BIBLE VERSES IN HINDI AND ENGLISH

BIBLE VERSES

THE BIBLE VERSES

 

छंद – 1

मैं प्रभु से एक चीज मांगता हूँ, मुझे बस इसी की तलाश है: कि मैं आजीवन प्रभु के भवन में रह सकूँ, टकटकी लगा कर उनकी सुन्दरता देखता रहूँ और उनके मंदिर में उनकी प्रार्थना करता रहूँ।

 

Verse – 1

 One thing I ask from the LORD, this only do I seek: that I may dwell in the house of the LORD all the days of my life, to gaze on the beauty of the LORD and to seek him in his temple.

 

छंद – 2

 क्योंकि मुझे उन योजनाओं का पता है जो मेरे पास तुम्हारे लिए है,” प्रभु कहते हैं,” तुम्हे नुक्सान ना पहुंचाने और समृद्ध बनाने की योजना, तुम्हे उम्मीद और एक भविष्य देने की योजना।

 

Verse – 2

 For I know the plans I have for you,” declares the LORD, “plans to prosper you and not to harm you, plans to give you hope and a future.

 

छंद – 3

 एक मित्र हेमशा प्रेम करता है, और एक भाई विपत्ति के समय  के लिए ही जन्म लेता है।

 

Verse – 3

 A Friend Loves At All Times, and a Brother is Born For a Time of Adversity.

 

छंद – 4

चखो और देखो कि ईश्वर अच्छा है; धन्य है वो जो उसकी शरण में जाता है।

 

Verse – 4

 Taste and see that the LORD is good; blessed is the one who takes refuge in him.

 

छंद – 5

इससे बड़ा कोई प्रेम नहीं: अपने दोस्तों के लिए अपनी जान दे देना।

 

Verse – 5

 Greater love has no one than this: to lay down one’s life for one’s friends.

 

छंद – 6

लेकिन वो जो प्रभु में भरोसा रखते हैं उनकी शक्ति वापस आ जाएगी। वे बाज की तरह पंखों पर उड़ेगे; वे दौड़ेंगे और थकेंगे नहीं, वे चलेंगे और बेहोश नहीं होंगे।

 

Verse – 6 

But those who hope in the LORD will renew their strength. They will soar on wings like eagles; they will run and not grow weary, they will walk and not be faint.

 

छंद – 7

और हम जानते हैं कि हर चीज में भगवान् उनके भले की लिए काम करता है जो उससे प्रेम करते हैं, जिन्हें उनके मकसद के लिए बुलाया गया होता है।

 

Verse – 7

 And we know that in all things God works for the good of those who love him, who have been called according to his purpose.

 

 छंद – 8

 इन बातों के जवाब में फिर हम क्या कहें? यदि भगवान् हमारे साथ है, तो कौन हमारे खिलाफ हो सकता है?

Verse – 8

 What, then, shall we say in response to these things? If God is for us, who can be against us?

 

छंद – 9

 आप जैसे-जैसे उसमे भरोसा करें, आशा का देवता आपको सारी खुशियों और शांति से भर दे, ताकि आपके भीतर पवित्र आत्मा की शक्ति के द्वारा उम्मीद का अतिप्रवाह हो सके।

 

Verse – 9

 May the God of hope fill you with all joy and peace as you trust in him, so that you may overflow with hope by the power of the Holy Spirit.

 

छंद – 10

 क्योंकि मैं आश्वस्त हूं कि न मृत्यु, न जीवन, न स्वर्गदूत और न ही राक्षस, न वर्तमान, न भविष्य, न ही किसी प्रकार की शक्ति, न तो ऊंचाई और न ही गहराई, और न ही सारी सृष्टि में कुछ और, भगवान् प्रभु ईसा मसीह के प्रति हमारे प्रेम को अलग करने में सक्षम हो पायेगा।

 

Verse – 10

 For I am convinced that neither death nor life, neither angels nor demons, neither the present nor the future, nor any powers, neither height nor depth, nor anything else in all creation, will be able to separate us from the love of God that is in Christ Jesus our Lord.

 

छंद :- 11

परमेश्वर के महान प्रेम के कारण हम नष्ट नहीं होते, क्योंकि उसकी करुणा कभी ख़त्म नहीं होती। हर रोज नयी सुबह होती है; तुम्हारी भक्ति महान है।

 

Verse :- 11

 Because of the LORD’s great love we are not consumed, for his compassions never fail. They are new every morning; great is your faithfulness.

