ|

 

শ্ৰীৰাহুপ্ৰশংসা

জয়জয়ৰাহুগগনপ্ৰভিচিয়।

তুমহিচন্দ্ৰআদিত্যগ্ৰুচ্য|

 

ৰবিশশীআৰিস্ৱৰভানুধাৰা।

শিখীইত্যাদিমাল্টিনামআপোনাৰ।

 

ছৈহীংকীতুমিনিৰাচৰৰজা।

অৰ্ধ-শৰীৰজগৰাখুলাজা॥

 

যদিগ্ৰহটোসময়লোৱাৰসময়হয়।

সদায়শান্তিআৰুসুখ।

 

শ্ৰীকেতুপ্ৰশংসা

জয়শ্ৰীকেতুএটাকঠিনদুখহাৰী।

কৰহুসুজনআগ্ৰহমঙ্গলকাৰী॥

 

ফ্লেগ-ৰুটমূলৰূপ।

অগ্ৰাহ্যৰোদ্ৰনঅঘমনকলা|

 

শিকিতাৰকাগ্ৰহটোশক্তিশালী।

মহাপ্ৰতাপএটাদ্ৰুতআশ্রয়স্থাননহয়।

 

বাহনমীনমহাশুকাৰী।

দিদজাইশান্তিদয়াআপোনাৰধাৰী॥

 

নৱগ্ৰহশান্তিফল

তিৰথৰাজপ্ৰয়াগসুপাচা।

বচইৰামৰসুন্দৰদাস।

 

কাকৰাগ্ৰামথিনপুৰী-তিৱাৰী।

দুৰৱচাশ্ৰমৰলোকসকলেকষ্টভোগকৰে।

 

সুখৰবাবেনতুনগ্ৰহৰশান্তিলিখক।

জনতানসংকটৰসু॥

 

যিটোপাঠৰপাঠ।

সকলোআনন্দহৈছেচূড়ান্তকাৰ্যালয়।

 

॥দোহা॥

ধন্যনৱগ্ৰহদেৱপ্ৰভু,

মহিমাঅপৰিসীম।

 

চিটনৱমঙ্গলমোডগৰ্হ,

জগতজননসুখদ্বাৰা॥য়

 

এইচালিচানৱগ্ৰহ,

সুন্দৰডসৰচনাকৰাহৈছে।

 

প্ৰেমসুথএজযৌনউত্তেজনাপঢ়ক,

চাৰভানাংদহুলাছ॥

CHALISA IN BENGALI

॥দোহা॥

মিঃগণপতিগুরুপদকমল,

প্রেমেসর্না।

 

নবগ্রহচালিশাবলাহয়,

শারদহটসাহাই।

 

জয়জয়রবিশশীসোমবার,

জয়গুরুভৃগুশনিরাজ।

 

জয়তিরাহুএবংকেতুগ্রহ,

কররুকরুণাআজ।

 

ঘবাউন্ড॥

মিঃসুর্যেরপ্রশংসা

পৃথ্বীরবিকোথায়নৌকারমাথা।

আমিকিদয়াবান, এতিমহওয়াউচিত||

 

আরেআদিত্যদিবাকরভানু।

মেইনমাতিমাহামহাঅজ্ঞান

 

এখননিজাহজনকাহনহারহুকালেশা।

দীনকরচরিত্রেদিনকার।

 

নমোভাস্করসূর্যপ্রভাকর।

নিষ্ক্রিয়বন্ধুআঃমগক্ষমা।

 

মিঃচন্দ্রস্তুতি

শশীমায়াঙ্করাজনানীপতিস্বামী

চন্দ্রকলনিধিনমোনমামি।

 

রকপতিহিমাংশুরাকশা।

প্রণবতজানতানহারহুকালেশা।

 

সোমইন্দুবিধুশান্তাসুধাকর।

কোল্ডরশ্মিডিপেনসার

 

তুমিসুন্দরীসুন্দরীমহিলামহেশ।

শরণশরণজানহারুকালেশা।

 

মিঃমঙ্গলপ্রশংসা

জয়জয়জয়মঙ্গলসুখদাটা।

লোহিতগহোমাদিকবিখ্যাততা।

 

আঙ্গারাককুজরুজরহাহারি।

করুণাকরাউচিত, এইআমাদেরআবেদন

 

হেমহিসুতছীতিসুতসুখারাশি।

লোহিতংজাইজনঅগ্নিশি

 

আগামঅমঙ্গলএখনসবাই।

স্থূলআকাঙ্ক্ষাপূরণহয়

 

মিঃবুধুরপ্রশংসাকরুন

জয়শশীনন্দনবুধমহারাজা।

করহুসাকলজনকাহনশুভকাজা।

 

দিজবুদ্ধিবালসুমতিসুজানা।

কঠিনকষ্টকল্যাণেব্যথাকরে।

 

ওরেতারসুতরোহিনীনন্দন।

চন্দ্রসুভানদুখোয়াদ্বন্দওনিকন্দন

 

পূজাহুআসদাসকাহুস্বামী।

প্রাণতপলপ্রভুনমোনমামি।

 

শ্রীবৃহস্পতিরপ্রশংসা

জয়তিজয়তিজয়শ্রীগুরুদেব।

করসর্বদাআপনাকেশ্বরেরসেবাকরে

 

দেবাচার্য, আপনিজ্ঞানেরকর্তা।

ইন্দ্রপুরোহিতবিদদানি

 

বাছস্পতিবাগিশউদারা।

আপনারনামবৃহস্পতি

 

বিদ্যাসিন্ধুআঙ্গিরানামা।

করহুস্থূলআইনসমাপ্তিকামা।

 

মিঃভেনাসপ্রশংসা

ভেনাসদেবদোতলাপোড়াতেন।

দাসঅবিরামধ্যানকরতেন।

 

হেউশানাভার্গবভৃগুনন্দন।

রাক্ষসপুরোহিত

 

ভৃগুকুলভূষণদুর্নীতিহারিয়েছেন।

হারুনেশগ্রহকরহুসুখারি

 

তুহিদ্বিজ্বরজোশীসীরতাজা।

তুমিপুরুষদেহেররাজা।

 

শ্রীশানিরপ্রশংসা

জয়শ্রীশনিদেবরবিনন্দন।

জয়কৃষ্ণসৌরীজগবন্দন॥

 

পিংগলমন্ডরাওদ্রযমনামা।

ভিপিইত্যাদিঅঙ্গস্থলালামায়।

 

বাঁকাদৃষ্টিপিপলতানসাজা।

রাজাপ্রতিমুহূর্তে, মুহুর্তেকরছেন।

 

লালাতস্বর্ণপদকারাতনিহালা।

হারুভিপ্তিছায়াকেলালা।

 

শ্রীরাহুরপ্রশংসা

জয়জয়রহুগগনপ্রভিসাইয়া।

তুমহিচন্দ্রআদিত্যগ্রুশিয়া

 

রবিশশীআরিস্বরভানুধর।

শিখিইত্যাদিঅনেকনামআপনার।

 

সায়হিংকেতুমিনিশাচররাজা।

ক্রিসেন্টজগআশুলজা||

 

গ্রহটিযদিসময়হয়তবেতামরেগেছে।

সর্বদাশান্তিএবংসুখ

 

শ্রীকেতুপ্রশংসাকরলেন

জয়শ্রীকেতুশক্তদুখারি।

করহুসুজনহিটমঙ্গলকারি।

 

পতাকাযুক্তরন্ডহিসাবেবান্দরাল।

ঘোড়রুদ্রথনঅগ্নমানকালা।

 

শিখিতারিকাপ্ল্যানেটবালওয়ান।

মহাপ্রতাপনাতেজকোথাও

 

যানবাহনমীনশুভাকারী।

প্রিয়শান্তি, দয়াএবংশান্তি

 

নবগ্রহশান্তিফল

তিরথরাজপ্রয়াগসুপাসা।

বাসাইরামেরসুন্দরদাস

 

কাকড়াগ্রামীণপুর-তিওয়ারি।

দুর্বাসাশ্রমজনদুর্ভোগহারিয়েছেন

 

সুখেরজন্যনতুনগ্রহেশান্তিলিখুন।

শরীরকেব্যথাহিসাবেসেটকরা

 

যেইপাঠ, চিতলাভাই

সমস্তসুখচূড়ান্তঅবস্থান

 

॥দোহা॥

ধন্যনবগ্রহদেবপ্রভু,

গৌরবসীমাহীনঅপরিসীম।

 

চিটনাভমঙ্গলমোদুঘর,

ওয়ার্ল্ডজেনারেশনসুখদ্বার

 

এইচালিসাউত্সব,

ভার্চিতাসুন্দরদাস।

 

প্রেমপড়ুনপ্রেমপ্রান্তসুখ,

সর্বানন্দহুলাস।

CHALISA IN BODO

Bodo and Hindi languages are both written using the same script called ‘Devanagari’ . We recommend you to read the original Hindi version of Chalisa written in Awadhi dialect. 

॥ दोहा ॥
श्री गणपति गुरुपद कमल,
प्रेम सहित सिरनाय ।
नवग्रह चालीसा कहत,
शारद होत सहाय ॥
जय जय रवि शशि सोम,
बुध जय गुरु भृगु शनि राज।
जयति राहु अरु केतु ग्रह,
करहुं अनुग्रह आज ॥

 


॥ चौपाई ॥
॥ श्री सूर्य स्तुति ॥
प्रथमहि रवि कहं नावौं माथा,
करहुं कृपा जनि जानि अनाथा ।
हे आदित्य दिवाकर भानू,
मैं मति मन्द महा अज्ञानू ।
अब निज जन कहं हरहु कलेषा,
दिनकर द्वादश रूप दिनेशा ।
नमो भास्कर सूर्य प्रभाकर,
अर्क मित्र अघ मोघ क्षमाकर ।

॥ श्री चन्द्र स्तुति ॥
शशि मयंक रजनीपति स्वामी,
चन्द्र कलानिधि नमो नमामि ।
राकापति हिमांशु राकेशा,
प्रणवत जन तन हरहुं कलेशा ।
सोम इन्दु विधु शान्ति सुधाकर,
शीत रश्मि औषधि निशाकर ।
तुम्हीं शोभित सुन्दर भाल महेशा,
शरण शरण जन हरहुं कलेशा ।

॥ श्री मंगल स्तुति ॥
जय जय जय मंगल सुखदाता,
लोहित भौमादिक विख्याता ।
अंगारक कुज रुज ऋणहारी,
करहुं दया यही विनय हमारी ।
हे महिसुत छितिसुत सुखराशी,
लोहितांग जय जन अघनाशी ।
अगम अमंगल अब हर लीजै,
सकल मनोरथ पूरण कीजै ।

॥ श्री बुध स्तुति ॥
जय शशि नन्दन बुध महाराजा,
करहु सकल जन कहं शुभ काजा ।
दीजै बुद्धि बल सुमति सुजाना,
कठिन कष्ट हरि करि कल्याणा ।
हे तारासुत रोहिणी नन्दन,
चन्द्रसुवन दुख द्वन्द्व निकन्दन ।
पूजहिं आस दास कहुं स्वामी,
प्रणत पाल प्रभु नमो नमामी ।

॥ श्री बृहस्पति स्तुति ॥
जयति जयति जय श्री गुरुदेवा,
करूं सदा तुम्हरी प्रभु सेवा ।
देवाचार्य तुम देव गुरु ज्ञानी,
इन्द्र पुरोहित विद्यादानी ।
वाचस्पति बागीश उदारा,
जीव बृहस्पति नाम तुम्हारा ।
विद्या सिन्धु अंगिरा नामा,
करहुं सकल विधि पूरण कामा ।

॥ श्री शुक्र स्तुति ॥
शुक्र देव पद तल जल जाता,
दास निरन्तन ध्यान लगाता ।
हे उशना भार्गव भृगु नन्दन,
दैत्य पुरोहित दुष्ट निकन्दन ।
भृगुकुल भूषण दूषण हारी,
हरहुं नेष्ट ग्रह करहुं सुखारी ।
तुहि द्विजबर जोशी सिरताजा,
नर शरीर के तुमही राजा ।

॥ श्री शनि स्तुति ॥
जय श्री शनिदेव रवि नन्दन,
जय कृष्णो सौरी जगवन्दन ।
पिंगल मन्द रौद्र यम नामा,
वप्र आदि कोणस्थ ललामा ।
वक्र दृष्टि पिप्पल तन साजा,
क्षण महं करत रंक क्षण राजा ।
ललत स्वर्ण पद करत निहाला,
हरहुं विपत्ति छाया के लाला ।

॥ श्री राहु स्तुति ॥
जय जय राहु गगन प्रविसइया,
तुमही चन्द्र आदित्य ग्रसइया ।
रवि शशि अरि स्वर्भानु धारा,
शिखी आदि बहु नाम तुम्हारा ।
सैहिंकेय तुम निशाचर राजा,
अर्धकाय जग राखहु लाजा ।
यदि ग्रह समय पाय हिं आवहु,
सदा शान्ति और सुख उपजावहु ।

॥ श्री केतु स्तुति ॥
जय श्री केतु कठिन दुखहारी,
करहु सुजन हित मंगलकारी ।
ध्वजयुत रुण्ड रूप विकराला,
घोर रौद्रतन अघमन काला ।
शिखी तारिका ग्रह बलवान,
महा प्रताप न तेज ठिकाना ।
वाहन मीन महा शुभकारी,
दीजै शान्ति दया उर धारी ।

॥ नवग्रह शांति फल ॥
तीरथराज प्रयाग सुपासा,
बसै राम के सुन्दर दासा ।
ककरा ग्रामहिं पुरे-तिवारी,
दुर्वासाश्रम जन दुख हारी ।
नवग्रह शान्ति लिख्यो सुख हेतु,
जन तन कष्ट उतारण सेतू ।
जो नित पाठ करै चित लावै,
सब सुख भोगि परम पद पावै ॥

॥ दोहा ॥
धन्य नवग्रह देव प्रभु,
महिमा अगम अपार ।
चित नव मंगल मोद गृह,
जगत जनन सुखद्वार ॥

यह चालीसा नवोग्रह,
विरचित सुन्दरदास ।
पढ़त प्रेम सुत बढ़त सुख,
सर्वानन्द हुलास ॥

॥ इति श्री नवग्रह चालीसा ॥

CHALISA IN DOGRI

Dogri and Hindi languages are both written using the same script called ‘Devanagari’ . We recommend you to read the original Hindi version of Chalisa written in Awadhi dialect. 

॥ दोहा ॥
श्री गणपति गुरुपद कमल,
प्रेम सहित सिरनाय ।
नवग्रह चालीसा कहत,
शारद होत सहाय ॥
जय जय रवि शशि सोम,
बुध जय गुरु भृगु शनि राज।
जयति राहु अरु केतु ग्रह,
करहुं अनुग्रह आज ॥

 


॥ चौपाई ॥
॥ श्री सूर्य स्तुति ॥
प्रथमहि रवि कहं नावौं माथा,
करहुं कृपा जनि जानि अनाथा ।
हे आदित्य दिवाकर भानू,
मैं मति मन्द महा अज्ञानू ।
अब निज जन कहं हरहु कलेषा,
दिनकर द्वादश रूप दिनेशा ।
नमो भास्कर सूर्य प्रभाकर,
अर्क मित्र अघ मोघ क्षमाकर ।

॥ श्री चन्द्र स्तुति ॥
शशि मयंक रजनीपति स्वामी,
चन्द्र कलानिधि नमो नमामि ।
राकापति हिमांशु राकेशा,
प्रणवत जन तन हरहुं कलेशा ।
सोम इन्दु विधु शान्ति सुधाकर,
शीत रश्मि औषधि निशाकर ।
तुम्हीं शोभित सुन्दर भाल महेशा,
शरण शरण जन हरहुं कलेशा ।

॥ श्री मंगल स्तुति ॥
जय जय जय मंगल सुखदाता,
लोहित भौमादिक विख्याता ।
अंगारक कुज रुज ऋणहारी,
करहुं दया यही विनय हमारी ।
हे महिसुत छितिसुत सुखराशी,
लोहितांग जय जन अघनाशी ।
अगम अमंगल अब हर लीजै,
सकल मनोरथ पूरण कीजै ।

॥ श्री बुध स्तुति ॥
जय शशि नन्दन बुध महाराजा,
करहु सकल जन कहं शुभ काजा ।
दीजै बुद्धि बल सुमति सुजाना,
कठिन कष्ट हरि करि कल्याणा ।
हे तारासुत रोहिणी नन्दन,
चन्द्रसुवन दुख द्वन्द्व निकन्दन ।
पूजहिं आस दास कहुं स्वामी,
प्रणत पाल प्रभु नमो नमामी ।

॥ श्री बृहस्पति स्तुति ॥
जयति जयति जय श्री गुरुदेवा,
करूं सदा तुम्हरी प्रभु सेवा ।
देवाचार्य तुम देव गुरु ज्ञानी,
इन्द्र पुरोहित विद्यादानी ।
वाचस्पति बागीश उदारा,
जीव बृहस्पति नाम तुम्हारा ।
विद्या सिन्धु अंगिरा नामा,
करहुं सकल विधि पूरण कामा ।

॥ श्री शुक्र स्तुति ॥
शुक्र देव पद तल जल जाता,
दास निरन्तन ध्यान लगाता ।
हे उशना भार्गव भृगु नन्दन,
दैत्य पुरोहित दुष्ट निकन्दन ।
भृगुकुल भूषण दूषण हारी,
हरहुं नेष्ट ग्रह करहुं सुखारी ।
तुहि द्विजबर जोशी सिरताजा,
नर शरीर के तुमही राजा ।

॥ श्री शनि स्तुति ॥
जय श्री शनिदेव रवि नन्दन,
जय कृष्णो सौरी जगवन्दन ।
पिंगल मन्द रौद्र यम नामा,
वप्र आदि कोणस्थ ललामा ।
वक्र दृष्टि पिप्पल तन साजा,
क्षण महं करत रंक क्षण राजा ।
ललत स्वर्ण पद करत निहाला,
हरहुं विपत्ति छाया के लाला ।

॥ श्री राहु स्तुति ॥
जय जय राहु गगन प्रविसइया,
तुमही चन्द्र आदित्य ग्रसइया ।
रवि शशि अरि स्वर्भानु धारा,
शिखी आदि बहु नाम तुम्हारा ।
सैहिंकेय तुम निशाचर राजा,
अर्धकाय जग राखहु लाजा ।
यदि ग्रह समय पाय हिं आवहु,
सदा शान्ति और सुख उपजावहु ।

॥ श्री केतु स्तुति ॥
जय श्री केतु कठिन दुखहारी,
करहु सुजन हित मंगलकारी ।
ध्वजयुत रुण्ड रूप विकराला,
घोर रौद्रतन अघमन काला ।
शिखी तारिका ग्रह बलवान,
महा प्रताप न तेज ठिकाना ।
वाहन मीन महा शुभकारी,
दीजै शान्ति दया उर धारी ।

॥ नवग्रह शांति फल ॥
तीरथराज प्रयाग सुपासा,
बसै राम के सुन्दर दासा ।
ककरा ग्रामहिं पुरे-तिवारी,
दुर्वासाश्रम जन दुख हारी ।
नवग्रह शान्ति लिख्यो सुख हेतु,
जन तन कष्ट उतारण सेतू ।
जो नित पाठ करै चित लावै,
सब सुख भोगि परम पद पावै ॥

॥ दोहा ॥
धन्य नवग्रह देव प्रभु,
महिमा अगम अपार ।
चित नव मंगल मोद गृह,
जगत जनन सुखद्वार ॥

यह चालीसा नवोग्रह,
विरचित सुन्दरदास ।
पढ़त प्रेम सुत बढ़त सुख,
सर्वानन्द हुलास ॥

॥ इति श्री नवग्रह चालीसा ॥

CHALISA IN ENGLISH

Sri Ganapathi Gurupad Kamal,
Sirnay with love.
Navagraha Chalisa Kahat,
Sharad Hot Sahai
Jai Jai Ravi Shashi Mon,
Wed Jai Guru Bhrigu Shani Raj.
Jayati Rahu and Ketu planet,
Karhu grace today.

