VINDHYESHWARI MATA CHALISA IN ALL LANGUAGES

CHALISA IN ASSAMESE

॥ দোহা ॥

নমো নমো বিধ্যাশ্বৰী,

নমো নমো জগদাব।

 

সাধুসকলৰ কবজত,

মায়ে পলম নকৰে।

 

॥ চৌপাই ॥

জয় জয় বিধ্যাচল ৰাণী।

আদি শক্তি জগ ভৱানী জনাজাত|

 

সিংভাহনি জয় জগ মাতা।

জয় জয় জয় ত্ৰিভুৱন সুখডাটা ॥

 

সংকট নিৱাৰিনী জয় জগ দেৱী।

জয় জয় জয় অসুৰসুৰ সেভি ॥

 

মহিমা, আপোনাৰ বাবে অপৰিসীম।

বাকী চাহমুখটো হৈছে চৰিত্ৰ।

 

দিনান, হৰত ভৱানীৰ দুখ।

চাওঁক, আপুনি আনকি এজন দাতা।

 

সকলো কৰ হৈছে মনসা পুৰৱত মাতা।

গৌৰৱ, অমিত জগত বিখ্যাত।

 

যিসকলে আপোনাৰ যত্ন কৰে।

ইমান সোনকালে আকাংক্ষিত ফলহৈছে পাৱাই।

 

তুমি বৈষ্ণৱী, তুমি ৰুদ্ৰানী।

তুমি শৰধা অৰু ব্ৰহ্মানী।

 

ৰাম ৰাধিকা শমা কালী।

তুমি সূৰ্যৰ মাতৃ হ’ব।

 

উমা মাধৱী চান্দী শিখা।

বেগাই মহিৰ ওপৰত হোহু দয়ালা।

 

আপুনি হিংলজ কুইন।

আপুনি ছেতলা অৰু বিজ্ঞানী।

 

দুৰ্গা দুৰ্গ, মাতৃ।

আপুনি একমাত্ৰ লাকছমবার্গী জগ সুখডাটা।

 

আপুনি জাহ্নৱী অৰু।

হেমাৱতি অমবে নিৰ্ৱানী ॥

 

অষ্টভৱী ৱাৰ্হনি দেৱী।

কৰত বিষ্ণু শিৱ চেভি ॥লৈ যায়।

 

ছানাথি দেৱী কল্যাণী।

গৌৰী মঙ্গলা সকলো গুণ।

 

পাটন মুম্বা দন্ত কুমাৰী।

ভাদকলি শুনিবি বিনয় আমাৰ|

 

বজ্ৰধাৰিনি শোক।

বয়স ৰক্সিনি বিন্ধ্যাভাসীনি ॥

 

জয়া আৰু বিজয়া বেইতালি।

মাতো সুগন্ধা অৰু বিক্ৰী ॥

 

আপোনাৰ ভৱানীঅনন্ত নাম দিয়ক।

বাৰণ কিমী মাংশ অজ্ঞ|

 

অনুগ্ৰহ কৰি যাওঁতে থাকিব।

গতিকে তেওঁ মনৰ মানুহ।

 

কাৰহু মোত ৰাণীক অনুগ্ৰহ কৰক।

সিদ্ধি কৰিয়া অমবে মাম বানি|

 

ধ্যান কৰিবলৈ সক্ষম পুৰুষ।

তাকাৰ সদায় হয় কল্যাণ|

 

সংকট।

কাৰ কৰৰাই জপ কৰি থকা দেৱী।

 

ঋণটো অপৰিচিত বুলি কোৱা পুৰুষজন।

গতিকে পুৰুষ পাঠ হৈছে  বাৰা।

 

নিশ্চিতভাৱে ঋণ মুক্তি কৰা হয়।

পাঠটো মনলৈ অনা পুৰুষ।

 

পুৰুষজনে পঢ়া আশ্ৰয়।

বা জগত শুওক।

 

জাপ’ ৰোগ।

জপ আজাত সকলো দূৰত্ব পাৰাই ॥

 

অতি ওচৰত থকা পুৰুষ।

বাৰ হাজাৰ পাঠ আৰু চই ॥

 

নিশ্চিতভাৱে বন্দীজনক স্পৰ্শ কৰিব লাগে।

সত্য বচন মাম মনহু ভাই|

 

যাওঁতে, কঁপনিৰ সংকট।

বিশ্বাস দেৱীহি সুমেৰী চই।

 

এজন পুৰুষ ৰ জা, ভাতৃ।

এনেদৰে পুৰুষ বা পদ্ধতি কৰিব।

 

পাঁচ বছৰৰ টোপনি।

নওৰাটাৰৰ বিপ্ৰ জিমৱাই।

 

বিশ্বাস শুভ ভৱানী।

গুণ বোৰ খাবলৈ ল’ৰা দেহী তাখান।

 

নাৰিকল ৰখা নৈবেদ্যবোৰ পতাকা কৰক।

পূজা কৰৱাই, আইনসহ।

 

পাঠটোৱে মনটো পাঠলৈ আনিছিল।

প্ৰেমেৰে, আপুনি একেই।

 

এইটো শ্ৰীযুত বিধ্যাচল চালিচা।

ৰেংক ৰিড হৱে অৱনিচা ॥

 

এইটো ভায়েকৰ বাবে এটা আচৰিত।

গ্ৰেছ ভিজন তাপাৰ হোই জাই ॥।

 

জয় জয় জগমাটু ভৱানী।

অনুগ্ৰহ কৰি কৰহু মোত জান জানী।

CHALISA IN BENGALI

॥ দোহা ॥

নমো নমো বিন্ধ্যেশ্বরী,

নমো নমো জগদম্ব।

 

বাচ্চাদের কব্জায়,

মা দেরি করেন না

 

॥ বাউন্ড ॥

জয় জয় জয় বিন্ধ্যাচল রানি।

আদি শক্তি জগ বিদিত ভবানী

 

সিংহবাহিনী জয় জগ মাতা।

জয় জয় জয় ত্রিভুবন সুখদাটা।

 

দুর্ভোগ নয় জাই জগ দেবী।

জয় জয় জয় জয় আসুরসুর সেভি 

 

 

গৌরব আপনার কাছে অপরিসীম।

বাকি সহস্রাব্দ হারিয়ে গেছে।

 

হরি ভবানী, দীনানের দুঃখ।

দেখবেন না, আপনি কারও সমান

 

দেবী পূর্বতা মাতা সব পরে।

মহিমা অমিত জগত পরিচিত

 

জনসাধারণের দৃষ্টি আকর্ষণ আপনার কাছে আনা হয়েছে।

তাই সঙ্গে সঙ্গে কাঙ্ক্ষিত ফল পাওয়া যায়।

 

তুমি বৈষ্ণবী, তুমি রুদ্রানী।

তুমিই একমাত্র শারদা ও ব্রাহ্মণী।

 

রমা রাধিকা শামা কালী।

তুমি একমাত্র সন্তান

 

উমা মাধবী চণ্ডী জওয়ালা।

বেগি মহি তে হোহু দায়লা

 

আপনি হিংলাজ রানী।

তুমি শীতল প্রত্নতত্ত্ববিদ।

 

দুর্গা দুর্গ বশিষিনী মাতা।

তুমি লক্ষ্মী জগ সুখদাতা।

 

তুমি জানহভি আরু উতরানী।

হেমাবতী আম্বে নির্বানী

 

অষ্টভূজি বরহিনী দেবী।

করাত বিষ্ণু শিব যাকর সেভি

 

চনসট্টি দেবী কল্যাণী।

গৌরী মঙ্গলা সমস্ত গুণ খায়।

 

পাটান মুম্বা ডেন্ট কুমারী।

ভদ্রকালী শুনুন, বিনয় হামারি

 

নাজিনীকে শোকে বজ্রধারিনী।

বয়স রক্ষিনী বিন্ধ্যাবাসিনী।

 

জয়া ও বিজয়া বাইতালি।

মাতু সুগন্ধা আরু বিক্রালি।

 

নাম অনন্ত তুমহার ভবানী।

তবে আমি অজ্ঞ ॥।

 

আমি যেতে খুশি।

সুতরাং আপনি কি চান

 

করুণু মোয়ে সম্রাট।

সিদ্ধি করিয়া আম্বে মম বানী

 

যে সাহস করে, উত্তাপ দেয় এবং ধ্যান করে।

ককর সদা হোয় কল্যাণ।

 

বিপর্যয় স্বপ্ন নয়।

যে দেবী জপ করেন

 

পুরুষেরা যা বলে তা ণ।

সুতরাং পুরুষ নিখুঁত বড়ার তেলাওয়াত করলেন

 

অবশ্যই debtণ মওকুফ করা হয়েছে।

যে লোকটি পাঠটি পড়েছে সে তা মনে রেখেছে।

 

আস্তুতি যে পুরুষ পড়াশোনা করে।

বা পৃথিবীতে ঘুম, অনেক সুখ আছে

 

যাকো বৈধি সাতভাই ভাই।

দূর থেকে সমস্ত জপ করুন

 

 

যে পুরুষটি চরম বন্দী ছিল

হাজারবার পড়ার পরে ঘুমিয়েছে

 

সন্দেহ নেই, বন্দীকে মুক্তি দেওয়া হয়েছিল।

সত্য বচন মামা মানুহ ভাই

 

পথে একটি সংকট ছিল।

নিশাই দেবিহি সুমিরাই সোই।

 

পুরুষ ছেলে যে ভাই নয়।

সুতরাং পুরুষ বা পদ্ধতি ব্যবহার করা উচিত।

 

পাঁচ বছর পড়ুন।

নওরতে ভিপ জিমওয়াই

 

নিশ্চয়ই তুমি সুখী ভবানী।

পুত্র দেহি তাকান খান খানি খানি

 

পতাকা নারকেল নারকেল

আইন নিয়ে পূজা

 

প্রতিটি পাঠ মাথায় নিয়ে এসেছেন।

ভালোবাসা দিয়ে কেউ নেই

 

এটি শ্রী বিন্ধ্যচল চালিসা lis

রঙ্কা পড়ি কেমন অবনীসা।

 

এই মানুষটি আশ্চর্য ভাই।

খুশি হোন

 

জয় জয় জয় জগমাতু ভবানী।

আপনার সম্পর্কে আমাকে জানান।

CHALISA IN BODO

Bodo and Hindi languages are both written using the same script called ‘Devanagari’ . We recommend you to read the original Hindi version of Chalisa written in Awadhi dialect. 

|| दोहा ||

नमो नमो विन्ध्येश्वरी, नमो नमो जगदंब।
संत जनों के काज में, करती नहीं बिलंब॥

|| चौपाई ||

जय जय जय विन्ध्याचल रानी। आदि शक्ति जगबिदित भवानी॥
सिंह वाहिनी जय जगमाता। जय जय जय त्रिभुवन सुखदाता॥

कष्ट निवारिनि जय जग देवी। जय जय संत असुर सुरसेवी॥
महिमा अमित अपार तुम्हारी। सेष सहस मुख बरनत हारी॥

दीनन के दु:ख हरत भवानी। नहिं देख्यो तुम सम कोउ दानी॥
सब कर मनसा पुरवत माता। महिमा अमित जगत विख्याता॥

जो जन ध्यान तुम्हारो लावे। सो तुरतहिं वांछित फल पावे॥
तू ही वैस्नवी तू ही रुद्रानी। तू ही शारदा अरु ब्रह्मानी॥

रमा राधिका स्यामा काली। तू ही मात संतन प्रतिपाली॥
उमा माधवी चंडी ज्वाला। बेगि मोहि पर होहु दयाला॥

तुम ही हिंगलाज महरानी। तुम ही शीतला अरु बिज्ञानी॥
तुम्हीं लक्ष्मी जग सुख दाता। दुर्गा दुर्ग बिनासिनि माता॥

तुम ही जाह्नवी अरु उन्नानी। हेमावती अंबे निरबानी॥
अष्टभुजी बाराहिनि देवा। करत विष्णु शिव जाकर सेवा॥

चौसट्टी देवी कल्याणी। गौरि मंगला सब गुन खानी॥
पाटन मुंबा दंत कुमारी। भद्रकाली सुन विनय हमारी॥

बज्रधारिनी सोक नासिनी। आयु रच्छिनी विन्ध्यवासिनी॥
जया और विजया बैताली। मातु संकटी अरु बिकराली॥

नाम अनंत तुम्हार भवानी। बरनै किमि मानुष अज्ञानी॥
जापर कृपा मातु तव होई। तो वह करै चहै मन जोई॥

कृपा करहु मोपर महारानी। सिध करिये अब यह मम बानी॥
जो नर धरै मातु कर ध्याना। ताकर सदा होय कल्याणा॥

बिपत्ति ताहि सपनेहु नहि आवै। जो देवी का जाप करावै॥
जो नर कहे रिन होय अपारा। सो नर पाठ करे सतबारा॥

नि:चय रिनमोचन होई जाई। जो नर पाठ करे मन लाई॥
अस्तुति जो नर पढै पढावै। या जग में सो बहु सुख पावै॥

जाको ब्याधि सतावै भाई। जाप करत सब दूर पराई॥
जो नर अति बंदी महँ होई। बार हजार पाठ कर सोई॥

नि:चय बंदी ते छुटि जाई। सत्य वचन मम मानहु भाई॥
जापर जो कुछ संकट होई। नि:चय देबिहि सुमिरै सोई॥

जा कहँ पुत्र होय नहि भाई। सो नर या विधि करै उपाई॥
पाँच बरस सो पाठ करावै। नौरातर महँ बिप्र जिमावै॥

नि:चय होहि प्रसन्न भवानी। पुत्र देहि ताकहँ गुन खानी॥
ध्वजा नारियल आन चढावै। विधि समेत पूजन करवावै॥

नित प्रति पाठ करै मन लाई। प्रेम सहित नहि आन उपाई॥
यह श्री विन्ध्याचल चालीसा। रंक पढत होवै अवनीसा॥

यह जनि अचरज मानहु भाई। कृपा दृष्टि जापर ह्वै जाई॥
जय जय जय जग मातु भवानी। कृपा करहु मोहि पर जन जानी॥

|| इति श्री विन्ध्येश्वरी चालीसा समाप्त ||

CHALISA IN DOGRI

Dogri and Hindi languages are both written using the same script called ‘Devanagari’ . We recommend you to read the original Hindi version of Chalisa written in Awadhi dialect. 

|| दोहा ||

नमो नमो विन्ध्येश्वरी, नमो नमो जगदंब।
संत जनों के काज में, करती नहीं बिलंब॥

|| चौपाई ||

जय जय जय विन्ध्याचल रानी। आदि शक्ति जगबिदित भवानी॥
सिंह वाहिनी जय जगमाता। जय जय जय त्रिभुवन सुखदाता॥

कष्ट निवारिनि जय जग देवी। जय जय संत असुर सुरसेवी॥
महिमा अमित अपार तुम्हारी। सेष सहस मुख बरनत हारी॥