 

 छंद :- 12

इसलिए हम उदास नहीं होते। हालांकि बाहर से हम बर्बाद हो रहे हैं, फिर भी अन्दर से हम प्रतिदिन नवीन हो रहे हैं। इसलिए हम अपनी नज़रें उस पर नहीं रखते जो दिखा रहा है, बल्कि उस पर रखते हैं जो अनदेखा है, चूँकि जो दिखता है वो अस्थायी है, लेकिन जो अनदेखा है वो शाश्वत है।

 

Verse :- 12

 Therefore we do not lose heart. Though outwardly we are wasting away, yet inwardly we are being renewed day by day. So we fix our eyes not on what is seen, but on what is unseen, since what is seen is temporary, but what is unseen is eternal.

 

 

छंद : – 13

 चौकन्ने रहो; अपने विश्वास पर अडिग रहो; साहसी बनो; मजबूत बनो।

 

Verse :- 13

 Be on your guard; stand firm in the faith; be courageous; be strong.

 

छंद – 14

परन्तु मेरे लिए जो कुछ भी लाभ था अब मैं उसे मसीह के लिए हानि मानता हूँ।

 

Verse – 14

 But whatever were gains to me I now consider loss for the sake of Christ.

 

छंद – 15

ताकि क्राइस्ट विश्वास के द्वारा तुम्हारे ह्रदय में बस सके। और मैं प्रार्थना करता हूँ कि तुम प्रेम में आधारित और स्थापित हो सको,

परमेश्वर के पवित्र लोगों के साथ आपके पास समझने की शक्ति हो कि क्राइस्ट का प्रेम कितना व्यापक और दीर्घ और उच्च और प्रगाढ़ है, और इस प्रेम को जानो जो ज्ञान से परे है- कि तुम ईश्वर की परिपूर्णता के परिमाण जितना पूर्ण हो सकते हो।

 

Verse – 15 

So that Christ may dwell in your hearts through faith. And I pray that you, being rooted and established in love, may have power, together with all the Lord’s holy people, to grasp how wide and long and high and deep is the love of Christ, and to know this love that surpasses knowledge—that you may be filled to the measure of all the fullness of God.

 

छंद – 16

 और उससे जो मांगो वो पाओ, क्योंकि हम उसके आदेश का पालन करते हैं और वो करते हैं जो उसे खुश करता है।

 

Verse – 16 

 And receive from him anything we ask, because we keep his commands and do what pleases him.

 

छंद – 17

प्रिय मित्रों, अब हम परमेश्वर की संताने हैं, और हम जो होंगे वो अभी ज्ञात नहीं हो सका है! लेकिन हम जानते हैं कि जब मसीह प्रकट होंगे, हम उनकी तरह होंगे, क्योंकि हम उन्हें उस तरह देख पायेंगे जैसे वो हैं.

 

Verse – 17

 Dear friends, now we are children of God, and what we will be has not yet been made known. But we know that when Christ appears, we shall be like him, for we shall see him as he is.

 

छंद – 18

चलिए एक सच्चे दिल और पूर्ण विश्वास जो आस्था से पैदा होता है के साथ हम भगवान् के समीप जाएं, हमारी दोषी अंतरात्मा को शुद्ध करने के लिए हमारे दिलों पर छिडकाव किया गया हो और हमारे शरीर शुद्ध जल से धोये गए हों।

 

Verse – 18

let us draw near to God with a sincere heart and with the full assurance that faith brings, having our hearts sprinkled to cleanse us from a guilty conscience and having our bodies washed with pure water.

 

छंद – 19

प्रिय मित्रों, मैं आपसे आग्रह करता हूँ, विदेशियों व निर्वासितों की तरह, पापी इच्छाओं से बचें, जो हमारी आत्मा के खिलाफ लड़ाई छेड़ देती हैं।

Verse – 19

 Dear friends, I urge you, as foreigners and exiles, to abstain from sinful desires, which wage war against your soul.

 

छंद – 20

 मेरे भाइयों और बहनों, जब भी तुम तमाम तरह के इम्तहान से गुजरो, इसे पवित्र आनंद मानो क्योंकि तुम जानते हो कि आस्था की परीक्षा दृढ़ता पैदा करती है। दृढ़ता को अपना काम पूरा करने दो ताकि तुम परिपक्व व पूर्ण हो सको, तुम्हारे अन्दर किसी चीज की कमी ना रहे।

 

Verse – 20

Consider it pure joy, my brothers and 

sisters, whenever you face trials of many kinds, because you know that the testing of your faith produces perseverance. Let perseverance finish its work so that you may be mature and complete, not lacking anything.