 



Praise Shri Surya
Prithvi Ravi is the
mother and mother , and I will be happy orphan.
O Aditya Diwakar Bhanu,
I am mati manda maha ignorance.
Now Nija Jan Kahan Harhu Kalesha,
Dinkar Dwadash as Dinesha.
Namo Bhaskar Surya Prabhakar,
Arka Mitra Agh Mogh Kshakar.

Shri Chandra Stuti
Shashi Mayank Rajanipati Swami,
Chandra Kalanidhi Namo Namami.
Rakapati Himanshu Rakesha,
Pranavat Jan Tan Harhu Kalesha.
Som Indu Vidhu
Shantha Sudhakar, Cold Rashmi Potion Nishakar.
You are a beautiful beautiful mahal Mahesha,
Sharan Sharan Jan Harhu Kalesha.

Shree Mangal Stuti 
Jai Jai Jai Mangal Sukhdata,
Lohit Bhowmadik Famouser
Angarak Kuj Ruj Rahanhari,
Karhun Daya this is Vinay Hamari.
O Mahisut Chhitisut Sukharashi,
Lohitang Jai Jan Aghnashi.
Agam Amangal is now every lejai,
gross wish fulfilled.

 Praise Mr. Mercury
Jai Shashi Nandan Budh Maharaja,
Karhu Sakal Jan Kahan Shubh Kaja.
Dijai wisdom force, Sumati Sujana,
tough suffering Hari Kalyana.
O Tarasut Rohini Nandan,
Chandrasuvan sorrow , duality duality
Poojahin Aas Das Kahum Swami, Pranat
Pal Prabhu Namo Namami.

Praise Shri Jupiter
Jayati Jayati Jai Shri Gurudeva,
Karun sada tumhari prabhu seva.
Devacharya Tum Dev Guru Giani,
Indra Purohit Vidyadani.
Vachaspati Bagish Udara,
Your name is Jupiter.
Vidya Sindhu Angira Naama,
Karahu Sakal Vidhi Puran Kama.

Praise Shri Venus
Venus Dev would burn down the floor,
Das would meditate incessantly.
O Ushna Bhargava Bhrigu Nandan, the
demon priest priest evil
Bhrigukul Bhushan lost corruption,
Harhun Nation planet Karhu Sukhari.
Tuhi Dwijbar Joshi Sirtaja, your
king of the male body.

 Shree Shani Praise
Jai Shree
Shanidev Ravi Nandan, Jai Krishno Sauri Jagavandan.
Pingal
mand raudra yama nama, vpra etc. konastha lalama.
Curve sight Pippal Tan Saja,
moment by moment, Rank moment moment king.
Lalat
swarna kad karat nihala, harhun calamity shadow ki lala

Praise Shri Rahu
Jai Jai Rahu Gagan Pravisaiya,
Tumhi Chandra Aditya Grasaiya.
Ravi Shashi Ari Swarbhanu Dhara, Shikhi
etc. Multiple names are yours.
Saihinkaye Tum Nishachar Raja,
half-hearted world Rakhu Laja.
If the planet is found in time, there is
peace , always peace and happiness.

Praise Shri Ketu
Jai Shree Ketu Tough Dukhari,
Karhu Sujan Hit Mangalkari.
Junky rund form vikrala,
abject darkness aghaman kala.
Shikhi Tarika Graha Balwan,
Maha Pratap Na Tej whereabouts.
Veen Mein Maha Shubhakari,
Dijai Shanti Daya ur Dhari.

Navagraha shanti fal
Tirathraj Prayag Supasa,
the beautiful slave of Basai Ram.
Kakra Gramin Pur-Tiwari, Durvasashram
lost public misery.
Write peace of peace for happiness,
Setting the body for pain.
Whoever recites Chit Lavai,
all happiness will be the highest post

Doha 
Blessed Navagraha Dev Prabhu,
Glory Agam immense.
Chit Nav Mangal Mod
Gruh , Jagat Janan Sukhdwar.

This Chalisa Navagraha, Vritchit Sundardas
.
Read love love edge happiness,
Sarvanand Hulas

Iti Shri Navagraha Chalisa

 

CHALISA IN GUJRATI

॥દોહા॥

શ્રીગણપતિગુરુપદકમલ,

પ્રેમસાથેસિર્ના.

 

નવગ્રહચાલીસાકહેવામાંઆવેછે,

શરદહોતસહાય॥

 

જયજયરવિશશીસોમબુધ,

જયગુરુભૃગુશનિરાજ.

 

જયતીરાહુઅનેકેતુગ્રહો,

કરુકૃપાઆજે॥

 

॥બાઉન્ડ॥

શ્રીસૂર્યનાંવખાણ

પૃથ્વીરવિબોટનુંમસ્તકક્યાંછે.

મારેદયાળુ, અનાથરહેવુંજોઈએકેનહીં||

 

હેઆદિત્યદિવાકરભાનુ.

મુખ્યમતિમાહમાહાઇગોરમ

 

હવેનિજાજનકહનહરુહુકલેશા.

દિનેશાતરીકેદિનકર॥

 

નમોભાસ્કરસૂર્યપ્રભાકર.

ઉતારોમિત્રઅa મોગમાફી॥

 

શ્રીચંદ્રસ્તુતિ

શશીમયંકરાજનીપતિસ્વામી.

ચંદ્રકલાનિધિનમોનમામિ॥

 

રકપતિહિમાંશુરાકેશા.

પ્રણવતજાનતનહર્હુકલેષા॥

 

સોમઇન્દુવિધુશાંતાસુધાકર.

કોલ્ડરશ્મિનિકાલકરનાર

 

તમેએકસુંદરસુંદરમહિલામૌષાછો.

શરણશરણજનહર્હુકલેષા॥

 

શ્રીમંગલવખાણ

જયજયજયમંગલસુખદાતા.

L લોહિતગેહોમદિકપ્રસિદ્ધિ॥

 

અંગારકકુઝરૂજરહેહરી.

દયાકરો, આઅમારીવિનંતીછે

 

ઓમહિસુતછોતિસુતસુખરાશી.

લોહિતાંગજયજનઅગ્નાશી

 

અગમઅમંગલહવેબધાજછે.

સ્થૂળઇચ્છાપૂર્ણથાયછે

 

શ્રીબુધનાવખાણકરો

જયશશીનંદનબુધમહારાજા.

કરહુસકલજનકહનશુભકાજા॥

 

દીજાબુદ્ધિબાલસુમતિસુજાના.

સખતવેદનાકલ્યાણનેદુtsખઆપેછે॥

 

હેતારસુતરોહિણીનંદન.

ચન્દ્રસુવનદુખ્વાદ્વંદનિકંદન

 

પૂજાહુઆસદાસકહુસ્વામી.

પ્રણતપાલપ્રભુનમોનમામિ॥

 

શ્રીગુરુવખાણ

જયતીજયતીજયશ્રીગુરુદેવ.

કરહંમેશાભગવાનનીતમારીસેવાકરેછે

 

દેવચાર્ય, તમેજ્ofાનનાધણીછો.

ઇન્દ્રપુરોહિતવિદ્યાદાની

 

વચસ્પતિબગીશઉદારા.

તમારુંનામગુરુછે

 

વિદ્યાસિંધુઅંગિરાનામા.

કરહુસ્થૂળકાયપૂર્ણકમા॥

 

શ્રીશુક્રવખાણ

શુક્રદેવગ્રાઉન્ડફ્લોરબાળીનાખશે.

દાસસતતધ્યાનકરતો.

 

ઓઉશનાભાર્ગવભૃગુનંદન.

રાક્ષસપૂજારી

 

ભૃગુકુલભૂષણભ્રષ્ટાચારગુમાવ્યો.

હરુનેશગ્રહકરહુસુખારી

 

તુહિદ્વિજબારજોશીસીરતાજા.

તમેપુરુષશરીરનારાજાછો.

 

શ્રીશનિવખાણ

જયશ્રીશનિદેવરવિનંદન.

જયકૃષ્ણોસૌરીજગવંદન॥

 

પિંગલમાંડરાઓદ્રયમનમ.।

વીપીવગેરેઅંગસ્થલલામા॥

 

વક્રદ્રષ્ટિપીપલતનસાજા.

રાજાદરપળ, ક્ષણક્ષણેકરીરહ્યોછે.

 

લલાટસ્વર્ણપદકરતનિહલા.

હરુવિપ્તિછાયાકેલાલા॥

 

શ્રીરાહુવખાણ

જયજયરાહુગગનપ્રવિસૈયા.

તુમ્હીચંદ્રઆદિત્યગ્રીસિયા

 

રવિશશીઅરિસ્વભાનુધારા.

શિખિ, વગેરે, ઘણાંનામ, તમારુંછે.

 

સાહિંકાયેતમેનિશાચરરાજા.

ક્રેસન્ટજગઅશુલજા॥

 

જોગ્રહસમયસરહોય, તોતેમરીગયોછે.

હંમેશાંશાંતિઅનેસુખ

 

શ્રીકેતુનાંવખાણ

જયશ્રીકેતુકઠિનદુખારી.

કરહુસુજાનહિતમંગલકારી॥

 

ધ્વજવંદનરૂંડતરીકેવંદરાલા.

ઘોરરૌદ્રથનઅગ્માનાકા॥

 

શિખીતારીકાપ્લેનેટબલવાન.

મહાપ્રતાપનાતેજક્યાંય

 

વાહનમીનમહાશુભકારી.

પ્રિયશાંતિ, દયાઅનેશાંતિ

 

નવગ્રહશાંતિફળ

તિરથરાજપ્રયાગસુપસા.

બસાઈરામનોસુંદરગુલામ

 

કકરાગ્રામીણપુર-તિવારી.

દુર્વાશ્રમજાહેરદુ: ખગુમાવી

 

સુખમાટેનવાગ્રહપરશાંતિલખો.

શરીરનેપીડાતરીકેસુયોજિતકરેછે

 

જેપાઠછે, ચિતલવાઈ

બધાસુખઅંતિમપદછે

 

॥દોહા॥

ધન્યનવગ્રહદેવપ્રભુ,

ગ્લોરીઅનબાઉન્ડઅપાર.

 

ચિતનવમંગલમોડુઘર,

વિશ્વપેી સુખદ્વાર॥

 

આચાલીસાઉત્સવ,

વિરચિતાસુંદરદાસ.

 

પ્રેમવાંચોપ્રેમપ્રેમધારસુખ,

સર્વાનંદહુલાસ॥

CHALISA IN HINDI

॥ दोहा ॥
श्री गणपति गुरुपद कमल,
प्रेम सहित सिरनाय ।
नवग्रह चालीसा कहत,
शारद होत सहाय ॥
जय जय रवि शशि सोम,
बुध जय गुरु भृगु शनि राज।
जयति राहु अरु केतु ग्रह,
करहुं अनुग्रह आज ॥

 


॥ चौपाई ॥
॥ श्री सूर्य स्तुति ॥
प्रथमहि रवि कहं नावौं माथा,
करहुं कृपा जनि जानि अनाथा ।
हे आदित्य दिवाकर भानू,
मैं मति मन्द महा अज्ञानू ।
अब निज जन कहं हरहु कलेषा,
दिनकर द्वादश रूप दिनेशा ।
नमो भास्कर सूर्य प्रभाकर,
अर्क मित्र अघ मोघ क्षमाकर ।

॥ श्री चन्द्र स्तुति ॥
शशि मयंक रजनीपति स्वामी,
चन्द्र कलानिधि नमो नमामि ।
राकापति हिमांशु राकेशा,
प्रणवत जन तन हरहुं कलेशा ।
सोम इन्दु विधु शान्ति सुधाकर,
शीत रश्मि औषधि निशाकर ।
तुम्हीं शोभित सुन्दर भाल महेशा,
शरण शरण जन हरहुं कलेशा ।

॥ श्री मंगल स्तुति ॥
जय जय जय मंगल सुखदाता,
लोहित भौमादिक विख्याता ।
अंगारक कुज रुज ऋणहारी,
करहुं दया यही विनय हमारी ।
हे महिसुत छितिसुत सुखराशी,
लोहितांग जय जन अघनाशी ।
अगम अमंगल अब हर लीजै,
सकल मनोरथ पूरण कीजै ।

॥ श्री बुध स्तुति ॥
जय शशि नन्दन बुध महाराजा,
करहु सकल जन कहं शुभ काजा ।
दीजै बुद्धि बल सुमति सुजाना,
कठिन कष्ट हरि करि कल्याणा ।
हे तारासुत रोहिणी नन्दन,
चन्द्रसुवन दुख द्वन्द्व निकन्दन ।
पूजहिं आस दास कहुं स्वामी,
प्रणत पाल प्रभु नमो नमामी ।

॥ श्री बृहस्पति स्तुति ॥
जयति जयति जय श्री गुरुदेवा,
करूं सदा तुम्हरी प्रभु सेवा ।
देवाचार्य तुम देव गुरु ज्ञानी,
इन्द्र पुरोहित विद्यादानी ।
वाचस्पति बागीश उदारा,
जीव बृहस्पति नाम तुम्हारा ।
विद्या सिन्धु अंगिरा नामा,
करहुं सकल विधि पूरण कामा ।

॥ श्री शुक्र स्तुति ॥
शुक्र देव पद तल जल जाता,
दास निरन्तन ध्यान लगाता ।
हे उशना भार्गव भृगु नन्दन,
दैत्य पुरोहित दुष्ट निकन्दन ।
भृगुकुल भूषण दूषण हारी,
हरहुं नेष्ट ग्रह करहुं सुखारी ।
तुहि द्विजबर जोशी सिरताजा,
नर शरीर के तुमही राजा ।

॥ श्री शनि स्तुति ॥
जय श्री शनिदेव रवि नन्दन,
जय कृष्णो सौरी जगवन्दन ।
पिंगल मन्द रौद्र यम नामा,
वप्र आदि कोणस्थ ललामा ।
वक्र दृष्टि पिप्पल तन साजा,
क्षण महं करत रंक क्षण राजा ।
ललत स्वर्ण पद करत निहाला,
हरहुं विपत्ति छाया के लाला ।

॥ श्री राहु स्तुति ॥
जय जय राहु गगन प्रविसइया,
तुमही चन्द्र आदित्य ग्रसइया ।
रवि शशि अरि स्वर्भानु धारा,
शिखी आदि बहु नाम तुम्हारा ।
सैहिंकेय तुम निशाचर राजा,
अर्धकाय जग राखहु लाजा ।
यदि ग्रह समय पाय हिं आवहु,
सदा शान्ति और सुख उपजावहु ।

॥ श्री केतु स्तुति ॥
जय श्री केतु कठिन दुखहारी,
करहु सुजन हित मंगलकारी ।
ध्वजयुत रुण्ड रूप विकराला,
घोर रौद्रतन अघमन काला ।
शिखी तारिका ग्रह बलवान,
महा प्रताप न तेज ठिकाना ।
वाहन मीन महा शुभकारी,
दीजै शान्ति दया उर धारी ।

॥ नवग्रह शांति फल ॥
तीरथराज प्रयाग सुपासा,
बसै राम के सुन्दर दासा ।
ककरा ग्रामहिं पुरे-तिवारी,
दुर्वासाश्रम जन दुख हारी ।
नवग्रह शान्ति लिख्यो सुख हेतु,
जन तन कष्ट उतारण सेतू ।
जो नित पाठ करै चित लावै,
सब सुख भोगि परम पद पावै ॥

॥ दोहा ॥
धन्य नवग्रह देव प्रभु,
महिमा अगम अपार ।
चित नव मंगल मोद गृह,
जगत जनन सुखद्वार ॥

यह चालीसा नवोग्रह,
विरचित सुन्दरदास ।
पढ़त प्रेम सुत बढ़त सुख,
सर्वानन्द हुलास ॥

॥ इति श्री नवग्रह चालीसा ॥

CHALISA IN KANNADA

॥ದೋಹಾ॥

ಶ್ರೀಗಣಪತಿಗುರುಪದ್ಕಮಲ್,

ಪ್ರೀತಿಯಿಂದಸಿರ್ನಾ.

 

ನವಗ್ರಹಚಾಲಿಸಾಎಂದುಕರೆಯಲಾಗುತ್ತದೆ,

ಶರದ್ಹಾಟ್ಸಹೈ

 

ಜೈಜೈರವಿಶಶಿಸೋಮಬುಧ,

ಜೈಗುರುಭ್ರೀಗುಶನಿರಾಜ್.

 

ಜಯತಿರಾಹುಮತ್ತುಕೇತುಗ್ರಹಗಳು,

ಇಂದುಕಾರ್ರುಅನುಗ್ರಹ

 

॥ಬೌಂಡ್॥

ಶ್ರೀಸೂರ್ಯನಿಗೆಪ್ರಶಂಸೆ

ಪೃಥ್ವಾರವಿದೋಣಿಯಮುಖ್ಯಸ್ಥಎಲ್ಲಿ.