दीनन के दु:ख हरत भवानी। नहिं देख्यो तुम सम कोउ दानी॥
सब कर मनसा पुरवत माता। महिमा अमित जगत विख्याता॥

जो जन ध्यान तुम्हारो लावे। सो तुरतहिं वांछित फल पावे॥
तू ही वैस्नवी तू ही रुद्रानी। तू ही शारदा अरु ब्रह्मानी॥

रमा राधिका स्यामा काली। तू ही मात संतन प्रतिपाली॥
उमा माधवी चंडी ज्वाला। बेगि मोहि पर होहु दयाला॥

तुम ही हिंगलाज महरानी। तुम ही शीतला अरु बिज्ञानी॥
तुम्हीं लक्ष्मी जग सुख दाता। दुर्गा दुर्ग बिनासिनि माता॥

तुम ही जाह्नवी अरु उन्नानी। हेमावती अंबे निरबानी॥
अष्टभुजी बाराहिनि देवा। करत विष्णु शिव जाकर सेवा॥

चौसट्टी देवी कल्याणी। गौरि मंगला सब गुन खानी॥
पाटन मुंबा दंत कुमारी। भद्रकाली सुन विनय हमारी॥

बज्रधारिनी सोक नासिनी। आयु रच्छिनी विन्ध्यवासिनी॥
जया और विजया बैताली। मातु संकटी अरु बिकराली॥

नाम अनंत तुम्हार भवानी। बरनै किमि मानुष अज्ञानी॥
जापर कृपा मातु तव होई। तो वह करै चहै मन जोई॥

कृपा करहु मोपर महारानी। सिध करिये अब यह मम बानी॥
जो नर धरै मातु कर ध्याना। ताकर सदा होय कल्याणा॥

बिपत्ति ताहि सपनेहु नहि आवै। जो देवी का जाप करावै॥
जो नर कहे रिन होय अपारा। सो नर पाठ करे सतबारा॥

नि:चय रिनमोचन होई जाई। जो नर पाठ करे मन लाई॥
अस्तुति जो नर पढै पढावै। या जग में सो बहु सुख पावै॥

जाको ब्याधि सतावै भाई। जाप करत सब दूर पराई॥
जो नर अति बंदी महँ होई। बार हजार पाठ कर सोई॥

नि:चय बंदी ते छुटि जाई। सत्य वचन मम मानहु भाई॥
जापर जो कुछ संकट होई। नि:चय देबिहि सुमिरै सोई॥

जा कहँ पुत्र होय नहि भाई। सो नर या विधि करै उपाई॥
पाँच बरस सो पाठ करावै। नौरातर महँ बिप्र जिमावै॥

नि:चय होहि प्रसन्न भवानी। पुत्र देहि ताकहँ गुन खानी॥
ध्वजा नारियल आन चढावै। विधि समेत पूजन करवावै॥

नित प्रति पाठ करै मन लाई। प्रेम सहित नहि आन उपाई॥
यह श्री विन्ध्याचल चालीसा। रंक पढत होवै अवनीसा॥

यह जनि अचरज मानहु भाई। कृपा दृष्टि जापर ह्वै जाई॥
जय जय जय जग मातु भवानी। कृपा करहु मोहि पर जन जानी॥

|| इति श्री विन्ध्येश्वरी चालीसा समाप्त ||

CHALISA IN ENGLISH

|| Doha ||

 

Namo Namo Vindhyeshwari, Namo Namo Jagdamb.

Sant Jano Ke Kaj Mein, Karati Nahi Vilamb.

 

|| Chaupai ||

 

Jai Jai Jai Vindhyachal Rani, Aadi Shakti Jagvidit Bhawani.

Sinhvahini Jai Jagmata, Jai Jai Jai Tribhuvan Sukhdata.

 

Kasht Nivanini Jai Jag Devi, Jai Jai Sant Asur Sursevi.

Mahima Amit Apar Tumhari, Sesh Sahas Mukh Barnat Hari.

 

Deenan Ke Dukh Harat Bhawani, Nahi Dekhyo Tum Sam Kou Dani.

Sab Kar Mansa Purvat Mata, Mahima Amit Jagat Vikhyata.

 

Jo Jan Dhyan Tumharo Lave, So Turatihin Vanchhit Phal Pave.

Tu Hi Vaishnavi Tu Hi Rudrani, Tu Hi Sharda Aru Brhamani.

 

Rama Radhika Syama Kali, Tu Hi Matu Santan Pratipali.

Uma Madhvi Chandi Jwala, Begi Mohi Par Hohu Dayala.

 

Tum Hi Hinglaj Maharani, Tum Hi Sheetala Aru Bigyani.

Tumhi Lakshmi Jag Sukh Data, Durga Durg Binasini Mata.

 

Tum Hi Janhavi Aru Unnani, Hemavati Ambe Nirbani.

Ashtabhuji Barahini Deva, Karat Vishnu Shiv Jakar Seva.

 

Chausatti Devi Kalyani, Gauri Mangala Sab Gun Khani.

Patan Mumba Dant Kumari, Bhadrakali Sun Vinay Hamari.

 

Bajradharini Soknasini, Aayu Rakchhani Vindyavasini.

Jaya Aur Vijaya Vaitali, Matu Sankati Aru Bikarali.

 

Naam Anant Tumhar Bhawani, Barnanai Kimi Manush Agyani.

Japar Kripa Matu Tav Hoi, To Vaha Kare Chahe Man Joi.

 

Kripa Karahu Mopar Maharani, Siddh Kariye Ab Yeh Mam Bani.

Jo Nar Dhare Matu Kar Dhyana, Taka Sada Hoy Kalyana.

 

Bipati Taki Sapanehu Nahi Ave, Jo Devi Ka Jap Karave.

Jo Nar Kahe Nin Hoi Apara, So Nar Path Kare Satbara.

 

 

Nischay Rinmochan Hoi Jai, Jo Nar Path Kare Man Lai.

 Stuti Jo Nar Padhe Padhave, Ya Jag Mein So Bahu Sukh Pave.

 

Jako Byadhi Satave Bhai, Jap Karat Sab Door Parai.

Jo Nar Ati Bandi Mahn Hoi, Bar Hazar Path Kar Soi.

 

Nischay Bandi Te Chhuti Jai, Satya Vachan Mam Manahu Bhai.

Japar Jo Kuchh Sankat Hoi, Nischay Debihin Sumire Soi.

 

Ja Kahan Putra Hoi Nahin Bhai, So Nar Ya Vidhi Kare Upai.

Panch Baras So Path Karave, Nauratar Mahn Vipir Jimave.

 

Nischay Hohi Prasanna Bhawani, Putra Dehi Takahan Gunkhani.

Dhwaja Nariyal Aan Chadhave, Vidhi Samet Poojan Karave.

 

Nit Prati Kare Man Lai, Prem Sahit Nahin Aan Upai.

Yeh Shri Vindhyeshwari Chalisa, Rank Padhat Hove Avaneesa.

 

Yeh Jani Acharak Manahu Bhai, Kripa Drishti Japar Hwai Jai.

Jai Jai Jai Jag Matu Bhawani, Kripa Karahu Mohi Praja Jani.

CHALISA IN GUJRATI

॥ દોહા ॥

નમો નમો વિંધેશ્વરી,

નમો નમો જગદમ્બ।

 

બાળકોના કબજેમાં,

માતા વિલંબ કરતું નથી

 

॥ બાઉન્ડ ॥

જય જય જય વિંધ્યાચલ રાણી.

આદિ શક્તિ જગ વિદિત ભવાણી

 

સિંઘવાહિની જય જગ માતા.

જય જય જય ત્રિભુવન સુખદાતા॥

 

 

 

પીડતા નવ જય જગ દેવી.

જય જય જય જય અસુરસુર સેવી ॥

 

ગ્લોરી તમારા માટે અપાર છે.

બાકીના હજાર વર્ષો ખોવાઈ ગયા છે.

 

હરિ ભવાણી, દિનાનના દુ .ખ.

જોશો નહીં, તમે કોઈની બરાબર છો

 

દેવી પૂર્વાતા માતા છેવટે।

મહિમા અમિત જગત જાણીતા

 

જાહેર ધ્યાન તમારી પાસે લાવવામાં આવ્યું છે.

તેથી તુરંત ઇચ્છિત ફળ મળે છે.

 

તમે વૈષ્ણવી છો, તમે રૂદ્રની છો.

તમે જ શારદા અને બ્રહ્માણી છો.

 

રામ રાધિકા શમા કાલી.

તમે એકમાત્ર સંતાન છો

 

ઉમા માધવી ચંડી જ્વાલા.

બેગી મોહી પર હોહ દયાળા

 

તમે હિંગળાજ રાણી છો.

તમે શીતલા પુરાતત્ત્વવિદો છો.

 

દુર્ગા દુર્ગ વશિની માતા.

તમે લક્ષ્મી જગ સુખદાતા છો.

 

તું જાન્હવી અરુ ઉત્તરાણી છે.

હેમાવતી અંબે નિર્વાણી

 

અષ્ટભુજી વરહિની દેવી.

કરત વિષ્ણુ શિવા જાકાર સેવી

 

ચોંસાત્તી દેવી કલ્યાણી।

ગૌરી મંગળા સર્વ ગુણોનો વપરાશ કરે છે॥

 

પાટણ મુમ્બા ડેન્ટ કુમારી.

ભદ્રકાળી, વિનય હમારી સાંભળો

 

વજાધારિની શોક કરતી નશીની.

વય રક્ષિની વિંધ્યાવાસિની॥

 

જયા અને વિજયા બૈતાલી.

માતુ સુગંધા અરુ વિક્રાલી॥

 

નામ શાશ્વત તુમ્હારા ભવાની.

પણ હું અજાણ છું ॥.

 

હું જવા માટે ખુશ છું.

તેથી તે છે જે તમે ઇચ્છો છો

 

દયા પર મહારાણી કરહુ મો.

સિધ્ધિ કરિયા અંબે મમ બાની

 

જે હિંમત કરે છે, ગરમ કરે છે અને ધ્યાન કરે છે.

કકર સદા હોયે કલ્યાણા॥

 

આફત એ સ્વપ્ન નથી.

દેવી જે જાપ કરે છે

 

પુરુષો જે કહે છે તે દેવું છે.

તેથી પુરુષે સંપૂર્ણ બારાનો પાઠ કર્યો

 

ખાતરી કરો કે દેવું વિમોચન કરવામાં આવ્યું હતું.

ટેક્સ્ટ વાંચનારા માણસે તેને ધ્યાનમાં રાખ્યું.

 

પુરુષનો અભ્યાસ કરનાર અસ્તુતિ.

અથવા વિશ્વમાં sleepંઘ, ત્યાં ખુબ ખુશી છે

 

જાકો વ્યાધિ સતાવૈ ભાઈ।

બધા જ અંતરનો જાપ કરો

 

જે પુરુષ ખૂબ કેદી હતો

હજાર વાર વાંચ્યા પછી સૂઈ ગયા

 

કોઈ શંકા નથી, કેદીને છૂટા કરવામાં આવ્યો હતો.

સત્ય બચન મામા મનુ ભાઈ

 

રસ્તામાં સંકટ સર્જાયું હતું.

નિશા દેબીહિ સુમિરાય સોi॥

 

નર પુત્ર જે ભાઈ નથી.

તેથી પુરુષ અથવા પદ્ધતિનો ઉપયોગ કરવો જોઈએ.

 

પાંચ વર્ષ વાંચો.

નૌરાતરમાં વી.પી.

 

ચોક્કસ, તમે ખુશ ભવાની છો.

પુત્ર દેહિ તખ્ખાં ાણી ાણી

 

ધ્વજ નાળિયેર નાળિયેર

કાયદાનું પૂજન કર્યું

 

દરેક પાઠ ધ્યાનમાં લાવવામાં.

પ્રેમ સાથે કોઈ નથી

 

આ શ્રી વિંધ્યાચલ ચાલીસા છે.

રાંકા વાંચ્યું કેવી અવનિસા॥

 

આ માણસ આશ્ચર્યજનક ભાઈ છે.

કૃપા કરીને ખુશ રહો

 

જય જય જય જગામતુ ભવાની.

કૃપા કરી મને તમારા વિશે જણાવો.

 

CHALISA IN HINDI

|| दोहा ||

नमो नमो विन्ध्येश्वरी, नमो नमो जगदंब।
संत जनों के काज में, करती नहीं बिलंब॥

|| चौपाई ||

जय जय जय विन्ध्याचल रानी। आदि शक्ति जगबिदित भवानी॥
सिंह वाहिनी जय जगमाता। जय जय जय त्रिभुवन सुखदाता॥

कष्ट निवारिनि जय जग देवी। जय जय संत असुर सुरसेवी॥
महिमा अमित अपार तुम्हारी। सेष सहस मुख बरनत हारी॥

दीनन के दु:ख हरत भवानी। नहिं देख्यो तुम सम कोउ दानी॥
सब कर मनसा पुरवत माता। महिमा अमित जगत विख्याता॥

जो जन ध्यान तुम्हारो लावे। सो तुरतहिं वांछित फल पावे॥
तू ही वैस्नवी तू ही रुद्रानी। तू ही शारदा अरु ब्रह्मानी॥

रमा राधिका स्यामा काली। तू ही मात संतन प्रतिपाली॥
उमा माधवी चंडी ज्वाला। बेगि मोहि पर होहु दयाला॥

तुम ही हिंगलाज महरानी। तुम ही शीतला अरु बिज्ञानी॥
तुम्हीं लक्ष्मी जग सुख दाता। दुर्गा दुर्ग बिनासिनि माता॥

तुम ही जाह्नवी अरु उन्नानी। हेमावती अंबे निरबानी॥
अष्टभुजी बाराहिनि देवा। करत विष्णु शिव जाकर सेवा॥

चौसट्टी देवी कल्याणी। गौरि मंगला सब गुन खानी॥
पाटन मुंबा दंत कुमारी। भद्रकाली सुन विनय हमारी॥

बज्रधारिनी सोक नासिनी। आयु रच्छिनी विन्ध्यवासिनी॥
जया और विजया बैताली। मातु संकटी अरु बिकराली॥

नाम अनंत तुम्हार भवानी। बरनै किमि मानुष अज्ञानी॥
जापर कृपा मातु तव होई। तो वह करै चहै मन जोई॥

कृपा करहु मोपर महारानी। सिध करिये अब यह मम बानी॥
जो नर धरै मातु कर ध्याना। ताकर सदा होय कल्याणा॥

बिपत्ति ताहि सपनेहु नहि आवै। जो देवी का जाप करावै॥
जो नर कहे रिन होय अपारा। सो नर पाठ करे सतबारा॥

नि:चय रिनमोचन होई जाई। जो नर पाठ करे मन लाई॥
अस्तुति जो नर पढै पढावै। या जग में सो बहु सुख पावै॥

जाको ब्याधि सतावै भाई। जाप करत सब दूर पराई॥
जो नर अति बंदी महँ होई। बार हजार पाठ कर सोई॥

नि:चय बंदी ते छुटि जाई। सत्य वचन मम मानहु भाई॥
जापर जो कुछ संकट होई। नि:चय देबिहि सुमिरै सोई॥

जा कहँ पुत्र होय नहि भाई। सो नर या विधि करै उपाई॥
पाँच बरस सो पाठ करावै। नौरातर महँ बिप्र जिमावै॥

नि:चय होहि प्रसन्न भवानी। पुत्र देहि ताकहँ गुन खानी॥
ध्वजा नारियल आन चढावै। विधि समेत पूजन करवावै॥

नित प्रति पाठ करै मन लाई। प्रेम सहित नहि आन उपाई॥
यह श्री विन्ध्याचल चालीसा। रंक पढत होवै अवनीसा॥

यह जनि अचरज मानहु भाई। कृपा दृष्टि जापर ह्वै जाई॥
जय जय जय जग मातु भवानी। कृपा करहु मोहि पर जन जानी॥

|| इति श्री विन्ध्येश्वरी चालीसा समाप्त ||

CHALISA IN KANNADA

॥ ದೋಹಾ ॥

ನಮೋ ನಮೋ ವಿಂಧ್ಯೇಶ್ವರಿ,

ನಮೋ ನಮೋ ಜಗದಾಂಬ್.