 

छंद – 21

क्योंकि सुसमाचार में परमेश्वर की सच्चाई उजागर होती है- एक ऐसी सच्चाई जो शुरू से अंत तक आस्था के माध्यम से है, जैसे कि लिखा है: “धार्मिक व्यक्ति आस्था से जियेगा।”

 

Verse – 21

 For in the gospel the righteousness of God is revealed—a righteousness that is by faith from first to last, just as it is written: “The righteous will live by faith.”

 

छंद – 22

 मज़बूत और साहसी बनें। उनकी वजह से डरें या भयभीत न हों, क्योंकि परमेश्वर तुम्हारा भगवान् तुम्हारे साथ जाता है; वह तुम्हें न कभी छोड़ेगा, न कभी त्यागेगा।

Verse – 22

 Be strong and courageous. Do not be afraid or terrified because of them, for the LORD your God goes with you; he will never leave you nor forsake you.

 

छंद – 23

 ईश्वर मेरा चरवाहा है, मेरे पास किसी चीज की कमी नहीं है।

 

Verse – 23

 The LORD is my shepherd, I lack nothing.

 

छंद – 24

 मजबूत और साहसी बनो। सावधानी से मेरे सेवक मूसा के द्वारा तुम्हे बताये गए सभी नियमों का पालन करो; तुम उससे दाएं या बाएँ मत घुमो, तब तुम जहाँ जाओगे वहां सफल हो पाओगे।

 

Verse – 24

 Be strong and very courageous. Be careful to obey all the law my servant Moses gave you; do not turn from it to the right or to the left, that you may be successful wherever you go.

 

छंद – 25

 इसलिए, मेरे भाइयों और बहनों, मजबूती से खड़े हो जाओ। कुछ भी तुम्हे हिला न पाए। हेमशा खुद को पूरी तरह से परमेश्वर के काम में लगा दो, क्योंकि तुम्हे पता है कि ईश्वर के लिए किया गया तुम्हारा परिश्रम व्यर्थ नहीं है।

 

Verse – 25

 Therefore, my dear brothers and sisters, stand firm. Let nothing move you. Always give yourselves fully to the work of the Lord, because you know that your labor in the Lord is not in vain.

 

 

THE BIBLE VERSES

 

 

 

छंद – 26

इसलिए, चूँकि हम गवाहों के इतने बड़े बादल से घिरे हैं, चलिए हम वो हर एक चीज जो बाधा डालती हो और उस पाप को जो हमें इतनी आसानी से उलझा देता है; को फेंक दें ।और हम उस दौड़ को पूरी दृढ़ता के साथ दौडें जो हमारे लिए निर्धारित की गयी है,

 

Verse – 26

 Therefore, since we are surrounded by such a great cloud of witnesses, let us throw off everything that hinders and the sin that so easily entangles. And let us run with perseverance the race marked out for us,

 

छंद – 27

आदि में परमेश्वर ने आकाश और पृथ्वी की सृष्टि की।

 

Verse – 27

In the beginning God created the heavens and the earth

 

छंद – 28

आदि में वचन था, और वचन परमेश्वर के साथ था, और वचन परमेश्वर था।

 

Verse – 28

In the beginning was the Word, and the Word was with God, and the Word was God.

 

छंद – 29

और वचन देहधारी हुआ; और अनुग्रह और सच्चाई से परिपूर्ण होकर हमारे बीच में डेरा किया, और हम ने उस की ऐसी महिमा देखी, जैसी पिता के एकलौते की महिमा।

 

Verse – 29

And the Word was made flesh, and dwelt among us, (and we beheld his glory, the glory as of the only begotten of the Father,) full of grace and truth.

 

छंद – 30

क्योंकि परमेश्वर ने जगत से ऐसा प्रेम रखा कि उस ने अपना एकलौता पुत्र दे दिया, ताकि जो कोई उस पर विश्वास करे, वह नाश न हो, परन्तु अनन्त जीवन पाए।

 

Verse – 30

For God so loved the world, that he gave his only begotten Son, that whosoever believeth in him should not perish, but have everlasting life.

 

छंद – 31

इसलिये कि सब ने पाप किया है और परमेश्वर की महिमा से रहित हैं।

 

Verse – 31

For all have sinned, and come short of the glory of God;

 

छंद – 32

क्योंकि पाप की मजदूरी तो मृत्यु है, परन्तु परमेश्वर का वरदान हमारे प्रभु मसीह यीशु में अनन्त जीवन है॥

 

Verse – 32

For the wages of sin is death; but the gift of God is eternal life through Jesus Christ our Lord.

 

छंद – 33

परन्तु परमेश्वर हम पर अपने प्रेम की भलाई इस रीति से प्रगट करता है, कि जब हम पापी ही थे तभी मसीह हमारे लिये मरा।

 

Verse – 33

But God commendeth his love toward us, in that, while we were yet sinners, Christ died for us.