ನಾನುದಯೆ, ಅನಾಥಅಥವಾಇರಬೇಕೇ||

 

ಹೇಆದಿತ್ಯದಿವಾಕರ್ಭನು.

ಮುಖ್ಯಮತಿಮಹಾಅಜ್ಞಾನ

 

ಈಗನಿಜಾಜಾನ್ಕಹಾನ್ಹರ್ಹುಕಲೆಷಾ.

ದಿನೇಶನಾಗಿದಿನಾರ್

 

ನಮೋಭಾಸ್ಕರ್ಸೂರ್ಯಪ್ರಭಾಕರ್.

ಸ್ನೇಹಿತಆಗ್ಮೊಗ್ಕ್ಷಮೆಯನ್ನುಹೊರತೆಗೆಯಿರಿ

 

ಶ್ರೀಚಂದ್ರಸ್ತೂತಿ

ಶಶಿಮಾಯಂಕ್ರಾಜನಿಪತಿಸ್ವಾಮಿ.

ಚಂದ್ರಕಲಾನಿಧಿನಮೋನಮಾಮಿ

 

ರಾಕಪತಿಹಿಮಾಂಶುರಾಕೇಶ.

ಪ್ರಣವತ್ಜನತನ್ಹರ್ಹುಕಲೇಶ

 

ಸೋಮಇಂದೂವಿಧುಶಾಂತಾಸುಧಾಕರ್.

ಕೋಲ್ಡ್ರಶ್ಮಿವಿತರಕ

 

ನೀನುಸುಂದರಸುಂದರಮಹಿಳೆಮಹೇಶಾ.

ಶರಣ್ಶರಣ್ಜಾನ್ಹರ್ಹುಕಲೇಶ

 

ಶ್ರೀಮಂಗಲ್ಪ್ರಶಂಸೆ

ಜೈಜೈಜೈಮಂಗಲ್ಸುಖ್ದಾತ.

ಲೋಹಿತ್ಗೆಹೋಮಡಿಕ್ಪ್ರಸಿದ್ಧತೆ

 

ಅಂಗರಕ್ಕುಜ್ರುಜ್ರಹಹರಿ.

ಕರುಣೆಇರಲಿ, ಇದುನಮ್ಮಮನವಿ

 

ಓಮಹಿಸೂತ್ಚಿಟಿಸುತ್ಸುಖರಾಶಿ.

ಲೋಹಿತಾಂಗ್ಜೈಜಾನ್ಅಘನಾಶಿ

 

ಅಗಮ್ಅಮಂಗಲ್ಈಗಎಲ್ಲರೂ.

ಸ್ಥೂಲಆಸೆಈಡೇರುತ್ತದೆ

 

ಶ್ರೀಬುಧವನ್ನುಸ್ತುತಿಸಿ

ಜೈಶಶಿನಂದನ್ಬುದ್ಧಮಹಾರಾಜ.

ಕರ್ಹುಸಕಲ್ಜನಕಹಾನ್ಶುಭಕಾಜಾ

 

ಡಿಜಾಬುದ್ದಿಬಾಲ್ಸುಮತಿಸುಜಾನಾ.

ಕಠಿಣಸಂಕಟವುಕಲ್ಯಾಣನನ್ನುನೋಯಿಸುತ್ತದೆ

 

ಹೇತಾರಾಸುತ್ರೋಹಿಣಿನಂದನ್.

ಚಂದ್ರಸುವನ್ದುಖ್ವಾದ್ವಾಂಡ್ನಿಕಂದನ್

 

ಪೂಜಾಹುಆಸ್ದಾಸ್ಕಹುಸ್ವಾಮಿ.

ಪ್ರಣತ್ಪಾಲ್ಪ್ರಭುನಮೋನಮಾಮಿ

 

ಶ್ರೀಗುರುಪ್ರಶಂಸೆ

ಜಯತಿಜಯತಿಜೈಶ್ರೀಗುರುದೇವ.

ತೆರಿಗೆಗಳುಯಾವಾಗಲೂನಿಮಗೆದೇವರಸೇವೆಮಾಡುತ್ತವೆ

 

ದೇವಾಚಾರ್ಯ, ನೀವುಜ್ಞಾನದಯಜಮಾನರು.

ಇಂದ್ರಪುರೋಹಿತ್ವಿದ್ಯಾದಾನಿ

 

ವಚಸ್ಪತಿಬಾಗೀಶ್ಉದಾರ.

ನಿಮ್ಮಹೆಸರುಗುರು

 

ವಿದ್ಯಾಸಿಂಧುಆಂಗೀರಾನಾಮಾ.

ಕಾರ್ಹುಒಟ್ಟುಕಾನೂನುಪೂರ್ಣಗೊಳಿಸುವಿಕೆಕಾಮ

 

ಶ್ರೀಶುಕ್ರಪ್ರಶಂಸೆ

ಶುಕ್ರದೇವ್ನೆಲಮಹಡಿಯನ್ನುಸುಡುತ್ತಿದ್ದರು.

ದಾಸ್ನಿರಂತರವಾಗಿಧ್ಯಾನಮಾಡುತ್ತಿದ್ದರು.

 

ಒಉಷಾನಾಭಾರ್ಗವಭ್ರೀಗುನಂದನ್.

ರಾಕ್ಷಸಪಾದ್ರಿ

 

ಭ್ರೀಗುಕುಲ್ಭೂಷಣ್ಭ್ರಷ್ಟಾಚಾರವನ್ನುಕಳೆದುಕೊಂಡರು.

ಹರೂನೆಶ್ಗ್ರಹಕರ್ಹುಸುಖಾರಿ

 

ತುಹಿದ್ವಿಜ್ಬರ್ಜೋಶಿಸಿರ್ತಾಜಾ.

ನೀವುಪುರುಷದೇಹದರಾಜ.

 

ಶ್ರೀಶನಿಹೊಗಳಿಕೆ

ಜೈಶ್ರೀಶಾನಿದೇವ್ರವಿನಂದನ್.

ಜೈಕೃಷ್ಣಸೌರಿಜಗವಂದನ್॥

 

ಪಿಂಗಲ್ಮಂದ್ರೌದ್ರಯಮನಾಮ.

ವಿಪಿಇತ್ಯಾದಿಅಂಗಸ್ಥಲಾಲಾಮಾ

 

ಬಾಗಿದದೃಷ್ಟಿಪಿಪ್ಪಲ್ಟ್ಯಾನ್ಸಾಜಾ.

ರಾಜನುಪ್ರತಿಕ್ಷಣವನ್ನು, ಕ್ಷಣದಿಂದಮಾಡುತ್ತಿದ್ದಾನೆ.

 

ಲಾಲತ್ಸ್ವರ್ಣಪ್ಯಾಡ್ಕರತ್ನಿಹಾಲ.

ಹರುವಿಪ್ತಿಾಯಾಕೆಲಾಲಾ

 

ಶ್ರೀರಾಹುಹೊಗಳಿಕೆ

ಜೈಜೈರಾಹುಗಗನ್ಪ್ರವಿಸಯ್ಯ.

ತುಮ್ಹಿಚಂದ್ರಆದಿತ್ಯಗ್ರುಸಿಯಾ

 

ರವಿಶಶಿಅರಿಸ್ವರ್ಭಾನುಧರ.

ಶಿಖಿ, ಇತ್ಯಾದಿ, ಅನೇಕಹೆಸರುಗಳು, ನಿಮ್ಮದು.

 

ಸೈಹಿಂಕಾಯೆನೀವುರಾತ್ರಿಯರಾಜ.

ಅರ್ಧಚಂದ್ರಾಕಾರದಜಗ್ಆಶುಲಾಜಾ॥

 

ಗ್ರಹವುಸಮಯಕ್ಕೆಬಂದರೆಅದುಸತ್ತಿದೆ.

ಯಾವಾಗಲೂಶಾಂತಿಮತ್ತುಸಂತೋಷ

 

ಶ್ರೀಕೇತುಹೊಗಳಿಕೆ

ಜೈಶ್ರೀಕೇತುಕಠಿಣದುಖಾರಿ.

ಕರ್ಹುಸುಜನ್ಹಿಟ್ಮಂಗಲ್ಕಾರಿ॥

 

ಧ್ವಜಾರೋಹಣವಾಗಿವಂದಾರಾಲ.

ಘೋರ್ರೌದ್ರಥನ್ಅಘಮಣಕಲಾ

 

ಶಿಖಿತರಿಕಾಪ್ಲಾನೆಟ್ಬಲ್ವಾನ್.

ಮಹಾಪ್ರತಾಪ್ನಾತೇಜ್ಇರುವಸ್ಥಳ

 

ವಾಹನಮೀನಮಹಾಶುಭಕಾರಿ.

ಆತ್ಮೀಯಶಾಂತಿ, ದಯೆಮತ್ತುಶಾಂತಿ

 

ನವಗ್ರಹಶಾಂತಿಹಣ್ಣು

ತಿರಥ್ರಾಜ್ಪ್ರಯಾಗ್ಸುಪಾಸಾ.

ಬಸಾಯಿರಾಮನಸುಂದರಗುಲಾಮ

 

ಕಾಕ್ರಗ್ರಾಮಿನ್ಪುರ್-ತಿವಾರಿ.

ದುರ್ವಾಸಶ್ರಮವುಸಾರ್ವಜನಿಕರದುಃಖವನ್ನುಕಳೆದುಕೊಂಡಿತು

 

ಸಂತೋಷಕ್ಕಾಗಿಹೊಸಗ್ರಹಕ್ಕೆಶಾಂತಿಯನ್ನುಬರೆಯಿರಿ.

ದೇಹವನ್ನುನೋವಿನಿಂದಹೊಂದಿಸುವುದು

 

ಪಾಠಏನೇಇರಲಿ, ಚಿಟ್ಲವಾಯಿ

ಎಲ್ಲಾಸಂತೋಷವೇಅಂತಿಮಸ್ಥಾನ

 

॥ದೋಹಾ॥

ಪೂಜ್ಯನವಗ್ರಹದೇವ್ಪ್ರಭು,

ವೈಭವದಮಿತಿಯಿಲ್ಲದಅಪಾರ.

 

ಚಿಟ್ನವ್ಮಂಗಲ್ಮೋಡುಘರ್,

ವಿಶ್ವಪೀಳಿಗೆಯಸುಖದ್ವಾರ್॥

 

ಈಚಾಲಿಸಾಹಬ್ಬ,

ವಿರ್ಚಿತಾಸುಂದರ್ದಾಸ್.

 

ಪ್ರೀತಿಯಪ್ರೀತಿಯಅಂಚಿನಸಂತೋಷವನ್ನುಓದಿ,

ಸರ್ವಾನಂದ್ಹುಲಾಸ್

CHALISA IN KASHMIRI

Kashmiri and Hindi languages are both written using the same script called ‘Devanagari’ . We recommend you to read the original Hindi version of Chalisa written in Awadhi dialect. 

॥ दोहा ॥
श्री गणपति गुरुपद कमल,
प्रेम सहित सिरनाय ।
नवग्रह चालीसा कहत,
शारद होत सहाय ॥
जय जय रवि शशि सोम,
बुध जय गुरु भृगु शनि राज।
जयति राहु अरु केतु ग्रह,
करहुं अनुग्रह आज ॥

 


॥ चौपाई ॥
॥ श्री सूर्य स्तुति ॥
प्रथमहि रवि कहं नावौं माथा,
करहुं कृपा जनि जानि अनाथा ।
हे आदित्य दिवाकर भानू,
मैं मति मन्द महा अज्ञानू ।
अब निज जन कहं हरहु कलेषा,
दिनकर द्वादश रूप दिनेशा ।
नमो भास्कर सूर्य प्रभाकर,
अर्क मित्र अघ मोघ क्षमाकर ।

॥ श्री चन्द्र स्तुति ॥
शशि मयंक रजनीपति स्वामी,
चन्द्र कलानिधि नमो नमामि ।
राकापति हिमांशु राकेशा,
प्रणवत जन तन हरहुं कलेशा ।
सोम इन्दु विधु शान्ति सुधाकर,
शीत रश्मि औषधि निशाकर ।
तुम्हीं शोभित सुन्दर भाल महेशा,
शरण शरण जन हरहुं कलेशा ।

॥ श्री मंगल स्तुति ॥
जय जय जय मंगल सुखदाता,
लोहित भौमादिक विख्याता ।
अंगारक कुज रुज ऋणहारी,
करहुं दया यही विनय हमारी ।
हे महिसुत छितिसुत सुखराशी,
लोहितांग जय जन अघनाशी ।
अगम अमंगल अब हर लीजै,
सकल मनोरथ पूरण कीजै ।

॥ श्री बुध स्तुति ॥
जय शशि नन्दन बुध महाराजा,
करहु सकल जन कहं शुभ काजा ।
दीजै बुद्धि बल सुमति सुजाना,
कठिन कष्ट हरि करि कल्याणा ।
हे तारासुत रोहिणी नन्दन,
चन्द्रसुवन दुख द्वन्द्व निकन्दन ।
पूजहिं आस दास कहुं स्वामी,
प्रणत पाल प्रभु नमो नमामी ।

॥ श्री बृहस्पति स्तुति ॥
जयति जयति जय श्री गुरुदेवा,
करूं सदा तुम्हरी प्रभु सेवा ।
देवाचार्य तुम देव गुरु ज्ञानी,
इन्द्र पुरोहित विद्यादानी ।
वाचस्पति बागीश उदारा,
जीव बृहस्पति नाम तुम्हारा ।
विद्या सिन्धु अंगिरा नामा,
करहुं सकल विधि पूरण कामा ।

॥ श्री शुक्र स्तुति ॥
शुक्र देव पद तल जल जाता,
दास निरन्तन ध्यान लगाता ।
हे उशना भार्गव भृगु नन्दन,
दैत्य पुरोहित दुष्ट निकन्दन ।
भृगुकुल भूषण दूषण हारी,
हरहुं नेष्ट ग्रह करहुं सुखारी ।
तुहि द्विजबर जोशी सिरताजा,
नर शरीर के तुमही राजा ।

॥ श्री शनि स्तुति ॥
जय श्री शनिदेव रवि नन्दन,
जय कृष्णो सौरी जगवन्दन ।
पिंगल मन्द रौद्र यम नामा,
वप्र आदि कोणस्थ ललामा ।
वक्र दृष्टि पिप्पल तन साजा,
क्षण महं करत रंक क्षण राजा ।
ललत स्वर्ण पद करत निहाला,
हरहुं विपत्ति छाया के लाला ।

॥ श्री राहु स्तुति ॥
जय जय राहु गगन प्रविसइया,
तुमही चन्द्र आदित्य ग्रसइया ।
रवि शशि अरि स्वर्भानु धारा,
शिखी आदि बहु नाम तुम्हारा ।
सैहिंकेय तुम निशाचर राजा,
अर्धकाय जग राखहु लाजा ।
यदि ग्रह समय पाय हिं आवहु,
सदा शान्ति और सुख उपजावहु ।

॥ श्री केतु स्तुति ॥
जय श्री केतु कठिन दुखहारी,
करहु सुजन हित मंगलकारी ।
ध्वजयुत रुण्ड रूप विकराला,
घोर रौद्रतन अघमन काला ।
शिखी तारिका ग्रह बलवान,
महा प्रताप न तेज ठिकाना ।
वाहन मीन महा शुभकारी,
दीजै शान्ति दया उर धारी ।

॥ नवग्रह शांति फल ॥
तीरथराज प्रयाग सुपासा,
बसै राम के सुन्दर दासा ।
ककरा ग्रामहिं पुरे-तिवारी,
दुर्वासाश्रम जन दुख हारी ।
नवग्रह शान्ति लिख्यो सुख हेतु,
जन तन कष्ट उतारण सेतू ।
जो नित पाठ करै चित लावै,
सब सुख भोगि परम पद पावै ॥

॥ दोहा ॥
धन्य नवग्रह देव प्रभु,
महिमा अगम अपार ।
चित नव मंगल मोद गृह,
जगत जनन सुखद्वार ॥

यह चालीसा नवोग्रह,
विरचित सुन्दरदास ।
पढ़त प्रेम सुत बढ़त सुख,
सर्वानन्द हुलास ॥

॥ इति श्री नवग्रह चालीसा ॥

CHALISA IN KONKANI

Konkani and Hindi languages are both written using the same script called ‘Devanagari’ . We recommend you to read the original Hindi version of Chalisa written in Awadhi dialect. 