 

ಮಕ್ಕಳ ಹಿಂಜ್ನಲ್ಲಿ,

ತಾಯಿ ವಿಳಂಬ ಮಾಡುವುದಿಲ್ಲ

 

॥ ಬೌಂಡ್ ॥

ಜೈ ಜೈ ಜೈ ವಿಂಧ್ಯಾಚಲ್ ರಾಣಿ.

ಆದಿ ಶಕ್ತಿ ಜಗ್ ವಿದಿತ್ ಭವಾನಿ

 

ಸಿಂಗ್ವಾಹಿನಿ ಜೈ ಜಗ ಮಾತಾ.

ಜೈ ಜೈ ಜೈ ತ್ರಿಭುವನ್ ಸುಖ್ದಾತ

 

ನೈನ್ ಜೈ ಜಗ್ ದೇವಿ ಬಳಲುತ್ತಿದ್ದಾರೆ.

ಜೈ ಜೈ ಜೈ ಜೈ ಅಸುರಸೂರ್ ಸೆವಿ ॥

 

ವೈಭವವು ನಿಮಗೆ ಅಪಾರವಾಗಿದೆ.

ಉಳಿದ ಸಹಸ್ರಮಾನಗಳು ಕಳೆದುಹೋಗಿವೆ.

 

ಹರಿ ಭವಾನಿ, ದಿನನ್ ಅವರ ದುಃಖಗಳು.

ನೋಡಬೇಡಿ, ನೀವು ಯಾರಿಗಾದರೂ ಸಮಾನರು

 

ಎಲ್ಲಾ ನಂತರ ದೇವತೆ ಪೂರ್ವಾತಾ ಮಾತಾ.

ಮಹೀಮಾ ಅಮಿತ್ ಜಗತ್ ತಿಳಿದಿದ್ದಾರೆ

 

ಸಾರ್ವಜನಿಕರ ಗಮನವನ್ನು ನಿಮ್ಮ ಬಳಿಗೆ ತರಲಾಗುತ್ತದೆ.

ಆದ್ದರಿಂದ ತಕ್ಷಣ ಬಯಸಿದ ಹಣ್ಣು ಲಭ್ಯವಿದೆ.

 

ನೀನು ವೈಷ್ಣವಿ, ನೀನು ರುದ್ರಾನಿ.

ನೀವು ಮಾತ್ರ ಶಾರದಾ ಮತ್ತು ಬ್ರಹ್ಮಣಿ.

 

ರಾಮ ರಾಧಿಕಾ ಶಾಮಾ ಕಾಳಿ.

ನೀವು ಒಬ್ಬನೇ ಮಗು

 

ಉಮಾ ಮಾಧವಿ ಚಂಡಿ ಜ್ವಾಲಾ.

ಬೇಗಿ ಮೋಹಿಯಲ್ಲಿ ಹೋಹು ದಯಾಲಾ

 

ನೀವು ಹಿಂಗ್ಲಾಜ್ ರಾಣಿ.

ನೀವು ಶಿಟ್ಲಾ ಪುರಾತತ್ವಶಾಸ್ತ್ರಜ್ಞರು.

 

ದುರ್ಗಾ ದುರ್ಗ್ ವಶಿಶಿನಿ ಮಾತಾ.

ನೀವು ಲಕ್ಷ್ಮಿ ಜಗ್ ಸುಖ್ದಾತ.

 

ನೀವು ಜಾನ್ವಿ ಅರು ಉತ್ರಾನಿ.

ಹೇಮಾವತಿ ಅಂಬೆ ನಿರ್ವಾಣಿ

 

ಅಷ್ಟಭೂಜಿ ವರಹಿಣಿ ದೇವಿ.

ಕರತ್ ವಿಷ್ಣು ಶಿವ ಜಾಕರ್ ಸೆವಿ

 

ಚೊನ್ಸಟ್ಟಿ ದೇವಿ ಕಲ್ಯಾಣಿ.

ಗೌರಿ ಮಂಗಳಾ ಎಲ್ಲಾ ಗುಣಗಳನ್ನು ಬಳಸುತ್ತದೆ

 

ಪಟಾನ್ ಮುಂಬಾ ಡೆಂಟ್ ಕುಮಾರಿ.

ಭದ್ರಾಕಲಿ, ವಿನಯ್ ಹಮರಿ ಅವರ ಮಾತು ಕೇಳಿ

 

ವಜ್ರಧರಿಣಿ ಶೋಕ ನಶಿನಿ.

ವಯಸ್ಸು ರಕ್ಷಿನಿ ವಿಂಧ್ಯವಾಸಿನಿ

 

ಜಯ ಮತ್ತು ವಿಜಯ ಬೈಟಾಲಿ.

ಮಾಟು ಸುಗಂಧ ಅರು ವಿಕ್ರಲಿ

 

ನಾಮ್ ಎಟರ್ನಲ್ ತುಮ್ಹರಾ ಭವಾನಿ.

ಆದರೆ ನಾನು ಅಜ್ಞಾನ ॥.

 

ನಾನು ಹೋಗಲು ಸಂತೋಷವಾಗಿದೆ.

ಆದ್ದರಿಂದ ಅದು ನಿಮಗೆ ಬೇಕಾಗಿರುವುದು

 

ಕರುಣೆಯ ಮೇಲೆ ಸಾಮ್ರಾಜ್ಞಿ ಕಾರ್ಹು ಮೋ.

ಸಿದ್ಧ ಕರಿಯಾ ಅಂಬೆ ಮಾಮ್ ಬನಿ

 

ಯಾರು ಧೈರ್ಯಮಾಡುತ್ತಾರೋ, ಬಿಸಿಯಾಗುತ್ತಾರೆ ಮತ್ತು ಧ್ಯಾನ ಮಾಡುತ್ತಾರೆ.

ಕಾಕರ್ ಸದಾ ಹೋಯ್ ಕಲ್ಯಾಣ॥

 

ವಿಪತ್ತು ಕನಸಲ್ಲ.

ಜಪಿಸುವ ದೇವತೆ

 

ಪುರುಷರು ಹೇಳುವುದು ಸಾಲ.

ಆದ್ದರಿಂದ ಗಂಡು ಪರಿಪೂರ್ಣ ಬಾರಾ ಪಠಿಸಿದರು

 

ಸಾಲ ವಿಮೋಚನೆ ಖಚಿತವಾಗಿದೆ.

ಪಠ್ಯವನ್ನು ಓದಿದ ವ್ಯಕ್ತಿ ಅದನ್ನು ಮನಸ್ಸಿಗೆ ತಂದನು.

 

ಪುರುಷನನ್ನು ಅಧ್ಯಯನ ಮಾಡುವ ಅಸ್ತೂತಿ.

ಅಥವಾ ಜಗತ್ತಿನಲ್ಲಿ ನಿದ್ರೆ, ಬಹಳಷ್ಟು ಸಂತೋಷವಿದೆ

 

ಜಾಕೋ ವ್ಯಾಧಿ ಸತವಾಯಿ ಭಾಯ್.

ಎಲ್ಲಾ ದೂರವನ್ನು ಜಪಿಸಿ

 

ಅತ್ಯಂತ ಖೈದಿಯಾಗಿದ್ದ ಪುರುಷ

ಸಾವಿರ ಬಾರಿ ಓದಿದ ನಂತರ ಮಲಗಿದೆ

 

ನಿಸ್ಸಂದೇಹವಾಗಿ, ಕೈದಿಯನ್ನು ಬಿಡುಗಡೆ ಮಾಡಲಾಯಿತು.

ಸತ್ಯ ಬಚನ್ ಮಾಮಾ ಮನ್ಹು ಭಾಯ್

 

ದಾರಿಯಲ್ಲಿ ಬಿಕ್ಕಟ್ಟು ಉಂಟಾಯಿತು.

ನಿಶಾಯ್ ಡೆಬಿಹಿ ಸುಮಿರೈ ಸೋಯಿ

 

 

ಸಹೋದರನಲ್ಲದ ಗಂಡು ಮಗ.

ಆದ್ದರಿಂದ ಪುರುಷ ಅಥವಾ ವಿಧಾನವನ್ನು ಬಳಸಬೇಕು.

 

ಐದು ವರ್ಷಗಳ ಕಾಲ ಓದಿ.

ನೌರತಾರ್‌ನಲ್ಲಿ ವಿಮಾ ಜಿಮಾವಾಯಿ

 

ಖಂಡಿತವಾಗಿ, ನೀವು ಸಂತೋಷದಿಂದ ಭಾವನಿ.

ಮಗ ದೇಹಿ ತಖಾನ್ ಖಾನ್ ಖಾನಿ ಖಾನಿ

 

ತೆಂಗಿನ ತೆಂಗಿನಕಾಯಿ ಧ್ವಜ

ಕಾನೂನಿನೊಂದಿಗೆ ಪೂಜಿಸಲಾಗುತ್ತದೆ

 

ಪ್ರತಿ ಪಾಠವನ್ನೂ ಮನಸ್ಸಿಗೆ ತಂದರು.

ಪ್ರೀತಿಯ ಯಾರೂ ಇಲ್ಲ

 

ಇದು ಶ್ರೀ ವಿಂಧ್ಯಾಚಲ್ ಚಾಲಿಸಾ.

ರಾಂಕ ಅವನಿಸಾ  ಅನ್ನು ಹೇಗೆ ಓದಿದರು

 

ಈ ಮನುಷ್ಯ ಅಚ್ಚರಿಗೊಳಿಸುವ ಸಹೋದರ.

ದಯವಿಟ್ಟು ಸಂತೋಷವಾಗಿರಿ

 

ಜೈ ಜೈ ಜೈ ಜಗಮಾತು ಭವಾನಿ.

ದಯವಿಟ್ಟು ನಿಮ್ಮ ಬಗ್ಗೆ ನನಗೆ ತಿಳಿಸಿ.

CHALISA IN KASHMIRI

Kashmiri and Hindi languages are both written using the same script called ‘Devanagari’ . We recommend you to read the original Hindi version of Chalisa written in Awadhi dialect. 

|| दोहा ||

नमो नमो विन्ध्येश्वरी, नमो नमो जगदंब।
संत जनों के काज में, करती नहीं बिलंब॥

|| चौपाई ||

जय जय जय विन्ध्याचल रानी। आदि शक्ति जगबिदित भवानी॥
सिंह वाहिनी जय जगमाता। जय जय जय त्रिभुवन सुखदाता॥

कष्ट निवारिनि जय जग देवी। जय जय संत असुर सुरसेवी॥
महिमा अमित अपार तुम्हारी। सेष सहस मुख बरनत हारी॥

दीनन के दु:ख हरत भवानी। नहिं देख्यो तुम सम कोउ दानी॥
सब कर मनसा पुरवत माता। महिमा अमित जगत विख्याता॥

जो जन ध्यान तुम्हारो लावे। सो तुरतहिं वांछित फल पावे॥
तू ही वैस्नवी तू ही रुद्रानी। तू ही शारदा अरु ब्रह्मानी॥

रमा राधिका स्यामा काली। तू ही मात संतन प्रतिपाली॥
उमा माधवी चंडी ज्वाला। बेगि मोहि पर होहु दयाला॥

तुम ही हिंगलाज महरानी। तुम ही शीतला अरु बिज्ञानी॥
तुम्हीं लक्ष्मी जग सुख दाता। दुर्गा दुर्ग बिनासिनि माता॥

तुम ही जाह्नवी अरु उन्नानी। हेमावती अंबे निरबानी॥
अष्टभुजी बाराहिनि देवा। करत विष्णु शिव जाकर सेवा॥

चौसट्टी देवी कल्याणी। गौरि मंगला सब गुन खानी॥
पाटन मुंबा दंत कुमारी। भद्रकाली सुन विनय हमारी॥

बज्रधारिनी सोक नासिनी। आयु रच्छिनी विन्ध्यवासिनी॥
जया और विजया बैताली। मातु संकटी अरु बिकराली॥

नाम अनंत तुम्हार भवानी। बरनै किमि मानुष अज्ञानी॥
जापर कृपा मातु तव होई। तो वह करै चहै मन जोई॥

कृपा करहु मोपर महारानी। सिध करिये अब यह मम बानी॥
जो नर धरै मातु कर ध्याना। ताकर सदा होय कल्याणा॥

बिपत्ति ताहि सपनेहु नहि आवै। जो देवी का जाप करावै॥
जो नर कहे रिन होय अपारा। सो नर पाठ करे सतबारा॥

नि:चय रिनमोचन होई जाई। जो नर पाठ करे मन लाई॥
अस्तुति जो नर पढै पढावै। या जग में सो बहु सुख पावै॥

जाको ब्याधि सतावै भाई। जाप करत सब दूर पराई॥
जो नर अति बंदी महँ होई। बार हजार पाठ कर सोई॥

नि:चय बंदी ते छुटि जाई। सत्य वचन मम मानहु भाई॥
जापर जो कुछ संकट होई। नि:चय देबिहि सुमिरै सोई॥

जा कहँ पुत्र होय नहि भाई। सो नर या विधि करै उपाई॥
पाँच बरस सो पाठ करावै। नौरातर महँ बिप्र जिमावै॥

नि:चय होहि प्रसन्न भवानी। पुत्र देहि ताकहँ गुन खानी॥
ध्वजा नारियल आन चढावै। विधि समेत पूजन करवावै॥