 

छंद – 34

कि यदि तू अपने मुंह से यीशु को प्रभु जानकर अंगीकार करे और अपने मन से विश्वास करे, कि परमेश्वर ने उसे मरे हुओं में से जिलाया, तो तू निश्चय उद्धार पाएगा।

 

Verse – 34

That if thou shalt confess with thy mouth the Lord Jesus, and shalt believe in thine heart that God hath raised him from the dead, thou shalt be saved.

 

छंद – 35

क्योंकि धामिर्कता के लिये मन से विश्वास किया जाता है, और उद्धार के लिये मुंह से अंगीकार किया जाता है।

 

Verse – 35

For with the heart man believeth unto righteousness; and with the mouth confession is made unto salvation.

 

 छंद -36

हर एक पवित्रशास्त्र परमेश्वर की प्रेरणा से रचा गया है और उपदेश, और समझाने, और सुधारने, और धर्म की शिक्षा के लिये लाभदायक है।

 

Verse – 36

All scripture is given by inspiration of God, and is profitable for doctrine, for reproof, for correction, for instruction in righteousness:

 

छंद – 37

व्यवस्था की यह पुस्तक तेरे चित्त से कभी न उतरने पाए, इसी में दिन रात ध्यान दिए रहना, इसलिये कि जो कुछ उस में लिखा है उसके अनुसार करने की तू चौकसी करे; क्योंकि ऐसा ही करने से तेरे सब काम सफल होंगे, और तू प्रभावशाली होगा।

 

Verse – 37

This book of the law shall not depart out of thy mouth; but thou shalt meditate therein day and night, that thou mayest observe to do according to all that is written therein: for then thou shalt make thy way prosperous, and then thou shalt have good success.

 

छंद – 38

मैं ने तेरे वचन को अपने हृदय में रख छोड़ा है, कि तेरे विरुद्ध पाप न करूं।

 

Verse – 38

Thy word have I hid in mine heart, that I might not sin against thee.

 

छंद – 39

और ये आज्ञाएं जो मैं आज तुझ को सुनाता हूं वे तेरे मन में बनी रहें;

 

Verse – 39

And these words, which I command thee this day, shall be in thine heart:

 

छंद – 40

और तू इन्हें अपने बाल-बच्चों को समझाकर सिखाया करना, और घर में बैठे, मार्ग पर चलते, लेटते, उठते, इनकी चर्चा किया करना।

 

Verse – 40

And thou shalt teach them diligently unto thy children, and shalt talk of them when thou sittest in thine house, and when thou walkest by the way, and when thou liest down, and when thou risest up.

 

छंद – 41

क्योंकि परमेश्वर का वचन जीवित, और प्रबल, और हर एक दोधारी तलवार से भी बहुत चोखा है, और जीव, और आत्मा को, और गांठ गांठ, और गूदे गूदे को अलग करके, वार पार छेदता है; और मन की भावनाओं और विचारों को जांचता है।

 

Verse – 41

For the word of God is quick, and powerful, and sharper than any twoedged sword, piercing even to the dividing asunder of soul and spirit, and of the joints and marrow, and is a discerner of the thoughts and intents of the heart.

छंद – 42

इसलिये आओ, हम अनुग्रह के सिंहासन के निकट हियाव बान्धकर चलें, कि हम पर दया हो, और वह अनुग्रह पाएं, जो आवश्यकता के समय हमारी सहायता करे।

 

Verse – 42

Let us therefore come boldly unto the throne of grace, that we may obtain mercy, and find grace to help in time of need.

 

छंद – 43

और हमें उसके साम्हने जो हियाव होता है, वह यह है; कि यदि हम उस की इच्छा के अनुसार कुछ मांगते हैं, तो हमारी सुनता है।

 

Verse – 43

And this is the confidence that we have in him, that, if we ask any thing according to his will, he heareth us:

 

छंद – 44

और जब हम जानते हैं, कि जो कुछ हम मांगते हैं वह हमारी सुनता है, तो यह भी जानते हैं, कि जो कुछ हम ने उस से मांगा, वह पाया है।

 

Verse – 44

And if we know that he hear us, whatsoever we ask, we know that we have the petitions that we desired of him.

 

छंद – 45

और वह गवाही यह है, कि परमेश्वर ने हमें अनन्त जीवन दिया है: और यह जीवन उसके पुत्र में है।

 

Verse – 45

And this is the record, that God hath given to us eternal life, and this life is in his Son.