॥ दोहा ॥
श्री गणपति गुरुपद कमल,
प्रेम सहित सिरनाय ।
नवग्रह चालीसा कहत,
शारद होत सहाय ॥
जय जय रवि शशि सोम,
बुध जय गुरु भृगु शनि राज।
जयति राहु अरु केतु ग्रह,
करहुं अनुग्रह आज ॥

 


॥ चौपाई ॥
॥ श्री सूर्य स्तुति ॥
प्रथमहि रवि कहं नावौं माथा,
करहुं कृपा जनि जानि अनाथा ।
हे आदित्य दिवाकर भानू,
मैं मति मन्द महा अज्ञानू ।
अब निज जन कहं हरहु कलेषा,
दिनकर द्वादश रूप दिनेशा ।
नमो भास्कर सूर्य प्रभाकर,
अर्क मित्र अघ मोघ क्षमाकर ।

॥ श्री चन्द्र स्तुति ॥
शशि मयंक रजनीपति स्वामी,
चन्द्र कलानिधि नमो नमामि ।
राकापति हिमांशु राकेशा,
प्रणवत जन तन हरहुं कलेशा ।
सोम इन्दु विधु शान्ति सुधाकर,
शीत रश्मि औषधि निशाकर ।
तुम्हीं शोभित सुन्दर भाल महेशा,
शरण शरण जन हरहुं कलेशा ।

॥ श्री मंगल स्तुति ॥
जय जय जय मंगल सुखदाता,
लोहित भौमादिक विख्याता ।
अंगारक कुज रुज ऋणहारी,
करहुं दया यही विनय हमारी ।
हे महिसुत छितिसुत सुखराशी,
लोहितांग जय जन अघनाशी ।
अगम अमंगल अब हर लीजै,
सकल मनोरथ पूरण कीजै ।

॥ श्री बुध स्तुति ॥
जय शशि नन्दन बुध महाराजा,
करहु सकल जन कहं शुभ काजा ।
दीजै बुद्धि बल सुमति सुजाना,
कठिन कष्ट हरि करि कल्याणा ।
हे तारासुत रोहिणी नन्दन,
चन्द्रसुवन दुख द्वन्द्व निकन्दन ।
पूजहिं आस दास कहुं स्वामी,
प्रणत पाल प्रभु नमो नमामी ।

॥ श्री बृहस्पति स्तुति ॥
जयति जयति जय श्री गुरुदेवा,
करूं सदा तुम्हरी प्रभु सेवा ।
देवाचार्य तुम देव गुरु ज्ञानी,
इन्द्र पुरोहित विद्यादानी ।
वाचस्पति बागीश उदारा,
जीव बृहस्पति नाम तुम्हारा ।
विद्या सिन्धु अंगिरा नामा,
करहुं सकल विधि पूरण कामा ।

॥ श्री शुक्र स्तुति ॥
शुक्र देव पद तल जल जाता,
दास निरन्तन ध्यान लगाता ।
हे उशना भार्गव भृगु नन्दन,
दैत्य पुरोहित दुष्ट निकन्दन ।
भृगुकुल भूषण दूषण हारी,
हरहुं नेष्ट ग्रह करहुं सुखारी ।
तुहि द्विजबर जोशी सिरताजा,
नर शरीर के तुमही राजा ।

॥ श्री शनि स्तुति ॥
जय श्री शनिदेव रवि नन्दन,
जय कृष्णो सौरी जगवन्दन ।
पिंगल मन्द रौद्र यम नामा,
वप्र आदि कोणस्थ ललामा ।
वक्र दृष्टि पिप्पल तन साजा,
क्षण महं करत रंक क्षण राजा ।
ललत स्वर्ण पद करत निहाला,
हरहुं विपत्ति छाया के लाला ।

॥ श्री राहु स्तुति ॥
जय जय राहु गगन प्रविसइया,
तुमही चन्द्र आदित्य ग्रसइया ।
रवि शशि अरि स्वर्भानु धारा,
शिखी आदि बहु नाम तुम्हारा ।
सैहिंकेय तुम निशाचर राजा,
अर्धकाय जग राखहु लाजा ।
यदि ग्रह समय पाय हिं आवहु,
सदा शान्ति और सुख उपजावहु ।

॥ श्री केतु स्तुति ॥
जय श्री केतु कठिन दुखहारी,
करहु सुजन हित मंगलकारी ।
ध्वजयुत रुण्ड रूप विकराला,
घोर रौद्रतन अघमन काला ।
शिखी तारिका ग्रह बलवान,
महा प्रताप न तेज ठिकाना ।
वाहन मीन महा शुभकारी,
दीजै शान्ति दया उर धारी ।

॥ नवग्रह शांति फल ॥
तीरथराज प्रयाग सुपासा,
बसै राम के सुन्दर दासा ।
ककरा ग्रामहिं पुरे-तिवारी,
दुर्वासाश्रम जन दुख हारी ।
नवग्रह शान्ति लिख्यो सुख हेतु,
जन तन कष्ट उतारण सेतू ।
जो नित पाठ करै चित लावै,
सब सुख भोगि परम पद पावै ॥

॥ दोहा ॥
धन्य नवग्रह देव प्रभु,
महिमा अगम अपार ।
चित नव मंगल मोद गृह,
जगत जनन सुखद्वार ॥

यह चालीसा नवोग्रह,
विरचित सुन्दरदास ।
पढ़त प्रेम सुत बढ़त सुख,
सर्वानन्द हुलास ॥

॥ इति श्री नवग्रह चालीसा ॥

CHALISA IN MAITHILI

Maithili and Hindi languages are both written using the same script called ‘Devanagari’ . We recommend you to read the original Hindi version of Chalisa written in Awadhi dialect. 

॥ दोहा ॥
श्री गणपति गुरुपद कमल,
प्रेम सहित सिरनाय ।
नवग्रह चालीसा कहत,
शारद होत सहाय ॥
जय जय रवि शशि सोम,
बुध जय गुरु भृगु शनि राज।
जयति राहु अरु केतु ग्रह,
करहुं अनुग्रह आज ॥

 


॥ चौपाई ॥
॥ श्री सूर्य स्तुति ॥
प्रथमहि रवि कहं नावौं माथा,
करहुं कृपा जनि जानि अनाथा ।
हे आदित्य दिवाकर भानू,
मैं मति मन्द महा अज्ञानू ।
अब निज जन कहं हरहु कलेषा,
दिनकर द्वादश रूप दिनेशा ।
नमो भास्कर सूर्य प्रभाकर,
अर्क मित्र अघ मोघ क्षमाकर ।

॥ श्री चन्द्र स्तुति ॥
शशि मयंक रजनीपति स्वामी,
चन्द्र कलानिधि नमो नमामि ।
राकापति हिमांशु राकेशा,
प्रणवत जन तन हरहुं कलेशा ।
सोम इन्दु विधु शान्ति सुधाकर,
शीत रश्मि औषधि निशाकर ।
तुम्हीं शोभित सुन्दर भाल महेशा,
शरण शरण जन हरहुं कलेशा ।

॥ श्री मंगल स्तुति ॥
जय जय जय मंगल सुखदाता,
लोहित भौमादिक विख्याता ।
अंगारक कुज रुज ऋणहारी,
करहुं दया यही विनय हमारी ।
हे महिसुत छितिसुत सुखराशी,
लोहितांग जय जन अघनाशी ।
अगम अमंगल अब हर लीजै,
सकल मनोरथ पूरण कीजै ।

॥ श्री बुध स्तुति ॥
जय शशि नन्दन बुध महाराजा,
करहु सकल जन कहं शुभ काजा ।
दीजै बुद्धि बल सुमति सुजाना,
कठिन कष्ट हरि करि कल्याणा ।
हे तारासुत रोहिणी नन्दन,
चन्द्रसुवन दुख द्वन्द्व निकन्दन ।
पूजहिं आस दास कहुं स्वामी,
प्रणत पाल प्रभु नमो नमामी ।

॥ श्री बृहस्पति स्तुति ॥
जयति जयति जय श्री गुरुदेवा,
करूं सदा तुम्हरी प्रभु सेवा ।
देवाचार्य तुम देव गुरु ज्ञानी,
इन्द्र पुरोहित विद्यादानी ।
वाचस्पति बागीश उदारा,
जीव बृहस्पति नाम तुम्हारा ।
विद्या सिन्धु अंगिरा नामा,
करहुं सकल विधि पूरण कामा ।

॥ श्री शुक्र स्तुति ॥
शुक्र देव पद तल जल जाता,
दास निरन्तन ध्यान लगाता ।
हे उशना भार्गव भृगु नन्दन,
दैत्य पुरोहित दुष्ट निकन्दन ।
भृगुकुल भूषण दूषण हारी,
हरहुं नेष्ट ग्रह करहुं सुखारी ।
तुहि द्विजबर जोशी सिरताजा,
नर शरीर के तुमही राजा ।

॥ श्री शनि स्तुति ॥
जय श्री शनिदेव रवि नन्दन,
जय कृष्णो सौरी जगवन्दन ।
पिंगल मन्द रौद्र यम नामा,
वप्र आदि कोणस्थ ललामा ।
वक्र दृष्टि पिप्पल तन साजा,
क्षण महं करत रंक क्षण राजा ।
ललत स्वर्ण पद करत निहाला,
हरहुं विपत्ति छाया के लाला ।

॥ श्री राहु स्तुति ॥
जय जय राहु गगन प्रविसइया,
तुमही चन्द्र आदित्य ग्रसइया ।
रवि शशि अरि स्वर्भानु धारा,
शिखी आदि बहु नाम तुम्हारा ।
सैहिंकेय तुम निशाचर राजा,
अर्धकाय जग राखहु लाजा ।
यदि ग्रह समय पाय हिं आवहु,
सदा शान्ति और सुख उपजावहु ।

॥ श्री केतु स्तुति ॥
जय श्री केतु कठिन दुखहारी,
करहु सुजन हित मंगलकारी ।
ध्वजयुत रुण्ड रूप विकराला,
घोर रौद्रतन अघमन काला ।
शिखी तारिका ग्रह बलवान,
महा प्रताप न तेज ठिकाना ।
वाहन मीन महा शुभकारी,
दीजै शान्ति दया उर धारी ।

॥ नवग्रह शांति फल ॥
तीरथराज प्रयाग सुपासा,
बसै राम के सुन्दर दासा ।
ककरा ग्रामहिं पुरे-तिवारी,
दुर्वासाश्रम जन दुख हारी ।
नवग्रह शान्ति लिख्यो सुख हेतु,
जन तन कष्ट उतारण सेतू ।
जो नित पाठ करै चित लावै,
सब सुख भोगि परम पद पावै ॥

॥ दोहा ॥
धन्य नवग्रह देव प्रभु,
महिमा अगम अपार ।
चित नव मंगल मोद गृह,
जगत जनन सुखद्वार ॥

यह चालीसा नवोग्रह,
विरचित सुन्दरदास ।
पढ़त प्रेम सुत बढ़त सुख,
सर्वानन्द हुलास ॥

॥ इति श्री नवग्रह चालीसा ॥

CHALISA IN MALAYALAM

॥ദോഹ॥

ശ്രീഗണപതിഗുരുപാദ്കമൽ,

സ്നേഹത്തോടെസിർന.

 

നവഗ്രഹചാലിസയെവിളിക്കുന്നു,

ശരദ്ഹോട്ട്സഹായ്

 

ജയ്ജയ്രവിശശിമോഡൽബുധൻ,

ജയ്ഗുരുഭ്രിഗുശാനിരാജ്.

 

ജയതിരാഹു, കേതുഗ്രഹങ്ങൾ,

ഇന്ന്കാരുകൃപ॥

 

॥അതിർത്തി॥

ശ്രീസൂര്യയെസ്തുതിക്കുന്നു

പൃഥ്വരവിബോട്ടിന്റെതലഎവിടെയാണ്.

ഞാൻദയയോഅനാഥയോഅല്ലയോ||

 

ഹേആദിത്യദിവാകർഭാനു.

പ്രധാനമാറ്റിമഹാമഹാഅജ്ഞാനം

 

ഇപ്പോൾനിജാജൻകഹാൻഹർഹുകലേശ.

ദിനേശനായിദിങ്കർ

 

നമോഭാസ്‌കർസൂര്യപ്രഭാകർ.

എക്സ്ട്രാക്റ്റ്ചങ്ങാതിമാപ്പ്

 

ശ്രീചന്ദ്രസ്തുതി

ശശിമായങ്ക്രാജനിപതിസ്വാമി.

ചന്ദ്രകലാനിധിനമോനമാമി

 

രാകപതിഹിമാൻഷുരാകേശ.

പ്രണാവത്ജനതാൻഹർഹുകാലേശ

 

സോംഇന്ദുവിധുശാന്തസുധാകർ.

കോൾഡ്രശ്മിഡിസ്പെൻസർ

 

നീസുന്ദരിയായസുന്ദരിയാണ്.

ശരൺശരൺജൻഹർഹുകലേശ

 

ശ്രീമംഗൽസ്തുതി

ജയ്ജയ്ജയ്മംഗൽസുഖ്ദത.

ितലോഹിത്ഗെഹോമാദിക്പ്രശസ്തി

 

അങ്കാറക്കുസ്റുജ്റഹാരി.

കരുണകാണിക്കട്ടെ, ഇതാണ്ഞങ്ങളുടെഅപേക്ഷ

 

ഓമഹിസുത്ചിതിസുത്സുഖരാഷി.

ലോഹിതാങ്ജയ്ജാൻഅഗ്നാഷി

 

ആഗംഅമാംഗൽഇപ്പോൾഎല്ലാവരും.

കടുത്തആഗ്രഹംനിറവേറുന്നു

 

ശ്രീ

ജയ്ശശിനന്ദൻബുദ്ധമഹാരാജ.

കാർഹുസക്കൽജൻകഹാൻശുഭ്കാജ

 

ദിജാബുദ്ധിബാൽസുമതിസുജാന.

കഠിനമായകഷ്ടതകല്യാണത്തെവേദനിപ്പിക്കുന്നു॥

 

ഹേതാരസുത്രോഹിണിനന്ദൻ.

ചന്ദ്രസുവൻദുഖ്വദ്വന്ദ്നികന്ദൻ

 

പൂജാഹുആസ്ദാസ്കഹുസ്വാമി.

പ്രണത്പാൽപ്രഭുനമോനമാമി

 

ശ്രീവ്യാഴംസ്തുതി

ജയതിജയതിജയ്ശ്രീഗുരുദേവ.

നികുതികൾഎപ്പോഴുംനിങ്ങളെദൈവത്തെസേവിക്കുന്നു

 

ദേവാചാര്യ, നിങ്ങൾഅറിവിന്റെയജമാനനാണ്.

ഇന്ദ്രപുരോഹിത്വിദ്യാദാനി

 

വച്ചസ്പതിബാഗിഷ്ഉദാര.

നിങ്ങളുടെപേര്വ്യാഴം

 

വിദ്യസിന്ധുആംഗിരനാമ.

കാർഹുമൊത്തനിയമപൂർത്തീകരണംകാമ

 

മിസ്റ്റർവീനസ്സ്തുതി

വീനസ്ദേവ്താഴത്തെനിലകത്തിക്കും.

ദാസ്നിരന്തരംധ്യാനിക്കാറുണ്ടായിരുന്നു.

 

ഓഉഷാനഭാർഗവഭ്രിഗുനന്ദൻ.

രാക്ഷസപുരോഹിതൻ

 

ഭ്രിഗുക്കുൽഭൂഷന്അഴിമതിനഷ്ടപ്പെട്ടു.

ഹരുനെഷ്ഗ്രഹംകാർഹുസുഖാരി

 

തുഹിദ്വിജ്ബാർജോഷിസിർത്തജ.

നിങ്ങൾപുരുഷശരീരത്തിന്റെരാജാവാണ്.

 

ശ്രീശനിസ്തുതി

ജയ്ശ്രീഷാനിദേവ്രവിനന്ദൻ.

ജയ്കൃഷ്ണസൗരിജഗവന്ദൻ॥

 

  • പിംഗൽമന്ദ്റദ്രയമനാമ.

Vpമുതലായവ

 

വളഞ്ഞകാഴ്ചപിപ്പിൾടാൻസാജ.

രാജാവ്ഓരോനിമിഷവുംഓരോനിമിഷവുംചെയ്യുന്നു.

 

ലാലത്സ്വർണ്ണപാഡ്കാരാട്ട്നിഹാല.

ഹരുവിപ്തിചായകെലാല

 

ശ്രീരാഹുസ്തുതി

ജയ്ജയ്രാഹുഗഗൻപ്രവിസയ്യ.

തുമിചന്ദ്രആദിത്യഗ്രുസിയ

 

രവിശശിഅരിസ്വർബാനുധാര.

ശിഖിമുതലായവ, നിരവധിപേരുകൾ, നിങ്ങളുടേത്.

 

സൈഹിങ്കയ്നീരാത്രികാലരാജാവ്.

ക്രസന്റ്ജഗ്ആഷുലജ॥

 

ആഗ്രഹംസമയത്തിലാണെങ്കിൽ, അത്മരിച്ചു.

എല്ലായ്പ്പോഴുംസമാധാനവുംസന്തോഷവും

 

ശ്രീകേതുസ്തുതി

ജയ്ശ്രീകേതുടഫ്ദുഖാരി.

കാർഹുസുജൻമംഗൽക്കരിഹിറ്റ്॥

 

ഫ്ലാഗുചെയ്‌തറൗണ്ടായിവന്ദരാല.

ഘോർറudദ്രതൻഅഹ്മാനകല

 

ശിഖിതാരികപ്ലാനറ്റ്ബൽവാൻ.

മഹാപ്രതാപ്നാതേജ്എവിടെയാണ്

 

വെഹിക്കിൾപിസസ്മഹാശുഭകരി.

പ്രിയസമാധാനം, ദയ, സമാധാനം

 

നവഗ്രഹസമാധാനഫലം

തിരാത്രാജ്പ്രയാഗ്സുപാസ.

ബസായ്റാമിന്റെമനോഹരമായഅടിമ

 

കക്രഗ്രാമിൻപുർ-തിവാരി.

ദുർവാശ്രമത്തിന്പൊതുജനങ്ങളുടെദുരിതങ്ങൾനഷ്ടപ്പെട്ടു

 

സന്തോഷത്തിനായിപുതിയഗ്രഹത്തിന്സമാധാനംഎഴുതുക.

ശരീരത്തെഒരുവേദനയായിക്രമീകരിക്കുന്നു

 

പാഠംഎന്തായാലുംചിറ്റ്ലവായ്

എല്ലാസന്തോഷവുംആത്യന്തികസ്ഥാനമാണ്

 

॥ദോഹ॥

വാഴ്ത്തപ്പെട്ടനവഗ്രഹദേവ്പ്രഭു,

മഹത്വംഅതിരുകളില്ലാത്ത.

 

ചിറ്റ്നവമംഗൽമോദുഘർ,

ലോകതലമുറസുഖ്ദ്വാർ॥

 

ഈചാലിസഉത്സവം,

വിർചിതസുന്ദർദാസ്.

 

സ്നേഹംവായിക്കുകലവ്എഡ്ജ്സന്തോഷം,

സർവാനന്ദ്ഹുലാസ്

CHALISA IN MEITEI

Meitei and Hindi languages are both written using the same script called ‘Devanagari’ . We recommend you to read the original Hindi version of Chalisa written in Awadhi dialect. 