नित प्रति पाठ करै मन लाई। प्रेम सहित नहि आन उपाई॥
यह श्री विन्ध्याचल चालीसा। रंक पढत होवै अवनीसा॥

यह जनि अचरज मानहु भाई। कृपा दृष्टि जापर ह्वै जाई॥
जय जय जय जग मातु भवानी। कृपा करहु मोहि पर जन जानी॥

|| इति श्री विन्ध्येश्वरी चालीसा समाप्त ||

CHALISA IN KONKANI

Konkani and Hindi languages are both written using the same script called ‘Devanagari’ . We recommend you to read the original Hindi version of Chalisa written in Awadhi dialect. 

|| दोहा ||

नमो नमो विन्ध्येश्वरी, नमो नमो जगदंब।
संत जनों के काज में, करती नहीं बिलंब॥

|| चौपाई ||

जय जय जय विन्ध्याचल रानी। आदि शक्ति जगबिदित भवानी॥
सिंह वाहिनी जय जगमाता। जय जय जय त्रिभुवन सुखदाता॥

कष्ट निवारिनि जय जग देवी। जय जय संत असुर सुरसेवी॥
महिमा अमित अपार तुम्हारी। सेष सहस मुख बरनत हारी॥

दीनन के दु:ख हरत भवानी। नहिं देख्यो तुम सम कोउ दानी॥
सब कर मनसा पुरवत माता। महिमा अमित जगत विख्याता॥

जो जन ध्यान तुम्हारो लावे। सो तुरतहिं वांछित फल पावे॥
तू ही वैस्नवी तू ही रुद्रानी। तू ही शारदा अरु ब्रह्मानी॥

रमा राधिका स्यामा काली। तू ही मात संतन प्रतिपाली॥
उमा माधवी चंडी ज्वाला। बेगि मोहि पर होहु दयाला॥

तुम ही हिंगलाज महरानी। तुम ही शीतला अरु बिज्ञानी॥
तुम्हीं लक्ष्मी जग सुख दाता। दुर्गा दुर्ग बिनासिनि माता॥

तुम ही जाह्नवी अरु उन्नानी। हेमावती अंबे निरबानी॥
अष्टभुजी बाराहिनि देवा। करत विष्णु शिव जाकर सेवा॥

चौसट्टी देवी कल्याणी। गौरि मंगला सब गुन खानी॥
पाटन मुंबा दंत कुमारी। भद्रकाली सुन विनय हमारी॥

बज्रधारिनी सोक नासिनी। आयु रच्छिनी विन्ध्यवासिनी॥
जया और विजया बैताली। मातु संकटी अरु बिकराली॥

नाम अनंत तुम्हार भवानी। बरनै किमि मानुष अज्ञानी॥
जापर कृपा मातु तव होई। तो वह करै चहै मन जोई॥

कृपा करहु मोपर महारानी। सिध करिये अब यह मम बानी॥
जो नर धरै मातु कर ध्याना। ताकर सदा होय कल्याणा॥

बिपत्ति ताहि सपनेहु नहि आवै। जो देवी का जाप करावै॥
जो नर कहे रिन होय अपारा। सो नर पाठ करे सतबारा॥

नि:चय रिनमोचन होई जाई। जो नर पाठ करे मन लाई॥
अस्तुति जो नर पढै पढावै। या जग में सो बहु सुख पावै॥

जाको ब्याधि सतावै भाई। जाप करत सब दूर पराई॥
जो नर अति बंदी महँ होई। बार हजार पाठ कर सोई॥

नि:चय बंदी ते छुटि जाई। सत्य वचन मम मानहु भाई॥
जापर जो कुछ संकट होई। नि:चय देबिहि सुमिरै सोई॥

जा कहँ पुत्र होय नहि भाई। सो नर या विधि करै उपाई॥
पाँच बरस सो पाठ करावै। नौरातर महँ बिप्र जिमावै॥

नि:चय होहि प्रसन्न भवानी। पुत्र देहि ताकहँ गुन खानी॥
ध्वजा नारियल आन चढावै। विधि समेत पूजन करवावै॥

नित प्रति पाठ करै मन लाई। प्रेम सहित नहि आन उपाई॥
यह श्री विन्ध्याचल चालीसा। रंक पढत होवै अवनीसा॥

यह जनि अचरज मानहु भाई। कृपा दृष्टि जापर ह्वै जाई॥
जय जय जय जग मातु भवानी। कृपा करहु मोहि पर जन जानी॥

|| इति श्री विन्ध्येश्वरी चालीसा समाप्त ||

CHALISA IN MAITHILI

Maithili and Hindi languages are both written using the same script called ‘Devanagari’ . We recommend you to read the original Hindi version of Chalisa written in Awadhi dialect. 

|| दोहा ||

नमो नमो विन्ध्येश्वरी, नमो नमो जगदंब।
संत जनों के काज में, करती नहीं बिलंब॥

|| चौपाई ||

जय जय जय विन्ध्याचल रानी। आदि शक्ति जगबिदित भवानी॥
सिंह वाहिनी जय जगमाता। जय जय जय त्रिभुवन सुखदाता॥

कष्ट निवारिनि जय जग देवी। जय जय संत असुर सुरसेवी॥
महिमा अमित अपार तुम्हारी। सेष सहस मुख बरनत हारी॥

दीनन के दु:ख हरत भवानी। नहिं देख्यो तुम सम कोउ दानी॥
सब कर मनसा पुरवत माता। महिमा अमित जगत विख्याता॥

जो जन ध्यान तुम्हारो लावे। सो तुरतहिं वांछित फल पावे॥
तू ही वैस्नवी तू ही रुद्रानी। तू ही शारदा अरु ब्रह्मानी॥

रमा राधिका स्यामा काली। तू ही मात संतन प्रतिपाली॥
उमा माधवी चंडी ज्वाला। बेगि मोहि पर होहु दयाला॥

तुम ही हिंगलाज महरानी। तुम ही शीतला अरु बिज्ञानी॥
तुम्हीं लक्ष्मी जग सुख दाता। दुर्गा दुर्ग बिनासिनि माता॥

तुम ही जाह्नवी अरु उन्नानी। हेमावती अंबे निरबानी॥
अष्टभुजी बाराहिनि देवा। करत विष्णु शिव जाकर सेवा॥

चौसट्टी देवी कल्याणी। गौरि मंगला सब गुन खानी॥
पाटन मुंबा दंत कुमारी। भद्रकाली सुन विनय हमारी॥

बज्रधारिनी सोक नासिनी। आयु रच्छिनी विन्ध्यवासिनी॥
जया और विजया बैताली। मातु संकटी अरु बिकराली॥

नाम अनंत तुम्हार भवानी। बरनै किमि मानुष अज्ञानी॥
जापर कृपा मातु तव होई। तो वह करै चहै मन जोई॥

कृपा करहु मोपर महारानी। सिध करिये अब यह मम बानी॥
जो नर धरै मातु कर ध्याना। ताकर सदा होय कल्याणा॥

बिपत्ति ताहि सपनेहु नहि आवै। जो देवी का जाप करावै॥
जो नर कहे रिन होय अपारा। सो नर पाठ करे सतबारा॥

नि:चय रिनमोचन होई जाई। जो नर पाठ करे मन लाई॥
अस्तुति जो नर पढै पढावै। या जग में सो बहु सुख पावै॥

जाको ब्याधि सतावै भाई। जाप करत सब दूर पराई॥
जो नर अति बंदी महँ होई। बार हजार पाठ कर सोई॥

नि:चय बंदी ते छुटि जाई। सत्य वचन मम मानहु भाई॥
जापर जो कुछ संकट होई। नि:चय देबिहि सुमिरै सोई॥

जा कहँ पुत्र होय नहि भाई। सो नर या विधि करै उपाई॥
पाँच बरस सो पाठ करावै। नौरातर महँ बिप्र जिमावै॥

नि:चय होहि प्रसन्न भवानी। पुत्र देहि ताकहँ गुन खानी॥
ध्वजा नारियल आन चढावै। विधि समेत पूजन करवावै॥

नित प्रति पाठ करै मन लाई। प्रेम सहित नहि आन उपाई॥
यह श्री विन्ध्याचल चालीसा। रंक पढत होवै अवनीसा॥

यह जनि अचरज मानहु भाई। कृपा दृष्टि जापर ह्वै जाई॥
जय जय जय जग मातु भवानी। कृपा करहु मोहि पर जन जानी॥

|| इति श्री विन्ध्येश्वरी चालीसा समाप्त ||

CHALISA IN MALAYALAM

॥ ദോഹ ॥

നമോ നമോ വിന്ധേശ്വരി,

നമോ നമോ ജഗദാംബ്.

 

കുട്ടികളുടെ പരിധിയിൽ,

അമ്മ വൈകുന്നില്ല

 

 

 

॥ അതിർത്തി ॥

ജയ് ജയ് ജയ് വിന്ധ്യാചൽ റാണി.

ആദിശക്തി ജഗ് വിദിത് ഭവാനി

 

സിംഗ്വാഹിനി ജയ് ജഗ് മാതാ.

ജയ് ജയ് ജയ് ത്രിഭുവൻ സുഖ്ദത

 

കഷ്ടം ഒൻപത് ജയ് ജഗ് ദേവി.

ജയ് ജയ് ജയ് ജയ് അസുരസൂർ സേവി ॥

 

മഹത്വം നിങ്ങൾക്ക് അപാരമാണ്.

ശേഷിക്കുന്ന മില്ലേനിയലുകൾ നഷ്ടപ്പെട്ടു.

 

ഹരി ഭവാനി, ദിനാന്റെ സങ്കടങ്ങൾ.

കാണരുത്, നിങ്ങൾ മറ്റൊരാൾക്ക് തുല്യമാണ്

 

എല്ലാത്തിനുമുപരി പൂർവത മാതാദേവി.

മഹിമ അമിത് ജഗത് അറിയപ്പെടുന്നു

 

പൊതുജനശ്രദ്ധ നിങ്ങളിലേക്ക് കൊണ്ടുവരുന്നു.

അതിനാൽ ഉടനടി ആവശ്യമുള്ള ഫലം ലഭ്യമാണ്.

 

നിങ്ങൾ വൈഷ്ണവിയാണ്, നിങ്ങൾ രുദ്രാണി.

നിങ്ങൾ മാത്രമാണ് ശരദയും ബ്രാഹ്മണിയും.

 

രാമ രാധിക ഷാമ കാളി.

നിങ്ങൾ മാത്രമാണ് ഏക കുട്ടി

 

ഉമാ മാധവി ചാണ്ടി ജ്വാല.

ബേഗി മോഹിയിൽ ഹോഹു ദയാല

 

നിങ്ങൾ ഹിംഗ്‌ലാജ് രാജ്ഞിയാണ്.

നിങ്ങളാണ് ഷിത്ല പുരാവസ്തു ഗവേഷകൻ.

 

ദുർഗാ ദുർഗ് വാശിഷിനി മാതാ.

നിങ്ങളാണ് ലക്ഷ്മി ജഗ് സുഖ്ദത.

 

നിങ്ങൾ ജാൻ‌വി അരു ഉത്തരാനി.

ഹേമാവതി അംബെ നിർവാണി

 

അഷ്ടഭുജി വരാഹിനി ദേവി.

കാരറ്റ് വിഷ്ണു ശിവ ജാക്കർ സേവി

 

ചോൻസട്ടി ദേവി കല്യാണി.

ഗ രി മംഗള എല്ലാ ഗുണങ്ങളും ഉപയോഗിക്കുന്നു

 

പത്തൻ മുംബ ഡെന്റ് കുമാരി.

ഭദ്രകാലി, വിനയ് ഹമാരി പറയുന്നത് ശ്രദ്ധിക്കൂ

 

നസ്രിനിയെ വിലപിക്കുന്ന വജ്രധരിണി.

പ്രായം രക്ഷിനി വിന്ധ്യവാസിനി

 

ജയ, വിജയ ബൈതാലി.

മാതു സുഗന്ധ അരു വിക്രാലി

 

നാം നിത്യമായ തുംഹാര ഭവാനി.

പക്ഷെ ഞാൻ അജ്ഞനാണ് ॥.

 

ഞാൻ പോകുന്നതിൽ സന്തോഷമുണ്ട്.

അതിനാൽ നിങ്ങൾ ആഗ്രഹിക്കുന്നത് അതാണ്

 

കാരു മോയുടെ കരുണയിൽ.

സിദ്ധി കരിയ അംബെ മാം ബാനി

 

ധൈര്യപ്പെടുന്നവൻ ചൂടാക്കുകയും ധ്യാനിക്കുകയും ചെയ്യുന്നു.

കകർ സദ ഹോയ് കല്യാണ॥

 

വിപത്ത് സ്വപ്നമല്ല.

മന്ത്രിക്കുന്ന ദേവി

 

പുരുഷന്മാർ പറയുന്നത് കടമാണ്.

അതിനാൽ പുരുഷൻ തികഞ്ഞ ബാര പാരായണം ചെയ്തു

 

കടം വീണ്ടെടുക്കൽ ഉറപ്പാണ്.

വാചകം വായിക്കുന്ന മനുഷ്യൻ അത് മനസ്സിലേക്ക് കൊണ്ടുവന്നു.

 

പുരുഷനെ പഠിക്കുന്ന അസ്തുതി.

അല്ലെങ്കിൽ ലോകത്ത് ഉറങ്ങുക, ഒരുപാട് സന്തോഷമുണ്ട്

 

 

ജാക്കോ വ്യാദി സതവായ് ഭായ്.

എല്ലാ അകലവും ചൊല്ലുക

 

അങ്ങേയറ്റം തടവുകാരനായ പുരുഷൻ

ആയിരം തവണ വായിച്ചതിനുശേഷം ഉറങ്ങി

 

തടവുകാരനെ വിട്ടയച്ചു എന്നതിൽ സംശയമില്ല.

സത്യ ബച്ചൻ മാമ മൻഹു ഭായ്

 

വഴിയിൽ ഒരു പ്രതിസന്ധി ഉണ്ടായിരുന്നു.

നിഷായ് ഡെബിഹി സുമൈറായി സോയി

 

സഹോദരനല്ലാത്ത ആൺമകൻ.

അതിനാൽ പുരുഷനോ രീതിയോ ഉപയോഗിക്കണം.

 

അഞ്ച് വർഷത്തേക്ക് വായിക്കുക.

നൗറത്തറിലെ വിം ജിമാവായ്

 

തീർച്ചയായും, നിങ്ങൾ സന്തുഷ്ടരാണ് ഭവാനി.

മകൻ ദേഹി തഖാൻ ഖാൻ ഖാനി ഖാനി

 

തെങ്ങ് തെങ്ങ് പതാക

നിയമപ്രകാരം ആരാധിക്കപ്പെടുന്നു

 

എല്ലാ പാഠങ്ങളും മനസ്സിൽ കൊണ്ടുവന്നു.