 

छंद – 46

जिस के पास पुत्र है, उसके पास जीवन है; और जिस के पास परमेश्वर का पुत्र नहीं, उसके पास जीवन भी नहीं है॥

 

Verse – 46

He that hath the Son hath life; and he that hath not the Son of God hath not life.

 

छंद – 47

तुम्हारा मन व्याकुल न हो, तुम परमेश्वर पर विश्वास रखते हो मुझ पर भी विश्वास रखो।

 

Verse – 47

Let not your heart be troubled: ye believe in God, believe also in me.

 

छंद – 48

मेरे पिता के घर में बहुत से रहने के स्थान हैं, यदि न होते, तो मैं तुम से कह देता क्योंकि मैं तुम्हारे लिये जगह तैयार करने जाता हूं।

 

Verse – 48

In my Father’s house are many mansions: if it were not so, I would have told you. I go to prepare a place for you

 

छंद – 49

और यदि मैं जाकर तुम्हारे लिये जगह तैयार करूं, तो फिर आकर तुम्हें अपने यहां ले जाऊंगा, कि जहां मैं रहूं वहां तुम भी रहो।

 

Verse – 49

And if I go and prepare a place for you, I will come again, and receive you unto myself; that where I am, there ye may be also.

 

छंद – 50

यीशु ने उस से कहा, मार्ग और सच्चाई और जीवन मैं ही हूं; बिना मेरे द्वारा कोई पिता के पास नहीं पहुंच सकता।

 

Verse – 50

Jesus saith unto him, I am the way, the truth, and the life: no man cometh unto the Father, but by me.

 

 

THE BIBLE VERSES

 

 

 

छंद – 51

यदि तुम ने मुझे जाना होता, तो मेरे पिता को भी जानते, और अब उसे जानते हो, और उसे देखा भी है।

 

Verse – 51

If ye had known me, ye should have known my Father also: and from henceforth ye know him, and have seen him.

 

छंद – 52

जिसका मन तुझ में धीरज धरे हुए हैं, उसकी तू पूर्ण शान्ति के साथ रक्षा करता है, क्योंकि वह तुझ पर भरोसा रखता है।

 

Verse – 52

Thou wilt keep him in perfect peace, whose mind is stayed on thee: because he trusteth in thee.

 

छंद – 53

परन्तु वह हमारे ही अपराधो के कारण घायल किया गया, वह हमारे अधर्म के कामों के हेतु कुचला गया; हमारी ही शान्ति के लिये उस पर ताड़ना पड़ी कि उसके कोड़े खाने से हम चंगे हो जाएं।

 

Verse – 53

But he was wounded for our transgressions, he was bruised for our iniquities: the chastisement of our peace was upon him; and with his stripes we are healed.

 

छंद – 54

हम तो सब के सब भेड़ों की नाईं भटक गए थे; हम में से हर एक ने अपना अपना मार्ग लिया; और यहोवा ने हम सभों के अधर्म का बोझ उसी पर लाद दिया॥

 

Verse – 54

All we like sheep have gone astray; we have turned every one to his own way; and the LORD hath laid on him the iniquity of us all.

 

छंद – 55

हमारे प्रभु यीशु मसीह के परमेश्वर और पिता का धन्यवाद दो, जिस ने यीशु मसीह के हुओं में से जी उठने के द्वारा, अपनी बड़ी दया से हमें जीवित आशा के लिये नया जन्म दिया।

 

Verse – 55

Blessed be the God and Father of our Lord Jesus Christ, which according to his abundant mercy hath begotten us again unto a lively hope by the resurrection of Jesus Christ from the dead,

 

छंद –  56

उसके फाटकों से धन्यवाद, और उसके आंगनों में स्तुति करते हुए प्रवेश करो, उसका धन्यवाद करो, और उसके नाम को धन्य कहो!

 

Verse – 56

Enter into his gates with thanksgiving, and into his courts with praise: be thankful unto him, and bless his name.

 

छंद –  57

क्योंकि यहोवा भला है, उसकी करूणा सदा के लिये, और उसकी सच्चाई पीढ़ी से पीढ़ी तक बनी रहती है॥

 

Verse – 57

For the LORD is good; his mercy is everlasting; and his truth endureth to all generations.

 

छंद – 58

कि हे हमारे प्रभु, और परमेश्वर, तू ही महिमा, और आदर, और सामर्थ के योग्य है; क्योंकि तू ही ने सब वस्तुएं सृजीं और वे तेरी ही इच्छा से थीं, और सृजी गईं॥

 

Verse – 58

Thou art worthy, O Lord, to receive glory and honour and power: for thou hast created all things, and for thy pleasure they are and were created.