॥ दोहा ॥
श्री गणपति गुरुपद कमल,
प्रेम सहित सिरनाय ।
नवग्रह चालीसा कहत,
शारद होत सहाय ॥
जय जय रवि शशि सोम,
बुध जय गुरु भृगु शनि राज।
जयति राहु अरु केतु ग्रह,
करहुं अनुग्रह आज ॥

 


॥ चौपाई ॥
॥ श्री सूर्य स्तुति ॥
प्रथमहि रवि कहं नावौं माथा,
करहुं कृपा जनि जानि अनाथा ।
हे आदित्य दिवाकर भानू,
मैं मति मन्द महा अज्ञानू ।
अब निज जन कहं हरहु कलेषा,
दिनकर द्वादश रूप दिनेशा ।
नमो भास्कर सूर्य प्रभाकर,
अर्क मित्र अघ मोघ क्षमाकर ।

॥ श्री चन्द्र स्तुति ॥
शशि मयंक रजनीपति स्वामी,
चन्द्र कलानिधि नमो नमामि ।
राकापति हिमांशु राकेशा,
प्रणवत जन तन हरहुं कलेशा ।
सोम इन्दु विधु शान्ति सुधाकर,
शीत रश्मि औषधि निशाकर ।
तुम्हीं शोभित सुन्दर भाल महेशा,
शरण शरण जन हरहुं कलेशा ।

॥ श्री मंगल स्तुति ॥
जय जय जय मंगल सुखदाता,
लोहित भौमादिक विख्याता ।
अंगारक कुज रुज ऋणहारी,
करहुं दया यही विनय हमारी ।
हे महिसुत छितिसुत सुखराशी,
लोहितांग जय जन अघनाशी ।
अगम अमंगल अब हर लीजै,
सकल मनोरथ पूरण कीजै ।

॥ श्री बुध स्तुति ॥
जय शशि नन्दन बुध महाराजा,
करहु सकल जन कहं शुभ काजा ।
दीजै बुद्धि बल सुमति सुजाना,
कठिन कष्ट हरि करि कल्याणा ।
हे तारासुत रोहिणी नन्दन,
चन्द्रसुवन दुख द्वन्द्व निकन्दन ।
पूजहिं आस दास कहुं स्वामी,
प्रणत पाल प्रभु नमो नमामी ।

॥ श्री बृहस्पति स्तुति ॥
जयति जयति जय श्री गुरुदेवा,
करूं सदा तुम्हरी प्रभु सेवा ।
देवाचार्य तुम देव गुरु ज्ञानी,
इन्द्र पुरोहित विद्यादानी ।
वाचस्पति बागीश उदारा,
जीव बृहस्पति नाम तुम्हारा ।
विद्या सिन्धु अंगिरा नामा,
करहुं सकल विधि पूरण कामा ।

॥ श्री शुक्र स्तुति ॥
शुक्र देव पद तल जल जाता,
दास निरन्तन ध्यान लगाता ।
हे उशना भार्गव भृगु नन्दन,
दैत्य पुरोहित दुष्ट निकन्दन ।
भृगुकुल भूषण दूषण हारी,
हरहुं नेष्ट ग्रह करहुं सुखारी ।
तुहि द्विजबर जोशी सिरताजा,
नर शरीर के तुमही राजा ।

॥ श्री शनि स्तुति ॥
जय श्री शनिदेव रवि नन्दन,
जय कृष्णो सौरी जगवन्दन ।
पिंगल मन्द रौद्र यम नामा,
वप्र आदि कोणस्थ ललामा ।
वक्र दृष्टि पिप्पल तन साजा,
क्षण महं करत रंक क्षण राजा ।
ललत स्वर्ण पद करत निहाला,
हरहुं विपत्ति छाया के लाला ।

॥ श्री राहु स्तुति ॥
जय जय राहु गगन प्रविसइया,
तुमही चन्द्र आदित्य ग्रसइया ।
रवि शशि अरि स्वर्भानु धारा,
शिखी आदि बहु नाम तुम्हारा ।
सैहिंकेय तुम निशाचर राजा,
अर्धकाय जग राखहु लाजा ।
यदि ग्रह समय पाय हिं आवहु,
सदा शान्ति और सुख उपजावहु ।

॥ श्री केतु स्तुति ॥
जय श्री केतु कठिन दुखहारी,
करहु सुजन हित मंगलकारी ।
ध्वजयुत रुण्ड रूप विकराला,
घोर रौद्रतन अघमन काला ।
शिखी तारिका ग्रह बलवान,
महा प्रताप न तेज ठिकाना ।
वाहन मीन महा शुभकारी,
दीजै शान्ति दया उर धारी ।

॥ नवग्रह शांति फल ॥
तीरथराज प्रयाग सुपासा,
बसै राम के सुन्दर दासा ।
ककरा ग्रामहिं पुरे-तिवारी,
दुर्वासाश्रम जन दुख हारी ।
नवग्रह शान्ति लिख्यो सुख हेतु,
जन तन कष्ट उतारण सेतू ।
जो नित पाठ करै चित लावै,
सब सुख भोगि परम पद पावै ॥

॥ दोहा ॥
धन्य नवग्रह देव प्रभु,
महिमा अगम अपार ।
चित नव मंगल मोद गृह,
जगत जनन सुखद्वार ॥

यह चालीसा नवोग्रह,
विरचित सुन्दरदास ।
पढ़त प्रेम सुत बढ़त सुख,
सर्वानन्द हुलास ॥

॥ इति श्री नवग्रह चालीसा ॥

CHALISA IN MARATHI

॥ दोहा॥

श्रीगणपतीगुरुपादकमल,

प्रेमानेसिर्ना.

 

नवग्रहचालिसाम्हणतात,

शरदहॉटसहाय॥

 

जयजयरविशशीसोमबुध,

जयगुरुभृगुशनिराज।

 

जयतीराहूआणिकेतुग्रह,

कररूकृपाआज॥

 

॥ चौकार॥

श्रीसूर्याचेगुणगान

पृथ्वीरवीबोटीचेशिरकोठे।

मीदयाळू, अनाथअसावेकीनाही||

 

हेआदित्यदिवाकरभानु.

मैंमतीम्हामाइग्नोरम

 

आतानिजजानकहांहरहुकालेशा।

दिनकरम्हणूनदिनकर॥

 

नमोभास्करसूर्यप्रभाकर.

काढामित्रआघमॉगक्षमा॥

 

श्रीचंद्रस्तुती

शशीमयंकराजनीपतीस्वामी.

चंद्रकलानिधिनमोनमामि॥

 

राकापतीहिमांशूराकेशा.

प्रणवतजाणतनहरहुकलेशा॥

 

सोमइंदुविधुशांधासुधाकर।

कोल्डरश्मीडिस्पेंसर

 

महेशातूएकसुंदरसुंदरबाईआहेस.

शरणशरणजनहरहुकलेशा॥

 

श्रीमंगलस्तुती

जयजयजयमंगलसुखदाता.

लोहितगेहोमाडिकप्रसिद्धी॥

 

अंगारककुजरुजरहाहरी।

दयाकरा, हीआमचीविनवणीआहे

 

हेमहिसूतछितसुतसुखराशी।

लोहितांगजयजनअघनाशी

 

आगमअमंगलआताप्रत्येकजणआहे.

स्थूलइच्छापूर्णहोते

 

श्रीबुधयांचेगुणगानकरा

जयशशिनंदनबुधमहाराज.

करहुसकलजनकहांशुभकाजा॥

 

दिजाबुद्धिबाळसुमतीसुजाना।

कल्याणानेकल्याणलात्रासदिला॥

 

हेतरसुतरोहिणीनंदन।

चंद्रसुवनदुखावाद्वंदनिकंदन

 

पूजाहुआसदासकहूस्वामी।

प्रणतपालप्रभुनमोनमामि॥

 

श्रीबृहस्पतिस्तुती

जयतीजयतीजयश्रीगुरुदेव.

करनेहमीतुझीसेवाकरतात

 

देवाचार्य, तुम्हीज्ञानाचेगुरुआहात.

इंद्रपुरोहितविद्यादानी

 

वाचस्पतीबगीशउडारा।

तुझेनावगुरूआहे

 

विद्यासिंधुअंगिरानामा।

करहुसकलविधिपूर्णकामा॥

 

श्रीव्हीनसस्तुती

व्हीनसदेवतळमजलाजाळतअसे.

दाससततध्यानकरीतअसत.

 

हेउषानाभार्गवभृगुनंदन।

राक्षसपुजारी

 

भृगुकुलभूषणयांचाभ्रष्टाचारझाला.

हारूनेशग्रहकर्हुसुखारी

 

तुहिद्विजबरजोशीश्रीताजा।

आपणनरदेहाचाराजाआहात.

 

श्रीशनिस्तुती

जयश्रीशनिदेवरवीनंदन.

जयकृष्णोसौरिजगवंदन॥

 

पिंगलमंडराओद्रयमानामा।

व्हीपीवगैरेअंगस्थलालामा॥

 

वक्रदृष्टीपिपलतनसाजा।

राजाप्रत्येकक्षण, क्षणोक्षणीकरतआहे.

 

लालतस्वर्णपदकरातनिहला।

हारूविप्तिछायाकेलाला॥

 

श्रीराहुप्रशंसा

जयजयराहुगगनप्रवीसया।

तुम्हिचंद्रआदित्यग्रीसिया

 

रवीशशीअरीस्वर्भानुधारा।

शिखीवगैरेबरीचनावेतुझी.

 

साईंकाईतुम्हीनिशाचरराजा.

चंद्रकोरजगआशुलाजा॥

 

जरग्रहवेळेवरअसेलतरतोमेलाआहे.

नेहमीशांतताआणिआनंद

 

श्रीकेतुस्तुती

जयश्रीकेतुकठोरदुखारी।

करुहूसुजनहिटमंगलकारी॥

 

ध्वजांकितरंडम्हणूनवंदारला.

घोररौद्रथानअघमनाकाला॥

 

शिखीतारिकाग्रहबलवान।

महाप्रतापनातेजठाव

 

वाहनमीनमहाशुभकारी.

प्रियशांती, दयाळूपणाआणिशांती

 

नवग्रहशांतीफळ

तीरथराजप्रयागसुपासा।

बसाईरामचासुंदरगुलाम

 

काकराग्रामीणपुर-तिवारी.

दुर्वासाश्रमसार्वजनिकदुःखहरवले

 

आनंदासाठीनवीनग्रहावरशांतीलिहा.

शरीरालावेदनाम्हणूनसेटकरणे

 

जेकाहीधडा, चितलावाय

सर्वआनंदहीअंतिमस्थितीआहे

 

॥ दोहा॥

धन्यनवग्रहदेवप्रभु,

महिमाअबाधितअपार.

 

चिटनवमंगलमोडूघर,

जागतिकपिढीसुखद्वार॥

 

हाचाळीसाउत्सव,

विंचितासुंदरदास.

 

प्रेमप्रेमप्रेमआनंदवाचा,

सर्वानंदहुलास॥

CHALISA IN NEPALI

Nepali and Hindi languages are both written using the same script called ‘Devanagari’ . We recommend you to read the original Hindi version of Chalisa written in Awadhi dialect. 

 

॥ दोहा ॥
श्री गणपति गुरुपद कमल,
प्रेम सहित सिरनाय ।
नवग्रह चालीसा कहत,
शारद होत सहाय ॥
जय जय रवि शशि सोम,
बुध जय गुरु भृगु शनि राज।
जयति राहु अरु केतु ग्रह,
करहुं अनुग्रह आज ॥

 


॥ चौपाई ॥
॥ श्री सूर्य स्तुति ॥
प्रथमहि रवि कहं नावौं माथा,
करहुं कृपा जनि जानि अनाथा ।
हे आदित्य दिवाकर भानू,
मैं मति मन्द महा अज्ञानू ।
अब निज जन कहं हरहु कलेषा,
दिनकर द्वादश रूप दिनेशा ।
नमो भास्कर सूर्य प्रभाकर,
अर्क मित्र अघ मोघ क्षमाकर ।

॥ श्री चन्द्र स्तुति ॥
शशि मयंक रजनीपति स्वामी,
चन्द्र कलानिधि नमो नमामि ।
राकापति हिमांशु राकेशा,
प्रणवत जन तन हरहुं कलेशा ।
सोम इन्दु विधु शान्ति सुधाकर,
शीत रश्मि औषधि निशाकर ।
तुम्हीं शोभित सुन्दर भाल महेशा,
शरण शरण जन हरहुं कलेशा ।

॥ श्री मंगल स्तुति ॥
जय जय जय मंगल सुखदाता,
लोहित भौमादिक विख्याता ।
अंगारक कुज रुज ऋणहारी,
करहुं दया यही विनय हमारी ।
हे महिसुत छितिसुत सुखराशी,
लोहितांग जय जन अघनाशी ।
अगम अमंगल अब हर लीजै,
सकल मनोरथ पूरण कीजै ।

॥ श्री बुध स्तुति ॥
जय शशि नन्दन बुध महाराजा,
करहु सकल जन कहं शुभ काजा ।
दीजै बुद्धि बल सुमति सुजाना,
कठिन कष्ट हरि करि कल्याणा ।
हे तारासुत रोहिणी नन्दन,
चन्द्रसुवन दुख द्वन्द्व निकन्दन ।
पूजहिं आस दास कहुं स्वामी,
प्रणत पाल प्रभु नमो नमामी ।

॥ श्री बृहस्पति स्तुति ॥
जयति जयति जय श्री गुरुदेवा,
करूं सदा तुम्हरी प्रभु सेवा ।
देवाचार्य तुम देव गुरु ज्ञानी,
इन्द्र पुरोहित विद्यादानी ।
वाचस्पति बागीश उदारा,
जीव बृहस्पति नाम तुम्हारा ।
विद्या सिन्धु अंगिरा नामा,
करहुं सकल विधि पूरण कामा ।

॥ श्री शुक्र स्तुति ॥
शुक्र देव पद तल जल जाता,
दास निरन्तन ध्यान लगाता ।
हे उशना भार्गव भृगु नन्दन,
दैत्य पुरोहित दुष्ट निकन्दन ।
भृगुकुल भूषण दूषण हारी,
हरहुं नेष्ट ग्रह करहुं सुखारी ।
तुहि द्विजबर जोशी सिरताजा,
नर शरीर के तुमही राजा ।

॥ श्री शनि स्तुति ॥
जय श्री शनिदेव रवि नन्दन,
जय कृष्णो सौरी जगवन्दन ।
पिंगल मन्द रौद्र यम नामा,
वप्र आदि कोणस्थ ललामा ।
वक्र दृष्टि पिप्पल तन साजा,
क्षण महं करत रंक क्षण राजा ।
ललत स्वर्ण पद करत निहाला,
हरहुं विपत्ति छाया के लाला ।

॥ श्री राहु स्तुति ॥
जय जय राहु गगन प्रविसइया,
तुमही चन्द्र आदित्य ग्रसइया ।
रवि शशि अरि स्वर्भानु धारा,
शिखी आदि बहु नाम तुम्हारा ।
सैहिंकेय तुम निशाचर राजा,
अर्धकाय जग राखहु लाजा ।
यदि ग्रह समय पाय हिं आवहु,
सदा शान्ति और सुख उपजावहु ।

॥ श्री केतु स्तुति ॥
जय श्री केतु कठिन दुखहारी,
करहु सुजन हित मंगलकारी ।
ध्वजयुत रुण्ड रूप विकराला,
घोर रौद्रतन अघमन काला ।
शिखी तारिका ग्रह बलवान,
महा प्रताप न तेज ठिकाना ।
वाहन मीन महा शुभकारी,
दीजै शान्ति दया उर धारी ।

॥ नवग्रह शांति फल ॥
तीरथराज प्रयाग सुपासा,
बसै राम के सुन्दर दासा ।
ककरा ग्रामहिं पुरे-तिवारी,
दुर्वासाश्रम जन दुख हारी ।
नवग्रह शान्ति लिख्यो सुख हेतु,
जन तन कष्ट उतारण सेतू ।
जो नित पाठ करै चित लावै,
सब सुख भोगि परम पद पावै ॥

॥ दोहा ॥
धन्य नवग्रह देव प्रभु,
महिमा अगम अपार ।
चित नव मंगल मोद गृह,
जगत जनन सुखद्वार ॥

यह चालीसा नवोग्रह,
विरचित सुन्दरदास ।
पढ़त प्रेम सुत बढ़त सुख,
सर्वानन्द हुलास ॥

॥ इति श्री नवग्रह चालीसा ॥

CHALISA IN ODIA

॥ଦୋହା॥

ଶ୍ରୀଗଣପତିଗୁରୁପଦକମଲ,

ପ୍ରେମସହିତସିର୍ନା |

 

ନାଭଗ୍ରାଚଲିସାକୁହାଯାଏ,

ଶରଦହଟସାହାଇ।

 

ଜୟଜୟରବିଶଶିସୋମବୁଧ,

ଜୟଗୁରୁଭ୍ରୁଗୁଶନିରାଜ।

 

ଜୟତିରାହୁଏବଂକେଟୁଗ୍ରହ,

କାରୁଅନୁଗ୍ରହଆଜି।

 

॥ସୀମା॥

ଶ୍ରୀସୂର୍ଯ୍ୟଙ୍କୁପ୍ରଶଂସା |

ପ୍ରୀତିରବିଡଙ୍ଗାରମୁଣ୍ଡକେଉଁଠାରେଅଛି |

ମୁଁଦୟାଳୁ, ଅନାଥକିନୁହେଁ||

 

ଆରେଆଦିତ୍ୟଦିୱାକରଭାନୁ |

ମୁଖ୍ୟମତିମହାମହାଅଜ୍ଞତା |

 

ବର୍ତ୍ତମାନନିଜାଜନକାହାନହରହୁକାଲେଶା |

ଦୀନେଶାପରିଦିଙ୍କାର।

 

ନାମୋଭାସ୍କରସୂର୍ଯ୍ୟପ୍ରଭାକର |

ବନ୍ଧୁକ୍ଷମାବାହାରକରନ୍ତୁ।

 

ଶ୍ରୀଚନ୍ଦ୍ରଷ୍ଟୁତି

ଶଶିମାୟାନକରାଜନପତିସ୍ାମୀ |

ଚନ୍ଦ୍ରକାଲାନିଧିନାମୋନାମାମି।

 

ରାକାପତୀହିମାନସୁରାକେଶା |

ପ୍ରଣବତ୍ଜନତାନ୍ହରହୁକାଲେଶା।

 

ସୋମଇନ୍ଦୁବିଦୁଶାନ୍ତାସୁଧାକର |

ଶୀତଳରଶ୍ମୀବିତରଣକାରୀ |

 

ତୁମେଜଣେସୁନ୍ଦରସୁନ୍ଦରୀମହେଶା |

ଶରଣଶରଣଜନହରହୁକାଲେଶା।

 

ଶ୍ରୀମଙ୍ଗଲପ୍ରଶଂସା |

ଜୟଜୟଜୟମଙ୍ଗଲସୁଖଦତା |

ଲୋହିତଗେହୋମାଦିକପ୍ରସିଦ୍ଧତା।

 

ଅଙ୍ଗରାକକୁଜରୁଜରାହାହରୀ |

ଦୟାକର, ଏହାଆମରନିବେଦନ |

 

ହେମହିସୁତ୍ଚିତିତୁଟ୍ସୁଖରାଶି |

ଲୋହିଟାଙ୍ଗଜୟଜନଅଗନାଶି |

 