സ്നേഹമുള്ള ആരും

 

ഇതാണ് ശ്രീ വിന്ധ്യാചൽ ചാലിസ.

അവനിസ എങ്ങനെയെന്ന് റാങ്ക വായിച്ചു

 

ഈ മനുഷ്യൻ അത്ഭുതപ്പെടുത്തുന്ന സഹോദരനാണ്.

ദയവായി സന്തോഷവാനായിരിക്കുക

 

ജയ് ജയ് ജയ് ജഗമാത്തു ഭവാനി.

നിങ്ങളെക്കുറിച്ച് എന്നെ അറിയിക്കൂ.

CHALISA IN MEITEI

Meitei and Hindi languages are both written using the same script called ‘Devanagari’ . We recommend you to read the original Hindi version of Chalisa written in Awadhi dialect. 

|| दोहा ||

नमो नमो विन्ध्येश्वरी, नमो नमो जगदंब।
संत जनों के काज में, करती नहीं बिलंब॥

|| चौपाई ||

जय जय जय विन्ध्याचल रानी। आदि शक्ति जगबिदित भवानी॥
सिंह वाहिनी जय जगमाता। जय जय जय त्रिभुवन सुखदाता॥

कष्ट निवारिनि जय जग देवी। जय जय संत असुर सुरसेवी॥
महिमा अमित अपार तुम्हारी। सेष सहस मुख बरनत हारी॥

दीनन के दु:ख हरत भवानी। नहिं देख्यो तुम सम कोउ दानी॥
सब कर मनसा पुरवत माता। महिमा अमित जगत विख्याता॥

जो जन ध्यान तुम्हारो लावे। सो तुरतहिं वांछित फल पावे॥
तू ही वैस्नवी तू ही रुद्रानी। तू ही शारदा अरु ब्रह्मानी॥

रमा राधिका स्यामा काली। तू ही मात संतन प्रतिपाली॥
उमा माधवी चंडी ज्वाला। बेगि मोहि पर होहु दयाला॥

तुम ही हिंगलाज महरानी। तुम ही शीतला अरु बिज्ञानी॥
तुम्हीं लक्ष्मी जग सुख दाता। दुर्गा दुर्ग बिनासिनि माता॥

तुम ही जाह्नवी अरु उन्नानी। हेमावती अंबे निरबानी॥
अष्टभुजी बाराहिनि देवा। करत विष्णु शिव जाकर सेवा॥

चौसट्टी देवी कल्याणी। गौरि मंगला सब गुन खानी॥
पाटन मुंबा दंत कुमारी। भद्रकाली सुन विनय हमारी॥

बज्रधारिनी सोक नासिनी। आयु रच्छिनी विन्ध्यवासिनी॥
जया और विजया बैताली। मातु संकटी अरु बिकराली॥

नाम अनंत तुम्हार भवानी। बरनै किमि मानुष अज्ञानी॥
जापर कृपा मातु तव होई। तो वह करै चहै मन जोई॥

कृपा करहु मोपर महारानी। सिध करिये अब यह मम बानी॥
जो नर धरै मातु कर ध्याना। ताकर सदा होय कल्याणा॥

बिपत्ति ताहि सपनेहु नहि आवै। जो देवी का जाप करावै॥
जो नर कहे रिन होय अपारा। सो नर पाठ करे सतबारा॥

नि:चय रिनमोचन होई जाई। जो नर पाठ करे मन लाई॥
अस्तुति जो नर पढै पढावै। या जग में सो बहु सुख पावै॥

जाको ब्याधि सतावै भाई। जाप करत सब दूर पराई॥
जो नर अति बंदी महँ होई। बार हजार पाठ कर सोई॥

नि:चय बंदी ते छुटि जाई। सत्य वचन मम मानहु भाई॥
जापर जो कुछ संकट होई। नि:चय देबिहि सुमिरै सोई॥

जा कहँ पुत्र होय नहि भाई। सो नर या विधि करै उपाई॥
पाँच बरस सो पाठ करावै। नौरातर महँ बिप्र जिमावै॥

नि:चय होहि प्रसन्न भवानी। पुत्र देहि ताकहँ गुन खानी॥
ध्वजा नारियल आन चढावै। विधि समेत पूजन करवावै॥

नित प्रति पाठ करै मन लाई। प्रेम सहित नहि आन उपाई॥
यह श्री विन्ध्याचल चालीसा। रंक पढत होवै अवनीसा॥

यह जनि अचरज मानहु भाई। कृपा दृष्टि जापर ह्वै जाई॥
जय जय जय जग मातु भवानी। कृपा करहु मोहि पर जन जानी॥

|| इति श्री विन्ध्येश्वरी चालीसा समाप्त ||

CHALISA IN MARATHI

॥ दोहा ॥

नमो नमो विंधेश्वरी,

नमो नमो जगदंब।

 

मुलांच्या बिजागरात,

आई उशीर करत नाही

 

॥ चौकार ॥

जय जय जय विंध्याचल राणी.

आदिशक्ति जग विदित भवानी

 

सिंहवाहिनी जय जग माता.

जय जय जय त्रिभुवन सुखदाता॥

 

दुःख नऊ जय जग देवी।

जय जय जय जय असुरसुर सेवी ॥

 

महिमा आपल्याला अपार आहे.

उर्वरित हजारो वर्ष गमावले आहेत.

 

हरि भवानी, दीनन दु: ख।

पाहू नका, आपण एखाद्याच्या बरोबरीचे आहात

 

सर्वत्र देवी पूर्वा माता।

महिमा अमित जगत ज्ञात

 

सार्वजनिक लक्ष आपल्याकडे आणले आहे.

म्हणून त्वरित इच्छित फळ उपलब्ध आहे.

 

तू वैष्णवी आहेस, तू रुद्रानी आहेस.

आपणच शारदा आणि ब्राह्मणी आहात.

 

 

 

रामा राधिका शमा काली.

आपण एकुलता एक मूल आहात

 

उमा माधवी चंडी ज्वाला.

बेगी मोही वर होहु दयाला

 

तू हिंगलाज राणी आहेस.

आपण शितला पुरातत्वशास्त्रज्ञ आहात.

 

दुर्गा दुर्ग वशिशिनी माता.

तू लक्ष्मी जग सुखदाता।

 

तूं जान्हवी अरु उत्तरी।

हेमावती अंबे निर्वाणी

 

अष्टभुजी वराहिनी देवी।

करात विष्णू शिवा जाकर सेवी

 

चोंसट्टी देवी कल्याणी।

गौरी मंगला सर्व गुण सेवन करतो॥

 

पाटण मुंबा दंत कुमारी।

भद्रकाली, विनय हमरी ऐका

 

वज्राधारिणी शोक करीत नशिनी।

वय रक्षिणी विंध्यावासिनी॥

 

जया आणि विजया बैताली.

मातु सुगंधा अरु विक्राली॥

 

नाम चिरंतर तुम्हारा भवानी।

पण मी अज्ञानी आहे ॥.

 

मला जायला आनंद झाला.

तर तुम्हाला ते हवे आहे

 

करुु मो वर दया करा.

सिद्धी करीया अंबे मम बाणी

 

जो कोणी हिम्मत करतो, तापतो आणि ध्यान करतो.

काकर सदा होई कल्याण॥

 

आपत्ती हे स्वप्न नाही.

जप करणारी देवी

 

पुरुष काय म्हणतात ते कर्ज आहे.

तर नरांनी अचूक बाराारा पाठ केला

 

निश्चित कर्ज मुक्त केले गेले.

मजकूर वाचणार्‍या माणसाने ते मनावर आणले.

 

नर अभ्यास करणारा अस्तुती.

किंवा जगात झोपा, खूप आनंद आहे

 

जाको व्याधि सतावई भाई।

सर्व अंतर दूर जप करा

 

जो पुरुष अत्यंत कैदी होता

एक हजार वेळा वाचल्यानंतर झोपले

 

यात काही शंका नाही की कैदीला सोडण्यात आले होते.

सत्य बचन मामा मन्हू भाई

 

वाटेत एक संकट होते.

निशा देबिही सुमिरै सोई॥

 

भाऊ नसलेला नर मुलगा.

तर नर किंवा पद्धत वापरली पाहिजे.

 

 

 

पाच वर्षे वाचा.

नौरातारात व्ही.पी. जिमावाई

 

नक्कीच तू आनंदी भवानी।

सोन देही तखान खान खाणी

 

ध्वज नारळ नारळ

कायद्याने पूजा केली

 

प्रत्येक धडा मनात आणला.

प्रेमाने कोणी नाही

 

ही श्री विंध्याचल चालीसा आहे.

रांका वाचिले अवनिसा॥

 

हा माणूस आश्चर्यचकित करणारा भाऊ आहे.

कृपया आनंदी रहा

 

जय जय जय जगमातू भवानी।

कृपया मला तुमच्याबद्दल सांगा.

CHALISA IN NEPALI

Nepali and Hindi languages are both written using the same script called ‘Devanagari’ . We recommend you to read the original Hindi version of Chalisa written in Awadhi dialect. 

 

|| दोहा ||

नमो नमो विन्ध्येश्वरी, नमो नमो जगदंब।
संत जनों के काज में, करती नहीं बिलंब॥

|| चौपाई ||

जय जय जय विन्ध्याचल रानी। आदि शक्ति जगबिदित भवानी॥
सिंह वाहिनी जय जगमाता। जय जय जय त्रिभुवन सुखदाता॥

कष्ट निवारिनि जय जग देवी। जय जय संत असुर सुरसेवी॥
महिमा अमित अपार तुम्हारी। सेष सहस मुख बरनत हारी॥

दीनन के दु:ख हरत भवानी। नहिं देख्यो तुम सम कोउ दानी॥
सब कर मनसा पुरवत माता। महिमा अमित जगत विख्याता॥

जो जन ध्यान तुम्हारो लावे। सो तुरतहिं वांछित फल पावे॥
तू ही वैस्नवी तू ही रुद्रानी। तू ही शारदा अरु ब्रह्मानी॥

रमा राधिका स्यामा काली। तू ही मात संतन प्रतिपाली॥
उमा माधवी चंडी ज्वाला। बेगि मोहि पर होहु दयाला॥

तुम ही हिंगलाज महरानी। तुम ही शीतला अरु बिज्ञानी॥
तुम्हीं लक्ष्मी जग सुख दाता। दुर्गा दुर्ग बिनासिनि माता॥

तुम ही जाह्नवी अरु उन्नानी। हेमावती अंबे निरबानी॥
अष्टभुजी बाराहिनि देवा। करत विष्णु शिव जाकर सेवा॥

चौसट्टी देवी कल्याणी। गौरि मंगला सब गुन खानी॥
पाटन मुंबा दंत कुमारी। भद्रकाली सुन विनय हमारी॥

बज्रधारिनी सोक नासिनी। आयु रच्छिनी विन्ध्यवासिनी॥
जया और विजया बैताली। मातु संकटी अरु बिकराली॥

नाम अनंत तुम्हार भवानी। बरनै किमि मानुष अज्ञानी॥
जापर कृपा मातु तव होई। तो वह करै चहै मन जोई॥

कृपा करहु मोपर महारानी। सिध करिये अब यह मम बानी॥
जो नर धरै मातु कर ध्याना। ताकर सदा होय कल्याणा॥

बिपत्ति ताहि सपनेहु नहि आवै। जो देवी का जाप करावै॥
जो नर कहे रिन होय अपारा। सो नर पाठ करे सतबारा॥

नि:चय रिनमोचन होई जाई। जो नर पाठ करे मन लाई॥
अस्तुति जो नर पढै पढावै। या जग में सो बहु सुख पावै॥

जाको ब्याधि सतावै भाई। जाप करत सब दूर पराई॥
जो नर अति बंदी महँ होई। बार हजार पाठ कर सोई॥

नि:चय बंदी ते छुटि जाई। सत्य वचन मम मानहु भाई॥
जापर जो कुछ संकट होई। नि:चय देबिहि सुमिरै सोई॥

जा कहँ पुत्र होय नहि भाई। सो नर या विधि करै उपाई॥
पाँच बरस सो पाठ करावै। नौरातर महँ बिप्र जिमावै॥

नि:चय होहि प्रसन्न भवानी। पुत्र देहि ताकहँ गुन खानी॥
ध्वजा नारियल आन चढावै। विधि समेत पूजन करवावै॥

नित प्रति पाठ करै मन लाई। प्रेम सहित नहि आन उपाई॥
यह श्री विन्ध्याचल चालीसा। रंक पढत होवै अवनीसा॥

यह जनि अचरज मानहु भाई। कृपा दृष्टि जापर ह्वै जाई॥
जय जय जय जग मातु भवानी। कृपा करहु मोहि पर जन जानी॥

|| इति श्री विन्ध्येश्वरी चालीसा समाप्त ||

CHALISA IN ODIA

॥ ଦୋହା ॥

ନାମୋ ନାମୋ ବିନ୍ଦେଶ୍ୱରୀ,

ନାମୋ ନାମୋ ଜଗଡମ୍ବ |

 

ପିଲାମାନଙ୍କ କାନ୍ଧରେ,

ମା ବିଳମ୍ବ କରନ୍ତି ନାହିଁ |

 

॥ ସୀମା ॥

ଜୟ ଜୟ ଜୟ ବିନ୍ଦୁଚାଲ ରାନୀ |

ଆଦି ଶକ୍ତି ଜଗ ବିଦିତ ଭବାନୀ |

 

 

ସିଂହବାହିନୀ ଜୟ ଜଗ ମାତା |

ଜୟ ଜୟ ଜୟ ତ୍ରିବୁଭାନ୍ ସୁଖଦତା।

 

ନଅ ଜୟ ଜଗ ଦେବୀଙ୍କୁ ଯନ୍ତ୍ରଣା ଦେଉଛନ୍ତି |

ଜୟ ଜୟ ଜୟ ଜୟ ଅସୁରାସୁର ସେଭି ॥ |

 

ଆପଣଙ୍କ ପାଇଁ ଗ ରବ ଅତୁଳନୀୟ |

ଅବଶିଷ୍ଟ ସହସ୍ର ବର୍ଷଗୁଡିକ ହଜିଯାଇଛି |

 

ହରି ଭବାନୀ, ଦିନାଙ୍କ ଦୁ ଖ |

ଦେଖ ନାହିଁ, ତୁମେ କାହା ସହିତ ସମାନ |

 

ଦେବୀ ପୁରଭା ମାତା ସର୍ବଶେଷରେ |

ମହିମା ଅମିତ ଜଗତ ଜଣାଶୁଣା |

 

ଜନସାଧାରଣଙ୍କ ଦୃଷ୍ଟି ଆକର୍ଷଣ କରାଯାଇଛି |

ତେଣୁ ତୁରନ୍ତ ଇଚ୍ଛିତ ଫଳ ଉପଲବ୍ଧ |

 