 

छंद – 59

इसलिये पहिले तुम उसे राज्य और धर्म की खोज करो तो ये सब वस्तुएं भी तुम्हें मिल जाएंगी।

 

Verse – 59

But seek ye first the kingdom of God, and his righteousness; and all these things shall be added unto you.

 

छंद – 60

और हम जानते हैं, कि जो लोग परमेश्वर से प्रेम रखते हैं, उन के लिये सब बातें मिलकर भलाई ही को उत्पन्न करती है; अर्थात उन्हीं के लिये जो उस की इच्छा के अनुसार बुलाए हुए हैं।

 

Verse – 60

And we know that all things work together for good to them that love God, to them who are the called according to his purpose.

छंद – 61

क्योंकि यहोवा की यह वाणी है, कि जो कल्पनाएं मैं तुम्हारे विषय करता हूँ उन्हें मैं जानता हूँ, वे हानी की नहीं, वरन कुशल ही की हैं, और अन्त में तुम्हारी आशा पूरी करूंगा।

 

Verse – 61

For I know the thoughts that I think toward you, saith the LORD, thoughts of peace, and not of evil, to give you an expected end.

 

छंद – 62

पर यदि जैसा वह ज्योति में है, वैसे ही हम भी ज्योति में चलें, तो एक दूसरे से सहभागिता रखते हैं; और उसके पुत्र यीशु का लोहू हमें सब पापों से शुद्ध करता है।

 

Verse – 62

But if we walk in the light, as he is in the light, we have fellowship one with another, and the blood of Jesus Christ his Son cleanseth us from all sin.

 

छंद – 63

यदि हम अपने पापों को मान लें, तो वह हमारे पापों को क्षमा करने, और हमें सब अधर्म से शुद्ध करने में विश्वासयोग्य और धर्मी है।

 

Verse – 63

If we confess our sins, he is faithful and just to forgive us our sins, and to cleanse us from all unrighteousness.

 

छंद – 64

तू अपनी समझ का सहारा न लेना, वरन सम्पूर्ण मन से यहोवा पर भरोसा रखना।

 

Verse – 64

Trust in the LORD with all thine heart; and lean not unto thine own understanding.

 

छंद – 65

उसी को स्मरण करके सब काम करना, तब वह तेरे लिये सीधा मार्ग निकालेगा।

 

Verse – 65

In all thy ways acknowledge him, and he shall direct thy paths.

 

छंद – 66

तुम किसी ऐसी परीक्षा में नहीं पड़े, जो मनुष्य के सहने से बाहर है: और परमेश्वर सच्चा है: वह तुम्हें सामर्थ से बाहर परीक्षा में न पड़ने देगा, वरन परीक्षा के साथ निकास भी करेगा; कि तुम सह सको॥

 

Verse – 66

There hath no temptation taken you but such as is common to man: but God is faithful, who will not suffer you to be tempted above that ye are able; but will with the temptation also make a way to escape, that ye may be able to bear it.

 

छंद – 67

अपना बोझ यहोवा पर डाल दे वह तुझे सम्भालेगा; वह धर्मी को कभी टलने न देगा॥

 

Verse – 67

Cast thy burden upon the LORD, and he shall sustain thee: he shall never suffer the righteous to be moved.

 

छंद – 68

और अपनी सारी चिन्ता उसी पर डाल दो, क्योंकि उस को तुम्हारा ध्यान है।

 

Verse – 68

Casting all your care upon him; for he careth for you.

 

छंद – 69

तब यदि मेरी प्रजा के लोग जो मेरे कहलाते हैं, दीन हो कर प्रार्थना करें और मेरे दर्शन के खोजी हो कर अपनी बुरी चाल से फिरें, तो मैं स्वर्ग में से सुन कर उनका पाप क्षमा करूंगा और उनके देश को ज्यों का त्यों कर दूंगा।

 

Verse – 69

If my people, which are called by my name, shall humble themselves, and pray, and seek my face, and turn from their wicked ways; then will I hear from heaven, and will forgive their sin, and will heal their land.

छंद – 70

इसलिये हे भाइयों, मैं तुम से परमेश्वर की दया स्मरण दिला कर बिनती करता हूं, कि अपने शरीरों को जीवित, और पवित्र, और परमेश्वर को भावता हुआ बलिदान करके चढ़ाओ: यही तुम्हारी आत्मिक सेवा है।

 

Verse – 70

I beseech you therefore, brethren, by the mercies of God, that ye present your bodies a living sacrifice, holy, acceptable unto God, which is your reasonable service.