ଆଗାମଅମାଙ୍ଗଲବର୍ତ୍ତମାନସମସ୍ତେ |

ମୋଟଇଚ୍ଛାପୂରଣହୁଏ |

 

ଶ୍ରୀବୁଧବାରପ୍ରଶଂସାକରନ୍ତୁ |

ଜୟଶଶିନନ୍ଦନବୁଦ୍ଧମହାରାଜା |

କରହୁସାକାଲଜନକାହାନଶୁଭକାଜା।

 

 

କଠିନଯନ୍ତ୍ରଣାକଲ୍ୟାଣକୁଆଘାତକରେ।

 

ଆରେତରାସୁତରୋହିଣୀନନ୍ଦନ |

ଚନ୍ଦ୍ରସୁଭାନ୍ଦୁଖୱାଦ୍ୱାଣ୍ଡନିକନ୍ଦନ |

 

ପୂଜାହୁଆସ୍ଦାସକାହୁସ୍ାମୀ |

ପ୍ରଣତପାଲପ୍ରଭୋନାମୋନାମାମି।

 

ଶ୍ରୀବୃହସ୍ପତିପ୍ରଶଂସା |

ଜୟତିଜୟତିଜୟଶ୍ରୀଗୁରୁଦେବ।

କରସବୁବେଳେତୁମକୁଭଗବାନଙ୍କରସେବାକରେ |

 

ଦେବଚାର୍ଯ୍ୟ, ତୁମେଜ୍ଞାନରଗୁରୁ।

ଇନ୍ଦ୍ରପୁରୋହିତବିଦ୍ୟାଦାନୀ

 

ଭାଚାସ୍ପତିବାଗିଶଉଦରା |

ତୁମରନାମବୃହସ୍ପତି |

 

ବିଦ୍ୟାସିନ୍ଧୁଅଙ୍ଗିରାନାମା |

କରହୁମୋଟଆଇନସମାପ୍ତକାମ।

 

ଶ୍ରୀଶୁକ୍ରପ୍ରଶଂସା |

ଶୁକ୍ରଦେବତଳମହଲାକୁଜାଳିଦେବେ |

ଦାସନିରନ୍ତରଧ୍ୟାନକରୁଥିଲେ |

 

ହେଉଶାନାଭର୍ଗାଭାଭ୍ରିଗୁନନ୍ଦନ |

ଭୂତପୁରୋହିତ |

 

ଭ୍ରିଗୁକୁଲଭୂଷଣଦୁର୍ନୀତିହରାଇଲେ।

ହାରୁନେଶଗ୍ରହକରହୁସୁଖାରୀ |

 

ତୁହିଦ୍ୱିଜବରଯୋଶୀସିରଟାଜା |

ତୁମେପୁରୁଷଶରୀରରରାଜା |

 

ଶ୍ରୀଶାନିପ୍ରଶଂସା |

ଜୟଶ୍ରୀଶାନିଦେବରବିନନ୍ଦନ |

ଜୟକୃଷ୍ଣୋସରୀଜଗବନ୍ଦନ॥ |

 

ପିଙ୍ଗଲମାଣ୍ଡରାଓଦ୍ରାୟାମାନାମ |

ଭିପିଇତ୍ୟାଦିଅଙ୍ଗସ୍ତାଲାଲାମା।

 

ବକ୍ରଦର୍ଶନପିପଲ୍ଟାନ୍ସାଜା |

ରାଜାପ୍ରତ୍ୟେକମୁହୂର୍ତ୍ତ, ମୁହୂର୍ତ୍ତରେକରୁଛନ୍ତି |

 

ଲାଲତ୍ସ୍arର୍ନାପ୍ୟାଡ୍କରାଟନିହାଲା |

ହାରୁଭିପିଛାୟାକେଲାଲା।

 

ଶ୍ରୀରାହୁପ୍ରଶଂସା

ଜୟଜୟରାହୁଗଗନପ୍ରଭାଇସାଇୟା |

ତୁମିଚନ୍ଦ୍ରଆଦିତ୍ୟଗ୍ରୁସିଆ |

 

ରବିଶଶିଆରିସ୍arରଭାନୁଧର।

ଶିଖୀ, ଇତ୍ୟାଦି, ଅନେକନାମ, ତୁମର |

 

ସାଇହିଙ୍କାଏତୁମେରାତିରରାଜା |

କ୍ରେସେଣ୍ଟ୍ଜଗ୍ଆଶୁଲାଜା॥ |

 

ଯଦିଗ୍ରହଠିକ୍ସମୟରେଅଛି, ତେବେଏହାମରିଯାଇଛି |

ସର୍ବଦାଶାନ୍ତିଏବଂସୁଖ |

 

ଶ୍ରୀକେଟୁପ୍ରଶଂସା |

ଜୟଶ୍ରୀକେଟୁକଠିନଦୁଖାରୀ |

କରୁସୁଜନହିଟ୍ମଙ୍ଗଲକରୀ॥ |

 

ଏକପତାକାଉତ୍ତୋଳନଭାବରେଭଣ୍ଡାରାଲା |

ଘୋରରାଧରଥନ୍ଆଗମାନକାଲା।

 

ଶିଖୀତାରିକାଗ୍ରହବଲୱାନ୍ |

ମହାପ୍ରତାପନାତେଜକେଉଁଠାରେ |

 

ଯାନପିସ୍ମହାଶୁଭକରୀ |

ପ୍ରିୟଶାନ୍ତି, ଦୟାଏବଂଶାନ୍ତି |

 

ନବଗ୍ରହଶାନ୍ତିଫଳ |

ତିରଥରାଜପ୍ରାର୍ଥନାସୁପାସା |

ବସାଇରାମଙ୍କରସୁନ୍ଦରଦାସ |

 

କାକ୍ରାଗ୍ରାମିନ୍ପୁର-ତିୱାରୀ |

ଦୁରଭାଶ୍ରମଜନସାଧାରଣଙ୍କଦୁଖହରାଇଲେ

 

ସୁଖପାଇଁନୂତନଗ୍ରହକୁଶାନ୍ତିଲେଖ |

ଶରୀରକୁଯନ୍ତ୍ରଣାଭାବରେସେଟ୍କରିବା |

 

ଯାହାବିଶିକ୍ଷା, ଚିତଲାଭାଇ |

ସମସ୍ତସୁଖହେଉଛିଚରମସ୍ଥିତି |

 

॥ଦୋହା॥

ଆଶୀର୍ବାଦନବଗ୍ରାହଦେବପ୍ରଭାସ,

ଗରବଅସୀମ |

 

ଚିତନାଭମଙ୍ଗଲମୋଡୁଘର,

ବିଶ୍ୱଜେନେରେସନ୍ସୁଖଦ୍ୱାର॥

 

ଏହିଚଲିସାପର୍ବ,

ବିରଞ୍ଚିତାସୁନ୍ଦରଦାସ।

 

ପ୍ରେମପ଼ନ୍ତୁସୁଖସୁଖ,

ସର୍ଭାନନ୍ଦହୁଲାସ।

CHALISA IN PUNJABI

॥ਦੋਹਾ॥

ਸ਼੍ਰੀਗਣਪਤੀਗੁਰੁਪਦਕਮਲ,

ਪਿਆਰਨਾਲਸਿਰਨਾ.

 

ਨਵਗ੍ਰਹਿਚਾਲਿਸਾਕਿਹਾਜਾਂਦਾਹੈ,

ਸ਼ਰਦਗਰਮਸਾਈ॥

 

ਜੈਜੈਰਵੀਸ਼ਸ਼ੀਸੋਮਵਿਆਹ,

ਜੈਗੁਰੂਭ੍ਰਿਗੁਸ਼ਨੀਰਾਜ।

 

ਜੈਯਤਿਰਾਹੁਅਤੇਕੇਤੂਗ੍ਰਹਿ,

ਕਰੁਕਿਰਪਾਅੱਜ॥

 

॥ਚੌਪਾਈ॥

ਸ਼੍ਰੀਸੂਰਿਆਦੀਪ੍ਰਸੰਸਾ

ਪ੍ਰਿਥਵਾਰਾਵੀਕਿਸ਼ਤੀਦਾਸਿਰਕਿਥੇਹੈ.

ਕੀਮੈਨੂੰਦਿਆਲੂ, ਯਤੀਮਹੋਣਾਚਾਹੀਦਾਹੈਜਾਂਨਹੀਂ||

 

ਹੇਆਦਿਤਿਆਦਿਵਾਕਰਭਾਨੁ।

ਮੁਖਮਤੀਮਹਾਮਹਾਅਗੋਗਮ॥

 

ਅਬਨਿਜਜਾਨਕਹਣਹਰਹੁਕਾਲੇਸ਼ਾ।

ਦਿਨਕਰਜੈਸੇਦਿਨੇਸ਼ਾ॥

 

ਨਮੋਭਾਸਕਰਸੂਰਿਆਪ੍ਰਭਾਕਰ।

ਕੱਮਿੱਤਰਅਘਮੋਘਮਾਫੀ॥

 

ਸ਼੍ਰੀਚੰਦਰਸਟੂਟੀ

ਸ਼ਸ਼ੀਮਯੰਕਰਾਜਨੀਪਤੀਸਵਾਮੀ.

ਚੰਦਰਕਲਾਨਿਧੀਨਮੋਨਮਾਮਿ॥

 

ਰਕਾਪਤੀਹਿਮਾਂਸ਼ੂਰਾਕੇਸ਼ਾ।

ਪ੍ਰਣਵਤਜਨਤਨਹਰਹੁਕਾਲੇਸ਼ਾ॥

 

ਸੋਮਇੰਦੂਵਿਧੂਸ਼ਾਂਤਸੁਧਾਕਰ।

ਕੋਲਡਰਸ਼ਮੀਡਿਸਪੈਂਸਰ

 

ਤੁਸੀਂਇੱਕਸੁੰਦਰਸੁੰਦਰMaਰਤਮਹੇਸ਼ਾਹੋ.

ਸ਼ਰਨਸ਼ਰਨਜਨਹਰਹੁਕਾਲੇਸ਼ਾ॥

 

 

ਸ੍ਰੀਮੰਗਲਦੀਸਿਫਤ

ਜੈਜੈਜੈਮੰਗਲਸੁਖਦਾਤਾ।

ਲੋਹਿਤਗੇਹੋਮਾਦਿਕਪ੍ਰਸਿਧਤਾ॥

 

ਅੰਗਾਰਕਕੁਜਰੁਜਰਹਾਰੀ।

ਰਹਿਮਕਰੋ, ਇਹਸਾਡੀਬੇਨਤੀਹੈ

 

ਹੇਮਾਹੀਸੁਤਛੀਤਸੁਤਸੁਖਰਾਸ਼ੀ।

ਲੋਹਿਤਾੰਗਜੈਜਨਅਘਨਾਸ਼ੀ

 

ਅਗਮਅਮੰਗਲਹੁਣਹਰਕੋਈਹੈ.

ਪੂਰਨਇੱਛਾਪੂਰੀਹੋਜਾਂਦੀਹੈ

 

ਸ਼੍ਰੀਮਾਨਬੁਧਦੀਪ੍ਰਸ਼ੰਸਾਕਰੋ

ਜੈਸ਼ਸ਼ੀਨੰਦਨਬੁਧਮਹਾਰਾਜਾ।

ਕਰਹੁਸਕਲਜਨਕਹਂਸੁਭਕਾਜਾ॥

 

ਦਿਜਾਬੁੱਧੀਬਾਲਸੁਮਤੀਸੁਜਾਨਾ।

ਕਠਿਨਦੁੱਖਕਲਿਆਣੇਨੂੰਦੁਖੀਕਰਦਾਹੈ॥

 

ਹੇਤਰਸੁਤਰੋਹਿਨੀਨੰਦਨ।

ਚੰਦ੍ਰਸੁਵਾਨਦੁਖਵਾਦੁਆੰਦਨਿਕੰਦਨ॥

 

ਪੂਜਹੁਆਸਦਾਸਕਹੁਸਵਾਮੀ॥

ਪ੍ਰਣਾਤਪਾਲਪ੍ਰਭੂਨਮੋਨਮਮੀ॥

 

ਸ਼੍ਰੀਗੁਰੂਜੀਦੀਸਿਫ਼ਤਕਰੋ

ਜੈਯਤਿਜਯਤਿਜੈਸ਼੍ਰੀਗੁਰੂਦੇਵ।

ਟੈਕਸਹਮੇਸ਼ਾਰੱਬਦੀਸੇਵਾਕਰਦੇਹਨ

 

ਦੇਵਾਚਾਰੀਆ, ਤੁਸੀਂਗਿਆਨਦੇਮਾਲਕਹੋ.

ਇੰਦ੍ਰਪੁਰੋਹਿਤਵਿਦਿਆਦਾਨੀ

 

ਵਾਛਪਤਿਬਾਗੀਸ਼ਉਦਾਰਾ।

ਤੁਹਾਡਾਨਾਮਜੁਪੀਟਰਹੈ

 

ਵਿਦਿਆਸਿੰਧੁਅੰਗੀਰਾਨਾਮਾ.

ਕਰਹੁਸਕਲਕਾਨੂੰਨਪੂਰਨਕਾਮ॥

 

ਸ਼੍ਰੀਮਾਨਵੀਨਸਦੀਪ੍ਰਸ਼ੰਸਾ

ਵੀਨਸਦੇਵਧਰਤੀਦੇਤਲਨੂੰਸਾੜਦੇਵੇਗਾ.

ਦਾਸਨਿਰੰਤਰਅਭਿਆਸਕਰਦਾਸੀ।

 

ਹੇਉਸਾਨਾਭਾਰਗਵਭ੍ਰਿਗੁਨੰਦਨ॥

ਭੂਤਪੁਜਾਰੀ

 

ਭ੍ਰਿਗੂਲਭੂਸ਼ਣਭ੍ਰਿਸ਼ਟਾਚਾਰਗਵਾਇਆ।

ਹਾਰੁਨੇਸ਼ਗ੍ਰਹਿਕਰਹੁਸੁਖਾਰੀ

 

ਤੁਹੀਦ੍ਵਿਜਬਰਜੋਸ਼ੀਸਿਰਤਾਜਾ।

ਤੁਸੀਂਪੁਰਸ਼ਦੇਹੀਦਾਰਾਜਾਹੋ.

 

ਸ਼੍ਰੀਸ਼ਨੀਪ੍ਰਸੰਸਾ

ਜੈਸ਼੍ਰੀਸ਼ਨੀਦੇਵਰਵੀਨੰਦਨ।

ਜੈਕ੍ਰਿਸ਼ਨੋਸੌਰੀਜਾਗਵੰਦਨ॥

 

ਪਿੰਗਲਮੰਡਰਾਓਡਰਾਯਮਾਨਮ.

ਵੀਪੀਆਦਿਅੰਗਸਥਲਾਲਾਮਾ॥

 

ਕਰਵਦਰਸ਼ਨਪਿਪਲਤਨਸਾਜਾ।

ਰਾਜਾਹਰਪਲ, ਪਲਪਲਪਲਕਰਰਿਹਾਹੈ.

 

ਲਲਤਸਵਰਨਾਪਦਕਰਤਨਿਹਾਲਾ।

ਹਰੁਵਿਪਤਿਛਾਇਆਕੇਲਾਲਾ॥

 

ਸ਼੍ਰੀਰਹੁਸਿਫ਼ਤਕਰੋ

ਜੈਜੈਰਹੁਗਗਨਪ੍ਰਵੀਸਿਆ॥

ਤੁਮ੍ਹਿਚੰਦਰਆਦਿਤਿਆਗਰੁਸ਼ੀਆ

 

ਰਵੀਸ਼ਸ਼ੀਅਰੀਸਵਰਭਨੁਧਾਰਾ।

ਸ਼ਿਖੀ, ਆਦਿ, ਬਹੁਤਸਾਰੇਨਾਮ, ਤੁਹਾਡਾ.

 

ਸਾਈਹਿੰਕਯੇਤੁਸੀਂਰਾਜੇਰਾਜਾ.

ਕ੍ਰਿਸੈਂਟਜੁਗਅਸਹੁਲਾਜਾ.

 

ਜੇਗ੍ਰਹਿਸਮੇਂਸਿਰਹੈ, ਇਹਮਰਗਿਆਹੈ.

ਹਮੇਸ਼ਾਸ਼ਾਂਤੀਅਤੇਖੁਸ਼ਹਾਲੀ

 

ਸ਼੍ਰੀਕੇਤੂਦੀਪ੍ਰਸ਼ੰਸਾਕੀਤੀ

ਜੈਸ਼੍ਰੀਕੇਤੂਸਖਤਦੁਖਾਰੀ।

ਕਰਹੁਸੁਜਾਨਹਿਤਮੰਗਲਕਾਰੀ॥

 

ਝੰਡੇਵਾਲੀਰੰਡਵਜੋਂਵਾਂਦਰਾਲਾ.

ਘੋਰਰੁਦ੍ਰਥਨਅਘਮਾਨਾਕਾਲ॥

 

ਸ਼ਿਖੀਤਾਰਿਕਾਗ੍ਰਹਿਬਲਵਾਨ।

ਮਹਾਪ੍ਰਤਾਪਨਤੇਜਕਿਤੇ

 

ਵਾਹਨਮੀਨਮਹਾਂਸ਼ੁਭਕਾਰੀ।

ਪਿਆਰੇਅਮਨ, ਦਿਆਲਤਾਅਤੇਸ਼ਾਂਤੀ

 

ਨਵਗ੍ਰਹਸ਼ਾਂਤੀਫਲ

ਤੀਰਥਰਾਜਪ੍ਰਯਾਗਸੁਪਾਸਾ।

ਬਸੈਰਾਮਦਾਸੋਹਣਾਗੁਲਾਮ

 

ਕਾਕੜਾਗ੍ਰਾਮੀਣਪੁਰ-ਤਿਵਾੜੀ।

ਦੁਰਵਾਸਸ਼ਰਮਜਨਤਕਦੁੱਖਭੋਗਗਏ

 

ਖੁਸ਼ਹਾਲੀਲਈਨਵੇਂਗ੍ਰਹਿਨੂੰਸ਼ਾਂਤੀਲਿਖੋ.