ତୁମେ ବ  ଷ୍ଣବୀ, ତୁମେ ରୁଦ୍ରାନୀ |

ତୁମେ କେବଳ ଶାରଦା ଏବଂ ବ୍ରାହ୍ମଣୀ |

 

ରାମା ରାଧିକା ଶାମା କାଳୀ |

ତୁମେ ଏକମାତ୍ର ସନ୍ତାନ |

 

ଉମା ମାଧବୀ ଚାନ୍ଦି ଜୱାଲା |

ବେଗି ମୋହି ଉପରେ ହୋହୁ ଦିନାଲା |

 

ତୁମେ ହିଙ୍ଗଲାଜ ରାଣୀ |

ତୁମେ ଶିଟଲା ପ୍ରତ୍ନତତ୍ତ୍ୱବିତ୍ |

 

ଦୁର୍ଗା ଦୁର୍ଗ ଭାଶିଶିଣୀ ମାତା |

ତୁମେ ଲକ୍ଷ୍ମୀ ଜଗ ସୁଖଦତା |

 

ତୁମେ ଜାନଭୀ ଅରୁ ଉତାନୀ |

ହେମାବତୀ ଆମ୍ବେ ନିର୍ବାଣ |

 

 

ଅଷ୍ଟାବୁଜୀ ଭରାହିନୀ ଦେବୀ |

କରତ ବିଷ୍ଣୁ ଶିବ ଜାକର ସେଭି

 

ଚନ୍ସଟ୍ଟି ଦେବୀ କଲ୍ୟାଣୀ |

ଗ ରୀ ମଙ୍ଗଳା ସମସ୍ତ ଗୁଣ ଖାଇଥାଏ।

 

ପତନ ମୁମ୍ବା ଡେଣ୍ଟ କୁମାରୀ |

ଭଦ୍ରକଲି, ବିନୟ ହାମାରୀ ଶୁଣ |

 

ଭାଜରାଧରିନୀ ନାଶିନୀଙ୍କୁ ଶୋକ କରୁଛନ୍ତି।

ବୟସ ରାକ୍ଷିନୀ ବିନ୍ଦୁଭାସିନି।

 

ଜୟା ଏବଂ ବିଜୟ ବାଇତାଲି |

 

ନାମ ଅନନ୍ତ ତୁମ୍ହାରା ଭବାନୀ |

କିନ୍ତୁ ମୁଁ ଅଜ୍ଞ ॥

 

ମୁଁ ଯାଇ ଖୁସି ଅଟେ |

ତେଣୁ ତୁମେ ତାହା ଚାହୁଁଛ |

 

କରୁଣା ମୋ ଉପରେ ଦୟା ଉପରେ ସମ୍ରାଟ |

ସିଦ୍ଧ କରିଆ ଆମ୍ବେ ମାମ ବାନି |

 

ଯିଏ ସାହସ କରେ, ଗରମ କରେ ଏବଂ ଧ୍ୟାନ କରେ |

କାକର ସାଦା ହୋ କଲ୍ୟାଣା।

 

ବିପଦ ସ୍ୱପ୍ନ ନୁହେଁ |

ଜପ କରୁଥିବା ଦେବୀ

 

ପୁରୁଷମାନେ ଯାହା କୁହନ୍ତି ତାହା ହେଉଛି ଣ |

ତେଣୁ ପୁରୁଷ ସଂପୂର୍ଣ୍ଣ ବାରା ପ ଼ିଲେ |

 

ନିଶ୍ଚିତ  ଣ ମୁକ୍ତି କରାଯାଇଥିଲା |

ପାଠ ପ  ୁଥିବା ବ୍ୟକ୍ତି ଏହାକୁ ମନକୁ ଆଣିଥିଲେ |

 

 

 

ଅସ୍ତୁତି ଯିଏ ପୁରୁଷ ଅଧ୍ୟୟନ କରନ୍ତି |

କିମ୍ବା ଦୁନିଆରେ ଶୋଇବା, ବହୁତ ଖୁସି ଅଛି |

 

ଜାକୋ ଭ୍ୟାଡି ସତ୍ୟଭାଇ ଭୋଇ |

ସମସ୍ତ ଦୂରତା ଜପ କରନ୍ତୁ |

 

ଯେଉଁ ପୁରୁଷ ଅତ୍ୟଧିକ ବନ୍ଦୀ ଥିଲେ |

ଏକ ହଜାର ଥର ପ  ିବା ପରେ ଶୋଇପଡ |

 

ଏଥିରେ କ  ଣସି ସନ୍ଦେହ ନାହିଁ ଯେ କଏଦୀଙ୍କୁ ମୁକ୍ତ କରାଯାଇଥିଲା।

ସତ୍ୟ ବଚ୍ଚନ ମାମା ମନୁ ଭୋଇ |

 

ବାଟରେ ଏକ ସଙ୍କଟ ଦେଖାଦେଇଥିଲା |

ନିଶାଇ ଦେବିହି ସୁମିରାଇ ସୋ।

 

ପୁରୁଷ ପୁଅ ଯିଏ ଭାଇ ନୁହେଁ |

ତେଣୁ ପୁରୁଷ କିମ୍ବା ପଦ୍ଧତି ବ୍ୟବହାର କରାଯିବା ଉଚିତ୍ |

 

ପାଞ୍ଚ ବର୍ଷ ପ ନ୍ତୁ |

ନାଉରାଟରରେ ଭିପ୍ ଜିମୱାଇ |

 

ଅବଶ୍ୟ, ତୁମେ ଭବାନୀ ଖୁସି |

ପୁଅ ଦେହି ତଖାନ ଖାନ ଖାନି |

 

ନଡ଼ିଆ ନଡ଼ିଆକୁ ଫ୍ଲାଗ୍ କରନ୍ତୁ |

ନିୟମ ସହିତ ପୂଜା |

 

ପ୍ରତ୍ୟେକ ଶିକ୍ଷାକୁ ମନେ ରଖେ |

ପ୍ରେମ ସହିତ କେହି ନାହିଁ |

 

ଏହା ହେଉଛି ଶ୍ରୀ ବିନ୍ଦୁଚାଲ ଚଲିସା |

ରାଙ୍କା ପ ଼ିଲେ କିପରି ଆଭାନିସା।

 

ଏହି ବ୍ୟକ୍ତି ଆଶ୍ଚର୍ଯ୍ୟଜନକ ଭାଇ |

ଦୟାକରି ଖୁସି ହୁଅନ୍ତୁ |

 

 

ଜୟ ଜୟ ଜୟ ଜଗାମାଟୁ ଭବାନୀ |

ଦୟାକରି ମୋତେ ତୁମ ବିଷୟରେ ଜଣାନ୍ତୁ |

CHALISA IN PUNJABI

॥ ਦੋਹਾ ॥

ਨਮੋ ਨਮੋ ਵਿਨ੍ਦੇਸ਼੍ਵਰੀ,

ਨਮੋ ਨਮੋ ਜਗਾਦਮ੍ਬ।

 

ਬੱਚਿਆਂ ਦੇ ਕਬਜ਼ੇ ਵਿਚ,

ਮਾਂ ਦੇਰੀ ਨਹੀਂ ਕਰਦੀ

 

॥ ਚੌਪਾਈ ॥

ਜੈ ਜੈ ਜੈ ਵਿੰਦਿਆਚਲ ਰਾਣੀ.

ਆਦਿ ਸ਼ਕਤੀ ਜਗ ਵਿਦਿਤ ਭਵਾਨੀ

 

ਸਿੰਘਵਾਹਿਨੀ ਜੈ ਜਗ ਮਾਤਾ।

ਜੈ ਜੈ ਜੈ ਤ੍ਰਿਭੁਵਨ ਸੁਖਦਾਤਾ॥

 

ਦੁਖ ਨਈ ਜੈ ਜਗ ਦੇਵੀ।

ਜੈ ਜੈ ਜੈ ਜੈ ਅਸੁਰਸੁਰ ਸੇਵੀ ॥

 

ਮਹਿਮਾ ਤੁਹਾਡੇ ਲਈ ਅਥਾਹ ਹੈ.

ਬਾਕੀ ਹਜ਼ਾਰ ਸਾਲ ਖਤਮ ਹੋ ਗਏ ਹਨ.

 

ਹਰਿ ਭਾਵਨੀ, ਦੀਨਾਨ ਦੇ ਦੁੱਖ।

ਨਾ ਵੇਖੋ, ਤੁਸੀਂ ਕਿਸੇ ਦੇ ਬਰਾਬਰ ਹੋ

 

ਦੇਵੀ ਪੂਰਵਤਾ ਮਾਤਾ ਸਭ ਦੇ ਬਾਅਦ.

ਮਹਿਮਾ ਅਮਿਤ ਜਗਤ ਜਾਣਿਆ

 

ਜਨਤਾ ਦਾ ਧਿਆਨ ਤੁਹਾਡੇ ਵੱਲ ਲਿਆਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ.

ਇਸ ਲਈ ਤੁਰੰਤ ਲੋੜੀਂਦਾ ਫਲ ਮਿਲ ਜਾਂਦਾ ਹੈ.

 

ਤੁਸੀਂ ਵੈਸ਼ਨਵੀ ਹੋ, ਤੁਸੀਂ ਰੁਦਰਾਨੀ ਹੋ.

ਤੁਸੀਂ ਕੇਵਲ ਸ਼ਾਰਦਾ ਅਤੇ ਬ੍ਰਾਹਮਣੀ ਹੋ.

 

ਰਾਮਾ ਰਾਧਿਕਾ ਸ਼ਮਾ ਕਾਲੀ।

ਤੁਸੀਂ ਇਕਲੌਤੇ ਬੱਚੇ ਹੋ

 

ਉਮਾ ਮਾਧਵੀ ਚੰਦੀ ਜਵਾਲਾ।

ਹੋਗੀ ਦਇਆਲਾ ਬੇਗੀ ਮੋਹਿ ਤੇ

 

ਤੁਸੀਂ ਹਿੰਗਲਾਜ ਮਹਾਰਾਣੀ ਹੋ.

ਤੁਸੀਂ ਸ਼ੀਤਲਾ ਪੁਰਾਤੱਤਵ ਵਿਗਿਆਨੀ ਹੋ.

 

ਦੁਰਗਾ ਦੁਰਗ ਵਸ਼ੀਸ਼ੀਨੀ ਮਾਤਾ.

ਤੁਸੀ ਲਕਸ਼ਮੀ ਜਗ ਸੁਖਦਾਤਾ ਹੋ।

 

ਤੁਸੀਂ ਜਾਨਹਵੀ ਅਰੂ ਉਤਰਾਨੀ ਹੋ.

ਹੇਮਾਵਤੀ ਅੰਬੇ ਨਿਰਵਾਣੀ

 

ਅਸ਼ਟਭੁਜੀ ਵਰਹੈਨੀ ਦੇਵੀ।

ਕਰਤ ਵਿਸ਼ਨੂੰ ਸ਼ਿਵਾ ਜਾਕਰ ਸੇਵੀ

 

ਚਨਸੈਟਿ ਦੇਵੀ ਕਲਿਆਣੀ।

ਗਉੜੀ ਮੰਗਲਾ ਸਭ ਗੁਣ ਧਾਰਦਾ ਹੈ॥

 

ਪਾਟਨ ਮੁੰਬਾ ਡੈਂਟ ਕੁਮਾਰੀ.

ਭਦਰਕਾਲੀ, ਵਿਨੈ ਹਮਾਰੀ ਨੂੰ ਸੁਣੋ

 

ਵਾਜਰਾਧਾਰੀਨੀ ਸੋਗ ਨਸ਼ੀਨੀ।

ਉਮਰ ਰਕ੍ਸ਼ਿਨੀ ਵਿਨ੍ਧ੍ਯਵਾਸਿਨੀ॥

 

ਜਯਾ ਅਤੇ ਵਿਜੈ ਬੈਤਾਲਿ.

ਮਤੁ ਸੁਗੰਧਾ ਅਰੁ ਵਿਕਰਾਲੀ॥

 

ਨਾਮ ਅਨਾਦਿ ਤੁਮ੍ਹਾਰਾ ਭਵਾਨੀ।

ਪਰ ਮੈਂ ਅਣਜਾਣ ਹਾਂ

 

ਮੈਂ ਜਾ ਕੇ ਖੁਸ਼ ਹਾਂ

ਤਾਂ ਜੋ ਤੁਸੀਂ ਚਾਹੁੰਦੇ ਹੋ

 

ਦਇਆ ਕਰਹੁ ਮੋ ਤੇ ਮਹਾਰਾਣੀ।

ਸਿਧਿ ਕਰਿਆ ਅੰਬੇ ਮੈ ਬਾਣੀ॥

 

ਜੋ ਕੋਈ ਹਿੰਮਤ ਕਰਦਾ ਹੈ, ਗਰਮ ਕਰਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਅਭਿਆਸ ਕਰਦਾ ਹੈ.

ਕਕਾਰ ਸਦਾ ਹੋਇ ਕਲਿਆਣਾ॥

 

ਬਿਪਤਾ ਸੁਪਨਾ ਨਹੀਂ ਹੈ.

ਦੇਵੀ ਜੋ ਜਪਦੀ ਹੈ

 

ਮਰਦ ਜੋ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ਉਹ ਕਰਜ਼ਾ ਹੈ.

ਇਸ ਲਈ ਨਰ ਨੇ ਸੰਪੂਰਨ ਬਾਰਾ ਦਾ ਜਾਪ ਕੀਤਾ

 

ਯਕੀਨਨ ਕਰਜ਼ਾ ਮੁਕਤੀ ਹੋ ਗਈ ਸੀ.

ਪਾਠ ਨੂੰ ਪੜ੍ਹਨ ਵਾਲਾ ਆਦਮੀ ਇਸ ਨੂੰ ਮਨ ਵਿੱਚ ਲਿਆਉਂਦਾ ਹੈ.

 

ਅਸਟੁਤੀ ਜੋ ਨਰ ਦੀ ਪੜ੍ਹਾਈ ਕਰਦਾ ਹੈ.

ਜਾਂ ਸੰਸਾਰ ਵਿਚ ਨੀਂਦ ਆਉਂਦੀ ਹੈ, ਬਹੁਤ ਖੁਸ਼ੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ

 

ਜਾਕੋ ਵਿਆਧੀ ਸਤਵੈ ਭਾਈ॥

ਸਾਰੀ ਦੂਰੀ ਦਾ ਜਾਪ ਕਰੋ

 

ਉਹ ਮਰਦ ਜੋ ਅਤਿ ਕੈਦੀ ਸੀ

ਹਜ਼ਾਰ ਵਾਰ ਪੜ੍ਹਨ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਸੁੱਤਾ ਪਿਆ

 

ਬਿਨਾਂ ਸ਼ੱਕ ਕੈਦੀ ਨੂੰ ਰਿਹਾ ਕਰ ਦਿੱਤਾ ਗਿਆ ਸੀ।

ਸੱਤਿਆ ਬਚਨ ਮਾਮਾ ਮਨਹੁ ਭਾਈ

 

ਰਸਤੇ ਵਿੱਚ ਇੱਕ ਸੰਕਟ ਸੀ.