 

छंद – 71

और इस संसार के सदृश न बनो; परन्तु तुम्हारी बुद्धि के नये हो जाने से तुम्हारा चाल-चलन भी बदलता जाए, जिस से तुम परमेश्वर की भली, और भावती, और सिद्ध इच्छा अनुभव से मालूम करते रहो॥

 

Verse – 71

And be not conformed to this world: but be ye transformed by the renewing of your mind, that ye may prove what is that good, and acceptable, and perfect, will of God.

 

छंद – 72

प्रयत्न करने में आलसी न हो; आत्मिक उन्माद में भरो रहो; प्रभु की सेवा करते रहो।

 

Verse – 72

Not slothful in business; fervent in spirit; serving the Lord;

 

छंद – 73

आशा मे आनन्दित रहो; क्लेश मे स्थिर रहो; प्रार्थना मे नित्य लगे रहो।

 

Verse – 73

Rejoicing in hope; patient in tribulation; continuing instant in prayer;

 

छंद – 74

जहां तक हो सके, तुम अपने भरसक सब मनुष्यों के साथ मेल मिलाप रखो।

 

Verse – 74

If it be possible, as much as lieth in you, live peaceably with all men.

 

छंद – 75

परन्तु बात तो यह है, कि जो थोड़ा बोता है वह थोड़ा काटेगा भी; और जो बहुत बोता है, वह बहुत काटेगा।

 

Verse – 75

Every man according as he purposeth in his heart, so let him give; not grudgingly, or of necessity: for God loveth a cheerful giver.

 

 

THE BIBLE VERSES

 

 

 

छंद – 76

और एक दूसरे के साथ इकट्ठा होना ने छोड़ें, जैसे कि कितनों की रीति है, पर एक दूसरे को समझाते रहें; और ज्यों ज्यों उस दिन को निकट आते देखो, त्यों त्यों और भी अधिक यह किया करो॥

 

Verse – 76

Not forsaking the assembling of ourselves together, as the manner of some is; but exhorting one another: and so much the more, as ye see the day approaching.

 

छंद – 77

यहोवा का भय मानना बुद्धि का मूल है; बुद्धि और शिक्षा को मूढ़ ही लोग तुच्छ जानते हैं॥

 

Verse – 77

The fear of the LORD is the beginning of knowledge: but fools despise wisdom and instruction.

 

छंद – 78

कोमल उत्तर सुनने से जलजलाहट ठण्डी होती है, परन्तु कटुवचन से क्रोध धधक उठता है।

 

Verse – 78

A soft answer turneth away wrath: but grievous words stir up anger.

 

छंद – 79

और दाखरस से मतवाले न बनो, क्योंकि इस से लुचपन होता है, पर आत्मा से परिपूर्ण होते जाओ।

 

Verse – 79

And be not drunk with wine, wherein is excess; but be filled with the Spirit.

 

छंद – 80

और आपस में भजन और स्तुतिगान और आत्मिक गीत गाया करो, और अपने अपने मन में प्रभु के साम्हने गाते और कीर्तन करते रहो।

 

Verse – 80

Speaking to yourselves in psalms and hymns and spiritual songs, singing and making melody in your heart to the Lord.

 

छंद – 81

और सदा सब बातों के लिये हमारे प्रभु यीशु मसीह के नाम से परमेश्वर पिता का धन्यवाद करते रहो।

 

Verse – 81

Giving thanks always for all things unto God and the Father in the name of our Lord Jesus Christ;

 

छंद – 82

और मसीह के भय से एक दूसरे के आधीन रहो॥

 

Verse – 82

Submitting yourselves one to another in the fear of God.

 

छंद – 83

हे पत्नियों, अपने अपने पति के ऐसे आधीन रहो, जैसे प्रभु के।

 

Verse – 83

Wives, submit yourselves unto your own husbands, as unto the Lord.

 

छंद – 84

क्योंकि पति पत्नी का सिर है जैसे कि मसीह कलीसिया का सिर है; और आप ही देह का उद्धारकर्ता है।

 

Verse – 84

For the husband is the head of the wife, even as Christ is the head of the church: and he is the saviour of the body.

 

छंद – 85

सो परमेश्वर तुझे आकाश से ओस, और भूमि की उत्तम से उत्तम उपज, और बहुत सा अनाज और नया दाखमधु दे ।

 

Verse – 85

 May God give you the dew from the sky, and the best yield of the land, and a lot of grain and new wine.

छंद – 86

वह तो तुझे बहेलिये के जाल से, और महामारी से बचाएगा |

 

Verse – 86

 He will save you from the trap of the fowler, and from the pestilence.