ਸਰੀਰਨੂੰਦਰਦਦੇਤੌਰਤੇਸੈਟਕਰਨਾ

 

ਜੋਸਬਕਹੈ, ਚਿਤਲਾਵੈ

ਸਾਰੀਖੁਸ਼ੀਅਖੀਰਲੀਸਥਿਤੀਹੈ

 

॥ਦੋਹਾ॥

ਮੁਬਾਰਕਨਵਗ੍ਰਹਿਦੇਵਪ੍ਰਭੂ,

ਮਹਿਮਾਬੇਅੰਤਬੇਅੰਤ.

 

ਚਿਤਨਵਮੰਗਲਮੋਡੂਘਰ,

ਵਿਸ਼ਵਪੀੜ੍ਹੀਸੁਖਦਵਾਰ

 

ਇਹਚਾਲੀਸਾਤਿਉਹਾਰ,

ਵਿਰਚਿਤਾਸੁੰਦਰਦਾਸ।

 

ਪੜ੍ਹੋਪਿਆਰਪਿਆਰਦੀਖੁਸ਼ੀ,

ਸਰਵਨੰਦਹੂਲਸ॥

CHALISA IN SANSKRIT

Sanskrit and Hindi languages are both written using the same script called ‘Devanagari’ . We recommend you to read the original Hindi version of Chalisa written in Awadhi dialect. 

 

॥ दोहा ॥
श्री गणपति गुरुपद कमल,
प्रेम सहित सिरनाय ।
नवग्रह चालीसा कहत,
शारद होत सहाय ॥
जय जय रवि शशि सोम,
बुध जय गुरु भृगु शनि राज।
जयति राहु अरु केतु ग्रह,
करहुं अनुग्रह आज ॥

 


॥ चौपाई ॥
॥ श्री सूर्य स्तुति ॥
प्रथमहि रवि कहं नावौं माथा,
करहुं कृपा जनि जानि अनाथा ।
हे आदित्य दिवाकर भानू,
मैं मति मन्द महा अज्ञानू ।
अब निज जन कहं हरहु कलेषा,
दिनकर द्वादश रूप दिनेशा ।
नमो भास्कर सूर्य प्रभाकर,
अर्क मित्र अघ मोघ क्षमाकर ।

॥ श्री चन्द्र स्तुति ॥
शशि मयंक रजनीपति स्वामी,
चन्द्र कलानिधि नमो नमामि ।
राकापति हिमांशु राकेशा,
प्रणवत जन तन हरहुं कलेशा ।
सोम इन्दु विधु शान्ति सुधाकर,
शीत रश्मि औषधि निशाकर ।
तुम्हीं शोभित सुन्दर भाल महेशा,
शरण शरण जन हरहुं कलेशा ।

॥ श्री मंगल स्तुति ॥
जय जय जय मंगल सुखदाता,
लोहित भौमादिक विख्याता ।
अंगारक कुज रुज ऋणहारी,
करहुं दया यही विनय हमारी ।
हे महिसुत छितिसुत सुखराशी,
लोहितांग जय जन अघनाशी ।
अगम अमंगल अब हर लीजै,
सकल मनोरथ पूरण कीजै ।

॥ श्री बुध स्तुति ॥
जय शशि नन्दन बुध महाराजा,
करहु सकल जन कहं शुभ काजा ।
दीजै बुद्धि बल सुमति सुजाना,
कठिन कष्ट हरि करि कल्याणा ।
हे तारासुत रोहिणी नन्दन,
चन्द्रसुवन दुख द्वन्द्व निकन्दन ।
पूजहिं आस दास कहुं स्वामी,
प्रणत पाल प्रभु नमो नमामी ।

॥ श्री बृहस्पति स्तुति ॥
जयति जयति जय श्री गुरुदेवा,
करूं सदा तुम्हरी प्रभु सेवा ।
देवाचार्य तुम देव गुरु ज्ञानी,
इन्द्र पुरोहित विद्यादानी ।
वाचस्पति बागीश उदारा,
जीव बृहस्पति नाम तुम्हारा ।
विद्या सिन्धु अंगिरा नामा,
करहुं सकल विधि पूरण कामा ।

॥ श्री शुक्र स्तुति ॥
शुक्र देव पद तल जल जाता,
दास निरन्तन ध्यान लगाता ।
हे उशना भार्गव भृगु नन्दन,
दैत्य पुरोहित दुष्ट निकन्दन ।
भृगुकुल भूषण दूषण हारी,
हरहुं नेष्ट ग्रह करहुं सुखारी ।
तुहि द्विजबर जोशी सिरताजा,
नर शरीर के तुमही राजा ।

॥ श्री शनि स्तुति ॥
जय श्री शनिदेव रवि नन्दन,
जय कृष्णो सौरी जगवन्दन ।
पिंगल मन्द रौद्र यम नामा,
वप्र आदि कोणस्थ ललामा ।
वक्र दृष्टि पिप्पल तन साजा,
क्षण महं करत रंक क्षण राजा ।
ललत स्वर्ण पद करत निहाला,
हरहुं विपत्ति छाया के लाला ।

॥ श्री राहु स्तुति ॥
जय जय राहु गगन प्रविसइया,
तुमही चन्द्र आदित्य ग्रसइया ।
रवि शशि अरि स्वर्भानु धारा,
शिखी आदि बहु नाम तुम्हारा ।
सैहिंकेय तुम निशाचर राजा,
अर्धकाय जग राखहु लाजा ।
यदि ग्रह समय पाय हिं आवहु,
सदा शान्ति और सुख उपजावहु ।

॥ श्री केतु स्तुति ॥
जय श्री केतु कठिन दुखहारी,
करहु सुजन हित मंगलकारी ।
ध्वजयुत रुण्ड रूप विकराला,
घोर रौद्रतन अघमन काला ।
शिखी तारिका ग्रह बलवान,
महा प्रताप न तेज ठिकाना ।
वाहन मीन महा शुभकारी,
दीजै शान्ति दया उर धारी ।

॥ नवग्रह शांति फल ॥
तीरथराज प्रयाग सुपासा,
बसै राम के सुन्दर दासा ।
ककरा ग्रामहिं पुरे-तिवारी,
दुर्वासाश्रम जन दुख हारी ।
नवग्रह शान्ति लिख्यो सुख हेतु,
जन तन कष्ट उतारण सेतू ।
जो नित पाठ करै चित लावै,
सब सुख भोगि परम पद पावै ॥

॥ दोहा ॥
धन्य नवग्रह देव प्रभु,
महिमा अगम अपार ।
चित नव मंगल मोद गृह,
जगत जनन सुखद्वार ॥

यह चालीसा नवोग्रह,
विरचित सुन्दरदास ।
पढ़त प्रेम सुत बढ़त सुख,
सर्वानन्द हुलास ॥

॥ इति श्री नवग्रह चालीसा ॥

CHALISA IN SANTALI

Santali and Hindi languages are both written using the same script called ‘Devanagari’ . We recommend you to read the original Hindi version of Chalisa written in Awadhi dialect. 

 

॥ दोहा ॥
श्री गणपति गुरुपद कमल,
प्रेम सहित सिरनाय ।
नवग्रह चालीसा कहत,
शारद होत सहाय ॥
जय जय रवि शशि सोम,
बुध जय गुरु भृगु शनि राज।
जयति राहु अरु केतु ग्रह,
करहुं अनुग्रह आज ॥

 


॥ चौपाई ॥
॥ श्री सूर्य स्तुति ॥
प्रथमहि रवि कहं नावौं माथा,
करहुं कृपा जनि जानि अनाथा ।
हे आदित्य दिवाकर भानू,
मैं मति मन्द महा अज्ञानू ।
अब निज जन कहं हरहु कलेषा,
दिनकर द्वादश रूप दिनेशा ।
नमो भास्कर सूर्य प्रभाकर,
अर्क मित्र अघ मोघ क्षमाकर ।

॥ श्री चन्द्र स्तुति ॥
शशि मयंक रजनीपति स्वामी,
चन्द्र कलानिधि नमो नमामि ।
राकापति हिमांशु राकेशा,
प्रणवत जन तन हरहुं कलेशा ।
सोम इन्दु विधु शान्ति सुधाकर,
शीत रश्मि औषधि निशाकर ।
तुम्हीं शोभित सुन्दर भाल महेशा,
शरण शरण जन हरहुं कलेशा ।

॥ श्री मंगल स्तुति ॥
जय जय जय मंगल सुखदाता,
लोहित भौमादिक विख्याता ।
अंगारक कुज रुज ऋणहारी,
करहुं दया यही विनय हमारी ।
हे महिसुत छितिसुत सुखराशी,
लोहितांग जय जन अघनाशी ।
अगम अमंगल अब हर लीजै,
सकल मनोरथ पूरण कीजै ।

॥ श्री बुध स्तुति ॥
जय शशि नन्दन बुध महाराजा,
करहु सकल जन कहं शुभ काजा ।
दीजै बुद्धि बल सुमति सुजाना,
कठिन कष्ट हरि करि कल्याणा ।
हे तारासुत रोहिणी नन्दन,
चन्द्रसुवन दुख द्वन्द्व निकन्दन ।
पूजहिं आस दास कहुं स्वामी,
प्रणत पाल प्रभु नमो नमामी ।

॥ श्री बृहस्पति स्तुति ॥
जयति जयति जय श्री गुरुदेवा,
करूं सदा तुम्हरी प्रभु सेवा ।
देवाचार्य तुम देव गुरु ज्ञानी,
इन्द्र पुरोहित विद्यादानी ।
वाचस्पति बागीश उदारा,
जीव बृहस्पति नाम तुम्हारा ।
विद्या सिन्धु अंगिरा नामा,
करहुं सकल विधि पूरण कामा ।

॥ श्री शुक्र स्तुति ॥
शुक्र देव पद तल जल जाता,
दास निरन्तन ध्यान लगाता ।
हे उशना भार्गव भृगु नन्दन,
दैत्य पुरोहित दुष्ट निकन्दन ।
भृगुकुल भूषण दूषण हारी,
हरहुं नेष्ट ग्रह करहुं सुखारी ।
तुहि द्विजबर जोशी सिरताजा,
नर शरीर के तुमही राजा ।

॥ श्री शनि स्तुति ॥
जय श्री शनिदेव रवि नन्दन,
जय कृष्णो सौरी जगवन्दन ।
पिंगल मन्द रौद्र यम नामा,
वप्र आदि कोणस्थ ललामा ।
वक्र दृष्टि पिप्पल तन साजा,
क्षण महं करत रंक क्षण राजा ।
ललत स्वर्ण पद करत निहाला,
हरहुं विपत्ति छाया के लाला ।

॥ श्री राहु स्तुति ॥
जय जय राहु गगन प्रविसइया,
तुमही चन्द्र आदित्य ग्रसइया ।
रवि शशि अरि स्वर्भानु धारा,
शिखी आदि बहु नाम तुम्हारा ।
सैहिंकेय तुम निशाचर राजा,
अर्धकाय जग राखहु लाजा ।
यदि ग्रह समय पाय हिं आवहु,
सदा शान्ति और सुख उपजावहु ।

॥ श्री केतु स्तुति ॥
जय श्री केतु कठिन दुखहारी,
करहु सुजन हित मंगलकारी ।
ध्वजयुत रुण्ड रूप विकराला,
घोर रौद्रतन अघमन काला ।
शिखी तारिका ग्रह बलवान,
महा प्रताप न तेज ठिकाना ।
वाहन मीन महा शुभकारी,
दीजै शान्ति दया उर धारी ।

॥ नवग्रह शांति फल ॥
तीरथराज प्रयाग सुपासा,
बसै राम के सुन्दर दासा ।
ककरा ग्रामहिं पुरे-तिवारी,
दुर्वासाश्रम जन दुख हारी ।
नवग्रह शान्ति लिख्यो सुख हेतु,
जन तन कष्ट उतारण सेतू ।
जो नित पाठ करै चित लावै,
सब सुख भोगि परम पद पावै ॥

॥ दोहा ॥
धन्य नवग्रह देव प्रभु,
महिमा अगम अपार ।
चित नव मंगल मोद गृह,
जगत जनन सुखद्वार ॥

यह चालीसा नवोग्रह,
विरचित सुन्दरदास ।
पढ़त प्रेम सुत बढ़त सुख,
सर्वानन्द हुलास ॥

॥ इति श्री नवग्रह चालीसा ॥

CHALISA IN SINDHI

Sindhi and Hindi languages are both written using the same script called ‘Devanagari’ . We recommend you to read the original Hindi version of Chalisa written in Awadhi dialect. 

 

॥ दोहा ॥
श्री गणपति गुरुपद कमल,
प्रेम सहित सिरनाय ।
नवग्रह चालीसा कहत,
शारद होत सहाय ॥
जय जय रवि शशि सोम,
बुध जय गुरु भृगु शनि राज।
जयति राहु अरु केतु ग्रह,
करहुं अनुग्रह आज ॥

 


॥ चौपाई ॥
॥ श्री सूर्य स्तुति ॥
प्रथमहि रवि कहं नावौं माथा,
करहुं कृपा जनि जानि अनाथा ।
हे आदित्य दिवाकर भानू,
मैं मति मन्द महा अज्ञानू ।
अब निज जन कहं हरहु कलेषा,
दिनकर द्वादश रूप दिनेशा ।
नमो भास्कर सूर्य प्रभाकर,
अर्क मित्र अघ मोघ क्षमाकर ।

॥ श्री चन्द्र स्तुति ॥
शशि मयंक रजनीपति स्वामी,
चन्द्र कलानिधि नमो नमामि ।
राकापति हिमांशु राकेशा,
प्रणवत जन तन हरहुं कलेशा ।
सोम इन्दु विधु शान्ति सुधाकर,
शीत रश्मि औषधि निशाकर ।
तुम्हीं शोभित सुन्दर भाल महेशा,
शरण शरण जन हरहुं कलेशा ।

॥ श्री मंगल स्तुति ॥
जय जय जय मंगल सुखदाता,
लोहित भौमादिक विख्याता ।
अंगारक कुज रुज ऋणहारी,
करहुं दया यही विनय हमारी ।
हे महिसुत छितिसुत सुखराशी,
लोहितांग जय जन अघनाशी ।
अगम अमंगल अब हर लीजै,
सकल मनोरथ पूरण कीजै ।

॥ श्री बुध स्तुति ॥
जय शशि नन्दन बुध महाराजा,
करहु सकल जन कहं शुभ काजा ।
दीजै बुद्धि बल सुमति सुजाना,
कठिन कष्ट हरि करि कल्याणा ।
हे तारासुत रोहिणी नन्दन,
चन्द्रसुवन दुख द्वन्द्व निकन्दन ।
पूजहिं आस दास कहुं स्वामी,
प्रणत पाल प्रभु नमो नमामी ।

॥ श्री बृहस्पति स्तुति ॥
जयति जयति जय श्री गुरुदेवा,
करूं सदा तुम्हरी प्रभु सेवा ।
देवाचार्य तुम देव गुरु ज्ञानी,
इन्द्र पुरोहित विद्यादानी ।
वाचस्पति बागीश उदारा,
जीव बृहस्पति नाम तुम्हारा ।
विद्या सिन्धु अंगिरा नामा,
करहुं सकल विधि पूरण कामा ।

॥ श्री शुक्र स्तुति ॥
शुक्र देव पद तल जल जाता,
दास निरन्तन ध्यान लगाता ।
हे उशना भार्गव भृगु नन्दन,
दैत्य पुरोहित दुष्ट निकन्दन ।
भृगुकुल भूषण दूषण हारी,
हरहुं नेष्ट ग्रह करहुं सुखारी ।
तुहि द्विजबर जोशी सिरताजा,
नर शरीर के तुमही राजा ।

॥ श्री शनि स्तुति ॥
जय श्री शनिदेव रवि नन्दन,
जय कृष्णो सौरी जगवन्दन ।
पिंगल मन्द रौद्र यम नामा,
वप्र आदि कोणस्थ ललामा ।
वक्र दृष्टि पिप्पल तन साजा,
क्षण महं करत रंक क्षण राजा ।
ललत स्वर्ण पद करत निहाला,
हरहुं विपत्ति छाया के लाला ।

॥ श्री राहु स्तुति ॥
जय जय राहु गगन प्रविसइया,
तुमही चन्द्र आदित्य ग्रसइया ।
रवि शशि अरि स्वर्भानु धारा,
शिखी आदि बहु नाम तुम्हारा ।
सैहिंकेय तुम निशाचर राजा,
अर्धकाय जग राखहु लाजा ।
यदि ग्रह समय पाय हिं आवहु,
सदा शान्ति और सुख उपजावहु ।

॥ श्री केतु स्तुति ॥
जय श्री केतु कठिन दुखहारी,
करहु सुजन हित मंगलकारी ।
ध्वजयुत रुण्ड रूप विकराला,
घोर रौद्रतन अघमन काला ।
शिखी तारिका ग्रह बलवान,
महा प्रताप न तेज ठिकाना ।
वाहन मीन महा शुभकारी,
दीजै शान्ति दया उर धारी ।

॥ नवग्रह शांति फल ॥
तीरथराज प्रयाग सुपासा,
बसै राम के सुन्दर दासा ।
ककरा ग्रामहिं पुरे-तिवारी,
दुर्वासाश्रम जन दुख हारी ।
नवग्रह शान्ति लिख्यो सुख हेतु,
जन तन कष्ट उतारण सेतू ।
जो नित पाठ करै चित लावै,
सब सुख भोगि परम पद पावै ॥

॥ दोहा ॥
धन्य नवग्रह देव प्रभु,
महिमा अगम अपार ।
चित नव मंगल मोद गृह,
जगत जनन सुखद्वार ॥

यह चालीसा नवोग्रह,
विरचित सुन्दरदास ।
पढ़त प्रेम सुत बढ़त सुख,
सर्वानन्द हुलास ॥

॥ इति श्री नवग्रह चालीसा ॥

CHALISA IN TAMIL

॥தோஹ॥

திருகணபதிகுருபாத்கமல்,

அன்புடன்சிர்னா.

 

நவகிரகசாலிசா,

ஷரத்ஹாட்சஹாய்

 

ஜெய்ஜெய்ரவிசஷிமோன்புதன்,

ஜெய்குருபிரிகுசனிராஜ்.

 

ஜெயதிராகுமற்றும்கேதுகிரகங்கள்,

கர்ருகருணைஇன்று

 

॥கட்டு॥

திருசூர்யாவுக்குபாராட்டு

பிருத்வாரவிபடகின்தலைஎங்கே.

நான்தயவுசெய்து, அனாதையாகஇருக்கவேண்டுமா||

 

ஏய்ஆதித்யாதிவாகர்பானு.