ਨਿਸ਼ੈ ਦੇਬੀਹੀ ਸੁਮਿਰੈ ਸੋਇ॥

 

ਮਰਦ ਪੁੱਤਰ ਜੋ ਭਰਾ ਨਹੀਂ ਹੈ.

ਇਸ ਲਈ ਮਰਦ ਜਾਂ ੰਗ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕੀਤੀ ਜਾਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ.

 

ਪੰਜ ਸਾਲ ਲਈ ਪੜ੍ਹੋ.

ਨੂਰਤਾਰ ਵਿਚ ਵੀਆਈਪੀ ਜਿੰਮਾਵੈ

 

ਯਕੀਨਨ, ਤੁਸੀਂ ਖੁਸ਼ ਭਵਾਨੀ ਹੋ.

ਪੁੱਤਰ ਦੇਹੀ ਤਖਨ ਖਾਨ ਖਾਨੀ

 

ਫਲੈਗ ਨਾਰਿਅਲ ਨਾਰਿਅਲ

ਕਨੂੰਨ ਨਾਲ ਪੂਜਾ ਕੀਤੀ

 

ਹਰ ਸਬਕ ਨੂੰ ਧਿਆਨ ਵਿਚ ਲਿਆਇਆ.

ਪਿਆਰ ਨਾਲ ਕੋਈ ਨਹੀਂ

 

ਇਹ ਸ਼੍ਰੀ ਵਿੰਧਿਆਚਲ ਚਾਲੀਸਾ ਹੈ.

ਰੰਕ ਪੜਿ ਕੈ ਅਵਨਿਸਾ॥

 

ਇਹ ਆਦਮੀ ਹੈਰਾਨ ਕਰਨ ਵਾਲਾ ਭਰਾ ਹੈ.

ਕ੍ਰਿਪਾ ਕਰਕੇ ਖੁਸ਼ ਰਹੋ

 

ਜੈ ਜੈ ਜੈ ਜਗਮਤੁ ਭਵਾਨੀ।

ਕ੍ਰਿਪਾ ਕਰਕੇ ਮੈਨੂੰ ਤੁਹਾਡੇ ਬਾਰੇ ਦੱਸੋ.

CHALISA IN SANSKRIT

Sanskrit and Hindi languages are both written using the same script called ‘Devanagari’ . We recommend you to read the original Hindi version of Chalisa written in Awadhi dialect. 

 

|| दोहा ||

नमो नमो विन्ध्येश्वरी, नमो नमो जगदंब।
संत जनों के काज में, करती नहीं बिलंब॥

|| चौपाई ||

जय जय जय विन्ध्याचल रानी। आदि शक्ति जगबिदित भवानी॥
सिंह वाहिनी जय जगमाता। जय जय जय त्रिभुवन सुखदाता॥

कष्ट निवारिनि जय जग देवी। जय जय संत असुर सुरसेवी॥
महिमा अमित अपार तुम्हारी। सेष सहस मुख बरनत हारी॥

दीनन के दु:ख हरत भवानी। नहिं देख्यो तुम सम कोउ दानी॥
सब कर मनसा पुरवत माता। महिमा अमित जगत विख्याता॥

जो जन ध्यान तुम्हारो लावे। सो तुरतहिं वांछित फल पावे॥
तू ही वैस्नवी तू ही रुद्रानी। तू ही शारदा अरु ब्रह्मानी॥

रमा राधिका स्यामा काली। तू ही मात संतन प्रतिपाली॥
उमा माधवी चंडी ज्वाला। बेगि मोहि पर होहु दयाला॥

तुम ही हिंगलाज महरानी। तुम ही शीतला अरु बिज्ञानी॥
तुम्हीं लक्ष्मी जग सुख दाता। दुर्गा दुर्ग बिनासिनि माता॥

तुम ही जाह्नवी अरु उन्नानी। हेमावती अंबे निरबानी॥
अष्टभुजी बाराहिनि देवा। करत विष्णु शिव जाकर सेवा॥

चौसट्टी देवी कल्याणी। गौरि मंगला सब गुन खानी॥
पाटन मुंबा दंत कुमारी। भद्रकाली सुन विनय हमारी॥

बज्रधारिनी सोक नासिनी। आयु रच्छिनी विन्ध्यवासिनी॥
जया और विजया बैताली। मातु संकटी अरु बिकराली॥

नाम अनंत तुम्हार भवानी। बरनै किमि मानुष अज्ञानी॥
जापर कृपा मातु तव होई। तो वह करै चहै मन जोई॥

कृपा करहु मोपर महारानी। सिध करिये अब यह मम बानी॥
जो नर धरै मातु कर ध्याना। ताकर सदा होय कल्याणा॥

बिपत्ति ताहि सपनेहु नहि आवै। जो देवी का जाप करावै॥
जो नर कहे रिन होय अपारा। सो नर पाठ करे सतबारा॥

नि:चय रिनमोचन होई जाई। जो नर पाठ करे मन लाई॥
अस्तुति जो नर पढै पढावै। या जग में सो बहु सुख पावै॥

जाको ब्याधि सतावै भाई। जाप करत सब दूर पराई॥
जो नर अति बंदी महँ होई। बार हजार पाठ कर सोई॥

नि:चय बंदी ते छुटि जाई। सत्य वचन मम मानहु भाई॥
जापर जो कुछ संकट होई। नि:चय देबिहि सुमिरै सोई॥

जा कहँ पुत्र होय नहि भाई। सो नर या विधि करै उपाई॥
पाँच बरस सो पाठ करावै। नौरातर महँ बिप्र जिमावै॥

नि:चय होहि प्रसन्न भवानी। पुत्र देहि ताकहँ गुन खानी॥
ध्वजा नारियल आन चढावै। विधि समेत पूजन करवावै॥

नित प्रति पाठ करै मन लाई। प्रेम सहित नहि आन उपाई॥
यह श्री विन्ध्याचल चालीसा। रंक पढत होवै अवनीसा॥

यह जनि अचरज मानहु भाई। कृपा दृष्टि जापर ह्वै जाई॥
जय जय जय जग मातु भवानी। कृपा करहु मोहि पर जन जानी॥

|| इति श्री विन्ध्येश्वरी चालीसा समाप्त ||

CHALISA IN SANTALI

Santali and Hindi languages are both written using the same script called ‘Devanagari’ . We recommend you to read the original Hindi version of Chalisa written in Awadhi dialect. 

 

|| दोहा ||

नमो नमो विन्ध्येश्वरी, नमो नमो जगदंब।
संत जनों के काज में, करती नहीं बिलंब॥

|| चौपाई ||

जय जय जय विन्ध्याचल रानी। आदि शक्ति जगबिदित भवानी॥
सिंह वाहिनी जय जगमाता। जय जय जय त्रिभुवन सुखदाता॥

कष्ट निवारिनि जय जग देवी। जय जय संत असुर सुरसेवी॥
महिमा अमित अपार तुम्हारी। सेष सहस मुख बरनत हारी॥

दीनन के दु:ख हरत भवानी। नहिं देख्यो तुम सम कोउ दानी॥
सब कर मनसा पुरवत माता। महिमा अमित जगत विख्याता॥

जो जन ध्यान तुम्हारो लावे। सो तुरतहिं वांछित फल पावे॥
तू ही वैस्नवी तू ही रुद्रानी। तू ही शारदा अरु ब्रह्मानी॥

रमा राधिका स्यामा काली। तू ही मात संतन प्रतिपाली॥
उमा माधवी चंडी ज्वाला। बेगि मोहि पर होहु दयाला॥

तुम ही हिंगलाज महरानी। तुम ही शीतला अरु बिज्ञानी॥
तुम्हीं लक्ष्मी जग सुख दाता। दुर्गा दुर्ग बिनासिनि माता॥

तुम ही जाह्नवी अरु उन्नानी। हेमावती अंबे निरबानी॥
अष्टभुजी बाराहिनि देवा। करत विष्णु शिव जाकर सेवा॥

चौसट्टी देवी कल्याणी। गौरि मंगला सब गुन खानी॥
पाटन मुंबा दंत कुमारी। भद्रकाली सुन विनय हमारी॥

बज्रधारिनी सोक नासिनी। आयु रच्छिनी विन्ध्यवासिनी॥
जया और विजया बैताली। मातु संकटी अरु बिकराली॥

नाम अनंत तुम्हार भवानी। बरनै किमि मानुष अज्ञानी॥
जापर कृपा मातु तव होई। तो वह करै चहै मन जोई॥

कृपा करहु मोपर महारानी। सिध करिये अब यह मम बानी॥
जो नर धरै मातु कर ध्याना। ताकर सदा होय कल्याणा॥

बिपत्ति ताहि सपनेहु नहि आवै। जो देवी का जाप करावै॥
जो नर कहे रिन होय अपारा। सो नर पाठ करे सतबारा॥

नि:चय रिनमोचन होई जाई। जो नर पाठ करे मन लाई॥
अस्तुति जो नर पढै पढावै। या जग में सो बहु सुख पावै॥

जाको ब्याधि सतावै भाई। जाप करत सब दूर पराई॥
जो नर अति बंदी महँ होई। बार हजार पाठ कर सोई॥

नि:चय बंदी ते छुटि जाई। सत्य वचन मम मानहु भाई॥
जापर जो कुछ संकट होई। नि:चय देबिहि सुमिरै सोई॥

जा कहँ पुत्र होय नहि भाई। सो नर या विधि करै उपाई॥
पाँच बरस सो पाठ करावै। नौरातर महँ बिप्र जिमावै॥

नि:चय होहि प्रसन्न भवानी। पुत्र देहि ताकहँ गुन खानी॥
ध्वजा नारियल आन चढावै। विधि समेत पूजन करवावै॥

नित प्रति पाठ करै मन लाई। प्रेम सहित नहि आन उपाई॥
यह श्री विन्ध्याचल चालीसा। रंक पढत होवै अवनीसा॥

यह जनि अचरज मानहु भाई। कृपा दृष्टि जापर ह्वै जाई॥
जय जय जय जग मातु भवानी। कृपा करहु मोहि पर जन जानी॥

|| इति श्री विन्ध्येश्वरी चालीसा समाप्त ||

CHALISA IN SINDHI

Sindhi and Hindi languages are both written using the same script called ‘Devanagari’ . We recommend you to read the original Hindi version of Chalisa written in Awadhi dialect. 

 

|| दोहा ||

नमो नमो विन्ध्येश्वरी, नमो नमो जगदंब।
संत जनों के काज में, करती नहीं बिलंब॥

|| चौपाई ||

जय जय जय विन्ध्याचल रानी। आदि शक्ति जगबिदित भवानी॥
सिंह वाहिनी जय जगमाता। जय जय जय त्रिभुवन सुखदाता॥

कष्ट निवारिनि जय जग देवी। जय जय संत असुर सुरसेवी॥
महिमा अमित अपार तुम्हारी। सेष सहस मुख बरनत हारी॥

दीनन के दु:ख हरत भवानी। नहिं देख्यो तुम सम कोउ दानी॥
सब कर मनसा पुरवत माता। महिमा अमित जगत विख्याता॥

जो जन ध्यान तुम्हारो लावे। सो तुरतहिं वांछित फल पावे॥
तू ही वैस्नवी तू ही रुद्रानी। तू ही शारदा अरु ब्रह्मानी॥

रमा राधिका स्यामा काली। तू ही मात संतन प्रतिपाली॥
उमा माधवी चंडी ज्वाला। बेगि मोहि पर होहु दयाला॥

तुम ही हिंगलाज महरानी। तुम ही शीतला अरु बिज्ञानी॥
तुम्हीं लक्ष्मी जग सुख दाता। दुर्गा दुर्ग बिनासिनि माता॥

तुम ही जाह्नवी अरु उन्नानी। हेमावती अंबे निरबानी॥
अष्टभुजी बाराहिनि देवा। करत विष्णु शिव जाकर सेवा॥

चौसट्टी देवी कल्याणी। गौरि मंगला सब गुन खानी॥
पाटन मुंबा दंत कुमारी। भद्रकाली सुन विनय हमारी॥

बज्रधारिनी सोक नासिनी। आयु रच्छिनी विन्ध्यवासिनी॥
जया और विजया बैताली। मातु संकटी अरु बिकराली॥

नाम अनंत तुम्हार भवानी। बरनै किमि मानुष अज्ञानी॥
जापर कृपा मातु तव होई। तो वह करै चहै मन जोई॥

कृपा करहु मोपर महारानी। सिध करिये अब यह मम बानी॥
जो नर धरै मातु कर ध्याना। ताकर सदा होय कल्याणा॥

बिपत्ति ताहि सपनेहु नहि आवै। जो देवी का जाप करावै॥
जो नर कहे रिन होय अपारा। सो नर पाठ करे सतबारा॥

नि:चय रिनमोचन होई जाई। जो नर पाठ करे मन लाई॥
अस्तुति जो नर पढै पढावै। या जग में सो बहु सुख पावै॥

जाको ब्याधि सतावै भाई। जाप करत सब दूर पराई॥
जो नर अति बंदी महँ होई। बार हजार पाठ कर सोई॥

नि:चय बंदी ते छुटि जाई। सत्य वचन मम मानहु भाई॥
जापर जो कुछ संकट होई। नि:चय देबिहि सुमिरै सोई॥

जा कहँ पुत्र होय नहि भाई। सो नर या विधि करै उपाई॥
पाँच बरस सो पाठ करावै। नौरातर महँ बिप्र जिमावै॥

नि:चय होहि प्रसन्न भवानी। पुत्र देहि ताकहँ गुन खानी॥
ध्वजा नारियल आन चढावै। विधि समेत पूजन करवावै॥

नित प्रति पाठ करै मन लाई। प्रेम सहित नहि आन उपाई॥
यह श्री विन्ध्याचल चालीसा। रंक पढत होवै अवनीसा॥

यह जनि अचरज मानहु भाई। कृपा दृष्टि जापर ह्वै जाई॥
जय जय जय जग मातु भवानी। कृपा करहु मोहि पर जन जानी॥

|| इति श्री विन्ध्येश्वरी चालीसा समाप्त ||

CHALISA IN TAMIL

॥ தோஹ ॥

நமோ நமோ விந்தேஷ்வரி,

நமோ நமோ ஜெகதாம்ப்.

 

 

குழந்தைகளின் கீலில்,

அம்மா தாமதிக்கவில்லை

 

॥ கட்டு ॥

 

ஜெய் ஜெய் ஜெய் விந்தியாச்சல் ராணி.

ஆதி சக்தி ஜக் விடித் பவானி

 

சிங்வாஹினி ஜெய் ஜக் மாதா.