 

छंद – 87

देखो, मैं एक नई बात करता हूं; वह अभी प्रगट होगी, क्या तुम उस से अनजान रहोगे? मैं जंगल में एक मार्ग बनाऊंगा और निर्जल देश में नदियां बहाऊंगा।

 

Verse – 87

 Look, I make a new point;  She will be revealed now, will you be ignorant of her?  I will make a passage in the wilderness and drain rivers in the waterless country.

छंद – 88

मैं प्रभु से एक चीज मांगता हूँ, मुझे बस इसी की तलाश है: कि मैं आजीवन प्रभु के भवन में रह सकूँ, टकटकी लगा कर उनकी सुन्दरता देखता रहूँ और उनके मंदिर में उनकी प्रार्थना करता रहूँ।

 

Verse – 88

One thing I ask from the LORD, this only do I seek: that I may dwell in the house of the LORD all the days of my life, to gaze on the beauty of the LORD and to seek him in his temple.

 

छंद – 89

चखो और देखो कि ईश्वर अच्छा है; धन्य है वो जो उसकी शरण में जाता है।

 

Verse – 89

Taste and see that the LORD is good; blessed is the one who takes refuge in him.

 

छंद – 90

एक मित्र हेमशा प्रेम करता है, और एक भाई विपत्ति के समय के लिए जन्म लेता है।

 

Verse – 90

A friend loves at all times, and a brother is born for a time of adversity.

 

छंद –  91

लेकिन वो जो प्रभु में भरोसा रखते हैं उनकी शक्ति वापस आ जाएगी। वे बाज की तरह पंखों पर उड़ेगे; वे दौड़ेंगे और थकेंगे नहीं, वे चलेंगे और बेहोश नहीं होंगे।

 

Verse – 91

But those who hope in the LORD will renew their strength. They will soar on wings like eagles; they will run and not grow weary, they will walk and not be faint.

 

छंद – 92

इससे बड़ा कोई प्रेम नहीं: अपने दोस्तों के लिए अपनी जान दे देना।

 

Verse – 92

Greater love has no one than this: to lay down one’s life for one’s friends.

 

छंद – 93

और हम जानते हैं कि हर चीज में भगवान् उनके भले की लिए काम करता है जो उससे प्रेम करते हैं, जिन्हें उनके मकसद के लिए बुलाया गया होता है।

 

Verse – 93

And we know that in all things God works for the good of those who love him, who have been called according to his purpose.

 

छंद –  94

इन बातों के जवाब में फिर हम क्या कहें? यदि भगवान् हमारे साथ है, तो कौन हमारे खिलाफ हो सकता है?

 

Verse – 94

What, then, shall we say in response to these things? If God is for us, who can be against us?

 

छंद – 95

आप जैसे-जैसे उसमे भरोसा करें, आशा का देवता आपको सारी खुशियों और शांति से भर दे, ताकि आपके भीतर पवित्र आत्मा की शक्ति के द्वारा उम्मीद का अतिप्रवाह हो सके।

 

Verse – 95

May the God of hope fill you with all joy and peace as you trust in him, so that you may overflow with hope by the power of the Holy Spirit.

 

छंद – 96

देख, मैं ने तेरा चित्र हथेलियों पर खोदकर बनाया है; तेरी शहरपनाह सदैव मेरी दृष्टि के साम्हने बनी रहती है।

 

Verse – 96

 See, I have drawn your picture on the palms;  Your walls are always in front of my eyes.

 

छंद – 97

उसने याकूब में अनर्थ नहीं पाया; और न इस्त्राएल में अन्याय देखा है। उसका परमेश्वर यहोवा उसके संग है, और उन में राजा की सी ललकार होती है।

 

Verse – 97

 He did not find evil in Jacob;  Neither has I seen injustice in Israel.  The Lord his God is with him, and in them is a shout of a king.

छंद – 98

और तुम अपने परमेश्वर यहोवा की उपासना करना, तब वह तेरे अन्न जल पर आशीष देगा, और तेरे बीच में से रोग दूर करेगा।

 

Verse – 98

 And you worship the Lord your God, then he will bless your grain water, and take away the disease from among you.

छंद – 99

वही तो तेरी लालसा को उत्तम पदार्थों से तृप्त करता है, जिस से तेरी जवानी उकाब की नाईं नई हो जाती है॥

 

Verse – 99

 He only satisfies your craving with good things, so that your youth becomes new like an eagle.

छंद – 100

धर्मी लोग खजूर की नाईं फूले फलेंगे, और लबानोन के देवदार की नाईं बढ़ते रहेंगे।

 

Verse – 100

 The righteous will blossom like palm trees, and will grow like the cedars of Lebanon.

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