பிரதானமாட்டிமஹாமஹாஇக்னோரம்

 

இப்போதுநிஜாஜான்கஹான்ஹர்ஹுகாலேஷா.

தினேஷாகதின்கர்

 

நமோபாஸ்கர்சூர்பிரபாகர்.

பிரித்தெடுக்கநண்பர்மன்னிப்பு

 

திருசந்திரஸ்தூதி

சஷிமாயங்க்ராஜனிபதிசுவாமி.

சந்திரகலனிதிநமோநமமி

 

ரகபதிஹிமான்ஷுராகேஷா.

பிரணாவத்ஜனடன்ஹர்ஹுகாலேஷ

 

சோம்இந்துவிதுசாந்தாசுதாகர்.

குளிர்ரஷ்மிடிஸ்பென்சர்

 

நீஒருஅழகானஅழகானபெண்மகேஷா.

ஷரன்ஷரன்ஜான்ஹர்ஹுகாலேஷா

 

திருமங்கல்பாராட்டு

ஜெய்ஜெய்ஜெய்மங்கல்சுக்தாதா.

லோஹித்கெஹோமடிக்புகழ்

 

அங்கரக்குஸ்ரூஜ்ரஹாரி.

கருணைகாட்டுவோம், இதுஎங்கள்வேண்டுகோள்

 

ஓமஹிசுத்சிடிசுத்சுகராஷி.

லோகிதாங்ஜெய்ஜான்அக்னாஷி

 

ஆகம்அமங்கல்இப்போதுஎல்லோரும்.

மொத்தஆசைநிறைவேறும்

 

திருமெர்குரியைப்புகழ்ந்துபேசுங்கள்

ஜெய்சஷிநந்தன்புத்தமகாராஜா.

கர்ஹுசகல்ஜான்கஹான்சுப்காஜா

 

டிஜாபுத்திபால்சுமதிசுஜனா.

கடினமானதுன்பம்கல்யாணத்தைகாயப்படுத்துகிறது

 

ஏய்தராசுத்ரோஹினிநந்தன்.

சந்திரசுவன்துக்வாத்வாண்ட்நிகந்தன்

 

பூஜாஹுஆஸ்தாஸ்கஹுசுவாமி.

பிரணாத்பால்பிரபுநமோநமமி

 

ஸ்ரீவியாழன்பாராட்டு

ஜெயதிஜெயதிஜெய்ஸ்ரீகுருதேவா.

வரிஎப்போதும்உங்களுக்குகடவுளுக்குசேவைசெய்கிறது

 

தேவாச்சார்யா, நீங்கள்அறிவின்மாஸ்டர்.

இந்திரபுரோஹித்வித்யதானி

 

வச்சஸ்பதிபாகிஷ்உதாரா.

உங்கள்பெயர்வியாழன்

 

வித்யாசிந்துஅங்கிராநாமா.

கர்ஹுமொத்தசட்டநிறைவுகாமா

 

திருவீனஸ்பாராட்டு

வீனஸ்தேவ்தரைதளத்தைஎரிப்பார்.

தாஸ்தொடர்ந்துதியானிக்கப்பழகினார்.

 

ஓஉஷானாபார்கவாபிரிகுநந்தன்.

அரக்கன்பாதிரியார்

 

பிரிகுகுல்பூஷன்ஊழலைஇழந்தார்.

ஹருநேஷ்கிரகம்கர்ஹுசுகாரி

 

துஹித்விஜ்பார்ஜோஷிசிர்தாஜா.

நீங்கள்ஆண்உடலின்ராஜா.

 

ஸ்ரீசனிபாராட்டு

ஜெய்ஸ்ரீசனிதேவ்ரவிநந்தன்.

ஜெய்கிருஷ்ணோசriரிஜகவந்தன்॥

 

பிங்கல்மந்த்ரவுத்ராயமநாமா.

வி.பிமுதலியனஅங்கஸ்தலலாமா

 

வளைந்தபார்வைபிப்பிள்டான்சாஜா.

ராஜாஒவ்வொருகணத்தையும், கணத்தையும்கணம்செய்கிறான்.

 

லாலத்ஸ்வர்ணாபேட்காரத்நிஹாலா.

ஹருவிப்திசாயகேலாலா

 

ஸ்ரீராகுபாராட்டு

ஜெய்ஜெய்ராகுககன்பிரவிசையா.

தும்ஹிசந்திரஆதித்யாகுருசியா

 

ரவிசஷிஅரிஸ்வர்பானுதாரா.

ஷிகி, பலபெயர்கள், உங்களுடையது.

 

சாய்ஹின்கேநீங்கள்இரவுநேரராஜா.

பிறைகுடம்ஆஷுலாஜா॥

 

கிரகம்சரியானநேரத்தில்இருந்தால், அதுஇறந்துவிட்டது.

எப்போதும்அமைதியும்மகிழ்ச்சியும்

 

ஸ்ரீகேதுபாராட்டு

ஜெய்ஸ்ரீகேதுகடுமையானதுகாரி.

கர்ஹுசுஜன்மங்கல்கரி॥

 

கொடியரண்டாகவந்தராலா.

கோர்ரudத்ரதன்அக்மனாகலா

 

ஷிகிதாரிகாபிளானட்பால்வான்.

மகாபிரதாப்நாதேஜ்இருக்கும்இடம்

 

வாகனமீனம்மகாசுபகாரி.

அன்புள்ளஅமைதி, தயவுமற்றும்அமைதி

 

நவகிரகஅமைதிபழம்

தீராத்ராஜ்பிரயாக்சுபாசா.

பசாய்ராமின்அழகானஅடிமை

 

கக்ராகிராமின்புர்-திவாரி.

துர்வாசஸ்ரம்பொதுதுயரத்தைஇழந்தார்

 

மகிழ்ச்சிக்காகபுதியகிரகத்திற்குஅமைதியைஎழுதுங்கள்.

உடலைஒருவலியாகஅமைத்தல்

 

பாடம்எதுவாகஇருந்தாலும், சிட்லவாய்

எல்லாமகிழ்ச்சியும்இறுதிநிலை

 

॥தோஹ॥

ஆசீர்வதிக்கப்பட்டநவகிரகதேவ்பிரபு,

மகிமைஎல்லையற்றது.

 

சிட்நவ்மங்கல்மோடுகர்,

உலகதலைமுறைசுக்த்வார்॥

 

இந்தசாலிசாதிருவிழா,

விர்ச்சிதாசுந்தர்தாஸ்.

 

காதல்காதல்விளிம்பில்மகிழ்ச்சியைப்படியுங்கள்,

சர்வானந்த்ஹுலாஸ்

CHALISA IN TELUGU

॥దోహా॥

శ్రీగణపతిగురుపద్కమల్,

ప్రేమతోసిర్నా.

 

నవగ్రహచలిసానుపిలుస్తారు,

శరద్హాట్సహై

 

జైజైరవిశశిసోమవెడ్,

జైగురుభ్రిగుశనిరాజ్.

 

జయతిరాహుమరియుకేతుగ్రహాలు,

ఈరోజుకర్రుదయ॥

 

॥బౌండ్॥

మిస్టర్సూర్యకుప్రశంసలు

పృథ్వరవిపడవతలఎక్కడఉంది.

నేనుదయగా, అనాథగాఉండాలా||

 

హేఆదిత్యదివాకర్భాను.

ప్రధానమాటిమహామహాఅజ్ఞానం

 

ఇప్పుడునిజాజాన్కహాన్హర్హుకలేషా.

దినకర్దినేషా

 

నమోభాస్కర్సూర్యప్రభాకర్.

సంగ్రహించుమిత్రుడుక్షమించు॥

 

మిస్టర్చంద్రస్తుతి

శశిమయాంక్రజనీపతిస్వామి.

చంద్రకలానిధినమోనమామి

 

రాకపతిహిమాన్షురాకేశా.

ప్రణవత్జనతాన్హర్హుకలేషా

 

సోమ్ఇందువిధుశాంతసుధాకర్.

కోల్డ్రష్మిడిస్పెన్సర్

 

మీరుఒకఅందమైనఅందమైనమహిళమహేషా.

శరణ్శరణ్జాన్హర్హుకలేషా

 

మిస్టర్మంగల్ప్రశంసలు

జైజైజైమంగల్సుఖ్దతా.

లోహిత్గెహోమాడిక్ఫేమస్నెస్

 

అంగారక్కుజ్రుజ్రహహరి.

దయచూపిద్దాం, ఇదిమావిజ్ఞప్తి

 

ఓమహిసుత్చిటిసుట్సుఖరాషి.

లోహితాంగ్జైజాన్అఘ్నాషి

 

 

అగంఅమంగల్ఇప్పుడుఅందరూ.

స్థూలకోరికనెరవేరుతుంది

 

మిస్టర్మెర్క్యురీనిస్తుతించండి

జైశశినందన్బుద్మహారాజా.

కర్హుసకల్జాన్కహాన్శుబ్కాజా

 

దిజాబుద్ధిబాల్సుమతిసుజన.

కష్టాలుకల్యాణాన్నిబాధిస్తాయి

 

హేతారాసుత్రోహిణినందన్.

చంద్రసువన్దుఖ్వాద్వాండ్నికందన్

 

పూజాహుఆస్దాస్కహుస్వామి.

ప్రణత్పాల్ప్రభునామోనమామి

 

శ్రీబృహస్పతిప్రశంస

జయతిజయతిజైశ్రీగురుదేవ.

పన్నులుఎల్లప్పుడూమీకుదేవునికిసేవచేస్తాయి

 

దేవచార్య, మీరుజ్ఞానమాస్టర్.

ఇంద్రపురోహిత్విద్యాదాని

 

వచస్పతిబాగిష్ఉదారా.

మీపేరుబృహస్పతి

 

 

విద్యాసింధుఅంగిరానామా.

కర్హుస్థూలచట్టంపూర్తికామా

 

మిస్టర్వీనస్ప్రశంస

వీనస్దేవ్గ్రౌండ్ఫ్లోర్నుకాల్చేస్తాడు.

దాస్నిరంతరంధ్యానంచేసేవాడు.

 

ఓఉషనాభార్గవభ్రిగునందన్.

రాక్షసుడుపూజారి

 

భ్రిగుకుల్భూషణ్అవినీతినికోల్పోయాడు.

హారునేష్గ్రహంకర్హుసుఖారి

 

తుహిద్విజ్‌బార్జోషిసిర్తాజా.

మీరుమగశరీరానికిరాజు.

 

శ్రీశనిప్రశంసలు

జైశ్రీశనిదేవ్రవినందన్.

జైకృష్ణసౌరిజగవందన్॥

 

పింగల్మండ్రౌద్రాయమనామ.

విపిమొదలైనవిఅంగస్థలాలామా

 

వంగినదృష్టిపిప్పల్టాన్సాజా.

రాజుప్రతిక్షణం, క్షణంక్షణంచేస్తున్నాడు.

 

 

లాలత్స్వర్ణప్యాడ్కారత్నిహాల.

హారువిప్తిఛయాకేలాలా

 

శ్రీరాహుప్రశంసలు

జైజైరాహుగగన్ప్రవీసయ్య.

తుమ్హిచంద్రఆదిత్యగ్రుసియా

 

రవిశశిఅరిస్వర్భానుధారా.

శిఖి, మొదలైనవి, చాలాపేర్లు, మీదే.

 

సైహింకాయేమీరురాత్రిపూటరాజు.

నెలవంకజగ్అషులాజా॥

 

గ్రహంసమయానికిఉంటే, అదిచనిపోయింది.

ఎల్లప్పుడూశాంతిమరియుఆనందం

 

శ్రీకేతుప్రశంసలు

జైశ్రీకేతుకఠినమైనదుఖారీ.

కర్హుసుజన్మంగల్కరిహిట్॥

 

ఫ్లాగ్చేసినరండ్‌గావందారాలా.

ఘోర్రౌద్రాథన్అఘ్మణకాల॥

 

శిఖితారికాప్లానెట్బల్వాన్.

మహాప్రతాప్నాతేజ్ఆచూకీ

 

వాహనంమీనంమహాశుభకారి.

ప్రియమైనశాంతి, దయమరియుశాంతి

 

నవగ్రహశాంతిఫలం

తీరాత్రజ్ప్రయాగ్సుపాసా.

బసాయిరామ్యొక్కఅందమైనబానిస

 

కాక్రాగ్రామీణపూర్-తివారీ.

దుర్వాసశ్రమప్రజలకష్టాలనుకోల్పోయింది

 

ఆనందంకోసంకొత్తగ్రహానికిశాంతినిరాయండి.

శరీరాన్నినొప్పిగాఅమర్చుతుంది

 

పాఠంఏమైనప్పటికీ, చిట్లవాయి

అన్నిఆనందంఅంతిమస్థానం

 

॥దోహా॥

దీవించిననవగ్రహదేవ్ప్రభు,

కీర్తిఅపరిమితమైనఅపారమైనది.

 

చిట్నవ్మంగల్మోడుఘర్,

ప్రపంచతరంసుఖ్ద్వార్॥

 

ఈచలిసాపండుగ,

విర్చితాసుందర్‌దాస్.

 

ప్రేమప్రేమఅంచుఆనందంచదవండి,

సర్వానంద్హులాస్

CHALISA IN URDU

॥دوحہ۔॥

مسٹرگنپتیگروپڈکمال،

محبتکےساتھسرنا۔

 

نوگراچالیسہکہاجاتاہے،

شردگرمسہائی۔

 

جئےجئےراویششیپیربدھ،

جئےگروبھریگوشانیراج۔

 

جئےتیراہواورکیتوسیارے،

کیروفضلآج۔

 

॥پابند॥

مسٹرسوریہکیتعریف

پرتھواراویکشتیکاسرکہاںہے۔

کیامیںمہربان،یتیمہوناچاہئےیانہیں؟

 

ارےآدتیہدیوکاربھانو۔

مینمتیماہماہاگورم

 

ابنجاحجانکہانہڑھوکالاشا۔

دنکربطوردنیشا۔

 

نموبھاسکرسوریاپربھاکر۔

نکلودوستآگموگمعافی۔

 

مسٹرچندراسٹوٹی

ششیمیانکراجنپتیسوامی۔

چندرکالانیधिنمونامی۔

 

راکاپتیہمانشوراکیشہ۔

پرناوتجانٹنہارھوکالاشا۔

 

سوماندوودھوشانتھاسدھاکر۔

کولڈراشمیڈسپنسر

 

آپایکخوبصورتخوبصورتخاتونمہیشاہیں۔

شرنشرنجانہڑھوکالاشا۔

 

مسٹرمنگلکیتعریف

جئےجئےجئےمنگلسکھداٹا۔

لوہتگیہومادکمشہور

 

انگارکوزروجرہاہری۔

رحمکریں،یہہماریالتجاہے

 

اےماہیسوتچھاتسوتسکھرشی۔

لوہیتینگجئےجانآگناشی

 

اگامامنگلابسبہیں۔

مجموعیخواہشپوریہوجاتیہے

 

مسٹرمرکریکیتعریفکریں

جئےششینندنبودمہاراجہ۔

کارھوسکلجانکہاںشبھکجا۔

 

دیجوبدھیبالسمتیسوجانا۔

سختتکلیفسےکلیانہکوتکلیفہوتیہے۔

 

ارےترسوتروہنینندن۔

چندرسواندوخواہرواناورنیکنڈن

 

پوجوہآسداسکہوسوامی۔

پرانتپالپربھونامونامی۔

 

شریمشتریکیتعریف

جئےتیجئےتیجئےسریگرودیوا۔

ٹیکسہمیشہخداکیخدمتکرتےہیں

 

دیوچااریہ،آپعلمکےمالکہیں۔

اندراپروہتودیادانی

 

واچاسپتیباگیشاُڈارہ۔

آپکاناممشتریہے

 

ودیاسندھوانجیرہنامہ۔

کارھومجموعیقانونمکملکاما۔

 

مسٹروینسکیتعریف

وینسدیوزمینکےفرشکوجلادیتاتھا۔

داسمسلسلغوروفکرکیاکرتاتھا۔

 

اےاوشانابھارگوابھریگونندن۔

شیطانکاپجاری

 

بھگوکولبھوشنبدعنوانیسےہارگئے۔

ہارونیشسیارہکرہوسکہری

 

توہیدروزنجوشیسیرتجا۔

آپمردجسمکےبادشاہہیں۔

 

شریشانیکیتعریف

جئےشریشاندیویروینندن۔

جئےکرشنوسوریجگوانڈن॥

 

پنگلمنڈراؤڈرایمانامہ۔

Vpوغیرہانگسٹھالالااما۔

 

مڑےہوئےوژنپپلٹینساجا۔

بادشاہہرلمحہ،لمحہبہلمحہکررہاہے۔

 

لالتسوارناپدکرتنہالہ۔

ہارووپٹیچھیاکےلالہ۔

 

شریراھوتعریفکریں

جئےجئیراہوگگنپرویسیا۔

تمھیچندراآدتیہگریشیا

 

رویششیاریسواربھنودھڑا۔

شقیوغیرہبہتسارےنام،آپکے۔

 

سہنکائےآپراتکابادشاہ۔

کریسنٹجگاشولاجا॥

 

اگرسیارہوقتپرہے،وہمرگیاہے۔

ہمیشہامناورخوشی

 

شریکیتوکیتعریف

جئےشریکیتوسختدُکھاری۔

کارھوسوجنہٹمنگلکاری॥

 

وندارالہبطورپرچمرند۔

گھوررودرھناںاگمانہکالا۔

 

شخیتاریکاسیارہبلیوان۔

مہاپرتاپناتیج

 

گاڑیاںمیٹھامہاشوبکاری۔

پیارےامن،مہربانیاورسلامتی

 

نیاگراامنپھل

تیرتراجپریاگسوپاسا۔

بسائیرامکاخوبصورتغلام

 

ککڑاگرامینپوروتیواری۔

دروواشرمنےعوامیپریشانیکھودی

 

خوشیکےلئےنئےسیارےپرامنلکھیں۔

جسمکودردکیحیثیتسےطےکرنا

 

جوبھیسبقہے،چتلاوی

تمامخوشیہیآخریمقامہے

 

॥دوحہ۔॥مبارکہوناگرادیودیوپربھو،

عمابےحدبےحد۔

 

چٹنومنگلموڈوگھر،

عالمینسلسکھدوار॥

 

چالیسہکایہتہوار،

ورچیٹاسندرداس۔

 

محبتسےمحبتپڑھیںخوشیخوشی،

سروانندہلاس۔

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