ஜெய் ஜெய் ஜெய் திரிபுவன் சுக்தாதா

 

துன்பம் ஒன்பது ஜெய் ஜாக் தேவி.

ஜெய் ஜெய் ஜெய் ஜெய் அசுரசூர் செவி ॥

 

மகிமை உங்களுக்கு மகத்தானது.

மீதமுள்ள மில்லினியல்கள் இழக்கப்படுகின்றன.

 

ஹரி பவானி, தினனின் துக்கங்கள்.

பார்க்க வேண்டாம், நீங்கள் ஒருவருக்கு சமம்

 

பூர்வத மாதா தேவி.

மஹிமா அமித் ஜகத் தெரிந்தவர்

 

பொதுமக்கள் கவனத்தை உங்களிடம் கொண்டு வருகிறார்கள்.

எனவே உடனடியாக விரும்பிய பழம் கிடைக்கும்.

 

நீ வைணவி, நீ ருத்ரானி.

நீங்கள் மட்டுமே ஷரதாவும் பிராமணியும்.

 

ராம ராதிகா ஷாம காளி.

நீங்கள் ஒரே குழந்தை

 

உமா மாதவி சாண்டி ஜ்வாலா.

பேகி மோஹியில் ஹோஹு தயாலா

 

 

நீங்கள் ஹிங்லாஜ் ராணி.

நீங்கள் ஷிட்லா தொல்பொருள் ஆய்வாளர்.

 

துர்கா துர்க் வஷிஷினி மாதா.

நீங்கள் லட்சுமி ஜக் சுக்தாதா.

 

நீங்கள் ஜான்வி அரு உத்ரானி.

ஹேமாவதி அம்பே நிர்வாணி

 

அஷ்டபுஜி வராஹினி தேவி.

காரத் விஷ்ணு சிவா ஜாகர் சேவி

 

சோன்சட்டி தேவி கல்யாணி.

க ri ரி மங்களா அனைத்து குணங்களையும் பயன்படுத்துகிறார்

 

பதான் மும்பா டென்ட் குமாரி.

பத்ரகலி, வினய் ஹமாரி சொல்வதைக் கேளுங்கள்

 

வஜ்ரதரினி துக்கம் நாஷினி.

வயது ரக்ஷினி விந்தியவாசினி

 

ஜெயா மற்றும் விஜய பைதலி.

மாது சுகந்தா அரு விக்ரலி

 

நாம் நித்திய தும்ஹாரா பவானி.

ஆனால் நான் அறியாதவன் ॥.

 

நான் செல்வதில் மகிழ்ச்சி அடைகிறேன்.

எனவே நீங்கள் விரும்புவது அதுதான்

 

கருணை மீது பேரரசி கர்ஹு மோ.

சித்தி காரியா அம்பே மாம் பானி

 

யார் துணிந்தாலும், சூடேற்றி தியானிப்பார்.

ககர் சதா ஹோய் கல்யாண॥

 

பேரழிவு என்பது கனவு அல்ல.

கோஷமிடும் தேவி

 

ஆண்கள் சொல்வது கடன்.

எனவே ஆண் சரியான பாரா பாராயணம் செய்தார்

 

நிச்சயமாக கடன் மீட்பு செய்யப்பட்டது.

உரையைப் படித்த மனிதன் அதை மனதில் கொண்டு வந்தான்.

 

ஆண் படிக்கும் அஸ்துதி.

அல்லது உலகில் தூங்கு, நிறைய மகிழ்ச்சி இருக்கிறது

 

ஜாகோ வியாதி சதவாய் பாய்.

எல்லா தூரத்திலும் கோஷமிடுங்கள்

 

மிகவும் கைதியாக இருந்த ஆண்

ஆயிரம் முறை படித்த பிறகு தூங்கினாள்

 

கைதி விடுவிக்கப்பட்டார் என்பதில் சந்தேகமில்லை.

சத்யா பச்சன் மாமா மன்ஹு பாய்

 

வழியில் ஒரு நெருக்கடி ஏற்பட்டது.

நிஷாய் டெபிஹி சுமிராய் சோய்

 

சகோதரர் இல்லாத ஆண் மகன்.

எனவே ஆண் அல்லது முறையைப் பயன்படுத்த வேண்டும்.

 

ஐந்து வருடங்கள் படியுங்கள்.

ந aura ரதரில் விம ஜிமவாய்

 

நிச்சயமாக, நீங்கள் மகிழ்ச்சியாக பவானி.

மகன் தேஹி தகான் கான் கானி கானி

 

தேங்காய் தேங்காய் கொடி

சட்டத்தால் வணங்கப்பட்டது

 

ஒவ்வொரு பாடத்தையும் மனதில் கொண்டு வந்தது.

அன்புடன் யாரும் இல்லை

 

இது ஸ்ரீ விந்தியாச்சல் சாலிசா.

அவிசா 

 

இந்த மனிதன் வியக்க வைக்கும் சகோதரன்.

தயவுசெய்து மகிழ்ச்சியாக இருங்கள்

 

ஜெய் ஜெய் ஜெய் ஜகமத்து பவானி.

உங்களைப் பற்றி எனக்குத் தெரியப்படுத்துங்கள்.

CHALISA IN TELUGU

॥ దోహా ॥

నామో నామో వింధ్యేశ్వరి,

నమో నమో జగదాంబ్.

 

పిల్లల కీలులో,

తల్లి ఆలస్యం చేయదు

 

॥ బౌండ్ ॥

జై జై జై వింధ్యచల్ రాణి.

ఆదిశక్తి జగ విదిత్ భవానీ

 

సింగ్వాహిని జై జగ మాతా.

జై జై జై త్రిభువన్ సుఖ్దతా

 

బాధ తొమ్మిది జై జగ దేవి.

జై జై జై జై అసురసూర్ సేవి ॥

 

 

 

కీర్తి మీకు అపారమైనది.

మిగిలిన మిలీనియల్స్ పోతాయి.

 

హరి భవని, దినన్ యొక్క దు  ఖాలు.

చూడకండి, మీరు ఒకరికి సమానం

 

అన్ని తరువాత దేవత పూర్వతా మాతా.

మహిమా అమిత్ జగత్ తెలిసిన

 

ప్రజల దృష్టిని మీ ముందుకు తీసుకువస్తారు.

కాబట్టి వెంటనే కావలసిన పండు లభిస్తుంది.

 

నువ్వు వైష్ణవి, నువ్వు రుద్రానీ.

మీరు మాత్రమే శారద మరియు బ్రాహ్మణి.

 

రామ రాధిక షమా కాళి.

మీరు ఒక్క సంతానం

 

ఉమా మాధవి చండి జ్వాలా.

బేగి మోహిపై హోహు దయాలా

 

మీరు హింగ్లాజ్ రాణి.

మీరు షిట్ల పురావస్తు శాస్త్రవేత్త.

 

దుర్గా దుర్గ్ వశిశిని మాతా.

మీరు లక్ష్మి జగ్ సుఖ్దతా.

 

మీరు జాన్వి అరు ఉట్రానీ.

హేమవతి అంబే నిర్వాణి

 

అష్టాభూజీ వరాహిణి దేవి.

కరాత్ విష్ణు శివ జాకర్ సేవి

 

చోన్సట్టి దేవి కల్యాణి.

గౌరీ మంగళ అన్ని లక్షణాలను వినియోగిస్తుంది

 

పటాన్ ముంబా డెంట్ కుమారి.

భద్రకళి, వినయ్ హమారి వినండి

 

వజ్రధారిని దు  ఖిస్తున్న నాషిని.

వయసు రక్షిని వింధ్యవాసిని

 

జయ, విజయ బైతాలి.

మాతు సుగంధ అరు విక్రాలి

 

నామ్ ఎటర్నల్ తుమ్హారా భవానీ.

కానీ నేను అజ్ఞాను ॥.

 

నేను వెళ్ళడానికి సంతోషిస్తున్నాను.

కాబట్టి మీకు కావలసినది అదే

 

దయపై ఎంప్రెస్ కర్హు మో.

సిద్ధి కారియా అంబే మామ్ బని

 

ఎవరైతే ధైర్యం చేస్తారు, వేడెక్కుతారు మరియు ధ్యానం చేస్తారు.

కాకర్ సదా హోయ్ కల్యాణ॥

 

విపత్తు కల కాదు.

జపించే దేవత

 

పురుషులు చెప్పేది అప్పు.

కాబట్టి మగవాడు పరిపూర్ణమైన బారా పారాయణం చేశాడు

 

 

రుణ విముక్తి ఖచ్చితంగా జరిగింది.

వచనాన్ని చదివిన వ్యక్తి దానిని గుర్తుకు తెచ్చాడు.

 

మగవారిని అధ్యయనం చేసే అస్తుతి.

లేదా ప్రపంచంలో నిద్ర, చాలా ఆనందం ఉంది

 

జాకో వ్యాధి సతవై భాయ్.

దూరం అంతా జపించండి

 

చాలా ఖైదీ అయిన మగ

వెయ్యి సార్లు చదివిన తరువాత నిద్రపోయాడు

 

ఎటువంటి సందేహం లేదు, ఖైదీ విడుదల.

సత్య బచ్చన్ మామా మన్హు భాయ్

 

మార్గంలో సంక్షోభం ఏర్పడింది.

నిషాయ్ డెబిహి సుమిరాయ్ సోయి

 

సోదరుడు కాని మగ కొడుకు.

కాబట్టి మగ లేదా పద్ధతిని ఉపయోగించాలి.

 

ఐదేళ్లు చదవండి.

నౌరతార్‌లో విమా జిమావై

 

ఖచ్చితంగా, మీరు భవానీ సంతోషంగా ఉన్నారు.

కొడుకు దేహి తఖాన్ ఖాన్ ఖని ఖని

 

కొబ్బరి కొబ్బరికాయను జెండా చేయండి

చట్టంతో ఆరాధించారు

 

ప్రతి పాఠాన్ని గుర్తుకు తెచ్చింది.

ప్రేమతో ఎవరూ లేరు

 

ఇది శ్రీ వింధ్యచల్ చలిసా.

రాంకా అవనిసా ఎలా చదివాడు

 

ఈ మనిషి ఆశ్చర్యపరిచే సోదరుడు.

దయచేసి సంతోషంగా ఉండండి

 

జై జై జగమత్తు భవానీ.

దయచేసి మీ గురించి నాకు తెలియజేయండి.

CHALISA IN URDU

॥ دوحہ۔ ॥

نمو نمو ونڈھیشوری ،

نمو نامو جگادمب۔

 

بچوں کے قبضے میں ،

ماں تاخیر نہیں کرتی

 

॥ پابند ॥

جئے جئے جئے ونڈیاچل رانی۔

ادی طاقت جگ ودیت بھاوانی

 

سنگھ واہنی جئے جگ ماتا۔

جئے جئے جئے تریھوون سکھداٹا۔

 

نو جئے جگ دیوی کو سہنا۔

جئے جئے جئے جئے اسورسور سیوی ॥

 

پاک آپ کے لئے بے پناہ ہے۔

باقی ہزار سالہ کھو گئے ہیں۔

 

ہری بھاوانی ، دھنن کے غم۔

دیکھو نہیں ، آپ کسی کے برابر ہیں

 

دیوی پرواٹا ماتا سب کے بعد۔

ماہیمہ امت جگت مشہور

 

عوام کی توجہ آپ کے پاس لائی گئی ہے۔

لہذا فوری طور پر مطلوبہ پھل مل جاتا ہے۔

 

آپ ویشنوی ہیں ، آپ رودرانی ہیں۔

آپ صرف شردہ اور برہمانی ہیں۔

 

راما رادھیکا شما کلی۔

آپ اکیلے بچے ہیں

 

اما مادھوی چانڈی والا۔

ہوگی دیالہ پر بیگی موہی

 

آپ ہنگلاج ملکہ ہیں۔

آپ شٹلہ آثار قدیمہ کے ماہر ہیں۔

 

درگا درگ واشیشی ماتا۔

آپ لکشمی جگ سکھداٹا ہیں۔

 

آپ جانہوی ارو عترانی ہیں۔

ہیماوتی امبے نروانی

 

اشٹبوجی ورہینی دیوی۔

کرات وشنو شیوا جاکار سیوی

 

چونسٹی دیوی کلیانی۔

گوری منگلا ساری خصوصیات کھاتی ہے۔

 

پٹن ممبا ڈینٹ کماری۔

بھدرکالی ، ونئے ہماری سنئے

 

واجھارارینی نوشینی کا ماتم کررہی ہے۔

عمر رکشینی ونڈیاواسینی۔

 

جیا اور وجیا بیتالی۔

متو سوگندھا اروو وکرالی۔

 

نام ابدی تمھارا بھوانی۔

لیکن میں جاہل ہوں ॥۔

 

مجھے جانے پر خوشی ہوئی

تو وہی ہے جو آپ چاہتے ہیں

 

رحم  کرہو مو پر حب الوطنی۔

صدی کاریا امبی میم بنی

 

 

جو بھی ہمت کرتا ہے ، گرم کرتا ہے اور غور کرتا ہے۔

کاکڑ صدا ہوئے کلیانہ۔

 

آفت خواب نہیں ہے۔

جس دیوی نے نعرہ لگایا

 

مرد جو کہتے ہیں وہ قرض ہے۔

تو مرد نے کامل باڑہ پڑھا

 

یقینی طور پر قرض چھٹکارا کیا گیا تھا.

متن پڑھنے والے نے اسے ذہن میں لایا۔

 

آسٹوتی جو مرد کی تعلیم حاصل کرتا ہے۔

یا دنیا میں سوئے ، بہت خوشی ہے

 

جاکو ویادھی ستائی بھائی۔

سارا فاصلہ چھپا

 

وہ مرد جو انتہائی قیدی تھا

ہزار بار پڑھنے کے بعد سو گیا

 

اس میں کوئی شک نہیں ، قیدی رہا ہوا تھا۔

ستیہ بچن ماما منھو بھائی

 

راستے میں ایک بحران تھا۔

نشئی دبیہی سمیرائی سوئی۔

 

مرد بیٹا جو بھائی نہیں ہے۔

لہذا مرد یا طریقہ استعمال کرنا چاہئے۔

 

پانچ سال پڑھیں۔

نورڑار میں وی آئی پی جیماوائی

 

بے شک ، آپ خوش بھوانی ہیں۔

بیٹا دیہی تکن خان کھانی

 

جھنڈا ناریل ناریل

قانون کے ساتھ عبادت کی

 

ہر سبق کو ذہن میں لایا۔

محبت سے کوئی نہیں

 

یہ شری ونڈیاچل چالیسہ ہے۔

رانکا پڑھی کیسے اوانیسا۔

 

 

یہ شخص حیرت زدہ بھائی ہے۔

خوش رہو

 

جئے جئے جئے جگماٹو بھوانی۔

براہ کرم مجھے اپنے بارے میں بتائیں۔

 

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